सफ़ेद चन्दन (Safed chandan)
सफ़ेद चन्दन का परिचय: (Introduction of Safed chandan)
सफ़ेद चन्दन क्या है? (What is Safed chandan?)
चन्दन के पेड़ से दुनिया में हर कोई व्यक्ति परिचित होते है| चन्दन तीन प्रकार के होते है| सफ़ेद चन्दन , लाल चन्दन और पीला चन्दन| आज हम विस्तार से बात करेंगे सफ़ेद चन्दन के विषय में|
चन्दन को केवल पूजा पाठ में ही उपयोग में नही लिया जाता बल्कि इसका आयात निर्यात भी किया जाता है| इससे सजावट के सामान, खुशबूदार तेल, इत्र, साबुन आदि का निर्माण किया जाता है| इससे निकलने वाले तेल के भी कई फायदें रहते है|
सफ़ेद चन्दन का प्रयोग एक औषधि के रूप में भी किया जाता है| यह एक शीतल औषधि की भूमिका निभाती है| इसीलिए गर्मी और पित्त के कारण होने वाले सभी रोगों का आसानी से शमन कर पाती है| इसके अलावा इसकी खुशबु मस्तिष्क से तनाव की समस्या को दूर करती है|
सफ़ेद चन्दन की गीली लकड़ी प्रकुपित पित्त का, सूखी लकड़ी वात का और मध्यम अवस्था की लकड़ी काफ का शमन करती है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Safed chandan ki akriti)
मुख्य से रूप से कर्नाटक और आस पास के क्षेत्रों में कही कही पाया जाता है| इसका पेड़ हमेशा हरा भरा रहता है| छाल का रंग काला, भूरा या कुछ लाल हो सकता है| बाहर से छाल सफ़ेद रंग की होती है| अन्दर से यह पीले या भूरे रंग की पायी जाती है जो काफी खुशबूदार होती है|
इसके पत्तें आगे से तीखे होते है| फूलों का रंग जामुनी होता है| इसके फल पकने पर बैंगनी रंग के हो जाते है| जब इसके पेड़ की आयु 40 से 60 के बीच होती है तो यह सबसे उत्तम होता है| इसके बाद ही इसमें खुशबु आने लगती है| इसके फूल जून से सितम्बर और फल नवम्बर से फरवरी के मध्य लगते है|
सफ़ेद चन्दन के सामान्य नाम (Safed chandan common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Santalum album |
अंग्रेजी (English) | Sandal tree, White sandal tree, Sandal wood |
हिंदी (Hindi) | चंदन, श्वेत चंदन, सफेद चंदन |
संस्कृत (Sanskrit) | श्रीखण्ड, चन्दन, भद्रश्री, तेलपर्णिक, गन्धसार, मलयज, चन्द्रद्युति |
अन्य (Other) | चन्दनम (मलयालम) संदले सफेद (अरबी) चन्दनामु (तेलुगु) सुखड़ (गुजराती) श्रीगन्ध (कन्नड़) |
कुल (Family) | Santalaceae |
सफ़ेद चन्दन के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Safed chandan ke ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | कफपित्तशामक (pacifies cough and pitta) |
रस (Taste) | तिक्त (bitter), मधुर (sweet) |
गुण (Qualities) | लघु (light), रुक्ष (dry) |
वीर्य (Potency) | शीत (cold) |
विपाक(Post Digestion Effect) | कटु (pungent) |
अन्य (Others) | दुर्गन्धहर, दाहप्रशमन, त्वगदोषहर |
सफ़ेद चन्दन के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Safed chandan ke fayde or upyog)
जलन और गर्मी को दूर करे सफ़ेद चन्दन का प्रयोग (Safed chandan for body heat )
- गर्मी और जलन से जूझ रहे व्यक्तियों को चन्दन को घिस कर शरीर पर मलना चाहिए| इससे जलन और आंतरिक दाह या गर्मी का शमन होता है|
बुखार में (Safed chandan for fever)
- शरीर के तापमान को सामान्य करने के लिए या बुखार से छुटकारा पाने के लिए तने की त्वक का चूर्ण बना कर शरीर पर मलना चाहिए|
नकसीर या रक्तपित्त में सफ़ेद चन्दन (Safed chandan for blood bile)
- चन्दन के पाउडर को सूंघने से रक्तपित्त में लाभ मिलता है| इसके साथ ही यज मस्तिष्क के लिए भी फायदेमंद होता है|
- चन्दन सफ़ेद, लोध्र और मुलेठी को पीसकर शहद के साथ मिश्रित कर लें| अब इसे चावल के पानी के साथ सेवन करने से नकसीर में लाभ मिलता है|
त्वचा रोगों में (Safed chandan for skin disease)
- चेचक या माताजी निकलने पर इस औषधि के पेस्ट को हिलमोचिका के रस में मिलाकर सेवन करना चाहिए| इससे शरीर के अन्दर ठंडक बनी रहती है तथा इस समस्या से भी जल्द ही निजात मिलता है|
- चन्दन का लेप कुष्ठ से प्रभावित हिस्से पर करने से कुष्ठ रोग में लाभ मिलता है|
- किशोरावस्था में होने वाले कील मुहांसों पर यदि चन्दन को घिस कर लगाया जाता है तो कील मुहासें मिटते है और त्वचा में चमक आती है| यदि आपको शरीर में कही खुजली हो रही है तब भी आप इस उपाय को अपना सकते है|
- खुजली होने पर इसके सुगन्धित तेल में कपूर और निम्बू का रस मिश्रित कर के लगाना चाहिए| इससे खुजली मिटती है|
- सूजन वाले स्थान पर चन्दन के लेप को लगाना काफी लाभदायक होता है| चन्दन में शोथ रोधी गुण पाए जाते है जिसके चलते सूजन का समापन होता है|
पसीने के साथ आने वाली दुर्गन्ध मिटायें सफ़ेद चन्दन
- यदि आप भी शरीर से निकलने वाले पसीने और उसकी गंध से परेशान है तो चन्दन को पीस कर उसमे गुलाब जल मिला कर शरीर पर मलना चाहिए| इससे दुर्गन्ध का समापन होता है|
अवसाद और तनाव को समाप्त करे (Safed chandan for stress)
- चन्दन के चूर्ण या पाउडर को सूंघने तथा नस्य लेने से किसी भी प्रकार के अवसाद और तनाव को समाप्त करने में सहायता मिलती है| सफ़ेद चन्दन की खुशबू व्यक्ति के मस्तिष्क को आनंदित कर देती है|
सिर दर्द में सफ़ेद चन्दन (Safed chandan for headache)
- माथे पर घिसे हुए चन्दन का लेप करने से सिर दर्द का शमन होता है और ठंडक मिलती है| इसके साथ ही अनिद्रा और तनाव से भी मुक्ति मिलती है|
वीर्य विकारों का शमन करे सफ़ेद चन्दन का प्रयोग (Safed chandan for semen disorder)
- सफ़ेद चन्दन और अर्जुन की छाल से बने हुए काढ़े को दिन में दो बार लेने से सभी प्रकार के वीर्य विकारों का शमन होता है| इसके साथ ही यह वीर्यवर्धक भी है|
खांसी में सफ़ेद चन्दन का प्रयोग (Safed chandan for cough)
- इस औषधि का चूर्ण बना कर शहद के साथ चाटने से खांसी में लाभ मिलता है|
पेट के कीड़ों को मारे (Safed chandan for stomach bugs)
- चन्दन का सेवन वैद्य के अनुसार करने से पेट के कीड़ों को भी समाप्त किया जा सकता है| इसके अलावा आप कीड़ों का शमन करने के लिए चन्दनासव का प्रयोग भी कर सकते है|
खून को साफ़ करें (Safed chandan for blood purifier)
- खून में अलग अलग विषाक्त पदार्थ होने के कारण नियमित रूप से सर्दी, जुखाम और बुखार आती रहती है| ऐसे में चन्दन का सेवन खून को साफ़ करता है तथा नियमित रूप से आने वाली बिमारियों से छुटकारा मिलता है|
पीलिया का समापन करें सफ़ेद चन्दन (Safed chandan for jaundice)
- सफ़ेद चन्दन के तेल का सेवन उचित अनुपान के साथ करने से पीलिया या कामला रोग में लाभ मिलता है| यदि आप अस्थमा से पीड़ित है तो यह उपाय आपके लिए भी लाभदायक हो सकता है|
प्रदर की समस्याओं में सफ़ेद चन्दन
- चन्दन से बने हुए काढ़े को दिन में दो बार लेने से रक्त और श्वेत प्रदर की समस्या का समाधान होता है|
- प्रदर की समस्या होने पर सबसे पहले इस औषधि को बारीक पीस लें| अब इस चूर्ण को दूध और घी में सेक लें| ठंडा हो जाने के बाद इसमें शहद मिलाकर सेवन करें| इससे प्रदर रोगों में बहुत जल्द लाभ मिलेगा|
आँख के रोगों में (Safed chandan for eyes)
- दूध में सफ़ेद चन्दन के पेस्ट को पका कर ठंडा कर के आँखों में छिडकने से लाभ मिलता है|
गठिया रोग में (Safed chandan for gout)
- चन्दन के काढ़े में शहद मिलाकर लेने से गठिया का समापन होने लगता है और जोड़ो के दर्द में भी आराम मिलता है|
बार बार छींक आने पर सफ़ेद चन्दन
- सफ़ेद चन्दन और धनिये के पत्रों की खुशबु लेने से छीकें रुक जाती है|
हिचकी आने पर सफ़ेद चन्दन (Safed chandan for hiccup)
- चन्दन के चूर्ण को शहद के साथ खाने से पीड़ादायक हिचकी में भी लाभ मिलता है|
मूत्र रोगों में (Safed chandan for urinary disease)
- मूत्र के साथ खून आना या मूत्र करने में कठिनाई आने पर चन्दन को पीस कर शक्कर मिलाकर चावल के पानी के साथ सेवन करना चाहिये| इससे जल्द ही इन समस्याओं में लाभ मिलता है|
- इसके अलावा चन्दन को पीस कर गाय के दूध के मिलाकर लेने से भी सभी प्रकार के मूत्र रोगों का शमन होता है|
उल्टी में सफ़ेद चन्दन (Safed chandan for vomit)
- सफ़ेद चन्दन को पीस कर उसमे उचित मात्रा में आमलकी रस और शहद मिलाकर सेवन कराने से वमन में लाभ मिलता है| अधिक प्यास लगने की समस्या को भी इस उपाय से नियंत्रित किया जा सकता है|
- इसके अलावा चन्दन के पेस्ट में आमलकी रस मिलाकर खाने से भी उल्टी बंद होती है|
दस्त में लाभदयक सफ़ेद चन्दन (Safed chandan for diarrhea)
- दस्त के साथ यदि खून भी आता हो तो चन्दन को घिस कर शहद मिश्रित कर के चावल के पानी के साथ सेवन करने से खूनी दस्त बंद होती है|
- पित्त विकार के कारण यदि दस्त की समस्या हो रही है तो उसमे भी इस उपाय को अपना सकते है| इससे पित्त विकारों का शमन हो कर दस्त पर रोक लगती है|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Safed chandan)
- जड़
- तेल
- लकड़ी
सेवन मात्रा (Dosage of Safed chandan)
- चूर्ण -3-6 gram
- तेल- 5-20 ml