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12 Steps to Unlocking the Power of उटंगन: फायदे एवं उपयोग

उटंगन का परिचय (Introduction of Utangan)

Table of Contents

उटंगन क्या है? (Utangan kya hai?)

यह एक दिव्य पौधा होता है उटंगन जिसका प्रयोग आयुर्वेद में रोगों के उपचार में किया जाता है| भारत में यह पंजाब और राजस्थान आदि राज्यों में देखने को मिलता है| यह दमा, किडनी, प्रदर, त्वचा आदि से जुड़े रोगों को समाप्त कर पाने में समर्थ होती है|
यह पौधे नदियों के किनारे और नम जगहों पर अधिक पाए जाते है| रोगों के उपचार में इसकी पत्तियों की सब्जी बना कर खायी जाती है| यदि आप भी इसके बारे में पूरी जानकारी पाना चाहते है तो इस लेख को विस्तार से पढ़ें| इसे कोन से रोग में किस प्रकार लेना चाहिए इसका वर्णन भी किया गया है|

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Utangan ki akriti)

यह पौधा लगभग 30 cm तक ऊँचा हो सकता है| यह एक शाकीय पौधा होता है| इसका काण्ड थोडा कठोर होता है| इसके चार पत्तों के मध्य कली होती है| इसका फल भूरा, चमकदार और चिकना होता है|

उटंगन के सामान्य नाम (Utangan ke samany naam)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Blepharis edulis
अंग्रेजी (English)Blepharis
हिंदी (Hindi)कामवृद्धि, उटङ्गन, उटिंगन, उतञ्जन
संस्कृत (Sanskrit)उष्ट्रकाण्डी, ग्राहका, कुक्कुटा, कुर्कुटा, श्रीवरक, श्वेतवरा, सूच्यावह, स्वस्तिक
अन्य (Other)शुशनी (बंगाली) कारडु (मराठी) करीज (अरबी) अन्जरा (फारसी)
कुल (Family)Acanthaceae
common names of utangan Herbal Arcade
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उटंगन के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Utangan ke ayurvedic gun)

दोष (Dosha)वातहर (pacifies vata)
रस (Taste) तिक्त (bitter). मधुर (sweet)
गुण (Qualities) गुरु (heavy), स्निग्ध (oily)
वीर्य (Potency) उष्ण (hot)
विपाक(Post Digestion Effect) मधुर (sweet)
अन्य (Others)रुचिकारक, ह्रदयरोगशामक, मूत्रल
Ayurvedic properties of Utangan Herbal Arcade
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उटंगन के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Utangan ke fayde)

दमा रोग में लाभदायक उटंगन (Utangan in asthma)

  • कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता और फैलते प्रदुषण के कारण सांस की बीमारी आम हो गयी है| दमा होने पर उटंगन के बीजों का चूर्ण बनाकर सेवन करना चाहिए| इसे दिन में एक से दो बार तक लिया जा सकता है|
  • इसके अलावा यदि बीजों को पीसकर छाती पर लेप किया जाता है तो सांस, खांसी और काफ जैसी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है|
  • यदि आप उटंगन के पञ्चांग से बने काढ़े को नियमित रूप से प्रयोग में लेते है तो दमा और खांसी की समस्या में लाभ मिलता है|

मूत्र रोगों में कारगर उटंगन(Utangan for urinary problems)

  • यदि आप मूत्र त्यागते समय जलन, दर्द और कठिनाई महसूस करते है तो इस औषधि के बीजों का चूर्ण बना कर उसे छाछ के साथ दिन में दो से तीन बार तक लेना चाहिए| इससे मूत्र सम्बन्धी समस्याओं का समाधान होता है|
  • इसके अतिरिक्त यदि इसके बीजों का चूर्ण बना कर उसे मिश्री के साथ भी लिया जाता है तो मूत्र रोगों का शमन होता है|

पित्त को शांत करे

  • उटंगन के पञ्चांग का रस बना कर उसमे मिश्री मिला उसे शरबत के समान बना कर पीने से पित्त शांत होता है और उससे जनित रोगों में भी आराम मिलता है|

प्रदर में लाभदायक उटंगन का प्रयोग

  • महिलाओं में होने वाली रक्त और श्वेत प्रदर की समस्याओं को इस औषधि के बीजों का चूर्ण बना कर उसका सेवन कर के दूर किया जा सकता है|

वीर्य से जुड़े विकारों का शमन करे (Utangan for semen problems)

  • पुरुषों के वीर्य विकारों को दूर करने के लिए इस औषधि के बीज और गोक्षुर नामक औषधी दोनों को समान मात्रा में ले लें| अब इन दोनों को मिला कर उचित मात्रा में दूध के साथ पकाएं| जब यह आधा रह जाए तो इसे ठंडा कर के इसमें मिश्री मिला कर पीने से वीर्य विकार दूर होते है|

मासिक धर्म के समय आने वाली परेशानियों में (Utangan for menstrul problems)

  • कई महिलाओं को मासिक धर्म के समय बुखार आना, पेट दर्द, बदन दर्द जैसी कई समस्याएँ आती है| कभी कभी यह सब असहनीय हो जाता है तो ऐसे में इस औषधि के पत्तों का चूर्ण बना कर उपयोग में लेना चाहिए|

खून की उल्टी होने पर

  • यदि आपको खून की उल्टी होती है तो इसके पत्तों का रस निकाल कर उसमे शहद मिलाकर सेवन करने से रक्त वमन बंद होती है| इसके साथ ही यह उपाय रक्त प्रदर में भी काम आता है|

घाव भरने के लिए

  • विभिन्न कारणों से कई बार लोग बहुत गंभीर घायल हो जाते है इसके कारण उनके घाव जल्दी नही भर पाते| इसी प्रकार मधुमेह के रोगियों के घाव भी जल्दी नही भर पाते| इस औषधि के पत्तों को पीस कर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भरता है और संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है|
  • इसके अतिरिक्त यदि घाव से रक्त स्राव नही रुक रहा है तो इस औषधि के पत्तों के ताजे रस को घाव पर लगाना चाहिए|

खुजली में

  • किसी भी प्रकार की खुजली होने पर प्रभावित स्थान पर पत्तों का लेप लगाना चाहिए| इससे खुजली का शमन हो कर आराम मिलता है|

लकवे में (Utangan for paralysis)

  • उटंगन के पत्तों की सब्जी बनायें जिसमे नमक बिलकुल नही हो तथा तेल की मात्रा कम हो| इस सब्जी का सेवन पीड़ित को कराने से जल्द लाभ मिलेगा|

अनिद्रा का समापन करे (Utangan for insomnia)

  • उटंगन के पत्तों की सब्जी बनाकर खाने से अनिद्रा की समाप्ति होती है तथा व्यक्ति को आराम भरी नींद प्राप्त होती है|

दुर्बलता मिटायें उटंगन का उपयोग (Utangan for weakness)

  • इस औषधि के बीजों का चूर्ण बना कर उसमे बराबर मात्रा में मिश्री और मधु मिलाकर लेने से दुर्बलता का नाश होता है| और व्यक्ति का वजन बढ़ने में सहायता मिलती है|

उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Utangan)

  • पत्ती
  • बीज

सेवन मात्रा (Dosages of Utangan)

  • चूर्ण – 1 से 2 ग्राम के मध्य