रजःप्रवर्तनी वटी: फायदे, सेवन (Rajahpravartani vati: benefits)
रजःप्रवर्तनी वटी का परिचय (Introduction of Rajahpravartani vati)
रजःप्रवर्तनी वटी क्या हैं? (Rajahpravartani vati kya hai?)
यह एक दिव्य आयुर्वेदिक औषधि हैं जो मासिक धर्म से जुडी हुई हर एक समस्या का समाधान करती हैं | मासिक धर्म का समय पर ना आना, रक्तस्त्राव बहुत कम होना, मासिक धर्म रुक जाना हो या मासिक धर्म के समय होने वाला दर्द हो, इन सभी में रजःप्रवर्तनी वटी एक सहेली की भूमिका निभाती हैं | यह गर्भाशय से रक्त स्त्राव बढाने का कार्य करती हैं |
इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे की किस प्रकार यह औषधि मासिक धर्म के सभी विकारो को जब से समाप्त कर पाने में उत्तम होती हैं |
रजःप्रवर्तनी वटी के घटक द्रव्य (Rajahpravartani vati ke ghatak dravya)
- सोया के बीज
- गाजर के बीज
- उलट कम्बल
- बांस की जड़
- हीराबोल
- शुद्ध टंकण
- हराकसीस
- मुसब्बर
- शुद्ध हींग
रजःप्रवर्तनी वटी बनाने की विधि (Rajahpravartani vati banane ki vidhi)
सोया के बीज, गाजर के बीज, उलट कम्बल, बांस की जड़ इन सब को लेकर अच्छे से कूट कर इनका क्वाथ बना लें | पुनः इसी प्रकार जल मिलाकर इनका काढ़ा बनाये | अब बनाये गए दोनों प्रकार के क्वाथ को एक करके अग्नि पर रख कर घन बना लें | अब बाकी बची औषधियों का अच्छे से चूर्ण बना कर घन में मिला अच्छी तरह मर्दन करें | इसके बाद इसकी गोलियां बना कर सुखा लें |
रजःप्रवर्तनी वटी के फायदे (Rajahpravartani vati ke fayde)
मासिक धर्म की रूकावट में (for menstrual disorder)
कई महिलाओं को शिकायत रहती हैं कि उनका मासिक धर्म नियमित नहीं हैं | मासिक धर्म कभी तो समय से पहले और कभी समय के बाद आता हैं परन्तु समय पर नही आता | इस स्थिति में यह वटी एक बहुत उत्तम औषधि हैं |
इसका सेवन करने से मासिक धर्म में आ रही अनियमितता दूर होती हैं और मासिक धर्म समय पर आता है | इसके अच्छे परिणाम के लिए इसे दशमूलारिष्ट या कुमार्यासव के साथ लेना चाहिए |
मासिक धर्म में होने वाला दर्द दूर करें (for menstrual pain)
मासिक धर्म के रुक जाने या मासिक धर्म के दौरान कई महिलाओं को को कमर, पेडू और जांघो में बहुत दर्द की शिकायत रहती हैं | ऐसे में यदि रज प्रवर्तनी वटी का सेवन किया जाये तो दर्द से आराम मिलता हैं |
विशेष स्थिति में
यदि आपको मासिक धर्म से जुडी हुई समस्या के समय आँखों में जलन या हाथ और पेरों के तालू में जलन होती हैं तो आपके लिए यह औषधि एक वरदान के समान हैं |
रज प्रवर्तनी वटी की सेवन विधि (Rajahpravartani vati ki sevan vidhi)
- 1-1 गोली का सेवन सुबह शाम मासिक धर्म आने के एक सप्ताह पहले लें |
- इसका सेवन गरम जल तथा उलट कम्बल क्वाथ के साथ किया जा सकता हैं |
रजःप्रवर्तनी वटी का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (Rajahpravartani vati ke sevan ki savdhaniya)
- औषधि का सेवन अधिक मात्रा में नही करना चाहिए वरना अत्यधिक रक्त प्रवाह हो सकता हैं |
- गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नही करना चाहिए |
- किसी भी स्त्री को इसका सेवन करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरुर लेनी चाहिए |
- बच्चो से इस औषधि को दूर रखे |
रजःप्रवर्तनी वटी की उपलब्धता Rajahpravartani vati ki uplabdhta
- धूतपापेशवर रजःप्रवर्तनी वटी (dhootpapeshwar Rajahpravartani vati)
- बैधनाथ रजःप्रवर्तनी वटी (baidyanath Rajahpravartani vati)
- दिव्य फार्मेसी रजःप्रवर्तनी वटी (divya pharmacy Rajahpravartani vati)
- डाबर रज प्रवर्तनी वटी (dabur Rajahpravartani vati)
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