मोसंबी (Mosambi)
मोसंबी का परिचय: (Introduction of Mosambi)
मोसंबी क्या है? (What is Mosambi)
मोसंबी का फल स्वाद में खट्टा और मीठा होता है| इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है| गर्मियों में मोसंबी का सेवन करने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है| इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जिसमें विटामिन- ए, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, फॉस्फोरस और पोटेशियम शामिल है|
इतना ही नहीं मौसंबी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीट्यूमर, एंटीडायबिटिक, एंटीअल्सर जैसे गुण भी पाए जाते हैं| नियमित रूप से मोसंबी जूस का सेवन करने से शरीर को कई बीमारियों की चपेट में आने से बचाया जा सकता है| आज हम आपको बताएंगे मौसमी का जूस पीना शरीर के लिए तरह से फायदेमंद होता है|
इसका सूखा छिलका कमजोरी दूर करने के साथ साथ वात को कम करने में भी मददगार होता है| आइये जानते है की इसके कितने सारे आयुर्वेदिक फायदे है जो किन – किन बीमारियों को नष्ट करता है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Mosambi ki akriti)
समस्त भारत में इसकी खेतिकी जाती है| और पुरे भारत में इस फल का प्रयोग किया जाता है| इसके फल का रस रुचिकार तथा बलवर्द्धक होता है| इस के पेड़ को मीठा नींबू भी कहते है|
मोसंबी का पेड़ 6 मीटर तक ऊँचा और फैला हुआ होता है| यह कांटों से युक्त और हमेशा हरा रहता है| इसके पत्ते एकांतर तथा आगे के भाग से नुकीले और खुशबूदार, पंखयुक्त होते है| इसके फूल सफेद रंग के सुंगधित होते है| इसके फल कच्ची अवस्था में हरे रंग का तथा पकने पर सुनहरा या नारंगी रंग का हो जाता है| फल के अन्दर चिकने, सफेद रंग के, तथा नुकीले बीज होते हैं| इसका फूलकाल व फलकाल पुरे वर्ष तक रहता है|
माल्टा/मोसंबी के सामान्य नाम (Mosambi common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Citrus sinensis |
अंग्रेजी (English) | Mozambique orange |
हिंदी (Hindi) | मोसंबी, माल्टा |
संस्कृत (Sanskrit) | नारंगा, नागरंगा |
अन्य (Other) | मोसंबी (बंगाली)कितितले (कन्नड़)माल्टा (गुजराती)चिनि (तमिल)बट्टावि-नारंगी (तेलगु)जुनार (नेपाली)माल्टा (मराठी)मदुरा (मलयालम) |
कुल (Family) | Rutaceae |
मोसंबी के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Mosambi ke Ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | वातशामक (pacifies vata), कफपित्तवर्धक (increse cough and pitta) |
रस (Taste) | मधुर (sweet), अम्लीय (sour) |
गुण (Qualities) | लघु (light) |
वीर्य (Potency) | शीत (cold) |
विपाक(Post Digestion Effect) | मधुर (sweet) |
अन्य (Others) | केश्य, त्वगदोषहर, ज्वरघ्न, तृष्णाशामक |
मोसंबी के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Mosambi ke fayde or upyog)
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए (Mosambi for immune system)
- मोसंबी के जूस के सेवन से इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है| मौसंबी में विटामिन सी, विटामिन डी और लिमोनेन तत्व पाया जाता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं|
त्वचा के लिए (Mosambi for skin)
- मौसंबी में विटामिन सी,एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मददगार हैं| इसके जूस का सेवन करने से त्वचा को संक्रमित होने से बचाने के साथ ही चमकदार भी बनाया जा सकता है|
कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए
- बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की समस्या से परेशान है तो मोसंबी के जूस का सेवन करें| इसके जूस में हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाला प्रभाव होता है जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करते हैं|
आँखों के लिए (Mosambi for eyes)
- मोसंबी का नियमित सेवन आंखों के लिए फायदेमंद माना जाता है| इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल और एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है जो आंखों के संक्रमण से बचाने में मदद कर सकते हैं|
पाचन तन्त्र को मजबूत करने के लिए (Mosambi for good digestion)
- पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मोसंबी और इसका जूस को सहायक माना जाता है। इसकी मीठी खुशबू के कारण मुंह की लार ग्रंथियों से लार निकलने लगती है जो पाचन में सहायता करती है और पाचन को मजबूत करती है|
बालो के लिए (Mosambi for hair)
- विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर मौसम्बी जूस पीना बालों की समस्याएँ दूर करके बाल मजबूत बनाता है| जिससे बाल तेजी से बढ़ते हैं और चमकदार बनते हैं|
कैंसर में (Mosambi for cancer)
- मोसंबी में एंटीकैंसर गुण पाया जाता है, जो कैंसर के जोखिम को कुछ हद तक कम कर सकता है| खासकर यह लिवर कैंसर, ब्रेस्ट और पेट के ट्यूमर के जोखिम को भी कम करने में सहायक हो सकता है| यदि आपको भी कैंसर की बीमारी है तो इसका उपयोग कर सकते है|
पीलिया में (Mosambi for jaundice)
- पीलिया के रोगी को मोसंबी जूस पीना चाहिए| यह पीलिया के लक्षणों को कम करता है और लीवर की कार्य प्रणाली को ठीक करता है|
एनीमिया में (Mosambi for anemia)
- यदि इस रोग के कारण आपका शरीर बहुत थका हुआ रहता है और खून की कमी होती जा रही है तो आपको मोसंबी के जूस का सेवन करना चहिए क्योकि इसमे विटामिन पाए जाते है जो आपके शरीर को मजबूत बनाते है|
वजन को घटाने के लिए
- मोसंबी के जूस में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते है जिस कारण भूख कम लगती है| और इस जूस के कारण पाचन तन्त्र भी बेहतर होता है| जिस कारण आपका वजन घटता है|
बुखार में (Mosambi for fever)
- यदि आपको मौसम बदलने के कारण बार – बार बुखार की समस्या रहती है तो मोसंबी के फल के रस में सौफ का चूर्ण शक्कर मिलाकर पिने से बुखार में लाभ होता है|
कील मुंहासे में मोसंबी
- कील मुंहासो के कारण सौन्दर्य पर असर तो पड़ता ही है, साथ ही आत्मविश्वास पर भी असर पड़ता है| इसलिए इससे छुटकारा पाने के लिए मौसंबी फल के छिलके को छाया में सुखा लें| इसे पीस लें, और इसमें मुल्तानी मिट्टी, हरिद्रा का चूर्ण, तथा एक – दो बूँद नींबू का रस मिला लें| इसे चेहरे पर लगाने से झाईयां और मुंहासे आदि विकार दूर होते हैं| इससे चेहरे की कांति बढ़ती है|
मूत्र रोग में (Mosambi for urinary problems)
- पेशाब करते समय दर्द, जलन, या पेशाब रुक रुक कर आने जैसी समस्याएं आ रही हैं तो इस रोग में मौसंबी का उपयोग कर लाभ पा सकते हैं| इसके लिए फल के रस का सेवन करें| इससे मूत्र की नली के सूजन की समस्या का भी शमन होता है|
कब्ज में (Mosambi for constipation)
- कभी – कभी भारी भोजन या दूषित भोजन करने की वजह से पेट सही तरह से साफ नही हो पाता है| और कब्ज की समस्या हो जाती है| यदि आप भी इस समस्या से परेशान है तो मोसंबी के फल की छाल के चूर्ण का सेवन करने से कब्ज का शमन होता है|
दांत दर्द में मोसंबी
- यदि आप दांत दर्द से परेशान है तो मौसंबी का छिलका दांत के दर्द से राहत दिलाने में बहुत मदद करता है| मौसंबी के फल के छिलके को पीसकर पेस्ट बना लें, और दांत में जहां पर दर्द हो रहा है, वहां पर लगाएं| इससे दांत के दर्द से आराम मिलता है|
अस्थमा में (Mosambi for asthma)
- सांसों से संबंधित परेशानी में भी मौसंबी का प्रयोग बहुत ही लाभ पहुंचाता है| इसके लिए मौसंबी के रस में मरिच का पाउडर, तथा सेंधा नमक मिला लें| इसका सेवन करने से सांसों की बीमारी जैसे दमा जैसे रोगों में फायदा मिलता है| सांस संबंधी समस्याओं में मौसंबी का रस बहुत फायदेमंद होता है|
हैजा में मोसंबी
- आमतौर पर हैजा दूषित पानी पीने या खाना खाने से होने वाली बीमारी है| यह बीमारी आंत में संक्रमण होने के कारण होती है| यदि आप भी इस बीमारी से ग्रस्त है तो मौसंबी का रस हैजा को ठीक करने में सहायता करता है| मौसंबी फल के रस का सेवन करने से पित्त की समस्या, उल्टी, दस्त, हैजा, सामान्य कमजोरी का शमन होता है|
अधिक प्यास लगने पर मोसंबी
- कभी कभी गला या मुंह हमेशा सूखा सूखा महसूस होने लगता है| और अधिक प्यास लगती है| इसके लिए मौसंबी फल के छिलके को सुखाकर चूर्ण कर लें| इसका सेवन करें| इससे प्यास लगने की समस्या कम हो जाती है|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Mosambi)
- फल की छाल
- फल का रस
सेवन मात्रा (Dosages of Mosambi)
- जूस – 50 से 100 ग्राम
- चूर्ण – 1 ग्राम या चिकित्सक के अनुसार