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औषधी दर्शन

दिव्य ह्र्दयामृत वटी (Divya Hridyamrit vati)

दिव्य ह्र्दयामृत वटी का परिचय (Introduction of Divya Hridyamrit vati)

Table of Contents

दिव्य ह्र्दयामृत वटी क्या हैं? (What is Divya Hridyamrit vati)

दिव्य फार्मेसी द्वारा निर्मित यह एक आयुर्वेदिक औषधि हैं जो कि मुख्य रूप से ह्रदय रोगों (heart disease) में उपयोग की जाती हैं| दिव्य ह्र्दयामृत वटी में अर्जुन के पेड़ की छाल होती हैं जो ह्रदय के लिए अमृत के समान होती हैं|
यह औषधि छोटी से लेकर बड़ी ह्रदय की हर बीमारी को समाप्त करती हैं और ह्रदय को एक नया जीवन प्रदान करती हैं इसलिए इसे ह्र्दयामृत कहा जाता हैं| आज कल अधिकतर वृद्ध लोगो या कई बार कम उम्र वाले लोगो को भी अपने ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए कई प्रकार की गोलिया लेनी पड़ती हैं जो शरीर के दूसरे अंगो पर दुष्प्रभाव डालती हैं|
इस औषधि का सेवन करने पर यह शरीर के अन्य अंगो पर बिना किसी दुष्प्रभाव के ह्रदय रोगों में लाभ दिखाती हैं| इस औषधि के बारे में पूरी जानकारी इस लेख में दी गयी हैं|

दिव्य ह्र्दयामृत वटी के घटक द्रव्य (Divya Hridyamrit vati ke gatak)

  • अर्जुन
  • मकोय
  • पुनर्नवा
  • निर्गुन्डी
  • रास्ना
  • गिलोय
  • चित्रक
  • नागरमोथा
  • वायविडंग
  • छोटी हरड
  • अश्वगंधा
  • पीपलामूल
  • दालचीनी
  • संगेयसव पिष्टी
  • अकीफ पिष्टी
  • प्रवाल पिष्टी
  • मुक्ताशक्ति भस्म
  • जहरमोहरा पिष्टी
  • मुक्ता पिष्टी
ह्र्दयामृत वटी के घटक Herbal Arcade
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दिव्य ह्र्दयामृत वटी के फायदे (Divya Hridyamrit vati ke fayde)

ह्रदयघात में (Divya Hridyamrit vati for heat attack)

  • इस रोग में व्यक्ति का ह्रदय धड़कना अचानक बंद हो जाता हैं| जिसके कारण हार्ट अटैक जैसी समस्या आती हैं| इस रोग के कई कारण हो सकते हैं जैसे ह्रदय तक रक्त का ना पहुँच पाना, ऑक्सिजन समय पर नही मिल पाना, धमनियों में रूकावट आदि|
  • इस औषधि में अर्जुन के पेड़ की छाल मिलायी जाती हैं जो ह्रदय के लिए बहुत अच्छी मानी जाती हैं| ह्रदय से जुड़े रोग में यदि दिव्य ह्र्दयामृत वटी का प्रयोग किया जाता हैं तो रोगी को आराम मिलता हैं|

कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करें

  • व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रोल होना बहुत जरुरी हैं| शरीर में वसा कोलेस्ट्रोल के रूप में उपस्थित होती हैं| कोलेस्ट्रोल दो प्रकार का होता हैं एक तो अच्छा और दूसरा होता हैं बुरा| जब किसी भी व्यक्ति के शरीर में बुरे कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ जाती हैं तो यह जा कर धमनियों में जम जाता हैं|
  • इसके कारण धमनियों में होने वाले रक्त प्रवाह में बाधा आती हैं जिससे ह्रदय से जुडी हुई बहुत सारी समस्याएँ आने लगती हैं| यदि आपको कोलेस्ट्रोल से जुडी समस्या होती हैं तो जिसकी वजह से ह्रदय पर दुष्प्रभाव पड़ता हैं तो आपको इस औषधि का सेवन जरुर करना चाहिए|

धमनी प्रतिचय (coronary artery disease) में उपयोगी

  • जब ह्रदय से शुद्ध और ऑक्सिजन युक्त रक्त को शरीर में पहुँचाने वाली धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं तो यह रोग उत्पन्न होता हैं| धमनियों में कई प्रकार के तत्व जम सकते हैं| इस औषधि का सेवन इस रोग में करने पर ब्लॉक हुई धमनियां धीरे धीरे सही प्रकार से कार्य करने लगती हैं|

धड़कन की गति को नियंत्रित करें

  • यहाँ धड़कन की गति नियमित करने का अर्थ उच्च रक्तचाप और निम्न रक्तचाप को नियंत्रित करना हैं| यह औषधि उच्च रक्त चाप को कम करती करती हैं और निम्न रक्तचाप को भी नियंत्रित करती हैं|

एंजाइना या ह्रदयशूल में

  • सीने में होने वाला दर्द जो किसी ह्रदय रोग का संकेत होता हैं, इसमें यह औषधि काम में ली जाती हैं| कई बार सीने में होने वाले दर्द को व्यक्ति अपच या गैस की समस्या समझ लेता हैं| इसलिए सीने में होने वाले दर्द को कभी भी नजरंदाज नही करना चाहिए और इस औषधि का सेवन करके उसका निदान करना चाहिए|

दिव्य ह्र्दयामृत वटी के अन्य फायदे (Other benefits of Divya Hridyamrit vati)

  • संवहिनी रोग (vascular disease)
  • हृदय वाल्व (heart valve disease)
  • Heart muscle disease
  • कंजेनाइटल हार्ट डिजीज (congenital heart disease)
  • हिमोफिलिया (Hemophilia)
  • धमनी काठिन्य (Atherosclerosis) आदि|
benefits of Divya Hridyamrit vati herbal arcade
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दिव्य ह्र्दयामृत वटी की सेवन विधि (Divya Hridyamrit vati ki sevan vidhi)

  • 1 से 2 गोली का सेवन दिन में दो बार खाना खाने से पहले पानी या दूध के साथ लें|

दिव्य ह्र्दयामृत वटी का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (Divya Hridyamrit vati ke sevan ki savdhaniya)

  • इसका सेवन करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरुर लें क्योंकि चिकित्सक आपके रोग की जीर्ण के आधार पर औषधि का सेवन निश्चित करता हैं|
  • यदि आप किसी और रोग की चिकित्सा भी ले रहे हो तो इसके बारे में चिकित्सक को जरुर बताएं|
  • अधिक मात्रा में इसका सेवन नही करना चाहिए|

ह्रदय को स्वस्थ रखने हेतु पथ्य और अपथ्य :- (What to do eat and do not)

खाद्य पदार्थ खाने योग्य (पथ्य)खाने हेतु योग्य (अपथ्य)
अनाजपुराना चावल, गेहूँ, जौनवीन चावल, मैदा
दालेंसोयाबीन, मटर, मसूर दाल, मूंग, अरहर, ओट्सउड़द
फल एवं सब्जियांलौकी, तोरई, परवल, करेला, कद्दू, टिण्डा, आलू, टमाटर, नीम्बू, ब्रोकली, पालक, अंगूर, अनार, हल्दी, मेथी, जीरा, हरा धनिया, इलायची, दालचीनी, लहसुन, गाजर, सेब, चेरी, स्ट्रॉबरी, नारंगी, केला, काला अंगूर, एप्रिकोट्स, अखरोट, बीन्स, पपीता, शिमलामिर्च, पत्तागोभी, अमरुद, नाशपातीचौलाई, बथुआ, सिंघाड़ा, अरबी, कटहल, बैंगन, शकरकंद, आलू
अन्यअलसी, जैतून तेल, दही, चॉकलेट, अखरोट, मलाई रहित दूध  डिब्बा बंद भोज्य पदार्थ, नमक, पहले इस्तेमाल किया हुआ  तेल, घी, बेकार खाना, देर में पचने वाले भोज्य पदार्थ, ठंडा पानी, शराब, माँसाहार, अण्डा, अचार, फास्ट फ़ूड विरुद्ध आहारदूध + मछली

दिव्य ह्र्दयामृत वटी की उपलब्धता (Divya Hridyamrit vati ki uplabdhta)

• दिव्य फार्मेसी दिव्य ह्र्दयामृत वटी