आलू (Potato): इसकी सब्जी होती सभी को पसंद आइये जाने आलू के 12 फायदे (benefits, usages)
आलू का परिचय (Introduction of Aalu)
आलू क्या है? (Aalu kya hai?)
अगर में आपसे कहूँ की आलू का उपयोग शरीर को स्वस्थ करने और रोगों को दूर करने के लिया जाता हैं| तो शायद आपके मन में पहला सवाल होगा कि आलू (स्वादुकंदः) से तो मोटापा बढ़ता हैं और मोटापे से फिर कई सारी बीमारियाँ भी जन्म लेती हैं|
यदि में आपसे कहूँ कि आलू से मोटापा नही बढ़ता हैं तो शायद आपको विश्वास ना हो परन्तु यही सच हैं| हम अपने स्वाद के लिए आलू के साथ तेल और मसाले का उपयोग करते हैं जिससे मोटापा बढ़ता हैं| यदि आलू का सेवन इनके साथ नही किया जाये तो निश्चित ही आप मोटापे से दूर रहेंगे|
स्वादुकंदः एक बहुत ही सस्ती सब्जी होती होती हैं जिसे बहुत सारी सब्जियों के साथ मिला कर बनाने से स्वाद बढ़ता हैं| इसके बाद यदि बात करें आलू के औषधीय गुण के बारे में तो इसके सेवन से बहुत सारे रोगों में लाभ होता हैं| तो आइए जानते हैं इसके दिव्य गुणों के बारे में विस्तार से|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Aalu ki akriti)
स्वादुकंदः के पौधे की लम्बाई लगभग 50 cm तक हो सकती हैं| इसकी जेड छोटी छोटी होती हैं जो 2 फीट तक की हो सकती हैं| इसके फूल लाल, सफ़ेद, बैंगनी या गुलाबी रंग के हो सकते हैं तथा इनका काल सितम्बर से मार्च तक होता है|
आलू में पाए जाने वाले रासायनिक तत्व (Aalu ke poshak tatv)
- स्टार्च
- पैक्टिन
- वसा
- प्रोटीन
- खनिज
- लवण
- विटामिन ए, सी
- टार्टेरीक अम्ल
- सोलानिडीन
- सोलैनिन आदि|
आलू के सामान्य नाम (Aalu common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Solanum tuberosum |
अंग्रेजी (English) | potato |
हिंदी (Hindi) | आलू |
संस्कृत (Sanskrit) | स्वादुकंदः, सुकंदकः |
अन्य (Other) | बटाटे (कन्नड़), बटाटा (गुजराती), बटाटा (मराठी), आलू (बंगाली), आलू (नेपाली) |
कुल (Family) | Solanaceae |
आलू के आयुर्वेदिक गुणधर्म (Aalu ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | वातशामक, कफशामक (pacifies vata and cough) |
रस (Taste) | मधुर (sweet) |
गुण (Qualities) | स्निग्ध (oily) |
वीर्य (Potency) | उष्ण (hot) |
विपाक(Post Digestion Effect) | मधुर (sweet) |
अन्य (Others) | दीपन, ग्राही, शोथशामक |
आलू के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Aalu ke fayde or upyog)
त्वचा रोग में (Aalu for skin)
- आलू को पीस कर यदि जले हुए स्थान पर लगाया जाता हैं तो इससे घाव जल्दी भरता हैं|
- दाद, खाज और खुजली से प्रभावित स्थान पर कच्चे आलू के रस को लगाने से लाभ मिलता हैं|
- चेहरे की झुर्रियों को मिटाने के लिए भी कच्चे स्वादुकंदः का उपयोग किया जाता हैं| इसके अलावा काले दाग, घब्बे, काले घेरे, सूजी आँखे, रुखी त्वचा आदि में भी इसका उपयोग लाभकारी होता हैं|
मूत्र से जुडी समस्या में (Aalu for urinary problems)
- यदि उचित मात्रा में पानी पीने और पोषक तत्वों का सेवन करने के बाद भी मूत्र में कमी आती हैं तो स्वादुकंदः को भूनकर खाने से इस समस्या से राहत मिलती हैं|
प्रसूता में दूध की कमी होने पर
- यदि भुने हुए स्वादुकंदः के कंद का सेवन प्रसूता स्त्री को कराया जाता हैं तो इससे दूध में वृद्धि होती हैं|
दुर्बलता में (Aalu for weakness)
- स्वादुकंदः को हल्का भूरा कर के इसका हलवा बना कर खाने से दुर्बलता का नाश होता हैं|
मुंह के छालों में
- भुने हुए स्वादुकंदः के कंद का सेवन करने से मुंह क छाले दूर होते हैं|
जुखाम में (Aalu for cold)
- स्वादुकंदः के पत्तों के रस में शहद और सेंधा नमक मिला कर पीने से जुखाम और गले में होने वाली जलन से राहत मिलती हैं|
पुरानी खांसी में (Aalu for chronic cough)
- इसके पत्तो के रस का सेवन करने से पुरानी खांसी में लाभ होता हैं|
रक्तचाप नियंत्रित करें (Aalu for blood pressure)
- उबले हुए स्वादुकंदः का सेवन करने से रक्तचाप या बी.पी. का संतुलन बना रहता हैं| आलू में मैग्नेशियम होता हैं जो हमारे ह्रदय की सुरक्षा करता हैं|
हड्डियों के लिए आलू (Aalu for bones)
- स्वादुकंदः में विटामिन, कैल्शियम और मैग्नेशियम होते हैं जो कि हड्डियों के लिए बहुत ही अच्छे होते हैं| आलू के सेवन से गठिया में भी लाभ मिलता हैं|
पाचन को दुरुस्त करें (Aalu for digestion)
- स्वादुकंदः में कार्बोहाइड्रेट होता हैं जो पाचन को अच्छा रखता हैं| अतिसार होने पर स्वादुकंदः का सेवन करना फायदेमंद होता हैं|
सूजन में (Aalu for inmflammation)
- स्वादुकंदः में पोटेशियम और विटामिन सी जैसे तत्व पाए जाते हैं जो सूजन को समाप्त करने में लाभदायक होते हैं|
दिमाग और बालो के लिए आलू
- स्वादुकंदः का सेवन करने से दिमाग को प्रबलता मिलती हैं क्योंकि इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं जो बच्चो के लिए जरुरी और लाभदायक होते हैं|
- इसके अलावा बालों का गिरना या असमय सफ़ेद होने पर भी स्वादुकंदः का सेवन करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं|
उपयोगी अंग (भाग)
- कंद
- पत्र
सावधानियाँ
- हरे स्वादुकंदः और उनके छिलके विषाक्त परिणाम दे सकते हैं इसलिए उनका सेवन ध्यान से करना चाहिए|