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गुलाब हैं कई रोगों का एक इलाज़ जाने अभी इसके फायदें

गुलाब का परिचय: (Introduction of Gulab)

Table of Contents

गुलाब क्या है? (Gulab kya hai?)

फूल तो वैसे कई तरह के होते होते है लेकिन कुछ फूल ऐसे भी होते है जो अति मनोरम और मनमोहक होते है| इन्ही फूलों में से एक होता है गुलाब का फूल| शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसे यह फूल पसंद नही हो| इसकी खुशबू हमारे पूरे दिन में ताज़गी भर देती है| इसकी खुशबू बहुत अच्छी होती है|

जितना यह बाहर से सुन्दर दिखता है और हमेशा सुगन्धित रहता है उतना ही यह फायदेमंद भी होता है| विभिन्न प्रकार से इसका सेवन कर के हम अपने स्वास्थ्य को और भी अच्छा बना सकते है| इसके सेवन से सभी समस्याएँ दूर होती है जो दैनिक जीवन में हर किसी व्यक्ति को घेरे रखती है|

इसे तरुणी (सरस होने के कारण), शतपत्री (अनेक पुष्पदल होने से), कर्णिका (कान के समान बढे पुष्प), चारुकेशरा (सुन्दर केश वाली), गन्धाढ्या (सुगन्धित) आदि नामों से भी जाना जाता है| इसे लेने से गर्मी, जलन, त्वचा सम्बन्धी रोग, आँखों की समस्याओं आदि में अतिशय लाभ मिलता है| आइये आपको भी परिचित कराते है इसके औषधीय गुणों से| इन्हें जान कर आप भी जरुर इसका सेवन शुरू कर देंगे| इसका सेवन आपके जीवन में निरोगी काया की सुगंध लेकर आएगा|

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Gulab ki akriti)

हमेशा हरा भरा रहने वाला इसका पौधा कांटेदार होता है| इसका तना पतला और लम्बा होता है जिस पर कांटे लगे होते है| इसके पत्तों के किनारे कुछ खुरदरे या कटे हुए रहते है| इसके फूलों का रंग कुछ गहरा या हल्का गुलाबी पाया जाता है| इसके फल लाल भूरे रंग के गोल या अंडाकार होते है| इसे कभी भी उगाया जा सकता है|

गुलाब के सामान्य नाम (Gulab common names)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Rosa centifolia
अंग्रेजी (English)Rose
हिंदी (Hindi)गुलाब
संस्कृत (Sanskrit)तरुणी (सरस होने के कारण), देवतरुणी, शतपत्री (अनेक पुष्पदल होने से), कर्णिका (कान के समान बढे पुष्प), चारुकेशरा (सुन्दर केश वाली), गन्धाढ्या (सुगन्धित), महाकुमारी, लाक्षापुष्पा
अन्य (Other)इरोजा (तमिल) गोलाम (बंगाली) गुलेसुर्ख (पंजाबी) गुलाबपुष्पम (मलयालम) अलिका (अरबी)
कुल (Family)Rosaceae
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गुलाब के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Gulab ke ayurvedic gun)

दोष (Dosha) वात, पित्त शामक (pacifies vaat and pitta)
रस (Taste) मधुर (Sweet), तिक्त (bitter), कषाय (astringent)
गुण (Qualities) लघु (Light), स्निग्ध (oily)
वीर्य (Potency) शीत (cold)
विपाक(Post Digestion Effect) मधुर (Sweet)
अन्य (Others)ह्रदय, ग्राही, रुचिकारक, पाचक
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गुलाब के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Gulab ke fayde or upyog)

ह्रदय के लिए (Gulab for heart)

  • इस पौधे के फूलों से बना शर्बत ह्रदय को बल प्रदान करता है| इसके सेवन से सीने में होने वाली जलन में भी लाभ मिलता है| ह्रदय से जुडी समस्याओं के लिए सुबह और शाम या दिन में दो बार इस शरबत का सेवन काफी फायदेमंद होता है|

आंखो से जुड़े विकारों में गुलाब (Gulab for ear disease)

  • दिन भर की थकावट के बाद तथा प्रदुषण में रहने के कारण आँखों पर बुरा असर पड़ता है जिससे आँखों की रोशनी भी कमजोर होने लगती है| ऐसे में गुलाब से बने हुए अर्क को आँखों में डालने से लाभ मिलता है| इसके साथ ही ठंडक भी मिलती है|
  • पलकों पर आने वाली सूजन को समाप्त करने के लिए इसके फूलों का पेस्ट बना कर लगाना चाहिए| आंख आने पर इसके पत्तों का प्रयोग फूलों की जगह करना अच्छा माना जाता है|
  • गुलाब से बनने वाले गुलाब जल को आंखो में डालने से आंखो को ठंडक, जलन से राहत, लालिमा आदि में लाभ मिलता है|

त्वचा के लिए लाभदायक गुलाब (Gulab for skin disease)

  • घाव को जल्दी भरने या उससे बहते हुए खून को रोकने के लिए आप गुलाब के फूलों और जड़ को पीस कर लेप कर सकते है| इसके अलावा इसके फलों से निकलने वाले रस को घाव पर लगाने से खून का बहना बंद होता है|
  • कुष्ठ सम्बन्धी त्वचा रोग में सफ़ेद गुलाब के फूलों से बने लेप को शरीर पर मलना चहिये|
  • चेचक में हुए त्वचा विकार को इसके फूलों के चूर्ण को शरीर पर मल कर जल्दी लाभ लिया जा सकता है|
  • पीसे हुए फूलों को सूजन वाली जगह पर लगाने से सूजन का शमन होता है|
  • सौंफ और सिरके को इसके गुलकंद में मिलाकर लेने से पित्ती उछलना या शीतपित्त में लाभ होता है| आप इसे दिन में एक से दो बार तक ले सकते है|
  • होंठ फटने पर गुलाब के फूलों का पेस्ट बना कर होंठो पर मलने से यह नरम होंगे तथा होंठो में कुछ गुलाबीपन भी आ जायेगा|
  • कील मुहांसे और आँखों के नीचे होने वाले काले घेरों को मिटाने के लिए गुलाब जल का प्रयोग किया जा सकता है| यह आप घर पे भी तैयार कर सकते है इसके अतिरिक्त यह बाज़ार में भी उपलब्ध रहता है|
  • दाद और उसपे चलने वाली खुजली में इसके फूलों को पीस कर उनमे चन्दन मिला कर लगा दें| इससे जल्द ही दाद और उसपे चलने वाली खुजली का शमन किया जा सकता है|

शरीर में होने वाली जलन और गर्मी को दूर करें (Gulab for body heat)

  • कुछ लोगो को अधिक गर्मी लगती है और शरीर में जलन भी होती रहती है| ऐसे में चन्दन और गुलाब जल से बना हुआ लेप लगाने से गर्मी और जलन से आराम मिलता है| इसके अलावा आप इसके शरबत का भी सेवन कर सकते है|

लू लगने पर गुलाब का प्रयोग

  • गर्मियों के दिनों में लू लग जाने पर इससे बने हुए गुलकंद का सेवन सबसे अच्छा उपाय होता है| इसका सेवन करने से आपके शरीर को ठंडक मिलेगी और लू की समस्या से आराम मिलेगा|

पसीने में आने वाली दुर्गन्ध को दूर करे गुलाब

  • पसीने के साथ आने वाली दुर्गन्ध का शमन करने के लिए इसके फूलों का पेस्ट बना कर शरीर पर मलना चाहिए| इसके कुछ देर बाद पानी में थोडा गुलाब जल डाल कर नहाना चाहिए| इससे आपका शरीर सुगन्धित होता है|

रक्तपित्त का शमन करे (Gulab for blood bile)

  • रक्तपित्त या नकसीर की समस्या होने पर गुलाब का सेवन काफी अच्छा रहता है| इसकी ठन्डी प्रकृति नकसीर में लाभ देती है| गुलाब का शरबत यदि आप दिन में एक से दो बार तक पीते है तो इससे लाभ मिलता है|

दांतों से जुडी समस्याओं का समाधान करे (Gulab for teeth)

  • फूलों से बने हुए कल्क को दांतों पर हल्का रगड़ने से दांतों की समस्या में लाभ मिलता है| इसके अलावा इसके पत्तों को जल के साथ पीसकर भी दांतों पर लगाया जा सकता है| आप इसके पत्तों से बने काढ़े से भी कुल्ला कर सकते है इससे भी आपके दांत मजबूत होंगे तथा दांतों की समस्या में लाभ मिलेगा|

टी.बी. या राजयक्ष्मा में (Gulab for T.B.)

  • टी.बी. के रोगी को यदि इसके फूलों से बने शरबत, पेस्ट आदि का सेवन कराया जाता है तो इससे इस रोग का शमन होता है|

छालों में गुलाब (Gulab for ulcers)

  • मुंह में छालें हो जाने पर गुलाब के पत्रों को खाने या चबाने से आराम मिलता है| इसके अलावा आप इसके फूलों से बने हुए काढ़े से कुल्ला करके भी छालों का शमन कर सकते है|

पाचन तंत्र सम्बन्धी समस्याओं में (Gulab for digestion related problems)

  • पाचन से जुडी हुई समस्या के कारण हमारे शरीर की दूसरी क्रियाओं पर भी असर पड़ता है जिसके कारण शरीर पूरी तरह से स्वस्थ रह पाने में असफल होता है| पाचन की समस्या कब्ज़ में मधु के साथ गुलाब के फूलों के चूर्ण का सेवन करना चाहिए|
  • दस्त में भी इसके फूलों का चूर्ण बना कर लिया जा सकता है| इसके अलावा आध्यमान, एसिडिटी और अजीर्ण होने पर इसके शरबत का सेवन किया जा सकता है|

बुखार का शमन करे (Gulab for fever)

  • बुखार में यदि इससे बने हुए गुलकंद का सेवन किया जाता है तो बुखार जल्दी उतरती है| इससे शरीर का तापमान जल्द ही सामान्य हो जाता है|

अस्थमा में (Gulab for asthma)

  • अस्थमा में इसके फूलों से निर्मित चूर्ण का सेवन काफी फायदेमंद होता है| आप इसके चूर्ण को शहद के साथ ले सकते है|

बवासीर में (Gulab for piles)

  • बवासीर या अर्श में मस्सों पर पत्तों का चूर्ण बना कर विधिपूर्वक लगाने से बवासीर में लाभ मिलता है| इसके साथ ही जिस तेल में गुलाब के फूलों को भूना गया हो उसे भी गुदा द्वार पर लगाने से शोथ का शमन होता है|

थकान को मिटायें

  • दिन भर की थकावट को दूर करने के लिए गुलाब के फूलों से बने हुए पेस्ट में चन्दन का तेल मिलाकर मालिश करें| इससे थकान भी मिटेगी तथा शरीर को ठंडक भी मिलेगी|

वजन घटाये (Gulab for weight loss)

  • मोटे लोगो को अपना वजन नियंत्रित करने के काफी आवश्यकता होती है| लेकिन वे सही स्रोत नही ढूंढ पाते है| ऐसे में यदि गुलाब की पंखुड़ियों को उबाल कर उस पानी में शहद और दालचीनी मिलाकर पिलाई जाती है तो मोटापा नही बढता है|

विषैले जीव के काट लेने पर

  • बिच्छु के काटने पर गुलाब के फूल तथा सांप के काट लेने पर इसकी जड़ को पीसकर लगाना चाहिए| इससे दर्द, सूजन और जलन में लाभ मिलता है|

उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Gulab)

  • जड़
  • पत्ती
  • फूल
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सेवन मात्रा (Dosage of Gulab)

  • जूस -20 से 30 ml तक
  • चूर्ण – 3 से 6 ग्राम तक
  • क्वाथ -20 से 30 ml तक

गुलाब से निर्मित औषधियां

  • गुलाब अर्क
  • गुलकंद