थायरोग्रिट का परिचय (Introduction of THYROGRIT: Benefits, doses)
थायरोग्रिट क्या होती हैं ?? (Thyrogrit kya hai?)
यह दिव्य फार्मेसी (पतंजलि) द्वारा निर्मित औषधि हैं जो थायराइड की समस्याओं का समाधान करने में सहायक होती हैं| थायरोग्रिट मुख्य रूप से थायराइड ग्रंथि से जुडी हुई परेशानी को समाप्त करने में उपयोग में ली जाती हैं | थायराइड ग्रंथि हमारे गले में स्वर यन्त्र के नीचे उपस्थित होती हैं | जब थायराइड ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन में वृद्धि या कमी होने लगती हैं तो थायराइड से जुडी समस्या शुरू हो जाती हैं |
थायराइड ग्रंथि का चयापचय (Metabolism) की क्रिया में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य होता हैं| इसमें गड़बड़ी होने पर पूरा शरीर प्रभावित होता हैं| थायरोग्रिट औषधि का सेवन करने से थायराइड ग्रंथि से जुडी हुई लगभग सभी प्रकार की समस्याओं को खत्म किया जा सकता हैं|
थायरोग्रिट औषधि के घटक द्रव्य (Thyrogrit ke ghatak)
- कांचनार छाल (EXT.)
- त्रिकटु का पाउडर
- शुद्ध गुग्गुल
- धनिये का (EXT.)
- सिंघाडा (EXT.)
- बहेड़ा (EXT.)
- पुनर्नवा (EXT.)
- पिप्पल
- मारीच
थायरोग्रिट औषधि से होने वाले फायदे (Thyrogrit ke fayde)
हाइपोथायरायडिज्म में (for hypothyrodism)
जब थायराइड ग्रंथि की सक्रियता कम हो जाती हैं अर्थात थायराइड ग्रंथि जिस हार्मोन का स्त्राव करती हैं उसमे भी कमी आ जाती हैं | इस स्थिति में शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं |
हायपरथायरायडिज्म में (for hyperthyroidism)
इस रोग में थायराइड ग्रंथि सामान्य से अधिक हार्मोन का स्त्राव करती हैं जिससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं तथा हर क्रिया तेजी से होने लगती हैं |
थायराइड ग्रंथि के असामान्य होने पर दिखाई देने वाले लक्षण
- थकान बनी रहना
- मासिक धर्म की अनियमितता
- वजन बढ़ना
- बालों का झड़ना
- चहरे और आँखों में सूजन
- धड़कन की गति धीमी होना
- नाखूनों का पतला होना या टूटना आदि
घेंघा रोग में (for Goitre disease)
जब पियूष ग्रंथि थायराइड ग्रंथि को हार्मोन की मात्रा बढाने के लिए उत्तेजित करती हैं इस स्थिति में ग्रंथि का आकार बढ़ जाता हैं | हायपरथायरायडिज्म, हाइपोथायरायडिज्म इन दोनों स्थितियों में भी आपको घेंघा रोग हो सकता हैं | यह रोग दर्द युक्त या दर्द रहित दोनों प्रकार का हो सकता है | इस रोग को गलगंड रोग भी कहा जाता हैं |
घेंघा रोग के लक्षण निम्न हैं
- गले में सूजन
- निगलने में कठिनाई
- थायराइड में गांठ
- गला बैठना
- सांस लेने में दिक्कत
- खांसी होना आदि |
थायरोग्रिट औषधि की सेवन विधि (Thyrogrit ki sevan vidhi)
- दिन में दो बार दो गोली का सेवन करना चाहिए |
- इसका सेवन गुनगुने जल के साथ करे |
थायरोग्रिट का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (Thyrogrit ki savdhaniyan)
- औषधि का सेवन चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करें |
- इसका सेवन करते समय अधिक खट्टी चीजों से परहेज करें |
थायरायड से जुडी समस्या होने पर पथ्य और अपथ्य
खाद्य पदार्थ | थायरायड से जुडी समस्या होने पर खाने योग्य पदार्थ | थायरायड से जुडी समस्या होने पर परहेज करने वाले पदार्थ |
अनाज | सत्तू, राजगिरी का आटा | नया चावल, मैदा |
दाल | मूंग, मसूर, अरहर, चने की दाल | कुलथ, उड़द, राजमा, छोले |
फल | केला, अनानास, नारियल, मौसमी फल, आम, अनार, शकरकंद, जामुन, फालसा | खट्टे अंगूर |
सब्जियां | परवल, लौकी, तोरई, करेला, प्याज, कद्दू, आलू, मिर्च, मशरुम, मौसमी सब्जियां | बेंगन, निम्बू, पत्तेदार सब्जियां, टमाटर, कटहल, अरबी, अंकुरित अनाज, गाजर, सोयाबीन |
अन्य | गाय का दूध, दही, नारियल पानी, अजवायन, ग्रीन टी, ब्राउन राइस, सूरजमुखी के बीज, काली मिर्च, बादाम, मूंगफली | मछली, पनीर, जंक फ़ूड, फ़ास्ट फ़ूड,तीखा, तैलीय, मसालेदार खाना |
थायरायड की समस्या होने वाले किसी भी व्यक्ति को शराब, फास्टफूड, मांसाहार सूप, कच्ची सब्जी, ब्रोकली, पत्ता गोभी, फूल गोभी, भिन्डी को मुख्य रूप से नही खाना चाहिए |
थायरोग्रिट की उपलब्धता (Thyrogrit ki uplabdhta)
दिव्य फार्मेसी थायरोग्रिट
Read more Articles