गवेधुका (Gavedhuka)
गवेधुका का परिचय: (Introduction of Gavedhuka)
गवेधुका क्या है? (What is Gavedhuka?)
आमतौर पर लोग गवेधुका के नाम से अनजान होते है| लेकिन इसी का एक और नाम वैजन्ती है| इस नाम सभी जगह काफी प्रचलित है| यह एक पौधा है जिसे आयुर्वेद में एक औषधि का स्थान मिला है| विभिन्न प्रकार से इसका सेवन कर के रोगों को दूर किया जाता है|
इसे पवित्र माना जाता है| भारत में लगभग सभी जगह आसानी से पाया जाता है| आज हम जानेंगे इससे होने वाले सभी प्रकार के फायदों के बारे में| इसके अलावा चर्चा करेंगे इसके गुणों की| तो आइये आपको परिचित कराते है इस औषधि के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Gavedhuka ki akriti)
मध्यम आकार का यह पौधा दो मीटर तक ऊँचा हो सकता है| इसके पत्तें भाले के समान लम्बे होते है तथा आगे से नुकीले होते है| नाशपती के आकार के इसके फल कुछ नीले रंग के होते है| अक्टूबर से फरवरी के बीच इसके फल और फूल लगते है|
गवेधुका में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Gavedhuka ke poshak tatva)
- प्रोटीन
- कार्बोहाइड्रेट
- कैल्शियम
- फास्फोरस
- ओलिक अम्ल आदि|
गवेधुका के सामान्य नाम (Gavedhuka common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Coix lacryma |
अंग्रेजी (English) | Adlay Jobs tears |
हिंदी (Hindi) | गरहेडुआ, गुरलू, कस्सो, गरहेडुवा, शंखरू, गंडुला, वैजन्ती |
संस्कृत (Sanskrit) | गवेधुका, गवेधु, गवेधुक |
अन्य (Other) | कोडीबीज (कन्नड़) कासइ (गुजराती) संकलु (पंजाबी) रंजोढाला (मराठी) भिर्कौले (नेपाली) |
कुल (Family) | Poaceae |
गवेधुका के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Gavedhuka ke ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | कफपित्तशामक (pacifies cough and pitta) |
रस (Taste) | कटु (pungent) |
गुण (Qualities) | लघु (light), रुक्ष (dry) |
वीर्य (Potency) | उष्ण (hot) |
विपाक(Post Digestion Effect) | कटु (pungent) |
अन्य (Others) | रक्तविकारशामक, मूत्रल, ज्वरघ्न |
गवेधुका के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Gavedhuka ke fayde or upyog)
खून की कमी को दूर करे गवेधुका का सेवन (Gavedhuka for anemia)
- कभी कभी मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव या किसी चोट के कारण अधिक खून बह जाता है| जो आगे चल के शरीर में खून की कमी का कारण बनता है| ऐसे में यदि इस पौधे की पत्तियों के रस का सेवन किया जाता है तो खून की कमी दूर होती है और स्वास्थ्य स्वस्थ रहता है|
गांठे होने पर
- शरीर में सिर्फ कैंसर के चलते गांठ नही बनती है| अर्थात शरीर में होने वाली हर गांठ कैंसर नही होती है| सामान्य प्रकार की गांठो के लिए आप इसकी पत्तियों और उसके रस का प्रयोग एक वैद्य के निर्देश में कर सकते है|
मोटापा दूर करें (Gavedhuka for obesity)
- गवेधुका के दानो का दलिया बना कर उसमे मधु मिला लें| इसे खाने से मोटापा दूर होगा|
- इसके अलावा आप इससे निर्मित आटे की रोटी का सेवन भी कर सकते है| ऐसा करने से भी मोटापा नियंत्रण में रहेगा|
मासिक विकारों का शमन करें (Gavedhuka for menstrual problem)
- यदि मासिक धर्म के दौरान आपको बहुत तेज दर्द का सामना करना पड़ता है| इसके अलावा यदि मासिक धर्म में किसी प्रकार की रूकावट आ रही हो तो ऐसे में इस औषधि की जड़ का काढ़ा बना कर पीना चाहिए| इससे मासिक धर्म से जुडी सभी समस्याओं का समाधान होता है|
मूत्र रोगों में लाभदायक (Gavedhuka for urinary disease)
- यदि आप मूत्र सम्बन्धी समस्या और गुर्दे की पथरी से परेशान है तो आपके लिए इस औषधि की जड़ का काढ़ा सबसे उत्तम रहेगा| इससे मूत्र रोग तो दूर होंगे ही इसके साथ पथरी भी गल कर मूत्र मार्ग से बाहर आ जाएगी|
उल्टी होने पर (Gavedhuka for vomit)
- इस औषधि की जड़ का चूर्ण बना कर उसे एक रात के लिए पानी में डाल कर रख दें| सुबह जल्दी उठकर चूर्ण को अच्छे से मसल लें| अब उसे छान कर पानी को पी लें| ऐसा करने से पित्त प्रकुपित होने के कारण उत्पन्न उल्टी का शमन होता है|
- इसके अलावा जड़ के काढ़े में गिलोय मिलाकर पीने से भी लाभ मिलता है|
खांसी में (Gavedhuka for cough)
- गवेधुका के पञ्चांग का काढ़ा बना कर खांसी में पीना चाहिए| इससे जल्द ही खांसी की समस्या में लाभ मिलता है|
सूजन आने पर (Gavedhuka for swelling)
- शरीर में किसी भी प्रकार की सूजन आने पर इस औषधि के फल का सेवन सबसे अच्छा उपाय होता है| इसके सेवन से जल्द ही सूजन का शमन होता है|
सुजाक रोग में
- सुजाक में इसके पञ्चांग का काढ़ा बना कर पीना लाभ पहुंचा सकता है| इसके अलावा इसके फल का सेवन भी सुजाक में काफी लाभदायक होता है|
बुखार या ज्वर में (Gavedhuka for fever)
- इसके फलों का सेवन विषम ज्वर और साधारण ज्वर दोनों में ही फायदेमंद होते है| आप भी यदि बार बार आने वाली बुखार से परेशान रहते है तो इस फल का सेवन जरुर करना चाहिए|
जोड़ो के दर्द और सूजन में (Gavedhuka for joint pain)
- बढती उम्र या अन्य किसी भी कारणवश होने वाले जोड़ो के दर्द में इसके पञ्चांग का काढ़ा बना कर धोना चाहिए| इसके साथ ही इस औषधि के फल का सेवन भी सूजन और दर्द में फायदेमंद होता है|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Gavedhuka)
- जड़
- पत्ती
- पंचांग
सेवन मात्रा (Dosage of Gavedhuka)
- चूर्ण -5-6 gram
- क्वाथ – 50-60 ml