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बकायन नीम (Bakayan neem)

बकायन नीम का परिचय: (Introduction of Bakayan neem)

Table of Contents

बकायन नीम क्या है? (Bakayan neem kya hai?)

आपने नीम तो सुना होगा लेकिन बकायन शायद ही सुना होगा| हम आप को बता दे कि यह भी एक नीम का ही प्रकार होता है| इसमे बहुत सारे गुण पाए जाते है जो अनेक बीमारी के उपचार के रूप में  उपयोग में आते है| यह एक रामबाण औषधी है या यूँ कह कि इससे सिर  से लेकर पैर की ऊँगली तक का इलाज किया जाता है|

कई लोगों को बकायन और नीम का पेड़ एक जैसा ही लगता है, क्योंकि बकायन का पेड़, नीम के पेड़ की तरह होता है| बकायन या महानिम्ब के पत्तों या फलों का स्वाद भी नीम की तरह ही होता है, लेकिन असल में दोनों अलग-अलग हैं| बकायन भी एक जड़ी-बूटी वाला पेड़ है, और इसके अनेक कई सारे औषधीय गुण हैं| आप सिर दर्द, मुंह के छाले की बीमारी, गंडमाला, सांसों से जुड़ी बीमारियों, पेट दर्द, पेट में कीड़े होने पर बकायन के इस्तेमाल से फायदे फायदा ले सकते हैं| इतना ही नहीं, बवासीर, गालब्लैडर स्टोन, डायबिटीज, गर्भाशय विकार से जुड़ी बीमारियों में भी बकायन के औषधीय गुण से लाभ मिलता है

आयुर्वेद के अनुसार, ल्यूकोरिया, सायटिका, गठिया, खुजली में भी बकायन के औषधीय गुण के फायदे ले सकते हैं| इसके अलावा आप कुष्ठ रोग, टाइफाइड बुखार, घाव, त्वचा रोग, मिर्गी और सूजन में भी बकायन से लाभ ले सकते है बकायन का पेड़ हर जगह मिल जाता है| आइए जानते हैं कि बकायन से क्या-क्या फायदा है इसके बारे में आपको विस्तार से परिचित करवाते है|

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Bakayan neem ki akriti)

इसका पेड़ लगभग 8 या 14 मी.ऊँचा व छोटे आकार का होता है| इसका तना भूरे रंग व दरारे यक्त होता है| इसकी शाखा फैली हुई होती है| इसके पत्ते किनारों पर कटे हुए, हरे रंग के होते है| इसके फूल बैंगनी तथा सफेद रंग के सुंगधित  होते है| इसके फल छोटे तथा चमकीले व गोल होते है| इसके बीज भूरे, लम्बे होते है| इसका फूलकाल अप्रैल व जून तक तथा फलकाल नवम्बर से दिसम्बर तक होता है 

नीम बकायन के बीज सबसे अधिक विषैले होते हैं, लेकिन ताजे पत्ते  हानिकारक नहीं होते हैं| इसके फलों और बीजों की माला बनाकर दरवाजे और खिड़कियों पर टांगने से बीमारियों का प्रभाव नहीं होता है| इसके फलों की माला पहनने से संक्रामक रोगों से बचाव होता है|

बकायन नीम  के सामान्य नाम Herbal Arcade
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बकायन नीम  के सामान्य नाम (Bakayan neem common names)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Melia azedarach 
अंग्रेजी (English)Persian
हिंदी (Hindi) बकाय,बकाइन, महानीम
संस्कृत (Sanskrit)हानिम्ब, केशमुष्ठी,  रम्यक, विषमुष्टिका
अन्य (Other)बकायना (उर्दू) बेतैन (उतराखण्ड ) थामागा (असमिया) तुरकाबेवु (कन्नड़) बकानलिम्बडो (गुजरात ) तुरकवेपा (तेलगु) मलाइवेम्पु  (तमिल) घोड़ानिम  (बंगाली) बकाइनो (नेपाली ) चेन  (पंजाबी) बकाणानिम्ब (मराठी) मालावेप्पु  (मलयालम) हाबुलबन (अरबी) बकेन  (फारसी)
कुल (Family) Meliaceae

बकायन नीम के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Bakayan neem ke Ayurvedic gun)

दोष (Dosha) त्रिदोषशामक (pacifies tridosha)
रस (Taste) कटु (pungent)
गुण (Qualities) लघु (light), रुक्ष (dry)
वीर्य (Potency) उष्ण (hot)
विपाक(Post Digestion Effect) कटु (pungent)
अन्य (Others)वेदनास्थापन, व्रणशोधन, व्रणरोपण, जंतुघ्न
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महानीम/बकायन नीम के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Bakayan neem ke fayde or upyog)

गठिया रोग में बकायन नीम के फायदे (Bakayan neem for gout)

  • यदि आप गठिया रोग से बहुत परेशान है तो बकायन नीम के बीजों का चूर्ण 3 ग्राम सुबह शाम गुनगुनें पानी  के साथ पीने से गठिया रोग में आराम मिलता हैं|

सफेद दाग में उपयोगी बकायन नीम

  • यदि आप सफेद दाग से बहुत परेशान है तो बकायन नीम के बीजों का तेल सफेद दाग पर लगानें से धीरे- धीरे सफेद दाग त्वचा के रंग में बदलनें लगतें हैं|
  • इसके अलावा इसकी छाल का क्वाथ बनाकर सुबह शाम 10 मिली  पीनें से भी सफेद दाग मिटतें हैं|
  • इसके पत्तों को पानी में उबालकर नहानें से भी सफेद दाग मिटतें हैं|

मूत्र रोग में बकायन नीम के फायदे (Bakayan neem for urinary disease)

  • यदि पेशाब  नही आता हैं बार बार रूक कर आता हैं तो बकायन नीम के पत्तों का रस 16 मिली  तीन चार बार पीने से पेशाब  खुलकर आता हैं|

कैंसर में उपयोगी बकायन नीम (Bakayan neem for cancer)

  • यदि आप कैंसर के लक्षणों से परेशान है और आप इससे छुटकारा पाना चाहते है तो नीम के पत्तो के रस को सुबह  12 मिली  पिए तो कैंसर के लक्षणों को कम कर सकते है|

लकवा में फायदा बकायन नीम (Bakayan neem for paralysis)

  •  कोई भी व्याक्ति अगर लकवा से परेशान है तो बकायन नीम का तेल और प्याज का रस समान मात्रा में मिलाकर लकवा प्रभावित अंग पर मालिश करनें से लकवा धीरे – धीरे ठीक हो जाता हैं|

गंजेपन में उपयोगी बकायन के फायदे

  • यदि आप बालो के झड़ने से बहुत परेशान है तो 30 बकायन नीम के बीजों को 150 मिली नारियल तेल में डालकर  तब तक गर्म करें जब तक की बीज जल नही जायें इस तेल को गंजे सिर पर लगानें से धीरे- धीरे नये बाल आना शुरू हो जातें हैं|

कान दर्द में उपयोगी बकायन नीम के फयदे (Bakayan neem for ear)

  • अगर आप कान दर्द से परेशान है बकायन नीम के  तैल में  10 मिली या 5 मिली मधु में रुई भिगोकर  जिस कान में दर्द हो रहा है उस कान में डालने से कान दर्द में बहुत ही आराम मिलता है|

मधुमेह में उपयोगी (Bakayan neem for diabetes)

  •  इस रोग से परेशान होने वाले व्यक्ति को चावल बनातें समय बकायन नीम के आठ दस बीज इसमें डाल दे कुछ समय बाद जब चावल अधपके रह जायें चावल का पानी निकाल लें यह पानी ठंडा होनें पर पी ले|  पुराना मधुमेह खत्म हो जाता है|

चोट लगने पर बकायन के फायदा (Bakayan neem for injury)

  • यदि चोट लगनें पर रक्त का थक्का जम गया हो तो बकायन नीम के पत्तों या छाल को पीसकर रक्त के थक्के वाले स्थान  पर बांध दें कुछ ही घंटों में रक्त का थक्का फट जायेगा और आपको आराम मिलेगा|

थायराइड में बकायन के फायदे (Bakayan neem for thyroid)

  • बकायन नीम थाइराइड़ ग्रंथि की कार्यप्रणाली में सुधार लाता हैं | इसके लियें बकायन की छाल को पीसकर गले के उस भाग पर जहाँ थाइराइड़ ग्रंथि उपस्थित होती हैं पर लगा लें यह लेप रात को सोतें समय लगानें से बहुत अधिक फायदा मिलता है| 

सायटिका के दर्द में फायदा बकायन नीम के

  • इस रोग से परेशान होने वाले व्यक्तियों को बकायन नीम का उपयोग करना चहिए  बकायन नीम की छाल पीसकर सायटिका के दर्द से प्रभावित भाग पर लेप करनें और इसके बाद बर्फ से सेंकनें पर सायटिका दर्द में तुरंत आराम मिलता हैं|

टाइफाइड में उपयोगी बकायन नीम (Bakayan neem for typhoid)

  • बकायन के पके हुये बीज का चूर्ण प्रतिदिन 6  ग्राम लेनें से टाइफाइड़ ज्वर समाप्त हो जाता हैं| इसी प्रकार बकायन नीम के पत्तों का 7 मिली रस सुबह शाम पीनें से गर्मीयों के दिनों में होनें वाला टाइफाइड़ ज्वर समाप्त हो जाता हैं|

दांत दर्द में उपयोगी (Bakayan neem for teeth ache)

  • दांत दर्द से परेशान होने वाले व्यक्ति को यह उपाय करना चहिए बकायन नीम के फलों को सुखाकर पाउडर बना ले| इस पाउडर से मंजन करनें से दाँतों का दर्द दूर होता हैं| 

सिर दर्द में उपयोगी बकायन नीम (Bakayan neem for head ache)

  • बच्चे के जन्म के बाद महिलाओ को अक्सर सिर दर्द होता है| इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए बकायन के पत्तो व फूलो को 12- 12 ग्राम की मात्रा में ले कर पीसकर सिर पर बाँधने से सिर दर्द में आराम मिलता है|

सिर की जुए में

  • यदि आपके सिर में जुए हो गई है और आप इससे छुटकारा पाना चाहते है तो बकायन के फूलो को पीसकर सिर पर लगाने से जुए नष्ट हो जाती है|
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मोतियाबिंद में उपयोगी बकायन

  •  इस रोग से परेशान होने वाले व्यक्ति को इस तरह प्रयोग करना चहिए| बकायन के एक किग्रा हरे ताजे पत्तों को पानी से धोकर अच्छी प्रकार से कूट-पीसकर रस निकाल लें| रस को पत्थर के खरल में घोटकर सुखा लें| इसे दोबारा 2  से 3  बार खरल करें| खरल करते समय 4  ग्राम तक भीमसेनी कपूर मिलाक,  इसको सुबह और शाम आंखों में काजल की तरह लगाने से मोतियाबिन्द और आंखों की अन्य बीमारियों जैसे आंखों से पानी बहने, लालिमा, आंखों में खुजली होने और अंधेपन की बीमारी में लाभ होता है|

आँखों में दर्द या जलन की समस्या में उपयोगी बकायन (Bakayan neem for eyes)

  • बकायन  के फलों की छोटे टुकड़े को आंखों पर बाँधने से पित्तज दोष के कारण होने वाली बीमारी में लाभ होता है| बकायन के फलों को पीसकर छोटी टिकिया बनाकर,  इसे आंखों पर बाँधते रहने से आंखों के दर्द व जलन  की समस्या ठीक होती है|

सिर की फुंसियो में उपयोगी

  •  बकायन के फूलों के 60 मिली रस को सिर पर लगाने से त्वचा,  सिर और मुंह पर फोड़े होने की समस्या में फायदा होता है|

मुँह के छालो में उपयोगी बकायन

  •  यदि आपके मुँह में छाले हो रहे है तो आपको कुछ इस तरह का प्रयोग करना चहिए बकायन की छाल और सफेद कत्था को 12-12  ग्राम की मात्रा में लेकर, इनका चूर्ण बनाकर लगाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं|
  • 25 ग्राम महानीम की छाल को जला लें| इसे 12 ग्राम सफेद कत्थे के साथ पीसकर मुंह के अंदर लगाने से लाभ होता है|

घेंघा रोग में प्रयोग बकायन नीम का

  • बकायन  की छाल को छाया में सूखाकर  इसमें 6  ग्राम पत्ते को कूटकर 600 मिली पानी में पकाएं| जब काढ़ा एक चौथाई बच जाए तो इससे गले पर लेप करें| इससे घेंघा और कुष्ठ रोग में लाभ होता है|

खांसी में उपयोग (Bakayan neem for cough)

  • खांसी से परेशान होने वाले व्यक्ति को बकायन का  कुछ इस प्रकार प्रयोग करना चाहिए, बकायन के पत्तो का काढ़ा बनाकर 15 या 20 मिली मात्रा में पिने से खांसी से छुटकारा मिलता है|

सांस नली की सूजन में

  • यदि आपको सांस लेनी की समस्या आ रही है या फिर सांस नली में सूजन  है तो आपको बकायन का प्रयोग करना चहिए, बकायन की  जड़ व पत्तो का काढ़ा बनाकर 15 मिली मात्रा में सेवन करने से सांस संबंधित परेशानिया समाप्त होती है|

पेट के कीड़ो के लिए (Bakayan neem for stomach bugs)

  • बकायन  के 40 ग्राम ताजी छाल को कूटकर, 200  मिली पानी  में मिला लें| इसका काढ़ा बनाकर  जब पानी एक चौथाई बच जाए तो इसे बच्चों को एक बड़ा चम्मच सुबह और शाम पिलाएं| इससे आंतों के कीड़े खत्म होते हैं|
  •  इसके अलावा 15 ग्राम बकायन की छाल को 3  लीटर पानी में उबालकर 800  मिली पानी शेष रहने पर थोड़ा गुड़ मिला लें| इसे तीन दिन तक 20  मिली की मात्रा में पिने से पेट के कीड़े मर जाते हैं|  और 30 मिली बकायन के पत्ते के काढ़ा को सुबह-शाम पिने से भी पेट के कीड़े मर जाते हैं|

घाव में (Bakayan neem for wound)

  • घाव के इलाज में महानीम के औषधीय गुण से फायदा होता है| आप घाव के उपचार के लिए महानीम के पत्ते लें| इसका रस निकालकर घाव को धोएँ| इससे आपको जल्दी से  लाभ होता है|

पेट दर्द में (Bakayan neem for stomach ache)

  • यदि आपको पेट दर्द हो रहा है तो 4 ग्राम पत्तो का काढ़ा बनाकर इसमे 3 ग्राम शुंठी चूर्ण मिलाकर सेवन करने से पेट दर्द से छुटकारा मिलता है|

बवासीर में (Bakayan neem for piles)

  • यदि आप इस समस्या से बहुत परेशान है तो बकायन के जमीन पर गिरे हुए पके फलों के अन्दर के 5 या 8  बीजों को जल के साथ पीसकर इसकी 55 मिग्रा की गोलियां बनाकर छाया में सुखाकर रख लें| सुबह और शाम एक-एक गोली बासी जल के साथ सेवन करें| इसके साथ ही 2 या 3 गोली गुड़ के शरबत में घिसकर मस्सों पर लेप करें| इससे बवासीर में लाभ मिलता  है|
  • इसके अलावा महानीम के बीजों की गिरी और सौंफ को समान मात्रा में पीसकर| इसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर रख लें| 3 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है|

कीडनी की पथरी में (Bakayan neem for kidney calculus)

  •  अगर आप पथरी से बहुत परेशान है तो बकायन  के 4 मिली पत्ते के रस में 400  मिग्रा यवक्षार मिलाकर,  इसे पीने से पथरी की बीमारी में फायदा होता है| कीडनी कि पथरी टूट-टूट कर निकल जाती है|

प्रमेह में

  • यदि व्यक्ति प्रमेह रोग रोग से परेशान है तो बकायन के 2 या 3 बीज कि गिरी को  चावल  के पानी के साथ  पीसकर उसमे घी डालकर सेवन करने से प्रमेह रोग से छुटकारा मिलता है|

गर्भाशय संबंधित बीमारियों में

  • बकायन का उपयोग करके गर्भाशय संबंधित बीमारियों में  से छुटकारा पा सकते है| इसके लिए 6 मिली बकायन के पत्तो का रस को सेवन करने से इस बिमारियों में लाभ ले सकते है|

मासिकधर्म में (Bakayan neem for menstrual disorder)

  • यदि मासिकधर्म के दौरान रक्त स्त्राव अधिक हो तो बकायन के पत्तो के रस को 4 मिली मात्रा में सेवन करने से मासिकधर्म में रक्तस्त्राव नियंत्रण रहता है|
  • इसके अलावा 5  मिली महानीम के फूलों के रस में 1 चम्मच मधु मिला लें| इसे सुबह के समय चाटने से मासिक धर्म विकार ठीक होता है|

सफेद पानी में

  • बकायन के बीज और सफेद चन्दन को बराबर भाग में लेकर चूर्ण बना लें| इसमें बराबर मात्रा में बूरा मिलाकर  इसे 4  ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार सेवन करने से सफेद पानी में लाभ होता है|

खुजली में

  • यदि आपको खुजली की समस्या है तो आपको बकाया का उपयोग करना चहिए बकायन के 12 या 24 फूलों को पीसकर लेप लगाने से त्वचा के फोड़े, पुंसी और खुजली आदि रोगों में लाभ होता है|

त्वचा के कीड़ो में बकायन नीम

  •  यदि आपकी त्वचा पर कीड़े है तो आपको कुछ इस प्रकार प्रयोग करना चहिए 40 मिली सिरका में महानीम के 7 या 9 सूखे फल  के चूर्ण को मिलाकर पेस्ट बना लें| इससे त्वचा पर लेप करने से त्वचा के कीड़े खत्म होते हैं और इसके अलावा त्वचा संबंधित अन्य रोगो को भी समाप्त करता है| जैसे पामा, जलन, दर्द विस्फोट आदि|

कुष्ठ रोग में (Bakayan neem for leprosy)

  • अगर आपको कुष्ठ रोग की समस्या है तो बकायन के पके हुए 4  ग्राम पीले बीजों को 60 मिली पानी में रात को भिगोकर रख दें| इसे सुबह के समय महीन चूर्ण बनाकर सेवन करें| 25 दिनों तक लगातार सेवन करने से कुष्ठ रोग में बहुत लाभ होता है| इस दौरान बेसन की रोटी और गाय के घी का सेवन करें|

सूजन में उपयोगी बकायन का (Bakayan neem for inflammation)

  • शरीर के किसी भी अंग में सूजन हो तो बकायन  के फायदे ले सकते हैं| इसके लिए महानीम के 15 या 25 पत्तों को पीस लें| इसे सूजन वाले अंग पर लगाकर पट्टी बांध दें| इससे सूजन कम होती है|

कब्ज की समस्या में (Bakayan neem for constipation)

  • यदि आपको कब्ज की समस्या है तो आप बकायन का उपयोग करे| इसके लिए इसके पत्तो को पीसकर रस निकलकर पिने से आपको कब्ज में लाभ मिलता है|

बुखार में (Bakayan neem for fever)

  • यदि आपको किसी भी प्रकार का बुखार है तो 12 ग्राम बकायन की छाल व धमासा तथा 12 कासनी के बीजो को मिलाकर कूटकर   50 ग्राम मिली पानी में भिगोकर कुछ देर बाद  हाथ से मसलकर छान कर पिने से यह वातज ज्वर व साधारण  बुखार को समाप्त करता है|

आंत के कीड़ो में बकायन नीम

  • यदि आपके  बच्चो की आंतो में कीड़े हो गये है तो आपको बकायन का कुछ इस तरह प्रयोग करे 40 ग्राम ताजी छाल को कूटकर 200 मिली पानी में काढ़ा बनाकर बच्चो को एक चम्मच सुबह व श्याम को  पिलाने से आंत के कीड़े समाप्त होते है

मिर्गी रोग में उपयोगी बकायन (Bakayan neem for epilepsy)

  • यदि कोई भी व्याक्ति मिर्गी रोग से परेशान है तो यह उपयोग आपके लिए बहुत ही लाभदायक है| इसके लिए बकायन के 10 पत्तो को 500 मिली पानी पकाकर या काढ़ा बनाकर सेवन करने से आपको इस रोग में लाभ मिलता है|

उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Bakayan neem)

  • जड़
  • जड़ की छाल
  • तने की छाल
  • पत्ते का तैल 
  • फूल
  • पत्ती
  • बीज

सेवन मात्रा (Dosages of Bakayan neem)

  • पत्ते,जूस -5 या 10 मिली
  • पत्ते का चूर्ण -3 या 4 ग्राम
  • बीज,चूर्ण -1 या 3 ग्राम
  • छाल -6 या 12 ग्राम
  • छाल ,क्वाथ -50 या 100 मिली

सावधानियां- (Precautions of Bakayan neem)

  • बकायन नीम  का ज्यादा मात्रा में सेवन लीवर व के लिए नुकसान कर सकता है| अतः वैद्यकीय चिकित्सा परामर्श अनुसार ही प्रयोग करे|