12 Tips for Making the Most of आम्रातक (Amratak)
आम्रातक का परिचय (Introduction of Amratak)
आम्रातक क्या है? (Amratak kya hai?)
आज हम जानेंगे आम की तरह ही दिखने वाले एक वृक्ष आम्रातक के बारे में| जिस प्रकार आम के को आयुर्वेद में एक औषधि मान कर रोगों का उपचार किया जाता है उसी प्रकार इसे भी आयुर्वेद में एक दिव्य औषधि बताया गया है|
भारत में यह उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में पाया जाता है| इस वृक्ष के सभी भागों को रोगों का निदान करने में काम में लिया जाता है| अधिकतर लोग इसे नही जानते है और यदि वे इसे जानते भी है तो भी वह इसके दिव्य गुणों से अछूते रह जाते है|
यह कच्ची और पकी हुई दोनों ही अवस्थाओं में बहुत उपयोगी होता है| ऐसे में आज हम विस्तार से पढेंगे कि इस पेड़ में ऐसे क्या गुण या तत्व पायें जाते है जिनके कारण इसका उपयोग छोटे से बड़े रोगों तक के उपचार में किया जाता है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Amratak ki akriti)
खुशबु से भरे इस वृक्ष की ऊंचाई लगभग 23 से 24 मीटर के आस पास होती है| इस वृक्ष की छाल पीपल के पेड़ की छाल के समान होती है| इसकी छाल से निकलने वाले गोंद को यदि पानी में डाला जाये तो वह फैलने लगता है| इसकी लकड़ी मजबूत न होने के कारण जल्दी टूट जाती है|
इस वृक्ष के फूलों के बीच में फल लगे होते है| इसके फूल सफ़ेद, गुलाबी और हरे रंग के हो सकते है| आम की तरह इसके फल का अचार और चटनी भी बनाई जाती है|
आम्रातक में पायें जाने वाले पोषक तत्व (Amratak ke poshak tatva)
- प्रोटीन
- कैल्शियम
- फास्फोरस
- आयरन
- शर्करा
- आयोडीन
- विटामिन A, C, B1, B2, B6 आदि
आम्रातक के सामान्य नाम (Amratak common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Spondias pinnata |
अंग्रेजी (English) | Common hog plum |
हिंदी (Hindi) | अम्बाड़ा, अमड़ा, अमरा, आमड़ा |
संस्कृत (Sanskrit) | आम्रातक, पीतन, मर्कटाम्र, कपीतन |
अन्य (Other) | आमडा (बंगाली) आम्बूला (उड़िया) अम्बालम (मलयालम) अमारा (नेपाली) अंबालमु (तेलुगु) |
कुल (Family) | Anacardiaceae |
आम्रातक के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Amratak ke ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | वातशामक (pacifies vaat) कफपित्तवर्धक (increase cough, pitta) |
रस (Taste) | कषाय (astringent), मधुर (sweet), अम्लीय (sour) |
गुण (Qualities) | गुरु (heavy), स्निग्ध (oily) |
वीर्य (Potency) | उष्ण (hot) (कच्चा फल), शीत (cold) (पका फल) |
विपाक(Post Digestion Effect) | मधुर (sweet) |
अन्य (Others) | रुचिकारक, वातशामक, रक्तविकार कारक |
आम्रातक के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Amratak ke fayde or upyog)
मासिक धर्म के दौरान आने वाली समस्याओं में (Amratak for menstrual problem)
- कई महिलाओं और युवतियों को मासिक धर्म के दौरान बुखार, बदन दर्द, पेट दर्द आदि समस्याएँ रहती है| ऐसे में इस औषधि की जड़ का सेवन करने से इन समस्याओं से निजात मिलता है|
पाचन शक्ति को बढ़ाये (Amratak for strong digestion)
- जिन लोगो की पाचन शक्ति कमजोर होती है उन्हें इस औषधि के पके हुए फल का सेवन करना चाहिए| इसके पके हुए फल में पाचक अग्नि को बढ़ाने वाला गुण होता है जिसके कारण पाचन शक्ति मजबूत होती है और भोजन पचने में भी आसानी होती है|
ह्रदय रोगों में लाभदायक आम्रातक (Amratak for heart disease)
- ह्रदय रोगों से पीड़ित व्यक्ति इस औषधि का सेवन कर के ह्रदय रोगों से राहत पा सकते है| इसके साथ ही इसके सेवन से ह्रदय को बल भी मिलता है|
नकसीर में (Amratak for blood bile)
- नकसीर या रक्तपित्त से परेशान लोगो को इस औषधि के पके हुए फलों का सेवन करना चाहिए| पके हुए फल रक्त को साफ़ और पित्त को शांत करते है|
बुखार में लाभदायक आम्रातक (Amratak for fever)
- बुखार आना किसी भी रोग या संक्रमण की पहचान हो सकती है| ऐसे में बुखार को समाप्त करने के लिए इस औषधि का काढ़ा बना कर दिन में दो बार पीना चाहिए| इससे जल्द ही बुखार का शमन होता है|
घाव जल्दी भरने के लिए आम्रातक का प्रयोग (Amratak for wound)
- गंभीर चोट और मधुमेह के रोगियों को लगी चोट के घाव भरने में बहुत वक्त लगता है जिससे संक्रमण का खतरा अधिक होता जाता है| यदि इस औषधि के पत्तों या फल का लेप बना कर घाव पर लगाया जाता है तो घाव जल्दी भरते है| इसके अलावा इस लेप को कई और त्वचा रोगों में भी प्रयोग किया जा सकता है|
आमवात और गठिया में (Amratak for gout)
- इन दोनों रोगों के लक्षणों में जोड़ो में दर्द, सूजन, पीड़ा जैसे लक्षण देखने को मिलते है| ऐसे में यदि इस औषधि की छाल का पेस्ट बना कर प्रभावित स्थान पर लगाना चाहिए| इससे रोगी को राहत मिलती हैं|
सूजाक में लाभदायक आम्रातक
- सूजाक रोग का शमन करने के लिए इस औषधि की छाल का काढ़ा बना कर पीना चाहिए| इससे जल्द ही इस रोग का समापन होता है|
एसिडिटी का समापन करे (Amratak for acidity)
- आज कल के खान पान और अस्वस्थ स्वास्थ्य के कारण कई लोगो को एसिडिटी का सामना करना पड़ता है जिसके कारण खट्टी डकारें, सीने में जलन होती है| इसे दूर करने के लिए इस औषधि के फलों के रस में शक्कर डाल कर हफ्ते भर तक दिन में दो बार लेना चाहिए|
दस्त पर रोक लगाये आम्रातक (Amratak for diarrhea)
- अतिसार या दस्त को बंद करना बहुत जरुरी होता है वरना व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी हो जाती है| इसे बंद करने के लिए आम्रातक से निर्मित काढ़े का सेवन उपयुक्त रहता है|
- इसके अलावा यदि इसके पत्तों से बने चूर्ण का सेवन कर के भी दस्त बंद की जा सकती है|
गले से सम्बंधित रोगों में (Amratak for throat problems)
- गले से जुड़े रोग में यदि आम्रातक के कच्चे फलों का सेवन कराया जाता है तो रोगों का शमन होता है| इसके साथ व्यक्ति भी स्वस्थ होता है|
कान दर्द में लाभदायक आम्रातक (Amratak for ear ache)
- कान दर्द से पीड़ित रोगी के कान में यदि इस औषधि के पत्तों से निर्मित रस को डाला जाता हैं| तो कान दर्द का शमन होता है|
आम्रातक के उपयोगी भाग (important parts of Amratak)
- पत्ते
- फल
- जड़
- छाल
सेवन विधि (Dosages of Amratak)
चूर्ण- 1 से 5 ग्राम के बीच या चिकित्सक के अनुसार