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आलू बुखारा : 10 फायदे जान आपको और स्वादिष्ट लगेगा ये रसीला फल (Plum: Benefits and usage)

आलू बुखारा का परिचय

आलू बुखारा क्या है?

यह एक मीठा और रसीला फल हैं जो स्वाद के साथ साथ सेहत को सुधारने का काम भी करता है| भारत में यह उत्तर और दक्षिण में पाया जाता है| इसे लोग व्यंजन के रूप में, सलाद आदि के रूप में अपने भोजन में शामिल करते है| लेकिन क्या आपको पता है आलू बुखारा का औषधीय प्रयोग भी होता है| इसका फल मीठा और ठंडा होता हैं जिसके कारण यह पित्त से जुडी समस्याओं का इलाज़ कर पाने में भी सफल होता हैं|

आज हम जानते हैं आलूबुखारा के बारे में और चर्चा करते हैं की किस प्रकार इस फल का सेवन हमारे जीवन को एक स्वस्थ और सुखी बनाता है|

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान)

इसका पेड़ 4 से 8 मीटर तक ऊँचा हो सकता है| इसके पत्तें कुछ सेब के पाटों के समान दिखाई पड़ते हैं| इसके फूल गुच्छों में होते हैं जिनका रंग सफ़ेद या सफ़ेद और पीला होता हैं| इसका फल हरा, पीला, लाल और बैंगनी रंग का होता हैं|

जब यह कच्चे होते हैं तो खट्टे और जब यह पक जाते हैं तो इनका स्वाद मीठा हो जाता हैं| इस फल के अन्दर एक बड़ा बीज और रंग में पीला गुदा रहता हैं| इसके पेड़ से बबूल के पेड़ की तरह ही गोंद निकलता हैं|

आलू बुखारा के सामान्य नाम (common names)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Prunus domestica
अंग्रेजी (English)European pulm, garden pulm, prune plum, plum tree
हिंदी (Hindi)आलू बुखारा
संस्कृत (Sanskrit)आल्लुकः अल्लुः, रक्तफलः
अन्य (Other)पीच (गुजराती) आलूबुखारा (बंगाली) आरू बखाडा (नेपाली) अरुकम (मलयालम) बरकफक (अरबी)
कुल (Family)Rosaceae

आलू बुखारा के आयुर्वेदिक गुण धर्म

दोष (Dosha) 
रस (Taste) 
गुण (Qualities) 
वीर्य (Potency) 
विपाक(Post Digestion Effect) 
अन्य (Others)Kramingnaa, Vamanopagaa, Shiroveerechan

आलू बुखारा के औषधीय फायदे एवं उपयोग

रक्तपित्त में लाभदायक आलू बुखारा

यदि आप या आपके आस पास कोई रक्तपित्त या नकसीर की समस्या से बहुत परेशान है तो उसके नाक में आलू बुखारा के पत्तों का रस एक से दो बूंद डालना चाहिए|

पित्त की विकृति को समाप्त करें

सुबह शाम भोजन से पहले एक आलू बुखारा खाने से पित्त से जुडी सभी प्रकार की समस्याएँ समाप्त हो सकती हैं|

पेट के कीड़ों का शमन करें आलू बुखारा

आलू बुखारा के पीसे हुए पत्तों का लेप बना कर पेट पर लगाने से पेट के कीड़ों का शमन होता हैं|

अधिक प्यास लगने की समस्या दूर करें

यदि आपको बार बार प्यास लगती हैं, गला सुख जाता हैं तो आलू बुखारा के फल का सेवन करने से इस समस्या से निजात मिल सकता है| इसके साथ ही अरुचि की समस्या का समाधान भी होता हैं|

अजीर्ण को दूर करें

आलू बुखारा के बीज को बादाम की तरह सेवन करने से पाचन से जुडी अजीर्ण की समस्या दूर होती हैं|

दाद, खाज, खुजली में

आलू बुखारा के पेड़ से मिलने वाले गोंद में यदि सिरका मिला कर प्रभावित स्थान पर लगाया जाता हैं तो इससे दाद, खाज, खुजली के साथ ही गंजापन जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता हैं|

घाव को भरने में

किसी भी प्रकार के घाव को जल्दी से भरने के लिए आलू बुखारा से प्राप्त होने वाले गोंद में पानी मिलाकर घाव को धोना चाहिए|

याददाश्त बढ़ाएं

आलू बुखारा से प्राप्त होने वाली बीज- गिरी का यदि सेवन किया जाता हैं तो हमारी याददाश्त बढती हैं और मानसिक रोगों में भी आराम मिलता हैं|

बुखार में

यदि आपको बुखार पित्त प्रकुपित होने के कारण आया हैं तो आलू बुखारा का काढ़ा बना कर दिन में दो से तीन बार पीना चाहिए|

कब्ज़ में

स्वस्थ व्यक्ति को दिन में कम से कम एक बार मल त्यागना चाहिए| यदि आप ऐसा नही कर पा रहें हैं तो आलू बुखारा के फल का सेवन करने से कब्ज़ की समस्या की समाप्ति होगी और आप नियमित रूप से मल त्याग कर पाएंगे|

बवासीर में

यदि बवासीर में आलू बुखारा के फल का प्रयोग नियमित रूप से किया जाता हैं तो इससे बवासीर की समस्या समाप्त होने में सहायता मिलती हैं|

दुर्बलता दूर करें आलू बुखारा

बहुत सारे लोग दुर्बलता से परेशान होते हैं| ऐसे में यदि दुर्बल लोग आलू बुखारा को अपने आहार में शामिल करें तो उनके हष्ट पुष्ट होने के आसार और भी बढ़ जायेंगे|

रक्त विकार को खत्म करें

यदि आप नियमित रूप से आलू बुखारा का सेवन किया जाता हैं तो रक्त में उपस्थित सारे विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और आप एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं|

नेत्र विकार में

जो लोग उचित समय में उचित मात्रा में आलू बुखारा का सेवन करते हैं वो नेत्र रोगों से दूर रहते हैं| यदि आप भी किसी प्रकार के नेत्र रोग से ग्रसित हैं तो आलू बुखारा का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता हैं|

ह्रदय रोगों का शमन करे आलू बुखारा

आलू बुखारा का सेवन करने से कोलेस्ट्रोल का नियंत्रण होता हैं जिससे ह्रदय रोगों का शमन और ह्रदय रोगों से बचाव भी होता हैं|

हड्डियों को मजबूत बनाये

यदि आप आलू बुखारा का सेवन किसी भी तरह अपने भोजन में करते हैं या उसे एक फल के रूप में भी खाते हैं तो आपकी हड्डियाँ काफी हद तक मजबूत हो जाती हैं|

उपयोगी अंग (भाग)

  • फल
  • पत्ती
  • बिज
  • बीज-तेल

सेवन मात्रा

  • जूस –
  • चूर्ण –
  • वटी –
  • क्वाथ – 5 से 15 ml