अशोक: स्त्री रोगों में सर्वोत्तम औषधि (Ashok: Common Names | Benefits | Usages)
अशोक का परिचय (Introduction of Ashok)
अशोक क्या है? (What is Ashok?)
एक वृक्ष होता है जिसका नाम अशोक है| जिसे सामान्य रूप से सभी लोग जानते हैं| सीताहरण के बाद सीता माता इसी पेड़ के नीचे ही बैठा करती थी| इसीलिए इसे सीता अशोक भी कहा जाता हैं| माना जाता हैं कि भगवन बुद्ध का जन्म भी इसी पेड़ के नीचे हुआ| ऐसी ही और भी कई घटनाएँ है इस पेड़ से जुडी हुई हैं|
इनके साथ ही यह जहाँ भी रहता हैं उस क्षेत्र की सुन्दरता और भी बढ़ जाती हैं| इन घटनाओं का साक्षी यह पेड़ एक औषधि के रूप में काम में लिया जाता हैं| महिलाओं से जुडी कई समस्याओं का इलाज़ इसके द्वारा किया जाता हैं इसी कारण इसे महिलाओं की सहेली भी कहा जाता हैं|
भारत में यह बंगाल, बिहार, उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र आदि राज्यों में देखने को मिल जाते हैं| तो आइये आपको परिचित कराते हैं इसके औषधीय गुणों से|
अशोक की प्रजातियाँ (Ashok ki prajatiya)
- अशोक (सीता अशोक)
- नकली अशोक
अशोक (सीता अशोक) का बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Ashok ki akriti)
यह एक सदाहरित पेड़ होता हैं जिसकी ऊंचाई लगभग 9 मीटर तक हो सकती हैं| ज़्यादातर इस पेड़ की छाल ही रोगों की समाप्ति में काम आती हैं| इसके पत्र लम्बे और नुकीले होते हैं| इसके पुष्प लाल और सिंदूरी रंग के साथ अत्यंत सुगन्धित होते हैं| इसके फूल गुच्छों में आते हैं|
इसकी फलियाँ चपटी होती हैं| इसके तने से सफ़ेद रस निकलता हैं जो वायु के संपर्क में आने पर सूख कर लाल हो जाता हैं तथा इसे हम इस पेड़ का गोंद कहते हैं| इसके फूल मार्च से अप्रैल के मध्य तथा फल अगस्त से अक्टूबर में मध्य आते हैं|
नकली अशोक का बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Nakali Ashok ki akriti)
इस वृक्ष की ऊंचाई 15 से 20 मीटर तक हो सकती हैं| असली अशोक की तरह यह अधिक घना नही होता| इसके पत्तों का रंग चमकीला हरा होता हैं| इसके फूल फरवरी से मई तथा फल जुलाई से दिसम्बर के मध्य आते हैं| इसके काफी बड़े हो जाने के बाद इस पर फूल लगते हैं| इसके फल पकने के बाद बैंगनी रंग के हो जाते हैं|
अशोक के सामान्य नाम (Ashok common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Saraca asoca |
अंग्रेजी (English) | Ashoka tree |
हिंदी (Hindi) | अशोक, सीता अशोक |
संस्कृत (Sanskrit) | हेमपुष्पः, अशोकः, ताम्रपल्लवः, गंधपुष्पः |
अन्य (Other) | अशोक (कन्नड़) असोक (बंगाली) अशऊ (नेपाली) जसुन्दी (मराठी) अशोकामु (मलयालम) |
कुल (Family) | Caesalpiniaceae |
नकली अशोक के सामान्य नाम (Nakali Ashok ke samany naam)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Saraca asoca |
अंग्रेजी (English) | Indian fir, Buddha tree, Indian willow |
हिंदी (Hindi) | नकली अशोक, देबदारी |
संस्कृत (Sanskrit) | काष्ठदारू |
अन्य (Other) | देवदारु (उड़िया) आसोपल्लव (गुजराती) नकली अशोक (नेपाली) अरना (मलयालम) नारा मामिदी (तेलुगु) |
कुल (Family) | Caesalpiniaceae |
अशोक के आयुर्वेदिक गुणधर्म (Ayurvedic properties of Ashok)
दोष (Dosha) | कफपित्तशामक (pacifies cough and pitta) |
रस (Taste) | कषाय (astringent), तिक्त (bitter) |
गुण (Qualities) | लघु (light), रुक्ष (dry) |
वीर्य (Potency) | शीत (cold) |
विपाक(Post Digestion Effect) | कटु (pungent) |
अन्य (Others) | वेदनास्थापन, विषघ्न, स्तम्भन, तृष्णाशामक, शोथहर |
अशोक के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Ashok ke fayde or upyog)
मासिक धर्म सम्बंधित समस्याओं में (Ashok for menstrul problems)
- औषधि की छाल का काढ़ा पीने से मासिक धर्म के समय होने वाली परेशानियों तथा मासिक धर्म के विकारों का शमन होता हैं|
- अशोक-घृत को हल्के गर्म दूध या पानी के साथ लेने से सभी प्रदर रोग, कमर दर्द, मंद पाचक अग्नि, अरुचि, एनीमिया, खांसी, दमा आदि रोगों में लाभ होता हैं|
दमा रोग में लाभदायक (Ashok for Asthma)
- इस के पेड़ के चूर्ण को पान के बीड़े में रख कर खाने से दमा या अस्थमा रोग में लाभ मिलता हैं|
बच्चो में वमन पर रोक (Ashok for stop children vomat)
- इस के फूलों का लेप बना कर छाती पर लगाने से दूध पीते बालकों की वमन बंद होती हैं|
रक्तातिसार में
- इस के फूल को पीस कर पीने से इस समस्या में जल्द ही आराम मिलता हैं|
खूनी बवासीर में (Ashok for piles)
- अशोक के पेड़ की छाल का काढ़ा बना कर पीने से खूनी बवासीर की समस्या जल्द समाप्त होती हैं|
अश्मरी में (Ashok for stone)
- औषधि के बीजो को पीस कर सेवन करने से पथरी मूत्र मार्ग से धीरे धीरे बाहर निकल जाती हैं|
प्रदर की समस्या में
- इस के फूलों का सेवन करने से रक्त प्रदर की समस्या में लाभ मिलता हैं|
- इसकी छाल से निर्मित काढ़े को दूध के साथ पीने से रक्त प्रदर तथा श्वेत प्रदर दोनों में ही आराम मिलता हैं|
स्वप्नदोष में (Ashok for night fall)
- दिव्य अशोक के पेड़ की छाल के काढ़े के साथ शहद का सेवन करने से इसमें लाभ मिलता हैं|
हड्डी जोड़ने में (Ashok for bones)
- अशोक की छाल के चूर्ण को सुबह और शाम दूध के साथ लेने से तथा टूटी हुई हड्डी पर लेप करने से हड्डी को वापस जुड़ने में सहायता मिलती हैं|
त्वचा रोगों में (Ashok for skin disease)
- इस औषधि की छाल के रस में सरसों को पीस कर उबटन बना कर लगाने से रंग में निखार आता हैं|
- औषधि की छाल के क्वाथ को गाढ़ा होने तक अच्छे से उबाल ले| अब इसे ठंडा कर के बराबर मात्रा में सरसों का तेल मिला कर मुहांसों, पुन्सियों आदि जैसे प्रभावित स्थान पर लगाने से जल्द ही अच्छे परिणाम मिलेंगे|
- घाव को जल्दी भरने के लिए घी, प्रियंगु, अशोक की छाल, त्रिफला, धातकी, लोध्र आदि को समान मात्रा में लेकर घाव पर छिडकना चाहिए|
बुद्धि का विकास करें (Ashok for mental problems)
- ब्राह्मी चूर्ण तथा इस औषधि के चूर्ण को बराबर मात्रा में सुबह और शाम दूध के साथ पीने से बुद्धि का विकास तीव्र होता हैं|
बदन दर्द में (Ashok for body pain)
- इस की छाल का काढ़ा बना कर पीने से बदन दर्द में आराम मिलता हैं|
मधुमेह में (Ashok for diabetes)
- इस की छाल के चूर्ण या काढ़े का सेवन नियमित रूप से करने पर मधुमेह रोग में लाभ प्राप्त होता हैं|
पेट के कीड़ों को मारें (Ashok for stomach bugs)
- पेट के कीड़ों को मारने के लिए इस के पेड़ की छाल के चूर्ण या क्वाथ का प्रयोग किया जा सकता हैं|
नकली अशोक के औषधीय गुण और फायदे (Nakali Ashok ke fayde)
बवासीर में (Nakali Ashok in piles)
- इसके पत्तों को पीस कर मस्सों पर लगाने से बवासीर का शमन होता हैं|
पूयमेह
- नकली अशोक की छाल के चूर्ण में मक्खन मिला कर खाने से इस रोग में लाभ होता हैं|
घाव में
- नकली अशोक के पत्तों को पीस कर घाव जल्दी भरता हैं|
उपयोगी अंग (भाग) (important parts of Ashok)
- पत्ती
- बीज
- पंचांग
- फूल
- छाल
सेवन मात्रा (Dosage of Ashok)
- क्वाथ- 10-15 ml
अशोक से निर्मित औषधियां
- अशोकारिष्ट