कॉफ़ी (Coffee)
कॉफ़ी का परिचय: (Introduction of Coffee)
कॉफ़ी क्या है? (What is Coffee)
चाय की तरह ही उपयोग में लिया जाने वाला पेय है कॉफ़ी | चूँकि इसे हम सभी रोज़ ही इस्तेमाल करते है तो निश्चित रूप से हमे इसकी जानकारी होनी चाहिए| इसके फायदे, नुकसान प्रयोग आदि के बारे में|
ज़्यादातर लोग कॉफ़ी का सेवन एक दम तरोताज़ा होने के लिए करते है| लेकिन बहुत ही कम लोग जानते है कि इसका प्रयोग रोगों के उपचार में भी किया जाता है|
कॉफ़ी में उपस्थित प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट आदि जैसे पदार्थ मनुष्य को एक नया जीवन देते है| इसमें कैफीन जैसा नशीला पदार्थ भी होता है| इसीलिए इसका सेवन उचित मात्रा में किया जाना चाहिए|
इसमें पाये जाने वाले गुण कैंसर जैसे रोगों तक को रोकने में मदद करते है| आज हम विस्तार से कॉफ़ी के सारे फायदों के बारे में चर्चा करेंगे|
कॉफ़ी के पोषक तत्व (Coffee ke poshak tatva)
- प्रोटीन
- मिनरल्स
- कार्बोहाइड्रेट
- कैल्शियम
- मैग्नेशियम
- फास्फोरस
- पोटेशियम
- सोडियम
- जिंक
- कैफीन
- विटामिन B1, B2, B3, B6, K, आदि|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Coffee ki akriti)
यह लगभग 3 से 5 मीटर तक ऊँचा होता है| इसके पत्तें एकदम सरल होते है| इसके खुशबू भरे फूल सफ़ेद रंग के पाए जाते है| इसके कच्चे फलों का रंग कुछ चमकदार होता होता है तथा पकने के बाद यह पीले, लाल या बैंगनी रंग के हो जाते है| फलों के अन्दर वाले बीज को ही कॉफ़ी कहा जाता है| इसके बीज जिनका चूर्ण बना कर बेचा जाता है उसे हम कॉफ़ी पाउडर कहते है|
कॉफ़ी के सामान्य नाम (Coffee common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Coffea arabica |
अंग्रेजी (English) | Arabian Coffee |
हिंदी (Hindi) | कॉफी, बुन |
संस्कृत (Sanskrit) | राजपीलु, म्लेच्छ-फल, काफी |
अन्य (Other) | बुंददाणा (गुजरात) कफी (नेपाली) बन्नू (मलयालम) कहवा (अरबी) कप्पी (तमिल) |
कुल (Family) | Rubiaceae |
कॉफ़ी के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Ayurvedic properties of Coffee)
दोष (Dosha) | कफवातशामक (pacifies cough and vata), पित्तवर्धक (increase pitta) |
रस (Taste) | तिक्त (bitter) |
गुण (Qualities) | लघु (light), रुक्ष (Dry) |
वीर्य (Potency) | उष्ण (hot) |
विपाक(Post Digestion Effect) | कटु (pungent) |
अन्य (Others) | अग्निमांध, दीपन, ग्राही, बलकारक |
कॉफ़ी के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Coffee ke fayde or upyog)
ह्रदय को मजबूत बनाने के लिए कॉफ़ी का प्रयोग (Coffee for heart)
- कॉफ़ी का सेवन ह्रदय को मजबूत बनाने के साथ ही कोलेस्ट्रोल का स्तर भी नियंत्रित करता है| इसका सेवन आप बीजों का काढ़ा बना कर सकते है|
बुखार में लाभदायक कॉफ़ी (Coffee for fever)
- बुखार या ज्वर आने पर यदि इसके पत्तों का काढ़ा बना कर सेवन किया जाता है तो निश्चित रूप से ज्वर जल्दी ही समाप्त हो जाता है|
स्फूर्ति बढ़ाने तथा थकान मिटाने के लिए
- किसी भी काम को करने के लिए स्फूर्ति की आवश्यकता हमेशा से ही रहती है| यदि आप इसके बीजों का क्वाथ बना कर एक कप पीते है तो आपकी स्फूर्ति भी बढ़ेगी तथा थकान नही होगी|
जोड़ो या हड्डियों की समस्याओं का करे समाधान कॉफ़ी (Coffee for bones)
- जैसे जैसे लोगो की आयु बढती जाती है वैसे वैसे जोड़ो के दर्द, सूजन, चुभन आदि की समस्याएँ भी बढती जाती है| ऐसे में यदि इसके कच्चे बीजो का काढ़ा बना कर पिया जाता है तो गठिया, आमवात जैसे रोगों का शमन होता है|
दस्त को बंद करेगी अब कॉफ़ी (Coffee for diarrhea)
- यदि आप अतिसार या दस्त अथवा कब्ज़ से परेशान है तो ऐसे में कॉफ़ी का उचित मात्रा में सेवन आपको इनसे राहत दिला सकता है|
पेचिश में
- पेचिश से पीड़ित रोगी को कॉफ़ी के पत्तों और बीजों का काढ़ा बना कर पिलाना चाहिए| इससे पेचिश तो ठीक होती ही है इसके साथ ही अरुचि, उल्टी, अधिक प्यास लगना जैसी समस्याओं में भी फायदा मिलता है|
दांतों के कीड़ों का शमन करे
- कॉफ़ी से निर्मित काढ़े से कुल्ला और गरारा करने से दांतों में उपस्थित कीड़ों का शमन होता है| इसके साथ ही सांसों के साथ आने वाली बदबू से भी छुटकारा मिलता है|
आधासीसी या माइग्रेन में
- इस रोग में सिर का एक तरफ का हिस्सा हमेशा दर्द करता है| ऐसे में यदि इसके कच्चे बीजों का क्वाथ बना कर सेवन किया जाता है तो आधासीसी और सामान्य सिर दर्द दोनों से ही छुटकारा मिलता है|
अस्थमा में लाभ दे (Coffee for asthma)
- अस्थमा के रोगियों को यदि उचित मात्रा में कॉफ़ी का सेवन कराया जाता है तो अस्थमा या दमा रोग में लाभ मिलता है| इसके साथ ही व्यक्ति को राहत भी मिलती है|
खांसी, जुखाम में (Coffee for cold and cough)
कॉफ़ी की प्रकृति गर्म होने के कारण यदि इसका सेवन जुखाम या खांसी में किया जाता है तो कफ पिघल कर बाहर आ जाता है और रोगी को खांसी और जुखाम से बड़ी राहत मिलती है|
किडनी सम्बन्धी रोग में (Coffee for kidney)
यदि किसी कारण आपकी किडनियों या वृक्क में सूजन आ गयी है तो आपको कॉफ़ी का सेवन करना चाहिए| इसके सेवन से सूजन कम होती है|
इसके काढ़े का उचित मात्रा में कुछ दिनों तक सेवन करने से पथरी गल कर मूत्र मार्ग द्वारा बाहर आ जाती है|
कैंसर से बचाव करे कॉफ़ी (Coffee for cancer)
कॉफ़ी में भरपूर मात्रा में विटामिन, प्रोटीन, मिनरल्स होते है जिनका सेवन कैंसर के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होता है| अच्छी बात यह होती है कि कई सारे पोषक तत्व हमे एक ही चीज़ में मिल जाते है| इसका प्रयोग त्वचा सम्बंधित कैंसर में भी किया जाता है|
मस्तिष्क के लिए कारगर कॉफ़ी का सेवन (Coffee for brain)
कॉफ़ी का सेवन मस्तिष्क से जुडी कई समस्याओं को हल करता है| जैसे इसका सेवन करने से याददाश्त अच्छी होती है, मस्तिष्क को मजबूती मिलती है, अवसाद का समाधान होता है| लेकिन इसका सेवन उचित मात्रा में ही करना चाहिए|
लीवर या जिगर के लिए उपयोगी (Coffee for liver)
लीवर हमारे शरीर का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिसका सही तरह से काम करना बहुत जरुरी होता है| आज कल फैटी लीवर, लीवर में सूजन आ जाना जैसी कई समस्याएँ आने लगी है| इसके लिए कुछ हद तक कॉफ़ी का सेवन उचित रह सकता है|
वजन नियंत्रित करने में लाभदायक
हमे अलग अलग पोषक तत्व लेने के लिए कई चीज़े खाने की जरुररत पड़ती है| कभी कभी इसके कारण हमारे शरीर का वजन लगातार बढ़ता जाता है| ऐसे में कॉफ़ी का उचित मात्रा में सेवन करना चाहिए| इसमें सभी पोषक तत्व एक साथ उपस्थित रहते है और वजन भी नियंत्रित करते है|
मधुमेह में कॉफ़ी (Coffee for diabetes)
मधुमेह से पीड़ित रोगी इस औषधि के बीजो का काढ़ा बना कर सेवन कर सकते है| इस तरह मधुमेह भी हमारे नियंत्रण में हो सकता है|
बालों के लिए (Coffee for hairs)
बालों में चमक लाने, मजबूत बनाने, काले और घने बनाने के लिए सभी व्यक्ति कई उपाय अपनाते है| इस समस्या को देखते हुए यदि कॉफ़ी कासेवन किया जाता है तो बालों में बदलाव देखा जा सकता है|
कॉफ़ी का उपयोग करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (Coffee ke sevan ki savdhaniya)
- इसका सेवन कभी भी अधिक मात्रा में नही करना चाहिए| क्यों कि इसमें नशीला पदार्थ कैफीन होता है|
- रोगों के उपचारों में इसका प्रयोग किसी अच्छे चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए|
- स्तनपान करवाती महिलाओं को इसके प्रयोग से परहेज करना चाहिए|
- लम्बे समय तक इसका सेवन नही करना चाहिए|
- गर्भवती महिला को भी इसके प्रयोग से बचना चाहिए|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Coffee)
- पत्ती
- बीज
सेवन मात्रा (Dosages of Coffee)
- क्वाथ -5 से 10 ml