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गुड़हल (Gudhal)

गुड़हल का परिचय: (Introduction of Gudhal)

Table of Contents

गुड़हल क्या है? (Gudhal kya hai?)

आज हम आपको गुड़हल के बारे में जानकारी देंगे| इस पौधे को आप कहीं पर आसानी से देख सकते है| यह एक प्रसिद्ध पौधा है, जिसका उपयोग कई सारी बिमारियों के उपचार में किया जाता है| यह अनेक पौषक तत्व का खजाना है| जैसे-वसा, कैल्शियम, विटामिन- सी, फाइबर आदि| इनका उपयोग बहुत ही लाभदायक होता है|

गुड़हल के फूल को आपने देखा होगा| गुडहल  के फूल को अड़हुल का फूल भी कहते है| अधिकांशत  गुड़हल के फूल का इस्तेमाल पूजा- पाठ आदि कामों के लिए किया जाता है, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि गुड़हल के फूल का सेवन भी किया जाता है, और रोगों के इलाज में भी गुड़हल के फूल के फायदे मिलते हैं| यह सुन्दरता का खजाना होने के साथ- साथ बहुत सारे फायदे पाए जाते है|

उसका प्रयोग आयुर्वेद में गुड़हल के फूल को एक बहुत ही गुणकारी औषधी बताया गया है| आयुर्वेद के अनुसार गंजेपन की समस्या, बालों को बढ़ाने में अड़हुल से फायदे मिलते हैं| इतना ही नहीं कई गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए अड़हुल का उपयोग किया जाता है| आइए जानते हैं कि इसका किन-किन बीमारीयों के उपचार में किया जाता है|

Gudhal flower Herbal Arcade
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बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) और गुड़हल की प्रजातियाँ (Gudhal ki akriti or prajatiya)

जपा बड़ी-

यह गुडहल  लगभग 2 या 4 मीटर ऊँचा काटेदार पौधा होता है| इसके तने से शाखाएँ निकली हुई होती है जो भूरे रंग की होती है| इसके पत्ते सरल, अंडाकार व भालाकर अत्यधिक लम्बे व चमकीले  होते है| इसके फूल सुंदर व अनेक प्रकार के, लाल रंग कर व घंटाकार होते हैं| इसके फल गोलाकार व लम्बे होते है| इसके बीज छोटे व उन के समान होते है| इसका फलकाल व फूलकाल पूरे साल तक रहता है|

जपा छोटी

यह छोटा जड़ीदार पौधा होता है| इसकी पत्तियाँ छोटी, चमकीली व ह्रदय के आकार के समान व नुकीली होती है| इसका फूल गुडहल के फूल से छोटा व लाल रंग का होता है|

गुड़हल के पोषक तत्व (Gudhal ke poshak tatva)

  • फाइबर
  • विटामिन- सी. बी. 
  • वसा
  • फाइबर
  • आवरन
  • नाइट्रोजन
  • फासफोरस
  • टेटरिक
  • ऑक्सीलिक एसिड
  • फ्लेवोनॉयड्स
  • फ्लेवोनॉयड
  • ग्लाइकोसाइड्स
  • कैल्शियम
  • म्युसिलेज

गुड़हल के सामान्य नाम (Gudhal common names)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Hibiscus rosa
अंग्रेजी (English)Shoe flower
हिंदी (Hindi)जवा, ओड्रहुल, अढ़ौल, गुड़हल, जवाकुसुम, अड़हुल
संस्कृत (Sanskrit)औड्रफूल, जपा, अरुण, प्रतिका, अर्कप्रिया, हरिवल्लभ, त्रिसन्ध्या
अन्य (Other)मोनदरो (उड़िया) दासणिगे (कन्नड़) जासुद  (गुजराती) दासनी (तेलगु) सेम्बारुट्टी  (तमिल) ओरु (बंगाली) गुड़हल (नेपाली) जासवन्दी (मराठी) चेम्पारट्टी (मलयालम) अंघारे हिन्दी (अरबी)  अंगारेहिन्दी (फारसी)
कुल (Family)Malvaveae
Common names of Hibiscus  Herbal Arcade
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गुड़हल के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Gudhal ke ayurvedic gun)

दोष (Dosha) कफपित्तशामक (pacifies cough and pitta)
रस (Taste) तिक्त (bitter), कषाय (astringent)
गुण (Qualities) रुक्ष (dry), लघु (light)
वीर्य (Potency)शीत (cold) 
विपाक(Post Digestion Effect) कटु (pungent)
अन्य (Others)रक्तरोधक, केश्य, स्तम्भक, गर्भनिरोधक
गुड़हल के आयुर्वेदिक गुण धर्म Herbal Arcade
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गुड़हल के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Gudhal ke fayde or upyog)

बुखार को दूर करने में उपयोगी गुड़हल (Gudhal for fever)

  • सर्दी –जुखाम के कारण कई व्यक्ति बुखार से बहुत परेशान रहते है| यदि आप बुखार से छुटकारा पाना चाहते है| तो बुखार को ठीक करने के लिए 15 या 20 मिली गुड़हल की जड़ और पत्ते का काढ़ा सेवन करें| इससे बुखार ठीक होता है|
  • इसके अलावा इसी तरह 4 या 8 ग्राम गुड़हल के फूल के घोल में चीनी मिलाकर सेवन करने से बुखार तुरंत उतर जाता है|

ह्रदय संबंधित रोगो से छुटकारा पाने के लिए (Gudhal for heart)

  • ह्रदय रोगों को ठीक करने के लिए गुड़हल के 100 फूल लें, इसे शीशे की बरनी में डाल लें| इसमें 23 नींबू निचोड़ कर रात भर रखें दें| सुबह मसलकर कपड़े से छानकर रस निकाल लें| रस में 750 ग्राम मिश्री, 150 ग्राम गुले गाजबान का अर्क, 300 मिली मीठे अनार का रस, तथा  150 मिली संतरे का रस मिलाकर धीमी आग पर पकाकर, जब चाशनी गाढ़ी हो जाए तो उतार लें| इसमें 200 मिग्रा कस्तूरी, अम्बर 3 ग्राम, केसर, तथा गुलाब अर्क को अच्छी तरह मिलाएं| यह शरबत हृदय तथा मस्तिष्क को शांति देता है|

कफ से छुटकारा पाने के लिए गुड़हल

  • गले या फेफड़ो में कफ जमने से बहुत परेशान है तो आपको गुडहल का कुछ इस तरह से इस्तेमाल करना चहिए, 10 मिली गुडहल की जड़ के  रस का दिन में 3 बार सेवन करने से कफ से छुटकारा मिलता है|

मिर्गी की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए (Gudhal for epilepsy)

  • यदि कोई भी व्यक्ति मिर्गी रोग से बहुत परेशान है तो आप कुछ दिनों तक गुडहल के फूलो के रस पिलाते है तो इस बीमारी से जल्दी से छुटकारा मिलता है|

बवासीर से छुटकारा पाने के लिए (Gudhal for piles)

  • गुड़हल की कलियों को घी में तलें| इसमें मिश्री और नागकेशर मिलाएं| इसका सुबह सेवन करने से पेचिश और बवासीर में लाभ होता है|

प्रमेह रोग में उपयोगी

  • आज कल इस रोग के चलते व्यक्ति बहुत परेशान रहते है| गुडहल कि पत्तियों का रस निकालकर सेवन करने से कुछ ही दिनों में इस रोग से छुटकारा मिलता है|

रक्त प्रदर में उपयोगी गुड़हल

  • गुडहल का उपयोग कर इस रोग का भी  शमन किया जा सकता है| यह महिलाओ में होने वाला रोग हैं इसी रोग के कारण अक्सर महिलाए बहुत परेशान रहती है| इस से छुटकारा पाने के लिए इसका उपयोग बहुत महत्वपूर्ण माना गया है| इसलिए गुडहल की पत्तियों का रस और इसकी जड़ का रस निकालकर सेवन करने से इस रोग से छुटकार मिलता है|

खून की कमी को पूरा करने के लिए  (Gudhal for anemia)

  • एक चम्मच गुड़हल के फूल के चूर्ण को एक कप दूध के साथ सुबह शाम नियमित रूप से सेवन करें| इससे कुछ ही महीनों  में खून की कमी दूर होती है| शरीर को शक्ति मिलती है|

कुष्ठ रोग में उपयोगी (Gudhal for leprosy)

  • अगर आप कुष्ठ रोग से बहुत ही परेशान है तो गुडहल की जड़ के रस का लेप करने से कुष्ठ रोग से बहुत ही जल्द छुटकारा मिलता है|

खुजली में प्रयोग गुडहल का (Gudhal for itching)

  • अगर आप किसी भी कारण खुजली होने से बहुत परेशान है तो आपको गुडहल की जड़ के चूर्ण  का लेप करने से आपको खुजली में राहत मिलेगी|

चूहे के जहर में गुड़हल

  • यदि आपको किसी चूहे ने काट लिया है और उसका जहर उतारना है तो आपको गुडहल के फूलो के रस का सेवन करना चहिए|

बालो के गंजापन से छुटकारा पाने के लिए

  • यदि आपके बाल बहुत झड़ रहे है और आप इससे बहुत ही परेशान है तो आपको यह प्रयोग करना चहिए,  गाय के मूत्र में गुड़हल के फूलों को पीसकर सिर में लगाने से बाल बढ़ते हैं| इससे गंजापन दूर होता है|

रुसी बाल की समस्या में उपयोगी गुड़हल

  • आप रूसी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी गुड़हल के फायदे ले सकते हैं| गुड़हल के फूल के रस में बराबर मात्रा में तिल का तेल मिलाकर| इसे उबालें| तेल बाकी रहने पर उतारकर छान लें| इसे शीशी में भर लें| इस तेल को सिर पर  लगाने से  बालो की रूसी  खत्म हो जाती है|
  • गुड़हल के फूल और भृंगराज के फूल को भेड़ के दूध में पीसकर लोहे के बर्तन में रखें| सात दिन बाद निकालकर भृंगराज के पंचांग के रस में मिलाएं| इससे बाल धोने से बाल काले हो जाते हैं|
  • गुड़हल के पत्तों को पीसकर लुग्दी बना लें| इसे बालों में लगाएं| दो घंटे बाद बालों को धोकर साफ कर लें| इस प्रयोग को नियमित रूप से करने से बालों को पोषण मिलता है, और सिर भी ठंडा रहता है|
  • इसके ताजे फूलों के रस में बराबर मात्रा में जैतून का तेल मिलाकर आग में पका ले| जब तेल केवल रह जाए तो शीशी में भरकर रख के रखे ले| रोजाना बालों में मल कर जड़ों तक लगाने से बाल चमकीले और लम्बे होते हैं|

मुँह के छालो में उपयोगी (Gudhal for mouth ulcers)

  • गुड़हल की जड़ को साफ करके धो लें| इसे एक-एक इंच के टुकड़ों में काटकर रख लें| दिन में 4 या 5 बार, एक-एक टुकड़ा चबाकर थूकते जाएं| एक दो दिन में ही मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे|

स्मरण शक्ति बढ़ाने में (Gudhal for increase memory)

  • गुड़हल के फूलों और पत्तों को बराबर मात्रा में लेकर सुखाकर, इसे पीसकर पाउडर बना लें और शीशी में भर लें| एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम पिएं| इसे आपको एक कप मीठे दूध के साथ पीना है| इससे याददाश्त  या स्मरण शक्ति बढ़ती है|

मासिक धर्म में उपयोगी (Gudhal for menstrual cycle)

  •  यदि मासिकधर्म के दौरान स्त्राव अधिक होता है तो आपको गुडहल का कुछ इस तरह प्रयोग करना चहिए| गुड़हल के 80 फूल की पंखुड़ियां लेकर  इसे नींबू के रस में भिगोकर कांच के बरतन में रात भर के लिए किसी खुले स्थान पर रख दें| सुबह मसलकर छान लें| इसमें 600 ग्राम चीनी तथा  1 बोतल शुद्ध  गुलाब जल मिलाएं| इसे दो बोतलों में बंद कर धूप में दो दिन तक रखें| इस दौरान बोतल को हिलाते रहें, कि चीनी  अच्छी तरह घुल जाने पर शरबत बन जाता है| इसके सेवन से अत्यधिक मासिकस्राव में फायदा होता है|

खांसी में प्रयोग गुडहल के (Gudhal for cough)

  • खांसी और जुकाम के इलाज के लिए 12 मिली गुड़हल की जड़ का रस निकाल लें| इसे दिन में 4 बार सेवन करें| इससे खांसी तथा जुकाम में लाभ मिलता है|
  • गुड़हल की जड़ का काढ़ा बनाएं| इसे 20 या 30 मिली की मात्रा में शहद मिलाकर पीने से खांसी में तुरंत  लाभ मिलता है|

नींद ने आने की परेशानी में (Gudhal for insomnia)

  • अगर आपको नींद नही आती है तो कुछ इस तरह प्रयोग करे| गुड़हल के 80 फूल लें| हरे डंठल को तोड़कर पंखुड़ियों को नींबू के रस में भिगो लें| इसे कांच के बर्तन में रात किसी खुले स्थान पर रख दें| सुबह इसे मसलकर छान लें| इसमें 700 ग्राम चीनी, तथा 2 बोतल उत्तम गुलाब जल मिला लें| इसे दो बोतलों में बंद कर धूप में दो दिन तक रखें| इस दौरान बोतल को हिलाते रहें| मिश्री अच्छी तरह घुल जाने पर शरबत बन जाता है| इसे 15 से 40 मिली की मात्रा में पीते रहने से नींद न आने की परेशानी में लाभ होता है|

सांस की नली में सूजन में गुड़हल

  • सांस की नली में सूजन होने पर आप गुडहल का प्रयोग कर सकते है यह आपके लिए बहुत ही लाभकारी साबित होता है| इसका प्रयोग कुछ इस तरह करे| गुड़हल के फूल का काढ़ा बनाएं। इसे 10 या 20 मिली की मात्रा में सेवन करने से सांस की नली की सूजन ठीक हो जाती है|

गर्भधारण नही करने में उपयोगी गुड़हल

  • अड़हुल के फूलों के कांजी में पीस लें|इसमें 60 ग्राम तक पुराना गुड़ मिला लें| मासिक धर्म के समय तीन दिन तक खाने से महिला गर्भधारण नहीं करती| इसका सेवन चिकित्सक के परामर्श अनुसार ही करें|

दस्त में लिए उपयोगी (Gudhal for diarrhea)

  • यदि आपको दस्त की समस्या है तो आप 6 से 12 मिली गुडहल के पत्तो का रस सेवन करने से पेट दर्द तथा दस्त का शमन होता है|

सफेद पानी  में प्रयोग

  • अक्सर महिलाए सफेद पानी से परेशान रहती है| इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए दस से बारह जपा फूल की कलियों को दूध में पीसकर महिला  को पिलाएं| इसके साथ ही भोजन में दूध का प्रयोग करें| इससे सफेद पानी  ठीक होता है|
  •  इसके अलावा गुड़हल  की 3 या 5 कलियों को घी में तलें| सुबह सात दिन तक मिश्री के साथ खाएं, तथा गाय का दूध पिएं| इससे सफेद पानी  में लाभ होता है|
  • गुडहल  पंचांग को रात भर पानी में भिगोकर रख दें| सुबह मसल कर छान लें| इसमें मिश्री मिलाकर पीने से सफेद पानी  में लाभ होता है|

मधुमेह में प्रयोग (Gudhal for diabetes)

  • मधुमेह के लिए नियमित आप इसकी 20 या  26  पत्तियों का सेवन शुरू कर दे ये आपकी डाइबिटीज का इलाज है| इससे आपको जल्दी से लाभ मिलता है|

आँख जलने की समस्या में (Gudhal for eyes)

  • यदि आपकी आँखों में कुछ कचरा चला गया है और जलन हो रही है तो आपको कुछ इस तरह प्रयोग करके जल्द से छुटकारा पा सकते है| गुड़हल के कुछ फूल की पंखुड़ियां लेकर  इसे नींबू के रस में भिगोकर कांच के बरतन में रात भर के लिए किसी खुले स्थान पर रख दें| सुबह मसलकर छान लें| इसमें 10 ग्राम मिश्री तथा 1 बोतल उत्तम गुलाब जल मिलाकर  इसे दो बोतलों में बंद कर धूप में दो दिन तक रखें| इस दौरान बोतल को हिलाते रहें| मिश्री अच्छी तरह घुल जाने पर शरबत बन जाता है| इसे 10 से 30 मिली तक की मात्रा में पीने से आंखों की जलन में लाभ होता है| इसके साथ ही खाने की अरुचि, छाती की जलन, उन्माद, नाक से खून आने की समस्या में, पाचन संबंधित समस्या आदि का शमन होता है|

घाव में (Gudhal for wound)

  • गुड़हल का तेल का इस्तेमाल खुले घाव को जल्‍दी भरने में मदद करता है| इसके साथ ही कैंसर से हुए घाव पर भी गुड़हल का तेल लगाने से काफी लाभ होता है| साथ ही ये कैंसर के लक्षणों  में अगर गुड़हल का इस्‍तेमाल किया जाए तो यह उसे रोकने में मदद करता है।

कीडनी की समस्या में (Gudhal for kidney)

  • गुड़हल को किडनी के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है| कीडनी  की हर समस्या का इलाज पाया जाता है| इसकी पत्तियो की चाय बनाकर पिने से कीडनी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है|

गर्भाशय के लिए (Gudhal for uterus)

  • गुडहल की जड़ और फूलो का काढ़ा बनाकर 30 या 50 मिली काढ़े को सुबह श्याम को लेने से गर्भ में पल रह शिशु  की पुष्टि होती है|

सूजन और दर्द में उपयोगी (Gudhal for inflammation)

  • यदि आपको किसी कारण चोट लग गई है और सूजन या दर्द हो रहा है तो गुडहल के पत्ते तथा फूलो को पीसकर प्रभावित स्थान पर लगाने से सूजन व दर्द ठीक होता है|

सुजाक रोग में उपयोगी गुड़हल

  • गुड़हल की 12  पत्तियों को साफ जल में पीसकर छान लें| इसमें यवक्षार 6  ग्राम व मिश्री 23 ग्राम मिलाकर,  इसकी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में  को सुबह-शाम दो बार पीने से सुजाक में लाभ होता है| फिर पहले दिन 1 फूल, दूसरे दिन दो फूल खाये  ऐसा दस दिनों तक करें| फूल को बतासे या मिश्री के साथ खाएं| इसी तरह 1-1 फूल घटाते हुए दसवें दिन 1 फूल खाएं| इस दौरान स्वस्थ भोजन करें| नुकसान पहुंचाने वाली चीजों को नही खाये| इससे सुजाक में लाभ होता है|

सफेद दाग में उपयोगी

  • सफेद दाग के इलाज के लिए गुड़हुल के चार फूलों को सुबह शाम 1 वर्ष तक सेवन करें| इससे सफेद दाग में लाभ होता है|
  •  इसके अलावा जपा फूल की जड़ के चूर्ण में बराबर-बराबर मात्रा में कमल के फूल की जड़ का चूर्ण मिलाएं| इसमें सफेद सेमल की छाल का चूर्ण मिलाएं| इसे 3 या 4 ग्राम की मात्रा में जल के साथ सेवन करें| इससे सफेद दाग का इलाज होता है|

कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने में गुड़हल

  •  गुडहल की पत्ती से बनी चाय से कोलेटरोल  को कम करने में काफी प्रभावी है इसमें पाए जाने वाले तत्व अर्टरी में प्लैक को जमने से रोकते हैं जिससे कोलेस्टेरॉल का स्तर कम होता है|

उच्च रक्तचाप में (Gudhal for high blood pressure)

  • उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए गुडहल की पत्तियों के सेवन किया जाता है| इसके सेवन से उच्च रक्तचाप  में जल्दी  से लाभ मिलता है  

वजन कम करने में (Gudhal for weight lose)

  • यदि किसी भी व्यक्ति को बार – बार भूख लगती है और वह इसे निजात पाना चाहते है तो गुडहल की पत्तियों का सेवन करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते है
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उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Gudhal)

  • जड़
  • पत्ती
  • फुल
  • पत्ती
  • पुष्प कलिया

सेवन मात्रा (Dosages of Gudhal)

  • जूस -5 या 10 मिली
  • चूर्ण -10 या 20 मिली
  • क्वाथ -5 या 10 ग्राम