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पत्ता गोभी (Patta gobhi)

पत्ता गोभी का परिचय: (Introduction of Patta gobhi)

Table of Contents

पत्ता गोभी क्या है? (Patta gobhi kya hai?)

गोभी कई प्रकार की होती है उनमे से एक प्रकार की होती है पत्ता गोभी| यह सिर्फ पूरी तरह से पत्तों से ढकी होती है इसी कारण इसे पत्ता गोभी कहा जाता है| इसका सेवन लोग सलाद के रूप में, सब्जी में, कच्चा, फ़ास्ट फ़ूड आदि में काम में लेते है| जिस गोभी को बड़े ही स्वाद के साथ खाया जाता है उसमे कुछ ऐसे फायदें भी उपस्थित होते है जो हमारे शरीर को स्वस्थ बनाये रखने में एक अहम् भूमिका निभाते है|

इस गोभी में काफी अच्छी मात्रा में विटामिन्स, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, मैग्नीज, फास्फोरस, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर आदि जरुरी पोषक तत्व शामिल होते है| आइये आज आपको परिचित कराते है इस गोभी से होने वाले अदभुत फायदों से जिन्हें जान कर आप अपनी छोटी मोटी परेशानियां बिना किसी दुष्प्रभाव के दूर कर सकते है|

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Patta gobhi ki akriti)

यह एक घना पौधा होता है जो लगभग एक मीटर तक ऊँचा हो सकता है| यह पूरी तरह पत्तों से ढाका होता है जो आकार में बड़े होते है| इसके पत्तों को ही सब्जी के रूप में बना कर खाया जाता है| इसके फूल लाल-पीले रंग के होते है| इसमें फली भी लगती है| इसके बीज गोल और कुछ भूरे रंग जैसे दिखाई देते है| वैसे तो पूरे साल इसका उपयोग किया जा सकता हैं लेकिन इसका उपयोग सबसे ज्यादा सर्दी के मौसम में होता है|

पत्तागोभी के पोषक तत्व (Patta gobhi ke poshak tatva)

  • कार्बोहाइड्रेट
  • कैल्शियम
  • आयरन
  • मैग्नीशियम
  • मैग्नीज
  • फास्फोरस
  • पोटेशियम
  • सोडियम
  • जिंक
  • कॉपर
  • विटामिन C, E, K
  • फाइबर
पत्ता गोभी के सामान्य नाम Herbal Arcade
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पत्ता गोभी के सामान्य नाम (Patta gobhi common names)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Brassica oleracea
अंग्रेजी (English)Head cabbage, sea cabbage, cabbage, colewart
हिंदी (Hindi)पत्तागोभी, बंद गोभी
संस्कृत (Sanskrit)पत्र गोभी, दलमालिनी
अन्य (Other)कोबिया (गुजराती) कोपी (बंगाली) कोबी (मराठी) बंदा (नेपाली) येलोकोसु (कन्नड़)
कुल (Family)Brassicaceae

पत्ता गोभी के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Patta gobhi ke ayurvedic gun)

दोष (Dosha) वातवर्धक, पित्तशामक (pacifies pitta and increase vata)
रस (Taste) मधुर (Sweet)
गुण (Qualities) गुरु (heavy)
वीर्य (Potency) शीत (cold)
विपाक(Post Digestion Effect) मधुर (sweet)
अन्य (Others)रुचिकारक, वातकारक, कृमिनाशक, मूत्रल
Ayurvedic properties of Patta Gobhi Herbal Arcade
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पत्ता गोभी के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Patta gobhi ke fayde or upyog)

कब्ज़ में पत्ता गोभी का प्रयोग (Patta gobhi for constipation)

  • पत्ता गोभी में फाइबर काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है जिसके चलते कब्ज़ की समस्या का समाधान किया जा सकता है| कब्ज़ में इसका सेवन उचित अवधि तक करने से मल नरम बनता है जिससे आराम से पेट और आंतों की सफाई की जा सकती है|

वजन घटायें (Patta gobhi for weight loss)

  • यह गोभी देर से पचने वाली होती है| किसी कारण यदि आप अपना वजन घटाना या नियंत्रित करना चाहते है तो बंद गोभी एक अच्छा स्रोत हो सकता है| जब यह देर से पचेगा तो बार बार खाना नही खाना पड़ेगा और इससे वजन कम हो जायेगा|

आँखों और बालों में नयी जान डाले (Patta gobhi for eyes and hair)

  • बंदगोभी का सेवन हमारे शरीर को विटामिन c की पूर्ति कराता है जिससे हमारे बालों को पोषण और आँखों से जुडी समस्याओं से आराम मिलता है| इसके अलावा इसमें कैरोटीन भी पाया जाता है जिससे आँखों को लाभ मिलता है|

मधुमेह के लिए (Patta gobhi for diabetes)

  • मधुमेह के रोगियों के लिए फाइबर से भरपूर भोजन का सेवन बहुत जरुरी होता है| जब हमारे शरीर में उपस्थित रक्त में घुली हुई शर्करा का पाचन नही हो पाता तो मधुमेह की समस्या आती है| चूँकि फाइबर पाचन के लिए बहुत अच्छा होता है इसी कारण इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है| इस गोभी में काफी अच्छी मात्रा में फाइबर उपस्थित रहता है|

ह्रदय के लिए फायदेमंद पत्तागोभी (Patta gobhi for heart)

  • इस गोभी का सेवन ह्रदय से जुडी समस्याओं उच्चरक्तचाप और कोलेस्ट्रोल का संतुलन करती है| यदि आप भी ह्रदय रोगों से पीड़ित है या उनसे पीड़ित नही होना चाहते है तो इसका सेवन करते रहना चाहिए| इसके साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्व ह्रदय को बल देते है|

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये (Patta gobhi for immunity)

  • आज कल कई लोग मोटापे के शिकार होते जा रहे है| वे लोग मोटापे से बचने के लिए डाइटिंग शुरू कर देते है| ऐसे में उन्हें वे सभी पोषक तत्व नही मिल पाते जिनकी जरुरत एक मानव शरीर को स्वस्थ रहने के लिए होती है| ऐसे में यदि आप पत्तगोभी को अपने आहार में शामिल करते है तो इससे वजन भी नही बढेगा और इसके साथ ही रोगों से लड़ने की क्षमता भी कई गुना तक बढ़ जाएगी|

पेट की सूजन का शमन करे

  • बंदगोभी के पत्तों को बारीक कर के चावल के साथ पका लें| इसे अपने भोजन में शामिल करते हुए खाने से पेट की सूजन जल्दी उतरेगी| आप चावल के स्थान पर चावल के पानी का भी प्रयोग कर सकते है| इस उपाय से पेट के अल्सर में भी लाभ मिल सकता है|

कैंसर में लाभदायक (Patta gobhi for cancer)

  • इस गोभी में संतुलित मात्रा में ब्रैसिनिन नमक तत्व होता है जो कैंसर के कारण बनने वाली कोशिकाओं का शमन करने में मदद करता है| इसके अलावा इसमें वे सभी पोषक तत्व पाए जाते है जो मनुष्य को एक बीमारी से बाहर निकाल पाने में सक्षम होती है|

त्वचा के लिए लाभदायक पत्ता गोभी (Patta gobhi for skin)

  • बंदगोभी का सेवन करने वाले लोगो के चेहरे पर जल्दी झुर्रियां नही पड़ती है| उनका चेहरा चमकदार बना रहता है| इसके अलावा यह पिम्पल्स का भी शमन करता है|
  • त्वचा रोगों में इसके पत्तों या पत्तों के रस को पीस कर लगाने से सभी प्रकार के त्वचा रोग नष्ट होते है| पत्तों के रस से खुजली का भी शमन होता है|
  • घाव होने पर भी इसके पत्तों का उपयोग काफी हद तक लाभ देता है| यह जलन और दर्द भी कम करता है|

गठिया और आमवात में (Patta gobhi for gout)

  • आमवात और गठिया में प्रभावित जोड़ो पर इसके पत्तों से बने हुए लेप को लगाना चाहिए| इससे सूजन, जलन और दर्द में कमी आती है|

अर्श में (Patta gobhi for piles)

  • इस गोभी से बनी हुई सब्जी का सेवन यदि अर्श या बवासीर में किया जाता है तो आराम मिलता है|

वमन के साथ खून आने पर पत्ता गोभी

  • इसके पत्तों से बने हुए रस को पिलाने से वमन या उल्टी के साथ खून आना बंद होता है|
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पुरानी खांसी में लाभदायक (Patta gobhi for chronic cough)

  •  यदि आप काफी समय से खांसी से परेशान है और उसका आसान सा कोई उपाय चाहते है तो पत्तागोभी के पत्तों के रस का सेवन आपके लिए लाभदायक हो सकता है|

मूत्र रोगों में (Patta gobhi for urinary disease)

  • मूत्र से जुड़े हुए रोगों में यदि इसके पत्तों का काढ़ा बना कर पिया जाता है तो मूत्र रोगों का शमन होता है| इसके सेवन से मुख्य रूप से मूत्र त्यागते समय आने वाली कठिनाई दूर होती है| आप इसके काढ़े में मिश्री भी मिला सकते है|

प्रमेह में पत्ता गोभी

  • प्रमेह रोग को मिटाने के लिए इसके पत्तों के रस के साथ हल्दी का चूर्ण और शहद मिलाकर लेना चाहिए|

उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Patta gobhi)

  • पत्ती
  • फल

सेवन मात्रा (Dosage of Patta gobhi)

  • जूस – चिकित्सक के अनुसार
  • चूर्ण – चिकित्सक के अनुसार
  • क्वाथ –चिकित्सक के अनुसार

सावधानियाँ (Precautions of Patta gobhi)

  • जो लोग पाचन तंत्र की जीर्ण बीमारी से ग्रसित हो उन्हें इस गोभी का सेवन कम मात्रा में या चिकित्सक के अनुसार ही करना चाहिए|
  • इसका ज्यादा सेवन करनें से आफरा आ सकता है|