पुदीना (Pudina)
पुदीना का परिचय: (Introduction of Pudina)
पुदीना क्या है? (Pudina kya hai?)
इसके बारे में तो सब जानते ही होंगे| इसका उपयोग सबसे अधिक छाछ के साथ किया जाता है| यह गर्मियों में उपयोग में आने वाला पौधा होता है| पुदीना एक गुणकारी पौधा है| इसकी पत्तियों का इस्तेमाल व्यंजनों का जायका बढ़ाने से लेकर कई शारीरिक समस्याओं के लिए प्राकृतिक औषधि के रूप में किया जाता है|
पुदीने का नाम सुनते ही आप चौंक गये होंगे शायद कि यह हमेशा भोजन में काम में आने वाला, इसके फायदे भी है| शायद आप इसके फायदों के बारे में पहली बार ही सुन रहे होंगे| सेहत संबंधी कोई भी परेशानी हो, घरेलू नुस्खों के जरिए उन्हें ठीक किया जा सकता है| पुदीना भी इन्हीं घरेलु नुस्खों में से एक है, जिसका महत्व आयुर्वेद में भी बताया गया है|
पुदीने का सबसे ज्यादा अपने अनोखे स्वाद के लिए ही जाना जाता है| पुदीने की चटनी न सिर्फ खाने का जायका बढ़ाती है बल्कि स्वास्थ्यवर्द्धक भी होती है| आयुर्वेद में सदियों से पुदीने का इस्तेमाल औषधि के रुप में हो रहा है| सूजन, दस्त, उल्टी पेट दर्द, आदि रोगो में बहुत ही फायदेमंद है पुदीना, इसके फायदे यही पर खत्म नही होते है बल्कि और भी फायदे है| आइये विस्तार से जानते है की यह किन किन रोगो के उपचार मे प्रयोग किया जाता है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Pudina ki akriti)
इसका उपयोग चटनी बनाने में किया जाता है| इस पुदीने को पहाड़ी पुदीना भी कहा जाता है क्योकि यह पहाड़ी क्षेत्रो में अधिक पाया जाता है| इसका पौधा अनेक शाखाओ दार होता है| इसका तना चमकीला, हल्के बैंगनी रंग का होता है| सीधा होता है| इसके पत्ते विपरीत दिशा में फेले हुए अत्यधिक खुशबूदार तथा चमकीले, भालाकार, चिकने होते है| इसके फूल छोटे सिंदूर रंग के त्तथा गुच्छे दार होते है| इसके फल चमकीले होते है| यह जमीन पर फेलने वाला पौधा होता है इसका फूलकाल व फलकाल अगस्त से सितम्बर के बीच होता है|
पुदीना की प्रजातियाँ (Pudina ki prajatiya)
1. menthe spicata
पुदीना के सामान्य नाम (Pudina common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | menthe spicata |
अंग्रेजी (English) | Spear mint |
हिंदी (Hindi) | पहाड़ी पुदीना, पुदीना; |
संस्कृत (Sanskrit) | पूतिहा, रोचिनी, पोदीनक; |
अन्य (Other) | फूदीनो (गुजराती) पुदीना (तेलगु) पुदीना (तमिल) पुदीना (बंगाली) बावरी (नेपाली) पहाड़ी पोदीना (पंजाबी) पुदिना (मराठी) |
कुल (Family) | Lamiaceae |
पुदीना के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Pudina ke Ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | कफवातशामक (pacifies cough and vata) |
रस (Taste) | कटु (pungent) |
गुण (Qualities) | लघु (light), रुक्ष (dry), तीक्ष्ण (strong) |
वीर्य (Potency) | उष्ण (hot) |
विपाक(Post Digestion Effect) | कटु (pungent) |
अन्य (Others) | वेदनास्थापन, दुर्गन्धनाशक, रेचन, दीपन, रोपण |
पोदीनक/पुदीना के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Pudina ke fayde)
मुंह की दुर्गंध में (Pudina for bad breath)
- दांत के रोगियों में मुंह की दुर्गंध सबसे आम शिकायतों में से एक है| यह अक्सर पीड़ित व्यक्ति के लिए शर्मिंदगी का कारण बन सकती है| इस समस्या को दूर करने में भी पुदीने का उपयोग किया जा सकता है|
लू से बचने के लिए
- यदि आपको गर्मियों के मौसम के कारण लू की समस्या हो गई है तो आप पुदीने का उपयोग के इस समस्या से छुटकारा पा सकते है |
फाइलेरिया में
- फाइलेरिया होने पर पैर हाथी की तरह फूल जाता है, और दर्द के कारण चलना -फिरना मुश्किल हो जाता है| हाथीपांव के दर्द से राहत पाने के लिए पुदीना का काढ़ा बनाकर सेवन करने से इस रोग में लाभ मिलता है|
सांस की नली के सूजन में
- ठंड लगने पर सांस की नली अक्सर सूज जाती है और फिर गले में दर्द होने लगता है| इससे आराम पाने के लिए पुदीने के पत्ते का काढ़ा बनाकर सेवन करने से सांस की नली की सूजन से आराम मिलती है|
बालो की समस्या में पुदीने के उपयोग (Pudina for hair)
- यदि आपके बाल किसी बीमारी के कारण झड़ रहे है तो पुदीना बालों के रूखेपन को कम करने में सहयोग देता है | ऐसा होने से बालों की रूसी एवं उनका बेजान होकर झड़ना या टूटना कम होता है, जिससे बाल प्राकृतिक रूप से बढ़ने लगते हैं|
पाचन की क्रिया को बढ़ाने के लिए (Pudina for digestion)
- यदि आपको किसी बीमारी के कारण भूख नही लगती है तो इसके लिए वृक्षाम्ल, पुदीने, सोंठ तथा मरिच, लें| इसके साथ ही, पिप्पली, लौंग, बड़ी इलायची, सेंधा नमक और जीरा, अनार लें| इनकी जितनी मात्रा हुई, उतनी मात्रा में ही इसमें मिश्री मिला लें| इसका चूर्ण बना लें| इसे सेवन करें| इससे भूख ना लगने की परेशानी ठीक होती है|
वजन घटाने में (Pudina for weight lose)
- अगर कुछ उल्टा सीधा खाने की वजह से आपका वजन बढ़ रहा है तो इसे कम करने के लिए आप पुदीने का प्रयोग कर सकते है|
कब्ज में पुदीना (Pudina for constipation)
- यदि आपको कब्ज की समस्या है तो पुदीने, नींबू तथा घृतकुमारी का रस के अर्क में दालचीनी, इलायची तथा नमक मिलाकर और इन सब को मिश्री के चूर्ण के साथ सेवन करने से कब्ज की समस्या में लाभ मिलता है|
पेट दर्द में
- यदि आपको पेट दर्द हो रहा है तो पुदीने के पत्तो को मुह में चबाने से पेट दर्द में राहत मिलती है
उबकाई में
- उबकाई महसूस होने या आने की वजह ज्यादातर कब्ज या पाचन तंत्र का बिगड़ जाना होता है| पुदीने के सेवन से उबकाई महसूस होने के कष्ट से आराम मिलता है|
अपच में
- अक्सर पेट में गड़बड़ी होने पर अपच की समस्या होती है| इसमें नींबू पुदीने तथा अदरक का रस लें| इसमें दोगुना खांड़ मिला लें| इसे चांदी के बर्तन में पका लें| इस काढ़े को सेवन करें| इससे अपच की समस्या ठीक होती है|
मुँह के छालो में पुदीना
- यदि आपके मुँह में छाले हो रहे है या फिर अन्य कोई भी परेशानी है तो मुंह के छाले की परेशानी में पुदीने के पत्ते का काढ़ा बना लें| इससे गरारा करने से मुंह के छाले की समस्या ठीक होती है, और साथ ही मुँह से बदबू आना बंद हो जाती है|
सूजन में (Pudina for swelling)
- अगर शरीर के किसी अंग में सूजन के कारण दर्द हो रहा है तो पुदीने का प्रयोग इस तरह करने से आराम मिलता है| सूजन होने पर सूखा पुदीने के पत्ते का सिरके में पीस लें| इसका लेप करने से कफ दोष के कारण होने वाली सूजन ठीक होती है|
सिर दर्द में पुदीना (Pudina for head ache)
- अक्सर देखा गया है की पाचन शक्ति ख़राब होने के कारण सिर में दर्द होता है| पुदीने की चाय ऐसे में बहुत फायदेमंद सिद्ध हो सकती है, क्योंकि यह अपने दीपन, पाचन गुण के कारण खाने को अच्छी प्रकार से हजम करने में मदद करती है, जिससे आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है|
उल्टी में
- उल्टी को रोकने के लिए पुदीना का सेवन करना बहुत ही लाभ पहुंचाता है| अगर आप भी उल्टी की परेशानी से ग्रस्त हैं तो पुदीना के पत्तों का काढ़ा बना लें| इसे पीने से उल्टी बन्द हो जाती है|
बुखार में पुदीना (Pudina for fever)
- मौसम के बदलाव के कारण बुखार आने पर पुदीना के पत्तों का काढ़ा बनाकर पिएं| इससे बुखार ठीक हो जाता है| इसके अलावा पुदीने की चटनी बनाकर खिलाने से भी बुखार और बुखार के कारण होने वाली भूख की कमी ठीक होती है| पुदीना के औषधीय गुण बुखार से जल्दी आराम दिलाने में मदद करते हैं|
दाग धब्बे में
- घाव होने पर त्वचा पर काले धब्बे पड़ जाते हैं| इससे छुटकारा पाने के लिए पुदीना के पत्तों को पीस लें| इसे दाग वाले जगह पर लगाने से काले धब्बे मिट जाते हैं| त्वचा संबंधी किसी भी समस्या में पुदीना के फायदे असरदार तरीके से काम करते हैं|
घाव में
- पुदीना के पत्ते को पीसकर लेप लगाने से ना सिर्फ घाव से आने वाली दुर्गंध कम होती है, बल्कि घाव भी जल्दी भरता है| इसके अलावा पुदीना के पंचांग का काढ़ा बनाकर घाव को धोने से भी घाव जल्दी भरता है|
कान के रोगो में (Pudina for ear disease)
- कान संबंधी समस्याओं जैसे कान दर्द आदि में पुदीना के लाभ से जल्दी आराम मिलता है| कभी-कभी ठंड लगने पर या कान में पानी चले जाने पर कान में दर्द होने लगता है| ऐसे में पुदीना का रस कान में डालने से आराम मिलता है| आपको पुदीना के पत्ते का रस निकालना है और इसे एक दो बूंद कान में डालने से दर्द से छुटकारा मिलता है|
मूत्र रोग में पुदीना (Pudina for urinary disease)
- अगर पेशाब करते समय दर्द या जलन होता है पुदीने का इस तरह सेवन करने से लाभ मिलेगा| पुदीना के पत्ते में काली मिर्च को पीसकर, इसे छानकर मिश्री मिलाकर पुदीना की चाय की तरह पिएं| इससे मूत्र विकार ठीक होते हैं|
पुदीना के उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Pudina)
- पत्ती
- पंचांग
पुदीना की सेवन मात्रा (Dosages of Pudina)
- चिकित्सक के अनुसार
सावधानी (Precautions of Pudina)
- पुदीने का अधिक सेवन करने से कीडनी और आंतो को हानि कर सकता है और यह कामशक्ति को भी कमजोर करता है|
पुदीना से निर्मित औषधियां
- पुदीनाअर्क