गन्ना (Ganna)
गन्ना का परिचय:(Introduction of Ganna)
गन्ना क्या है? (Ganna kya hai?)
गर्मी से राहत देने वाले वैसे तो कई पदार्थ होते है लेकिन कुछ खाद्य पदार्थो या फलों की तो बात ही अलग होती है| उन्ही में से एक है गन्ना | गन्ने का स्वाद जो एक बार चख लेता है पूरे जीवनभर उसे याद रखता है और बड़े ही चाव से इसे खाता भी है|
गन्ने का प्रयोग विवाह के दौरान, दीपावली की पूजा आदि में भी धर्मिक मान्यता के अनुसार किया जाता है| इसे खाने में थोड़ी मेहनत लगती है परन्तु इसके रस की तरह ही मेहनत का फल भी मीठा होता है| गुड़ जिसे कई चीज़ों में उपयोग में लिया जाता है गन्ने से ही बनता है| इसे भी धार्मिक कार्यो में काम में लिया जाता है|
आप जानकार शायद हैरान होंगे कि गन्ने का सेवन रोगों का शमन करने के लिए भी किया जाता है| एक आम इन्सान के लिए यह आश्चर्यजनक बात होती है| आज हम आपको बताएंगें कि किस प्रकार आप गन्ने के सेवन से अपने जीवन में स्वस्थता की मिठास भर सकते है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Ganna ki akriti)
यह लगभग तीन मीटर तक लम्बा हो सकता है| इसका तना हरा, बैंगनी रंग का और रसीला होता है| बाहर से यह कठोर होता है| इसे ही खाने में, रस बनाए में, गुड़ बनाने में,शक्कर बनाने में काम में लिया जाता है| इसके पत्तें लम्बे और हरे रंग के होते है जो धारदार होते है| इसके फूल बड़े और त्रिभुज या पिरामिड जैसे दिखते है| इसके फूल छोटे और आकार में गोल होते है|
गन्ने में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Ganna ke poshak tatva)
- कैल्शियम
- पोटेशियम
- मैग्नीशियम
- फास्फोरस
- फाइबर
- आयरन
- कार्बोहाइड्रेट
- प्रोटीन
गन्ना के सामान्य नाम (Ganna common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Saccharum officinarum |
अंग्रेजी (English) | Noblecane, sugar cane,North Indian sugarcane |
हिंदी (Hindi) | पुण्डिया, पोण्डा, गन्ना, ईख, ऊँख |
संस्कृत (Sanskrit) | पुण्ड्रक, अधिपत्र, असिपत्र, इक्षु, रसालु, विपुल रस, दीर्घच्छद, गुडमूल |
अन्य (Other) | रिखू (उत्तराखंड) आकु (उड़िया) इक्षु (कन्नड़) नैशाकर (गुजराती) ईख (पंजाबी) |
कुल (Family) | Poaceae |
गन्ना के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Ganna ke ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | वातपित्तशामक (pacifies vata and pitta), कफवर्धक (increase cough) |
रस (Taste) | मधुर (Sweet) |
गुण (Qualities) | गुरु (heavy), स्निग्ध (oily) |
वीर्य (Potency) | शीत (cold) |
विपाक(Post Digestion Effect) | मधुर (sweet) |
अन्य (Others) | सारक, कृमिकर, बल्य, मूत्रल, वृष्य |
गन्ना के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Ganna ke fayde or upyog)
खून की कमी दूर करें गन्ना (Ganna for anemia)
- किसी प्रकार के ओपरेशन, गंभीर चोट, मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव से खून की कमी हो सकती है| इसके सामान्य लक्षण होते है जिसे लोग नज़रन्दाज कर देते है| गन्ना का सेवन खून की कमी पूरा करने का एक अच्छा स्रोत होता है|
- जौ के सत्तू को गन्ने के शुद्ध रस के साथ लेने से खून की कमी दूर होती है| इसके अलावा यदि नियमित रूप से ताजा गन्ने के रस का सेवन किया जाता है तो इससे भी खून बढ़ता है| गन्ने में आयरन पाया जाता है जो खून की कमी को पूरा करने में सहायक होता है|
मूत्र रोगों का शमन करें (Ganna for urinary disease)
- गन्ने की जड़ के रस को पीने से मूत्र त्याग करते समय आने वाली सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है| इसे आप दिन में दो बार ले सकते है|
- आमलकी, गन्ने और मधु के रस को अच्छे से मिलाकर पीने से जलन, दर्द, कठिनाई आदि समस्याओं का समाधान होता है|
- गुनगुने पानी में गन्ने से बनी गुड़ और जौ का यवक्षार मिला लें| इसका सेवन मूत्र रोगों में करने से लाभ मिलता है|
अम्लपित्त या एसिडिटी में (Ganna for acidity)
- अधिक गर्म, तीखा, तला हुआ भोजन का सेवन या अधिक देर तक भूखे रहने के बाद इन सबका सेवन आपके अम्लपित्त का कारण बन सकता है| ऐसे में गन्ने के रस का सेवन करना आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है|
ह्रदय के लिए लाभदायक गन्ना का सेवन (Ganna for heart)
- इसके रस का सेवन आपके ह्रदय को ताकत देता है| इसमें उपस्थित पोषक तत्व में पोटेशियम, फास्फोरस होता है जो ह्रदय के लिए लाभदायक होता है| यदि आप इसके रस का नियमित रूप से सेवन करते है तो ह्रदय को बल मिलता है| आप गन्ने से बने हुए गुड़ का सेवन भी उचित मात्रा में कर सकते है|
पीलिया का शमन करे (Ganna for jaundice)
- पूरी रात ओस में रखे हुए गन्ने को टुकड़ों को सुबह मुंह धो कर चूस लें| इससे पीलिया या कामला में कुछ ही दिनों में अंतर दिखने लगता है|
गर्मी और जलन में गन्ना (Ganna for body heat and irritation)
- गर्मी और शरीर में किसी प्रकार की जलन होंने पर ताजे गन्ने के रस का दिन में एक से दो बार तक सेवन करें|
- गन्ने से बने हुए गुड़ को जल में घोलकर साफ़ करके पीने से अन्तरदाह का शमन होता है|
त्वचा के लिए (Ganna for skin)
- जो लोग नियमित रूप से गन्ने या गुड़ का सेवन करते है तो उनकी त्वचा को आप हमेशा निखरी हुई पाएंगे| यदि आप भी अपनी त्वचा को निखारना चाहते है तो इसका सेवन अच्छा स्रोत रहेगा| इसके सेवन से मुहांसों से भी छुटकारा मिल सकता है|
बुखार को कम करे (Ganna for fever)
- गुड़ और पीपल के चूर्ण को दिन में दो बार हल्के गर्म दूध के साथ लेने से शरीर का तापमान सामान्य होगा तथा बुखार भी उतार जायेगा|
दांतों को मजबूती दें गन्ना (Ganna for strong teeth)
- गन्ने में कैल्शियम की प्रचुर मात्रा पायी जाती है| यदि आप भी कमजोर दांतों से बदलकर अपने दांतों को मजबूत बनाना चाहते है तो इसका सेवन आपके लिए काफी हद तक फायदेमंद साबित होगा|
पाचन को मजबूत बनाये (Ganna for digestion)
- गन्ने के रस को गर्म कर के एक बार उबाल लें| अब इसका सेवन सात दिनों के बाद करें| इससे आपकी पाचन क्रिया में सुधर आएगा जिससे पाचन तंत्र में भी मजबूती आएगी| गन्ने में फाइबर पाए जाने के कारण यह पाचन क्रिया सुचारू रूप से होती रहती है|
रक्तपित्त या नकसीर में (Ganna for blood bile)
- गन्ने के रस का सेवन आपको रक्तपित्त से आराम दिला सकता है| इसके सेवन से प्रकुपित पित्त का शमन होता है| इसके साथ ही यह रक्त को भी साफ़ कर इस समस्या से छुटकारा दिलाता है|
कैंसर से बचाव करे गन्ना (Ganna for cancer)
- यदि आप नियमित रूप से गन्ने का किसी न किसी रूप में सेवन करते है तो कैंसर की बीमारी से बचने के आपके अवसर और बढ़ जाते है जिसके चलते आपका कैंसर से बचाव हो सकता है| इसके अलावा कैंसर के रोगी भी इसका सेवन कर सकते है| इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व इससे लड़ने में सहायता प्रदान करते है|
प्रदर सम्बन्धी समस्या में गन्ना
- कुछ दो से तीन साल पुराने गुड़ को आग में जला कर भस्म बना लें| इस भस्म को दिन में एक से दो बार निश्चित मात्रा में लेने से रक्त प्रदर में लाभ मिलता है|
वीर्य विकारों का शमन करे (Ganna for semen disorder)
- गुड़ और आमलकी के चूर्ण को एक साथ लेने से वीर्य की गुणवत्ता और मात्रा में वृद्धि होती है|
कब्ज़ में लाभदायक (Ganna for constipation)
- जौ की डांगी और गुड़ को एक साथ लेने से कब्ज़ में लाभ होता है| इसके अलावा यदि आप नियमित रूप से गुड़ का सेवन करते है तो इससे भी कब्ज़ का शमन मुमकिन हो सकता है|
वात रोगों में गन्ना
- आयुर्वेद के अनुसार शरीर में किसी भी प्रकार का दर्द वात के कुपित हो जाने के कारण ही होता है| इसके चलते गुड़ को उचित अनुपान के साथ लेने से वात रोगों का शमन होता है|
भूख बढ़ाये (Ganna for increase hunger)
- कुछ लोगो को भूख न के बराबर लगती है| ऐसे में उन्हें गुड़ का सेवन करना चाहिए| इससे पाचन तंत्र भी स्वस्थ बना रहता है और भूख भी बढती है|
अस्थमा में गन्ना का सेवन (Ganna for asthma)
- गन्ना से बने गुड़ को बराबर मात्रा में सरसों के तेल के साथ मिलाकर खाने से अस्थमा में जल्द ही लाभ मिलता है| इसके साथ ही श्वसन तंत्र भी मजबूत बनता है|
सिर दर्द में (Ganna for headache)
- दूध में गन्ने से बने हुए गुड़ और तिल्ली को मिलाकर पीस लें| अब इसमें घृत डाल दें| जब भी आप इसका सेवन करे तो इसे गर्म कर के कर सकते है| इससे खाने में भी आसानी रहेगी और सिर दर्द भी दूर होगा|
स्तनों में दूध की वृद्धि करे गन्ना
- कांजी के साथ गन्ने की जड़ का चूर्ण बना कर इन्हें मिलाकर लेने से स्तनों में दूध की वृद्धि होती है जिससे शिशु भी हष्ट पुष्ट रहेगा|
खूनी दस्त में लाभदायक (Ganna for bloody diarrhea)
- दस्त के साथ साथ खून आने की समस्या में यदि इसके रस और अनार के रस को मिलाकर लिया जाता है तो खूनी दस्त में आराम मिलता है|
पीड़ादायक हिचकी में (Ganna for hiccup)
- यह समस्या पाचन तंत्र या श्वसन तंत्र के विकार से उत्पन्न हो सकती है| गन्ने के रस का सेवन हिचकी में लाभ करता है और पीड़ा का भी अंत करता है|
पेट दर्द में (Ganna for stomach)
- एक हफ्ते तक गन्ने के रस को मिटटी के पात्र में बंद कर के रख लें| सात दिनों के बाद उसे बाहर निकाल के छान लें| इसका सेवन 28 से 30 दिन के बाद गुनगुना करके किया जाता है तो पेट दर्द दूर होता है|
नाखूनों की रक्षा करे (Ganna for nails)
- शरीर में कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों की कमी के कारण नाख़ून एक छोटी सी रगड़ या अपने आप ही टूटने लगते है| ऐसे में गन्ने या गुड़ का सेवन करना लाभकारी माना जाता है| इसमें पाया जाने वाला कैल्शियम आपके नाखूनों को पोषण देता है जिसके चलते वे सुन्दर और मजबूत होते है|
नेत्र रोगों के लिए (Ganna for eyes)
- गन्ने के सेवन से कई सारे नेत्र विकारों का शमन किया जा सकता है| यदि आपकी आँखों की रोशनी कम होती जा रही है तो ऐसे में ठन्डे पानी में मिश्री को अच्छे से घिस के आँखों में काजल की तरह लगाना लाभदायक होगा|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Ganna)
- जड़
- काण्ड
- शर्करा
सेवन मात्रा (Dosage of Ganna)
- जूस -20-40 ml
- क्वाथ –50-100 ml