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Palash

पलाश  का परिचय: (Introduction of Palash)

Table of Contents

पलाश क्या है? (Palash kya hai?)

पूरे भारत में पलाश पाया जाता है|  इसे बहुत ही प्राचीन काल से एक दिव्य औषधी के रूप में प्रयोग किया जा रहा है| यह भारत के मैदानी क्षेत्रो में अधिक पाई जाती है| इसके पत्तो का उपयोग प्राचीन काल में पत्तल बनाने में किया जाता है| यह एक ऐसा पेड़ है जिसके फूलो का उपयोग होली पर रंग बनाने में किया जाता है| इसके फूलो को केसरिया फूल बोलते है|

होली खेलने के लिए प्राकृतिक रंग बनाने के लिए इस का उपयोग किया जाता है| वहीं, इनकी खूबसूरती के कारण कई लोग इनका उपयोग घर के आंगन की शोभा बढ़ाने के लिए भी करते हैं| साथ ही इसमें कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो कुछ स्वास्थ लाभ पाने में सहायक हो सकते हैं|

क्या आपको पता है कि आयुर्वेद में एक जड़ी – बूटी  के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है| यह एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसके पास सिर से लेकर पाँव तक की समस्या का इलाज पाया जाता है| अगर आप इसका उपयोग करते है तो आप रक्तपित, पेट के कीड़े, घेंघा रोग, बवासीर आदि से छुटकारा मिलता है|

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Palash ki akriti)

इस का पेड़ टेढ़ा – मेढ़ा मध्यम आकार व पत्तीदार पेड़ होता है| इसके पेड़ की छाल मुलायम और भूरे रंग की होती है| पुरानी छाल गाढे दार व टेढ़ी – मेढ़ी होती है| इसका बीच का पत्ता बड़ा तथा किनारे के दोनों पत्ते छोटे होते हैं| यह हरे रंग के व खुरदरे होते है| इसके पत्तो का दोना या पत्तल बनाई जाती है| इसके फूल चमकीले सुंदर नारंगी रंग के होते है| इस पेड़ के पत्ते हटने के बाद फूल आते है| इसकी फली बड़ी व चपटी भूरे रंग की होती है| प्रत्येक फली में लाल रंग के बीज तथा चपटे होते है| इसका फूलकाल फरवरी से मई तक तथा फल काल मई से जून तक होता है|  

पलाश की प्रजातियाँ (Palash ki prajatiyan)

  • butea monosperma
  • butea superb
पलाश के सामान्य नाम Herbal Arcade
पलाश के सामान्य नाम Herbal Arcade

पलाश के सामान्य नाम (Palash common names)

Botanical name (Botanical NameButea monosperma
English (English)The forest flame
Hindi (Hindi)ढाक, पलाश, परास, टेसु;
Sanskrit (Sanskrit)पलाश, किंशुक, पर्ण, रक्तपुष्पक, क्षारश्रेष्ठ, वाततोय, ब्रह्मवृक्ष;
Other (Others)पलाश पापरा  (उर्दू) पोलासो  (उड़िया) मुथुगा  (कन्नड़) खाखड़ा (गुजराती) पलासु (तमिल) मोडूगा  (तेलगु) पलाश गाछ (बंगाली) पलासी (नेपाली) पलस (मराठी) किमशुकम (मलयालम)
Total (Family)Fabaceae

पलाश के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Palash Ayurvedic properties)

Shortcoming (Dosha) pacifies cough and vata
Juice (Taste)कटु (pungent), तिक्त (bitter), कषाय (ast.)
Property (Qualities) Laghu (light), Ruksha (dry)
Semen (Potency) hot
Vipak(Post Digestion Effect) pungent
Other (Others)स्तम्भन, लेखन, शोथहर, दीपन, ग्राही, भेदन
Ayurvedic properties of palash Herbal Arcade
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ढाक/पलाश के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Palash its benefits and uses)

In Nosebleed (Palash for blood bile)

  • आम तौर पर नाक से खून बहने के बहुत सारे कारण होते हैं, ज्यादा गर्मी, ज्यादा ठंड या किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के तौर पर भी ऐसा होता है|  इस के फूलो को रात भर ठंडे पानी में भीगेकर छानकर सुबह थोड़ी मिश्री मिलाकर पीने से नकसीर बंद हो जाती है|

in goiter

  • यदि आपको घेंघा रोग की समस्या है तो इस का औषधीय गुण घेंघा को ठीक करने में मदद करता है| पलाश की जड़ को घिसकर लेप करने से गलगंड में लाभ होता है|

In Diabetes (Palash for diabetes)

  • आजकल की भाग-दौड़ और तनाव भरी जिंदगी ऐसी हो गई है कि न खाने का नियम और न ही सोने  का नियम होता है इसके चलते लोग मधुमेह या डायबिटीज की शिकार होते जा रहे हैं| इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए  इस की जड़ों का रस निकालकर, उस रस में 2 दिन तक गेहूँ के दानों को भिगो दें उसके बाद इन दानों को पीसकर हलवा बनाकर खाने से मधुमेह से छुटकारा मिलता है|

कामशक्ति में

  • पलाश की जड़ के अर्क को दिन में दो बार सेवन करने से अनैच्छिक वीर्यस्राव रुकता है और कामशक्ति प्रबल होती है|

पाचन संबंधित परेशनी में (Palash for digestion)

  • यदि आपको पाचन संबंधित परेशानी है तो आप इस का किसी भी तरह उपयोग कर पाचन की समस्या से छुटकारा पा सकते है

खून को साफ करने में

  • शरीर में विषाक्त पदार्थ निकालने के लिए पलाश के फूलो का उपयोग किया जाता है| पलाश के फूलो का रस निकाल कर सेवन करने से खून साफ होता है|

पेट के फूलने में

  • यदि आप को पेट दर्द की समस्या है तो पलाश की छाल और शुंठी का काढ़ा या इस के पत्ते का काढ़ा बना लें| दिन में दो बार पिलाने से आध्मान पेट फूलना  तथा  पेट दर्द में आराम मिलता है|

in stomach worms

  • अक्सर बच्चे पेट में कीड़ें होने के कारण पेट दर्द से परेशान रहते हैं| पलाश का सेवन करने पर कीड़ों को मारने में मदद मिलती है|

In Diarrhea (Palash for diarrhea)

  • आपके कुछ उल्टा सीधा खाने की वजह से दस्त  की परेशानी हो सकती है| इस परेशानी को दूर करने के लिए एक चम्मच पलाश बीज के काढ़े में एक चम्मच बकरी का दूध मिलाकर, खाना खाने के बाद दिन में तीन बार सेवन करने से अतिसार में लाभ होता है| इस समय में बकरी का उबला हुआ ठंडा दूध और चावल ही लेना चाहिए|

in the wound

  • अगर चोट के कारण घाव हो गया है तो इस के गोंद के चूर्ण को आग में सेककर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भरता है|

In bloody piles (Palash for piles)

  • यदि आपको खूनी बवासीर की समस्या है तो पलाश के पंचाग को गुनगुने घी में डालकर सेवन करने से खूनी बवासीर में लाभ मिलता है| इसके कुछ दिनों तक नियमित रूप से सेवन करने मस्से सूख जाते है|

In Leprosy (Palash for leprosy)

  •  कुष्ठ रोग से परेशान होने वालो व्यक्ति के लिए यह बहुत ही महत्चपूर्ण और उपयोगी है| कुष्ठ के घाव को सूखाने में पलाश मदद करता है| पलाश बीज से बने तेल को लगाने से कुष्ठ में लाभ होता है|

In Ringworm पलाश

  • ढाक के बीजों को नींबू के रस के साथ पीसकर लगाने से दाद और खुजली को ठीक करने में मदद मिलता है|

In Urology (Palash for urinary tract disease)

  • मूत्र संबंधी बीमारी में बहुत तरह की समस्याएं आती हैं, जैसे-  मूत्र करते वक्त दर्द या जलन होना, मूत्र रुक-रुक कर आना, मूत्र कम होना आदि| यह इस बीमारी में बहुत ही लाभकारी साबित होता है|
  • इस के पुष्पों को रात भर ठंडे पानी में भिगोकर सुबह थोड़ी मिश्री मिलाकर पिलाने से गुर्दे का दर्द तथा मूत्र के साथ रक्त का आना बंद हो जाता है|
  • पलाश की सूखी हुई कोपलें, गोंद, छाल और फूलों को मिलाकर चूर्ण बना लेना चाहिए| इस चूर्ण में समान मात्रा में मिश्री मिलाकर  चूर्ण को प्रतिदिन दूध के साथ सुबह शाम सेवन करने से मूत्र त्याग में कठिनता में लाभ होता है|

in gonorrhoea पलाश

  • यदि आप इस रोग से ग्रस्त है तो पलाश की नई पत्ती को छाया में सुखा कर इसे कूट कर इसमे गुड़ मिला ले| इसे सुबह – शाम सेवन करने से प्रमेह रोग से छुटकारा मिलता है|

अंडकोश की सूजन में पलाश के फायदे

  • पलाश के फूलों की पुल्टिस बनाकर नाभि के नीचे बाँधने से मूत्राशय संबंधी रोग तथा अंडकोष में बाँधने से अंडकोष सूजन कम होता है|

गर्भ निरोधक में उपयोगी पलाश

  • पलाश का औषधीय गुण प्राकृतिक गर्भनिरोधक जैसा काम करता है| पलाश बीज, शहद और घी इन सबको घोटकर इसमें रूई को भिगोकर बत्ती बनाकर तीन घण्टे पहले योनि में रखने से गर्भधारण नही होता|

in joint pain पलाश (Palash for joints pain)

  • अगर आप अपने जोड़ो के दर्द से बहुत परेशान है तो पलाश के बीजो को बारीक़ पीसकर मधु के साथ मिलाकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से जोड़ो के दर्द से छुटकारा मिलता है|

बदगाँठ में

  • ढाक के पत्तों की पुल्टिस बाँधने से और पलाश जड़ के छाल का चूर्ण बनाकर उसको दूध के साथ पीने से बंदगाँठ मेंलाभ होता है|

हाँथीपाव में पलाश

  • पलाश के जड़ के रस में समान मात्रा में सफेद सरसों का तेल मिलाकर दो चम्मच सुबह-शाम पीने से श्लीपद रोग या हाथीपाँव में लाभ होता है|

मिर्गी में (Palash for epilepsy)

  • इस रोग से ग्रस्त व्यक्तियों को छुटकारा पाने के लिए पलाश की जड़ों को पीसकर 2 या 3 बूँद नाक में टपकाने से मिर्गी का दौरा बंद हो जाता है|

In inflammation (Palash for swelling)

  • आपके शरीर के किसी अंग में सूजन होने पर उसको कम करने में पलाश का औषधीय गुण मदद करता है| ठंडे जल में पिसे हुए पलाश बीज का लेप करने से सूजन कम होती है और पलाश के फूलों की पोटली बनाकर बाँधने से सूजन कम होती है|

सभी प्रकार के ज्वर में पलाश

  • यदि आपको किसी भी प्रकार का बुखार है, जैसे शीत बुखार, कफज बुखार आदि| इनसे छुटकारा पाने के लिए पलाश, तुलसी अर्जक तथा सहिजन मिलाकर घोल बना ले फिर इसका लेप सिर पर करने से बुखार से छुटकारा मिलता है|

Important parts of Palash)

  • Root
  • leaf
  • Seed
  • Flower
  • glue
  • Bark

सेवन मात्रा (Dosages of Palash)

  • चूर्ण – 2 से 3 ग्राम
  • क्वाथ -10 से 40 मिली या चिकित्सक का अनुसार

Caution (Precautions of Palash)

  • गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाएं इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लें|
  • अगर कोई किसी बीमारी के लिए एलोपेथिक दवा का सेवन कर रहा हो, तो पलाश का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें|

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