saraswatarishta benefits
Medicinal philosophy

Saraswatarishta: Do you also want to make your throat sweet and your mind strong then consume it

सारस्वतारिष्ट का परिचय (Introduction of Saraswatarishta: benefit, dosage)

Table of Contents

सारस्वतारिष्ट क्या हैं? (What is Saraswatarishta?)

it औषधि एक आयुर्वेदिक औषधि हैं| यह औषधि पूरी तरह प्राकृतिक क्रिया और प्राकृतिक तत्वों से मिलकर बनी हैं| Saraswatarishta का मुख्य घटक ब्राह्मी होता हैं| ब्राह्मी के साथ साथ कई और फायदेमंद तत्व भी इस औषधि में मिले हुए होते हैं जो कई तरह की बिमारियों से लड़ने में हमारी मदद करते हैं| यह औषधि गले को सुरीला बनाती हैं| यदि कोई व्यक्ति हकलाता हैं तो 6 महीने के लगभग इस औषधि का सेवन करने वह व्यक्ति एक सामान्य व्यक्ति की तरह बात करने लगता हैं| इस औषधि के सेवन से मानसिक रोग जैसे स्मृति भ्रम, दिमाग में कमजोरी, तनाव, अनिद्रा आदि समस्याओ में भी मददगार हैं |

This औषधि का सेवन छोटे बच्चो को एक बुद्धि टॉनिक के रूप में कराया जाता हैं| Saraswatarishta छोटे बच्चे, वयस्क व्यक्ति एवम बुजुर्ग सभी लोग इस औषधि का सेवन कर सकते हैं| यह औषधि पुरुषो और महिलाओ के रोग में भी उपयोग में ली जाती हैं| यह औषधि पुरुषो के शुक्र रोग और स्त्रियों में अनियमित रूप से होने वाले मासिक धर्म में भी काम आती हैं| इस औषधि में स्वर्ण पत्र भी डाला जाता हैं| इसे डालने से औषधि के कायाकल्प गुण और भी बढ़ जाते हैं|

सारस्वतारिष्ट औषधि के घटक द्रव्य (Contents of Saraswatarishta)

  1. Brahmi
  2. asparagus
  3. tuber
  4. Big Herd
  5. Khas
  6. Ginger
  7. Fennel
  8. Giloy
  9. flowers of the midwife
  10. Renuka
  11. Nishoth
  12. Small Peepal
  13. Clove
  14. Escape
  15. Small cardamom
  16. Vayvidang
  17. cinnamon
  18. dog
  19. स्वर्ण पत्र
  20. Water
  21. Jaggery
  22. Sugar
Saraswatarishta contents herbal arcade
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सारस्वतारिष्ट औषधि बनाने की विधि (How to make Saraswatarishta)

यह औषधि एक बहुत ही फायदेमंद औषधि हैं| इस औषधि को बनाने के लिए सबसे पहले ब्राह्मी, शतावर, विदारीकंद, बड़ी हरड, खस, अदरक और सौंफ को कूट कर इन सब का काढ़ा बनाना होगा| इस औषधि का काढ़ा बनाने के लिए चुनी गयी औषधियों को उचित मात्रा में पानी के साथ धीमी आंच पर उबालना होगा|

यह काढ़ा तब तक तैयार नही होगा जब तक डाले गए पानी का चौथाई हिस्सा शेष न रह जाये| इस काढ़े का चौथा हिस्सा शेष रह जाने पर इसे नीचे उतार कर ठंडा कर लें| अब इस मिश्रण में चीनी और गुड मिलाएं| अब इस मिश्रण में बाकी बची जड़ी बूटियों और स्वर्ण पत्र को अच्छे से कूट पीस कर मिश्रण में डाले| अब इस मिश्रण को इसी तरह एक महीने के लिए रखा रहने दें| एक महीने बाद औषधि सेवन के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो जाती हैं|

सारस्वतारिष्ट औषधि के फायदे और उपयोग Benefits of Saraswatarishta

सारस्वतारिष्ट हकलाहट और तोतलेपन को दूर करे

यह औषधि किसी भी उम्र में हो रही हकलाहट और तोतलेपन को दूर करने में सहायता प्रदान करता हैं | कुछ लोग जन्म से ही हकलाते हैं और कुछ लोग विशेष परिस्थितियों में जैसे भावुक होने या डर जाने जैसी स्तिथियों में भी हकलाते हैं| किसी भी प्रकार की हकलाहट को दूर करने के लिए सारस्वतारिष्ट औषधि का सेवन करना चाहिए|

हकलाहट के अतिरिक्त अधिक आयु होने पर भी तोतलापन होने पर भी इस औषधि का प्रयोग सर्वोत्तम रहता हैं| किसी भी उम्र में किसी भी प्रकार की हकलाहट और तोतलेपन को दूर करने में Saraswatarishta औषधि सहायता करती हैं |

पुरुषो में वीर्य बढाने में मददगार औषधि

इस औषधि का सेवन करने से पुरुषो के शरीर में वीर्य की कमी नही रहती हैं| यह औषधि पुरुषो के शरीर में वीर्य निर्माण करने में सहायता करती हैं| इसके अतिरिक्त यह औषधि पुरुषो में शुक्र दोष का समाधान भी करती हैं|

सारस्वतारिष्ट के फायदे herbal arcade
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सारस्वतारिष्ट मासिक धर्म की समस्याओ में लाभदायक

जब मासिक धर्म अनियमित रूप से आने लगते हैं या एक आयु के बाद मासिक धर्म आना बंद हो जाते हैं अथवा मासिक धर्म के समय रक्त का स्त्राव संतुलित नही रहता तो इस स्थिति में महिलाओ को कमजोरी, चिडचिडापन, चक्कर आना, अनिद्रा, तनाव आदि समस्याए आ सकती हैं|

इस औषधि का सेवन सही प्रकार से करने पर परिणामस्वरूप मासिक धर्म नियमित रूप से आने लगेगा| मासिक धर्म के नियमित रूप से ना आने के कारण हो रही सारी समस्याओ का इलाज़ भी Saraswatarishta औषधि एक अच्छा उपाय हो सकती हैं| इनमें से किसी भी समस्या से पीड़ित महिलाओ को इस औषधि का प्रयोग जरुर करना चाहिए|

सारस्वतारिष्ट कंठ को मधुर बनाये

यह औषधि कंठ को मधुर बनाने में सबसे बेहतरीन औषधि हैं| यह औषधि अधिक गाने या अन्य किसी कारण कंठ में हुई खराबी को सही करता हैं और कंठ को मधुर बनता हैं तथा कंठ मधुर होने से आवाज़ भी मधुर हो जाती हैं|

स्मरण शक्ति की कमी को पूरा करें

यह औषधि स्मरण शक्ति बढाने में फायदेमंद होती हैं| बच्चे हो चाहे बूढ़े यह औषधि सभी की स्मरण शक्ति को बढाती हैं| बच्चो के अधिक अध्ययन के कारण उनकी स्मरण शक्ति का नाश होने लगता हैं| बुजुर्ग लोग अपनी बढती उम्र के साथ साथ स्मरण शक्ति खोने लगते हैं| दोनों ही परिस्थितियों में यह औषधि अत्यधिक कारगर मानी जाती हैं| इसलिए स्मरण शक्ति को बढ़ने के Saraswatarishta Medicine should be used.

ह्रदय को बल देने में सहायक

यह औषधि कमजोर ह्रदय को मजबूत बनाने में भी उपयोग में ली जाती हैं| शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति का ह्रदय भी कमजोर होता हैं| जब ह्रदय कमजोर होगा तो यह सही तरह से शरीर में रक्त को संचारित नही कर पता हैं| यदि रक्त का संचारण सही तरह से नही होगा तो रक्तहीन अंग सुन्न पड़ने लग जाते हैं|

इन सारी समस्याओ के कारण हार्ट अटैक जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं | ह्रदय की कमजोरी के कारण धड़कने अनियमित रूप से चलने लगती हैं| जिससे ह्रदय के लिए खतरा और भी बढ़ जाता हैं | इस औषधि का सेवन करने से यह हमारे शरीर को और हमारे ह्रदय को मजबूत बनती हैं | ह्रदय की किसी भी प्रकार की समस्या में यह औषधि फायदेमंद होती हैं|

अवसाद और चिंता का इलाज़

जब व्यक्ति अधिक तनाव में होता हैं तो वह छोटी छोटी बातों पर भी विचार कर करके अपने मन और ह्रदय को चिंतित कर लेता हैं| इसके कारण व्यक्ति को चिडचिडापन, अनिद्रा आदि समस्याए घेर लेती हैं| इस औषधि का प्रयोग करने से व्यक्ति को तनावरहित महसूस होता हैं| व्यक्ति डिप्रेशन में जाने जैसी समस्याओ से छुटकारा पा सकता हैं| अवसाद से ग्रसित किसी भी व्यक्ति को इस औषधि का सेवन करना चाहिए|

अनिद्रा की स्थिति में कारगर उपाय

यह औषधि किसी भीं तनाव के कारण या अकारण ही नींद नही आने जैसी समस्याओ से छुटकारा दिलाती हैं| इस औषधि का उपयोग करने से व्यक्ति अपनी पूरी और अच्छी नींद ले सकता हैं| जिससे व्यक्ति पुरे दिन चिडचिडा न रह कर एक दम स्वस्थ और फुर्ती भरा रहता हैं|

सारस्वतारिष्ट छोटे बच्चो के लिए एक टॉनिक के रूप में

यह औषधी बच्चो के लिए बहुत ही फायदेमंद होती हैं| इस औषधि का प्रयोग बच्चो की स्मरण शक्ति को बढाने के लिए किया जाता हैं| यह औषधि बच्चो को ताकत देती हैं| इस औषधि के प्रयोग से बच्चो को शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार से बल मिलता हैं| कमजोर बच्चो को इसका सेवन उचित मात्रा में कराना चाहिए|

ख़राब पाचन तंत्र को सही करे

पाचन तंत्र ख़राब होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे भारी या तीखा भोजन, दूषित खान पान भी इसका कारण हो सकते हैं| पाचन शक्ति कमजोर हो जाने पर कब्ज़, गैस, अतिसार आदि समस्याए सामने आती हैं| इन सारी समस्याओ को दूर करने के लिए Saraswatarishta औषधि कारगर औषधि होती हैं| इन सब के अतिरिक्त यह औषधि मंद पाचक अग्नि को भी बढाती हैं| जिससे भोजन का पाचन सही प्रकार से हो सके|

सारस्वतारिष्ट औषधि की सेवन विधि और मात्रा (Doses of Saraswatarishta)

age         amount
For children above 5 years of age5 to 10 ml
For adults10 to 20 milliliters
how many times a day takeदिन में दो बार सुबह और शाम
Proper time of intakeAfter meals
whom to take withwith lukewarm water
Duration of intakeचिकित्सक की सलाह के अनुसार

सारस्वतारिष्ट औषधि का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (Precautions of Saraswatarishta)

  • इस औषधि का सेवन उचित मात्र में करे , अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से पेट में जलन हो सकती हैं|
  • मधुमेह के रोगी इस औषधि का सेवन ना करे|
  • गर्भावस्था में इस औषधि का सेवन करने से बचे|
  • स्तनपान के दौरान इस औषधि का सेवन करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरुर ले|
  • इसे नमी से दूर रखे|
  • इस औषधि का सेवन बिना जल के ना करें |

सारस्वतारिष्ट की उपलब्धता (Availability of Saraswatarishta)

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