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गोमूत्र (Gomutra) के चौंका देने वाले फायदे जाने यहाँ

गोमूत्र का परिचय (Introduction of Gomutra)

Table of Contents

गोमूत्र क्या है? (What is Gomutra?)

वे सभी लोग गोमूत्र का नाम सुनकर मुंह बनाते हैं जो इसके फायदों के बारे में नहीं जानते हैं| जो लोग इसके फायदों के बारे में जानते हैं वह निश्चित रूप से ही गोमूत्र का रोजाना सेवन करते हैं| आयुर्वेद में गोमूत्र को एक महा औषधि का दर्जा दिया गया है| गोमूत्र के सेवन से आप लगभग सभी प्रकार की बीमारियों को दूर कर सकते हैं|भारतीय संस्कृति में गोमूत्र को पूजा पाठ से लेकर मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाने में भी काफी काम में लिया जाता है| गोमूत्र के इतने सारे फायदे है जिनकी परिकल्पना भी शायद मनुष्य नहीं कर सकता| आयुर्वेद में इसे अमृत का दर्जा दिया गया है|

आज के दौर में जिन बीमारियों का इलाज नहीं है आयुर्वेद में उनका इलाज गोमूत्र के माध्यम से किया जाता है| गोमूत्र में बहुत सारे ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बीमारियों का समापन कर सकते हैं| गोमूत्र बहुत आसानी से उपलब्ध होने वाली महा औषधि होती है| जरूरत है तो बस इसके फायदों के बारे में जानकर इसके लाभ उठाने की| आइए आपको भी गोमूत्र और उससे होने वाले फायदों से परिचित कराते हैं जिन्हें जानकर आप भी शत-प्रतिशत गोमूत्र का सेवन जरूर शुरू कर देंगे|

गोमूत्र में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Gomutra ke poshak tatv)

  • नाइट्रोजन
  • सल्फर
  • ताम्बा
  • आयरन
  • फास्फेट
  • सोडियम
  • पोटेशियम
  • मेगनीज
  • कैल्शियम
  • नमक
  • विटामिन A,B,C,D,E
  • जल
  • स्वर्ण क्षार आदि|
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गोमूत्र के फायदे (Gomutra ke fayde)

कैंसर में लाभदायक गोमूत्र का सेवन (Gomutra for cancer)

  • वर्तमान काल में यदि कैंसर अधिक बढ़ गया हो तो उसका कोई इलाज नहीं है| लेकिन आयुर्वेद में गोमूत्र से कैंसर का इलाज किया जाता है| गोमूत्र में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है| इसके लिए रोज दिन में दो बार आप गोमूत्र का सेवन कर सकते हैं|

वजन घटाएं (Gomutra for weight loss)

  • कई बार लोग वजन घटाने के लिए भिन्न भिन्न प्रकार की दवाओं का प्रयोग करने लगते हैं जिससे उनके शरीर के अन्य अंगों को हानि पहुंच सकती है| ऐसे में यदि वजन घटाने के लिए आप गो मूत्र का सेवन करते हैं तो इससे वजन भी घटेगा तथा शरीर के अन्य अंगों पर दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ेगा|

कब्ज को दूर करें गोमूत्र (Gomutra for constipation)

  • आजकल कब्ज़ एक बहुत ही आम समस्या हो गई है जो पानी की कमी या खान-पान मैं बदलाव के कारण होती रहती है| जब यह समस्या अधिक बढ़ जाती है तो एक बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है| कब्ज के लिए यदि आप गो मूत्र का सेवन करते हैं तो इससे कब्ज दूर की जा सकती हैं|

पेट और आंतों की कीड़ों को दूर करें (Gomutra for stomach bugs)

  • आंतों या पेट में यदि कीड़े हो तो शरीर धीरे-धीरे कुपोषित होता जाता है| ऐसे में यदि आधे चम्मच अजवाइन के साथ चार चम्मच गो मूत्र का सेवन किया जाता है तो पेट के कीड़ों को खत्म किया जा सकता है|

पेट से जुड़ी हुई समस्याओं में (Gomutra for stomach problems)

  • पेट या पाचन के कारण होने वाली समस्या जैसे अपच, दस्त या पेट दर्द में यदि गो मूत्र का सेवन किया जाता है तो इन सभी समस्याओं को दूर किया जा सकता है|

रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाएं (Gomutra for immunity)

  • गोमूत्र का सेवन करने वाले व्यक्ति की रोगों से लड़ने की क्षमता काफी अच्छी होती है| गोमूत्र में काफी अच्छी मात्रा में प्रतिजैविक, कवर रोधी, प्रति जीवाणु जैसे गुण पाए जाते हैं जो रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं| यदि आप भी रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं तो सुबह शाम ताजे गोमूत्र का सेवन करें|

त्वचा संबंधी रोगों में लाभ दें (Gomutra for skin disease)

  • गिलोय के काढ़े में गोमूत्र डालकर सेवन किया जाता है तो इससे सभी प्रकार के त्वचा रोगों में लाभ मिलता है|
  • इसके अलावा यदि उबटन में गोमूत्र मिलाकर शरीर पर लेप किया जाता है तो इससे त्वचा में निखार आता है साथ ही झुर्रियों का भी शमन होता है| गोमूत्र में पाए जाने वाले एंटी एजिंग गुणों के कारण यह संभव हो पाता है|

मधुमेह में लाभदायक गोमूत्र (Gomutra for diabetes)

  • मधुमेह के रोगी भी गोमूत्र का सेवन बिना किसी झिझक के कर सकते हैं| यह एक महा औषधि है जो मधुमेह है जैसे रोग मैं भी लाभदायक होती है| यदि आप ताजे गो मूत्र का सेवन करते हैं तो यह है और भी अच्छा होगा|

हृदय संबंधी रोगों में लाभदायक (Gomutra for heart)

  • गोमूत्र का सेवन हृदय संबंधी रोगों में काफी अच्छा माना जाता है| इसके साथ ही यह उच्च रक्तचाप की समस्या को कम करने में भी काम में लिया जा सकता है| यदि आप अर्जुन के काढ़े में गो मूत्र मिलाकर सेवन करते हैं तो यह ह्रदय रोगों को नष्ट करता है|

पीलिया रोग में (Gomutra for jaundice)

  • पीलिया होने पर यदि कुछ दिनों तक प्रातः काल खाली पेट गो मूत्र का सेवन किया जाता है तो इससे पीलिया रोग का शमन किया जा सकता है|

जोड़ों में होने वाले दर्द का समापन करें (Gomutra for joints pain)

  • जोड़ों में यदि दर्द होता हो तो इसके लिए आप गो मूत्र से सेक भी कर सकते हैं| इसके अलावा आप गोमूत्र में सोंठ मिलाकर भी सेवन कर सकते है इसे जल्द ही आपके जोड़ों का दर्द कम होना शुरू हो जाएगा|

यकृत और प्लीहा की वृद्धि को रोके गोमूत्र (Gomutra for liver and spleen)

  • यकृत और प्लीहा की वृद्धि पर यदि आप रोक लगाना चाहते हैं तो ऐसे में आप पुनर्नवा के काढ़े में गो मूत्र मिलाकर सेवन कर सकते हैं| यह लीवर और प्लीहा को एक नया जीवन प्रदान कर उनकी रक्षा करेगा|

घाव को भरे (Gomutra for wound)

  • त्वचा पर घाव हो जाने पर गोमूत्र एक बहुत ही अच्छी औषधि मानी जाती है| गोमूत्र से यदि घाव को धोया जाता है तो यह घाव का शोधन करता है तथा घाव को जल्दी भरने में मदद मिलती हैं| इसमें पाए जाने वाले एंटीफंगल्स और एंटी इन्फ्लामेट्री गुणों के कारण सूजन तथा घाव का शोधन होता है|

अर्श या बवासीर में (Gomutra for piles)

  • अर्श या बवासीर में यदि गोमूत्र से मस्सों को धोया जाता है तथा गोमूत्र का सेवन किया जाता है तो इससे बवासीर में लाभ लिया जा सकता है|

खून की कमी को दूर करें (Gomutra for anemia)

  • शरीर में होने वाले खून की कमी में भी गोमूत्र का काफी अच्छा उपयोग देखा गया है| गो मूत्र में आयरन पाया जाता है जो शरीर में होने वाले खून की कमी को दूर कर सकता है|

अपस्मार या मिर्गी की समस्या में (Gomutra for epilepsy)

  • अपस्मार या मिर्गी में भी गोमूत्र का काफी अच्छा उपयोग देखा गया है तथा इसके कई सफल परिणाम भी देखे गए हैं|अपस्मार के रोगी को यदि गो मूत्र और ब्राह्मी चूर्ण का सेवन कराया जाता है तो इससे लाभ मिलता है|

किडनी की पथरी का शमन करें (Gomutra for calculus of kidney)

  • गो मूत्र का सेवन कैलशियम ऑक्सलेट तथा कैलशियम फास्फेट में कुछ हद तक कमी ला सकता है जो किडनी में होने वाली पथरी का कारण होते हैं| इसी कारण यह किडनी की पथरी को दूर कर सकता है|

थायराइड में गोमूत्र (Gomutra for thyroid)

  • थायराइड की समस्या का मुख्य कारण आयोडीन की कमी होता है| गोमूत्र में आयोडीन पाया जाता है जो थायराइड की समस्या होने से बचाव करता है| यदि आप इस समस्या से पीड़ित है तो गो मूत्र का सेवन कर सकते हैं|

बालों के लिए (Gomutra for hairs)

  • यदि आप गिरते बालों तथा बालों में होने वाले रूसी से परेशान है तो गोमूत्र से बालों को धोएं| इससे बालों का गिरना कम होगा तथा साथ ही रूसी और बालों में होने वाली जूं का भी शमन होगा|

दांतों के लिए गोमूत्र (Gomutra for teeth)

  • पायरिया या दांतो से संबंधित अन्य समस्याएं होने पर यदि गो मूत्र से कुल्ला किया जाता है तो इन सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है|

गोमूत्र की सेवन विधि (Gomutra ki sevan vidhi)

  • 10-15ml सुबह खाली पेट

गोमूत्र के सेवन की सावधानियां (Gomutra ke sevan ki savdhaniya)

  • देशी गाय के मूत्र का सेवन करें
  • गो मूत्र के लिए जंगल में चरने वाली गाय अच्छी रहती है|
  • एक साल से कम आयु वाली बछिया का मूत्र सर्वोत्तम रहता है|
  • सदैव ताजे गो मूत्र का हि सेवन करें|
  • निरोगी गाय का मूत्र हि लें|
  • गाय के मूत्र को सूती कपडे की सहायता से छान लेना चहिये|
  • अधिक पित्त प्रकृति वालों को गो मूत्र का सेवन नहीं करना चहिये| इससे पित्त बढ़ने की सम्भावना रहती है|
  • इसके अधिक सेवन से पेट में छालें हो सकते है|
  • गाय के मूत्र को अच्छे से शुद्ध करके हि पीना चहिये| गाय का मूत्र यदि गोबर के संपर्क में आया हो तो उसमे इकोलाइटीस नामक बेक्टीरिया फैलने की सम्भावना अधिक रहती है| जिससे अन्य बीमारियाँ भी उत्पन्न हो सकती है|

गोमूत्र का शुद्धिकरण क्यों जरुरी है?

गो मूत्र और गोबर यदि संपर्क में आते है तो इससे गोबर में उपस्थित बेक्टीरिया गो मूत्र में आ जाते है| इनकी तादाद बहुत तेजी से बढती है| यदि इसे शुद्ध करके उपयोग नहीं किया जाता है तो इससे अन्य बीमारियाँ जन्म ले सकती है|

अधिकतर लोग गोमूत्र का सेवन उसमे आने वाली गंध के कारण नही कर पाते है| आज यहाँ आपको बताया जायेगा की किस प्रकार आप गोमूत्र में से आने वाली गंध और अवांछित बेक्टीरिया को हटा कर उसे पीने योग्य बना सकते है| आज कल गोमूत्र का अर्क भी आने लगा है ये भी एक अच्छा विकल्प है परन्तु ताजा गो मूत्र गुणों की तुलना में अर्क से अधिक गुणकारी व श्रेष्ठ होता है। क्योकि अर्क बनाने की विधि (distillation) में गोमूत्र में उपस्थित अशुद्धियों के साथ उसके पोषक तत्वों में भी कमी आ जाती है।

शुद्धिकरण का तरीका

सबसे पहले यह जान लेते है की गो मूत्र में से गंध क्यों आती है? असल में गो मूत्र में अमोनिया और यूरिया पाया जाता है जो गंध को उत्पन्न करता है| इस गंध के कारण काफी लोग इसका सेवन नही कर पाते है| यूरिया भी धीरे धीरे अमोनिया में बदलने लगता है जिससे गंध और भी तेज हो जाती है| अमोनिया और यूरिया दोनों को ही एसिड या अम्ल से खत्म किया जा सकता है| इसके लिए आप गो मूत्र में निम्बू का सत डाल सकते है| जब इसका ph मान 4.8 के आसपास आ जाये तो मतलब है कि इसमें अमोनिया और यूरिया समाप्त हो चूका है| इसका स्वाद अब निम्बू के रस के समान होगा तथा इसकी गंध भी समाप्त हो जाएगी |

इसके साथ हि इसमें उपस्थित अवांछित बेक्टीरिया को समाप्त करने के लिए इसमें विटामिन C तथा लैक्टिक एसिड को डालें| इसके अलावा आप स्वाद के लिए इसमें पुदीने का तेल भी डाल सकते है| इसके बाद यदि आप इसका सेवन करते है तो इसमें गंध बिलकुल नहीं रहेगी साथ ही इसका स्वाद भी काफी अच्छा हो जायेगा| अब यह पूरी तरह से शुद्ध है|

यदि आप यह सब करने में असमर्थ है तो कम से कम 1 बड़े सूती कपडे को 8 पड या (कपडे को 3 बार बराबर fold) करके छान ले, और तुरंत उपयोग में ले |

गोमूत्र से निर्मित औषधियां

  • गोधन अर्क
  • पंचगव्य
  • पंचामृत
  • विभिन्न औषधियों के शुद्धिकरण हेतु

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