पुष्पधन्वा रस (Pushpadhanwa ras)
पुष्पधन्वा रस का परिचय (Introduction of Pushpadhanwa ras)
पुष्पधन्वा रस क्या है? (Pushpadhanwa ras kya hai?)
यह एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है| जिसे महिलाओ और पुरुषो द्वारा उपयोग में लिया जाता है| इसके उपयोग से महिलाओ और पुरुषो में बांझपन की समस्या दूर होती है| पुष्पधन्वा रस औषधि व्यक्ति के गुप्त रोग को भी समाप्त करने में बहुत ही लाभदायक है| जैसे व्यक्ति की योनि से बदबू, खुजली, सफेद पानी आदि, और यह व्यक्ति के वीर्यस्त्राव, वीर्य- विकार, वीर्य का पतला, ध्वजभंग, बन्ध्यत्व, शीघ्रपतन आदि दोषों को दूर करने में बहुत ही सहायक है| यह व्यक्ति की नपुंसकता को दूर करता है|
पुष्पधन्वा रस के घटक (Pushpadhanwa ras ke gatak)
- रससिंदूर
- नाग भस्म
- लौह भस्म
- बंग भस्म
- अभ्रक भस्म
- धतूरे का रस
- भाँग
- मुलेठी
- सेमल की मूसली
- नगर बेल
पुष्पधन्वा रस बनाने की विधि (Pushpadhanwa ras banae ki vidhi)
रस सिंदूर, नाग भस्म, लौह भस्म, बंग भस्म, अभ्रक भस्म- प्रत्येक समभाग ले| इन्हे धतूरे के रस व भाँग,मुलेठी, सेमल की मूसली और नगर बेल के रस की एक –एक भावना देकर छोटी छोटी गोलियां बना, सुखा कर रक ले |
पुष्पधन्वा रस के फायदे (Pushpadhanwa ras ke fayde)
वीर्य स्त्राव में (Pushpadhanwa ras for semen disorder)
ज्यादा स्त्री –प्रंसग करने से वीर्य पतला हो जाता है| ऐसे समय में उतेजना होने पर सिर दर्द होने पर लगता है और यह दर्द जब तक होने लगता है जब तक वीर्यस्त्राव नही हो जाता है| इस अवस्था में पुष्पधन्वा रस के उपयोग से बहुत लाभ मिलता है| क्योकि यह रस वीर्यवाहिनि शिरा को शक्ति प्रदान कर उसे वीर्य धारण करने में समर्थ बनाता है और जननेन्द्रिय की नसों में रक्त का संचार कर उसकी शिथिलता दूर कर उन्हे पुष्ट करता है|
पुरुषो की कभी मनोव्याघात या किसी आकस्मिक घटना के कारण स्त्री प्रसंग करने की इच्छा नही होती, उसी तरह कभी कभी स्त्रियाँ को भी यह शिकायत हो जाती है| यदि उक्त समय में पुरुष-संगम की इच्छा नही होती हो या युवावस्था आने पर भी उचित अंगो के विकास न होने से समागम की इच्छा नही होती हो तो ऐसी अवस्था में इस पुष्पधन्वा रस का उपयोग किया जाता है|
वीर्य विकार में
जब पुरुष वीर्यपात के लिए तैयार होता हैं परन्तु वीर्यपात होने में कठिनाई आती हैं या वीर्यपात नही हो पाता हैं| इस अवस्था में इस औषधि का प्रयोग करने से इस समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा मिलता हैं|
वीर्य के विकार में बाधित होने वाली चिंता और मानसिक तनाव के कारण भी वीर्य का विकास नही हो पाता है| वीर्य का विकास नही होने के कारण व्यक्ति नपुंसकता का शिकार हो जाता है| ऐसी समस्या को दूर करने के लिए इस पुष्पधन्वा रस का प्रयोग किया जाता है
ध्वजभंग में
ध्वजभंग से पीड़ित व्यक्ति को रक्त के भीतर व्यक्ति को कुछ मात्रा में मूत्रविष बना रहता है तथा जलन के साथ मूत्र बाहर आता है| इन व्यक्तियों का स्वभाव चिडचिडा हो जाता है, अधिक नींद आना, बार – बार स्वप्नदोष हो जाना और मूत्र में पीलापन आदि लक्षण इस रोग में सामने आते हैं| इन सभी से छुटकारा पाने के लिए इस औषधि का उपयोग किया जाता है|
बन्ध्यत्व में
स्त्री के बिजाशयो का योग उत्पन्न नही होने से यह बांझपन की समस्या होती है| बांझपन के कारण महिला आगे चलकर माँ नही बन पाती है| यह सब अनियमित रूप से मासिक धर्म आना, मासिक धर्म का नही आना, वजन का बढ़ना, चेहरे पर बालो का आना आदि समस्याएँ आने के कारण होता हैं| इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इस रस का प्रयोग किया जाता है|
शीघ्रपतन में
यह पुरुषो में होने वाली बीमारी है जिसमे पहले ही वीर्य निकल जाता है| मानसिक तनाव के शिकार हो जाते है| इस तनाव के चलते व्यक्ति सम्बन्ध नही बना पाता है और इसके कारण शीघ्रपतन की समय उत्पन्न होती है| मानसिक तनाव होने से हार्मोन जैसे टेस्टेरोन हार्मोन आदि असंतुलित हो जाते है| शीघ्रपतन शारीरिक या मानसिक दुर्बलता कारण भी हो जाती है| इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए इस रस का प्रयोग किया जाता है|
शीघ्रपतन के कारण
- ज्यादा मात्रा में शराब पीना
- नशीले पदार्थ का सेवन करना जैसे अफीम, चरस
- धुम्रपान आदि
अन्य फायदे (Other benefits of Pushpadhanwa ras)
- नपुंसकता की समस्याम में
- इंद्री की शिथिलता होने में
- स्त्रियों के गर्भधारण होने की समस्या में
- प्रमेह
पुष्पधन्वा रस की सेवन विधि (Pushpadhanwa ras ki sevan vidhi)
एक एक गोली सुबह – शाम, शहद या घी या ओटाए हुए मिश्री मिले हुए दूध अथवा मक्खन – मिश्री आदि के साथ दे|
पुष्पधन्वा रस का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (Pushpadhanwa ras ke sevan ki savdhaniya)
- इस औषधि का सेवन अधिक मात्रा में नही करना चाहिए|
- इस औषधि को बच्चो की पहुच से दूर रखे |
- इसका सेवन चिकित्सक की देख रेख में ही करना चाहिए|
- गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन करने से बचना चाहिए
पुष्पधन्वा रस की उपलब्धता (Pushpadhanwa ras ki uplabdhta)
- डाबर
- बेधनाथ
- ऊंझा
- धतपापेश्वर