आनन्द भैरव रस (Anand bhairav ras)
आनन्द भैरव रस का परिचय (Introduction of Anand bhairav ras)
आनन्द भैरव रस क्या है? (Anand bhairav ras kya hai?)
यह एक आयुर्वेदिक औषधि है| आनन्द भैरव रस सभी प्रकार के बुखार और जीर्ण ज्वर को नष्ट करती है| इस रस का मुख्य से मलेरिया, टाइफाइड इनफ्लूएंजा आदि बीमारियों को दूर करती है| यह बुखार के साथ ही पाचन तन्त्र की समस्या जैसे अजीर्ण, अपच व मंद पाचक अग्नि में लाभ पहुचती है और वात व कफ में लाभदायक है| इस औषधि के सेवन से फेफड़ो को बल प्राप्त होता है| साथ ही खांसी में भी लाभ मिलता है|
इसमें पाए जाने वाले गुण आपके शरीर को निरोगी बनाये रखने में मदद करते है| यदि आप भी इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते है या इनसे बचाव करना चाहते है तो इस औषधि का सेवन काफी अच्छा रहेगा|
आनन्द भैरव रस के घटक (Anand bhairav ras ke gatak)
- शुद्ध हिंगुल
- शुद्ध विष
- सोंठ
- फुला हुआ सुहागा
- जायफल
- काली मिर्च
- पीपल
- खूब महीन
आनन्द भैरव रस बनाने की विधि (Anand bhairav ras banane ki vidhi)
शुद्ध हिंगुल, शुद्ध विष, सोंठ, फुला हुआ सुहागा, जायफल, काली मिर्च, पीपल, खूब महीन इन सब औषधि को महीन पीस कर वजन कर ले| पहले शुद्ध हिंगुल को खरल में डालकर पीसने के बाद सभी चीजो को उसमे डालकर जम्बीरी नींबू के रस घोटकर और अच्छी तरह से घुट जाने पर गोलिया बना ले |
आनन्द भैरव रस के फायदे (Anand bhairav ras ke fayde)
जीर्ण ज्वर में (Anand bhairav ras for chronic fever)
ज्वर का मतलब बुखार से है| बुखार भी कई तरह के होते है| टायफायड में आने वाला बुखार, मलेरिया का बुखार, निमोनिया में आने वाला बुखार आदि| मलेरिया और टायफायड में आने वाले बुखार जान लेवा बुखार होता है|
यह बुखार बहुत ही खतरनाक होते है क्यों कि कोई कोई बुखार आमतौर से छ: या सात दिन के होते है| पर ये बुखार बहुत समय तक चलने वाले बुखार होते है जो आगे जाकर भयकंर बीमारी का रूप धारण कर लेते है या जीर्ण ज्वर का रूप धारण कर लेते है| कभी कभी तो व्यक्ति की तो मृत्यु तक हो जाती है| तो समय रहते इसका उपचार करने के लिए इस औषधि का प्रयोग किया जाता है|
वात पित्त और कफ में
वात पित्त और कफ ज्वर में व्यक्ति को ठीक तरह से मल मूत्र से प्रवाह नही हो पता है और नींद की कमी होने लगती है| और शरीर कमजोर पड़ने लगता है| वात –पित्त के खराब होने से सीने में जलन, बार बार भूख लगना आदि समस्या आने लगती हैं| इस प्रकार के रोग से बचने के लिए इस आनन्द भैरव रस का प्रयोग किया जाता है
आतिसार में (Anand bhairav ras for diarrhea)
अतिसार या दस्त रोग आमतौर पर वायरस या कभी कभी दूषित भोजन या बासा भोजन करने से होती है| बहुत ही कम मामलो में आंत्र सुजन रोग हो सकता है| दस्त किसी बीमारी के अलावा भी हो सकते है| जैसे कुछ उल्टा सीधा खा लेने से, तरल आहार, भोजन के ठीक तरह से ने पचना, तनाव चिंता, आदि के कारण होता है|
इस रोग के चपेट में बुजुर्ग और बच्चे अधिक आते है और इनकी म्रत्यु भी हो जाती है| यह रोग आपकी प्रतिरोध कम होने के कारण होता है| इस रोग के उपचार आनन्द भैरव का प्रयोग किया जाता है|
पाचन तन्त्र में (Anand bhairav ras for digestion)
तनाव के कारण पुरे पाचन तन्त्र में जलन होने लगती है| जिससे पाचन नली में सुजन आ जाती है और इसका नतीजा यह होता है की पोषक तत्वो का शरीर के काम आना कम हो जाते है और शरीर कमजोर हो जाता है| इस कमजोरी के कारण खून की कमी भी होने लगती है| इस रोग के उपचार के लिए इस रस का उपयोग किया जाता है|
इन्फ्लुएंजा में
यह रोग श्वसन तन्त्र का एक सक्रामक रोग है जिसकी शुरुआत खांसी, जुकाम और हल्के बुखार के साथ होती है| इंफ्लूएंजा वायरस हमारे शरीर में नाक, आँख और मुंह से प्रवेश करता है|यह रोग पीड़ित व्यक्ति के खासते छिकते समय फलता है| इस रोग में होने वाले सिर दर्द, शरीर में कमजोरी आँखों में सुजन आदि से छुटकारा पाने के लिए इस रस का प्रयोग किया जाता है|
अन्य फायदे (Other benefits of Anand bhairav ras)
- मलेरिया में
- टाइफाइड में
- आंखो में सुजन
आनन्द भैरव रस की सेवन विधि (Anand bhairav ras ki sevan vidhi)
एक –एक गोली सुबह और शाम अदरक रस और मधु के साथ के साथ दे|
आनन्द भैरव रस का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (Anand bhairav ras ke sevan ki savdhaniya)
- इस रस को अधिक मात्रा में नही लेना चाहिए
- बच्चो को कम मात्रा में देना चाहिए
- यदि गर्भवती वटी महिला इसका सेवन कर रही है तो आपने चिकित्सक को जरुर बतावे|
- यदि किसी व्यक्ति को पहले से किसी रोग की दवाई चल रही है तो अपने चिकित्सक को जरुर बतावे|
आनन्द भैरव रस की उपलब्धता (Anand bhairav ras ki uplabdhta)
- बेधनाथ
- डाबर
- निरोगम