Know why Amritarishta is like nectar: benefits and dosage
अमृतारिष्ट का परिचय | (Introduction of Amritarishta: Benefits, dosage)
अमृतारिष्ट क्या होता है?? (what is Amritarishta???)
यह एक आयुर्वेदिक औषधि होती हैं जो द्रव्य के रूप में उपस्थित होती हैं| इस औषधि का मुख्य घटक गिलोय होता हैं जिसे अमृता भी कहा जाता हैं| इसी कारण इस औषधि को Amritarishta कहा जाता हैं| आज कल के खान पान में फ़ास्ट फ़ूड जैसे खाने जुड़ने के कारण यह सिर्फ जीभ का स्वाद बन कर ही रह गया हैं| फ़ास्ट फ़ूड और अन्य गलत तरीके के खान पान के कारण मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जा रही हैं| जिसके कारण आसानी से और जल्द ही किसी भी कारण बुखार या अन्य बीमारियाँ हमे घेर लेती हैं|
Amritarishta का उपयोग करने वाले व्यक्तियों को किसी भी प्रकार की बुखार से छुटकारा ही नही मिलता बल्कि बुखार आने के बाद शरीर में हुई हानि को भी यह भर देता हैं| यह ऐसा सिरप हैं जिसमे कई प्रकार की जड़ी बूटिया हैं जो बुखार को आने रोकती हैं | यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढाती हैं| यह ठण्ड और खांसी से भी बचाव करती हैं|
अमृतारिष्ट के घटक द्रव्य | (Contents of Amritarishta)
- Giloy
- neem
- Gorakhmundi
- धातक पुष्प
- White Cumin
- Pitta Papaya
- सप्तपर्णी
- त्रिकुट
- Nagkesar
- Nagarmotha
- gnat
- Atis
- इन्द्र जो
- Good
- दशमूल
- black pepper
- Dry ginger

अमृतारिष्ट बनाने की विधि | (How to make Amritarishta)
इसे बनाने की विधि बहुत ही सरल और सहज हैं| इसे बनाने में ऐसी महत्वपूर्ण औषधियों का प्रयोग हुआ हैं जो आसानी से हमे मिल सकती हैं| इसे बनाने के लिए सर्वप्रथम हमे गिलोय और दशमूल को हलके मोटे टुकडो में कूट लेना होगा| इसे कूटने के बाद किसी बर्तन में पानी लेकर हमे इसका काढ़ा बनाना होगा| काढ़ा तब तक पूरी तरह से तैयार नही होगा जब तक उसमे डाले गये पानी का चोथाई हिस्सा शेष न रह जाये|
चोथाई भाग शेष रहने पर इसे ठंडा कर लेवे| ठंडा होने के बाद इसे किसी मिट्टी या चीनी के बर्तन में डाल दे| अब बाकी बची जड़ी बूटियों को अच्छे से कूट और पीस कर काढ़े में डाल दे| सारी जड़ी बूटिया डालने के बाद इसे अच्छे से बंद कर के रखेंगे जिससे द्रव्य वायु के सम्पर्क में न आ सके| अब बर्तन को किसी सुरक्षित स्थान पर रख दे| इसे ऐसी जगह रखे जहा इसका सीधा सम्पर्क धूप से न हो| इसे ऐसे ही ३० दिनों तक रखे| ३० दिनों के बाद अमृतारिष्ट औषधि बहुत सारी बीमारियों को खत्म करने के लिए एकदम तैयार हो चुकी हैं| अब इसका सेवन किया जा सकता हैं|
अमृतारिष्ट औषधि के उपयोग और फायदे | (Benefits of Amritarishta)
अमृतारिष्ट से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि (For increase immunity)
Amritarishta एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि हैं जो बीमारियों और शरीर में उत्पन्न समस्याओ को तो खत्म करती ही हैं| इसके अतिरिक्त यह मनुष्य में रोग से लड़ने की क्षमता को कुछ इस प्रकार बढाती हैं की किसी भी रोग से मनुष्य दूर ही रहता हैं| जब मनुष्य रोगों से दूर रहेगा तब मनुष्य की उम्र में भी वृद्धि होगी| यह औषधि शरीर में उपस्थित वायरस और बैक्टीरिया को खत्म कर देती हैं| इसके अतिरिक्त रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ साथ हमारा शरीर भी पुष्ट और बलवान होने लगता हैं|
सर्दी खांसी और मोसमी बुखार से छुटकारा (For Cold, Cough and seasonal Fevar)
Amritarishta के उपयोग से मौसम में बदलाव आने के कारण जो सर्दी, बुखार और खांसी होती हैं उससे मनुष्य को छुटकारा मिल सकता हैं| फिर चाहे कैसा भी मौसम हो लोग बिना किसी डर के अपने काम कर सकते हैं

उदर रोग में – (For stomach disease)
Amritarishta पेट में हो रही किसी भी प्रकार की समस्याओ से भी आराम देता हैं| यह पेट में उपस्थित समस्याओ का इलाज कर उन्हें जड़ से खत्म करने में सहायता देती हैं| यह मनुष्य के पेट में हो रही अपच की समस्या में लाभदायक हैं| अपच की समस्या होने से खाने के पाचन में समस्या आती हैं| इसके अतिरिक्त यदि किसी व्यक्ति को भूख न लगने या भूख कम लगने की समस्या भी हो तो उस समस्या से अमृतारिष्ट छुटकारा दिलाता हैं|
यह एसिडिटी की समस्या को भी दूर करता हैं| यह औषधि मंद पड़ी पाचक अग्नि को तीव्र कर देती हैं जिसके कारण भोजन का पाचन आसानी से हो जाता हैं | जब भोजन का पाचन आसानी से होगा तोह पेट में किसी प्रकार की समस्या होने का कोई कारण नहीं बचता हैं और मनुष्य स्वस्थ और फुर्तीला रहता हैं |
अमृतारिष्ट एनीमिया की समस्या में – (For Anemia)
एनीमिया की समस्या एक आम समस्या हैं| इस समस्या में व्यक्ति के शरीर में खून की कमी हो जाती हैं तथा हीमोग्लोबिन का स्तर गिर जाता हैं| इन सब के कारण व्यक्ति कमजोर हो जाता हैं| एनीमिया की समस्या अर्थात मनुष्य के शरीर में खून की कमी अनेक बीमारियों को जन्म देती हैं| Amritarishta लेने से व्यक्ति के शरीर में खून की कमी नही होती|
यह औषधि रक्त को साफ़ करने में भी सहायक हैं| इसके सेवन से रक्त स्त्रावित करने वाले हार्मोन्स में वृद्धि होती हैं| खून की कमी व्यक्ति के शरीर में किसी भी कारण हो सकती हैं| यह कमी मासिक धर्म के समय अत्यधिक रक्तस्त्राव, दुर्घटना के कारण ज्यादा खून का बह जाना, किसी रोग के कारण खून की कमी हो जाना और भी कई कारणों से जब व्यक्ति के शरीर में खून की कमी हो जाती हैं तो अमृतारिष्ट औषधि के सेवन से यह बहुत जल्दी खून की कमी को पूरी कर देती हैं|
लीवर रोग में – (For Liver disease)
Amritarishta के सेवन से लीवर में विकार या लीवर समबन्धित अनेक समस्याओ का समाधान मेंलाभदायक होती हैं | Amritarishta के उपयोग से लीवर को एक नई ऊर्जा मिलती हैं जिसके कारण मनुष्य में एक नयी स्फूर्ति बनी रहती हैं| यह औषधि अस्त व्यस्त पाचन तंत्र को एक दम स्वस्थ कर देती हैं| इसके अतिरिक्त यह लीवर की वृद्धि को रोकने में भी सहायक हैं | इस औषधि का सेवन करने से ज्वर की परेशानी पूरी तरह खत्म हो जाती हैं|
मांस पेशियों का सही विकास करने में (For Muscle development)
Amritarishta के उपयोग से हमारे शरीर को बहुत अलग अलग तरीके से फायदा होता हैं| उनमे से एक फायदा यह भी हैं कि Amritarishta मांस पेशियों का सही तरीके से विकास करके हमारे शरीर को दृढ और सुन्दर तथा सुडोल बनाता हैं| अमृतारिष्ट जब भोजन को सही तरीके से पचाने में मदद करेगा तो भोजन से रस, रस से रक्त, रक्त से मांस, मांस से मेद, मेद से अस्थि, अस्थि से मज्जा तथा मज्जा से ओज का निर्माण होता हैं जिसके कारण हमारे शरीर में चमक आती हैं|
अमृतारिष्ट महिलाओ के प्रसूति ज्वर में असरदार (For Meternal fever in women)
जब एक गर्भवती महिला नवजात शिशु को जन्म देती हैं तो उसके शरीर में काफी कमजोरी बनी रहती हैं| ऐसे समय में अगर प्रसूता की सही तरीके से देखभाल और खान पीन का सही ध्यान नही रखा जाये तोह महिला ज्वर से पीड़ित हो सकती | इस ज्वर को प्रसूति ज्वर कहा जाता हैं| इस ज्वर में अमृतारिष्ट के सेवन से शरीर के तापमान में कमी आती है तथा प्रसूति माहिला को आराम मिलता हैं| यह कमजोरी दूर करने में भी सहायक हैं|
मलेरिया और टाइफाइड जैसे रोग के लिए (For Typhoid and Malaria)
चाहे किसी भी प्रकार की बुखार हो तो इसका इलाज Amritarishta के पास हैं| चाहे वह मलेरिया के कारण आई बुखार हो चाहे वह टाइफाइड के कारण आई बुखार हो, अमृतारिष्ट सभी स्थितियों में फायदेमंद हैं| यह किसी पुराने बुखार में भी फायदेमंद हैं|
विषम ज्वर में –
इस ज्वर में किसी व्यक्ति को १ दिन छोड़कर १ दिन या दो दिन छोड़कर दो दिन या फिर तीन दिन छोड़कर तीसरे दिन फिर से बुखार आ जाती हैं| इसे ही विषम ज्वर कहते है| Amritarishta विषम ज्वर को खत्म समाप्त करने में मदद कर बुखार में हुई हानि की भरपाई कर देता हैं|
शीत ज्वर – (For Cold fever)
जब रोगी को किसी भी मौसम में ठण्ड लग कर बुखार आ जाती हैं तब उसे शीत ज्वर कहा जाता हैं| Amritarishta लेने से इस बुखार को दूर किया जा सकता हैं| बुखार को दूर करके Amritarishta रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी बढाता हैं|
अमृतारिष्ट औषधि के सेवन का प्रकार और मात्रा | (Doses of Amritarishta)
औषधि के सेवन का प्रकार | 10 to 20 milliliters |
औषधि को दिन में कितनी लिया जाये | Twice a day |
लेने का उचित समय | After eating food |
With what to take the medicine | साफ़ और तजा पानी के साथ |
duration of drug intake | चिकित्सक की सलाह के अनुसार |
चेतावनी | (Precautions of Amritarishta)
- इसे ज्यादा मात्रा में लिए जाने पर पेट में जलन हो सकती हैं इसलिए इसे चिकित्सक की सलाह अनुसार ही ले|
- मधुमेह के रोगी इसके उपयोग से पहले सावधानी बरते|
- गर्भवती महिलाओ को इसका सेवन नही करना चाहिए|
उपलब्धता | (Availability of Amritarishta)
- Divine Amritarishta (Divya pharmacy amritarishta)
- Dabur Amritarishta (Dabur amritarishta)
- Zandu Amritarishta (Zandu amritarishta )
- sandu Amritarishta (Sandu amritarishta)
- वैधनाथ Amritarishta (Baidyanath amritarishta)
- swindler Amritarishta (Dhootpapeshwar amritarishta)
- Multani Amritarishta (Multani amritarishta)
- Basic Ayurveda Amritarishta (Basic ayurveda amritarishta)
- Kerala Ayurveda Amritarishta (Kerala ayurveda amritarishta)
- सांडू ब्रदर्स Amritarishta (sandu brothers amritarishta)
- Kottakkal Amritarishta (Kottakkal amritarishta)
- एवीपी Amritarishta (AVP amritarishta)
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Note– यदि आपका कोई प्रश्न है तो बेझिझक पूछें। आपको प्रत्येक उचित प्रश्न का जवाब मिलेगा|
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