Vasarishta: Know how to end the 6 diseases that trouble you in your daily life
Vasarishta का परिचय (Introduction of Vasarishta: Benefits, dosage)
वासारिष्ट क्या हैं?? (Vasarishta kya hai??)
Vasarishta एक आयुर्वेदिक औषधि हैं जिसका मुख्य घटक वासा होता हैं| इस औषधि का मुख्य कार्य श्वसन के संक्रमण को खत्म करने, खांसी को दूर करने तथा कफ को पतला करना होता हैं| सरल भाषा में कहें तो यह औषधि त्रिदोष का संतुलन करती हैं| रक्तस्त्राव के रोगों में भी यह औषधि लाभदायक साबित हुई हैं|
इस औषधि में कई ऐसे आयुर्वेदिक तत्व मिलाएं जातें हैं जो इन सब रोगों से लड़ने में हमारी मदद करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं| भूख ना लगना, रक्त पित्त जैसी समस्याओं में भी यह औषधि मददगार होती हैं| इन सब समस्याओं के अतिरिक्त आवाज़ में कमी, गले में दर्द, गले में सूजन, जैसी परेशानियां इस औषधि के माध्यम से दूर हो सकती हैं| स्त्रियों के बांझपन की समस्या और पुरुषो में वीर्य की कमी भी इस औषधि के नियमित सेवन से दूर हो जाती हैं|
वासारिष्ट औषधि के घटक द्रव्य (Vasarishta ke ghatak)
- Jaggery
- वासा पंचांग
- metal flower
- cinnamon
- Cardamom
- bay leaf
- Nagkesar
- कंकोल
- नेत्रबाला
- Saunth
- black pepper

वासारिष्ट औषधि बनाने की विधि (Vasarishta banane ki vidhi)
इस औषधि को अरिष्ट विधि द्वारा बनाया जाता हैं| सबसे पहले वासा पंचांग को कूट कर उचित मात्रा में पानी के साथ पका कर काढ़ा बनायें| डाले गये जल की चौथाई मात्रा शेष रह जाने पर इसे ठंडा कर लें| अब इस मिश्रण में बाकी बची सारी औषधियों का यवकूट बना कर डाल दें| किसी मिट्टी के चिकने पात्र में इस औषधि को एक महीने के लिए छोड़ दें| लगभग एक महीने बाद यह औषधि तैयार हो जाती हैं| अब इस औषधि का सेवन किया जा सकता हैं|
वासरिष्ट औषधि के उपयोग और फायदें (Vasarishta ke fayde)
श्वसन संक्रमण को खत्म करें
यह औषधि की सांस से जुडी हुई हर समस्या से निपटने का एक रामबाण इलाज़ हैं| दमा और पुरानी खांसी में इस औषधि का उपयोग अत्यंत उपयुक्त रहता हैं| श्वसन नलिका और श्वसन तंत्र में किसी भी प्रकार का अवरोध हो या संक्रमण सारी समस्याएँ इस औषधि के माध्यम से बहुत ही जल्द समाप्त हो सकती हैं|
श्वसन से जुडी परेशानी आने पर व्यक्ति का कभी कभी सांस लेना मुश्किल हो जाता हैं वासरिष्ट औषधि के सेवन करने पर यह इस समस्या को समाप्त करने में मदद करती हैं | वासरिष्ट औषधि मुख्य रूप से सांस की समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोग में ली जाती हैं|
सामान्य जुखाम में मददगार
Vasarishta औषधि सामान्य जुखाम में भी फायदेमंद हती हैं| लोग अक्सर सामान्य जुखाम होने पर आयुर्वेदिक औषधि का उपयोग ना करके किसी दूसरी दवाइयों का उपयोग करते हैं| इन दवाइयों का उपयोग करने से कुछ समय के लिए तो यह समस्या टल जाती हैं परन्तु फिर वापस से वही समस्या आ जाती हैं|
दूसरी दवाइयों का उपयोग कुछ समय की राहत के साथ साथ शरीर में हानि भी कर देता हैं| सामान्य जुखाम होने पर वासारिष्ट औषधि का प्रयोग करने पर यह सारे विषाक्त पदार्थो को शरीर से बाहर ही नही निकालती बल्कि इनके द्वारा हुई हानि की भी यह औषधि भरपाई कर देती हैं |
गले की समस्याओं में
गले की समस्या जैसे आवाज़ में कमी, गले में दर्द, शुष्क गला या गले में सूजन जैसी बिमारियों से यह औषधि मुक्ति दिलाने में मददगार हैं| कफ के कारण कभी कभी गले में खराश हो जाती हैं| यह औषधि कफ को पतला करने का काम भी करती हैं| वासरिष्ट का सेवन करने से गले में हो रही छोटी से बड़ी बीमारी तक का भी संधान हो सकता हैं|

मौसमी बुखार से छुटकारा दिलाएं
कमजोर व्यक्ति को मौसम के चलते बुखार या अन्य छोटी बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं| इस प्रकार व्यक्ति का शरीर और भी कमजोर होता जाता हैं| इस स्थिति में व्यक्ति को Vasarishta औषधि का सेवन करना चाहिए| यह औषधि शरीर से विषाक्त पदार्थो को शरीर से बाहर निकाल कर मौसमी बिमारियों से छुटकारा दिलाती हैं और कमजोर व्यक्ति को बलवान बनाती हैं|
Strengthen the digestive system
यह औषधि पाचन तंत्र को संतुलित करने की बहुत ही बढ़िया औषधि हैं| यह बिना कोई दुष्प्रभाव किये पाचन शक्ति को बढाती हैं| पाचन शक्ति के कम होने पर अपच, गैस जैसी समस्याए हो जाती हैं | कई बार अत्यधिक पीड़ा दायक पेट दर्द से भी गुजरना पड़ सकता हैं|
इसी कारण पाचन शक्ति कमजोर नही होनी चाहिए| वासारिष्ट औषधि पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं| यह औषधि शरीर के भीतर जा कर मंद पाचक अग्नि को बढाती हैं जिस कारण भोजन का पाचन आसानी से होने लगता हैं| भोजन का पाचन आसानी से हो जाने के कारण अपच और गैस तथा पाचन शक्ति के कमजोर होने के कारण हो रही सारी समस्याए हल हो जाती हैं|
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं
यदि किसी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो और उसे कई रोग बार बार घेर रहे हो तो ऐसी स्तिथि में व्यक्ति को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास में वृद्धि करनी ही चाहिए| यह औषधि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए बहुत ही सरल और अचूक उपाय हैं| इस औषधि का सेवन करने से यह व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करती हैं जिससे मनुष्य रोगों से दूर रहता हैं और एक स्वस्थ जीवन जीता हैं|
वासारिष्ट औषधि के सेवन का प्रकार और मात्रा (Vasarishta ki sevan vidhi)
age | amount |
For the kids | 5 to 10 ml |
For adults | 10 to 25 milliliters |
how many times a day take | twice a day in the morning and evening |
Proper time of intake | After eating food |
whom to take with | with lukewarm water |
Duration of intake | as advised by the doctor |
वासारिष्ट औषधि का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (vasarishta ke sevan ki savdhaniya)
- इस औषधि का सेवन गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नही करना चाहिए|
- Keep this medicine away from moisture.
- इसके सेवन से पहले चिकित्सक से सलाह जरुर लें|
- औषधि का सेवन बराबर मात्रा में पानी के साथ ही करें|
- औषधि को अधिक मात्रा में ना लें|
वासारिष्ट औषधि की उपलब्धता (vasarishta ki uplabdhta)
- बैधनाथ वासारिष्ट
- बेसिक आयुर्वेदा वासारिष्ट
- कोट्टकल वासारिष्ट
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