रेवंदचीनी (Revand chini)
रेवंदचीनी का परिचय: (Introduction of Revand chini)
रेवंदचीनी क्या है? (What is Revand chini)
क्या आप जानते हैं कि रेवंदचीनी क्या है, और रेवंदचीनी के फायदे क्या क्या हैं? रेवंदचीनी को रेवतिका भी कहते हैं| यह एक जड़ी, बूटी है| आप रेवंदचीनी से लाभ लेकर अनेक रोगों का इलाज कर सकते हैं| पेट की गड़बड़ी हो या पाचनतंत्र से सम्बन्धित अन्य रोग| सभी में आप रेवंदचीनी के फायदे ले सकते हैं|
क्या आपको पता है की यह रोगो के लिए एक रामबाण औषधि है| इसके प्रयोग के आप रोगो को छु मन्त्र कर सकते है| आयुर्वेद के अनुसार, रेवंदचीनी तेज सिर दर्द, रक्त विकार, दस्त, डायबिटीज आदि में लाभ पहुंचाता है| भूख न लगना, पाचन धीमा होना, पेशाब में जलन, गांठ, घाव, इत्यादि रोग में भी रेवंदचीनी से लाभ ले सकते हैं|
इसे पीतमूला (मूलपीतवर्णी), अम्लपर्णी (पत्रवृत्त अम्ल होने के कारण), रेवंदचीनी ((चीन से आने वाला रेवंद) आदि नामों से भी जाना जाता है| आइए रेवंदचीनी से होने वाले सभी लाभ के बारे में जानते हैं| की इसका उपयोग और किन किन रोगो में किया जाता है, और यह रोगो के लिए कितना महत्चपूर्ण है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Revand chini ki akriti)
यह भारत में ऊचाई वाले क्षेत्रो में पाई जाती है| इसका पौधा प्रकंदयुक्त होता है| यह धूसर, हरे रंग का शाक होता है| इसका तना हरा व भूरे रंग का तथा धारीदार होता है| इसके जड़ के पत्ते बढ़े लम्बे, गोलाकार होते है| इसके फूल हल्के बैंगनी रंग के तथा हल्के लाल रंग के होते है| इसके फल अंडाकार आयताकार, जमुनी रंग के पंखो से युक्त से युक्त होते है| इसकी जड़ मोटी व भूरे, पीले रंग की होती है और यह बेलनाकार सिकुड़ी हुई, हल्की, आसानी से कटने वाली होती है| इसका फूलकाल तथा फलकाल जुलाई से अक्टूबर तक होता है|
रेवंदचीनी के सामान्य नाम (Revand chini common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Rheum australe |
अंग्रेजी (English) | Rhubarb |
हिंदी (Hindi) | रेवंदचीनी, डोलू, अर्चा |
संस्कृत (Sanskrit) | पीतमूला, अम्लपर्णी, गंधिनी, रेवंदचीनी |
अन्य (Other) | रेवन्दचीनी (उर्दू) रेवल चीनी (कन्नड़) गामिनी रेवनचीनी (गुजराती) अरिवेल चीनी (तेलगु) रेवन्दचीनी (बंगाली) अकसे चूक (नेपाली) मूलक (मराठी) |
कुल (Family) | polygonaceae |
रेवंदचीनी के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Revand chini ke Ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | कफपित्तहर (pacifies cough and pitta) |
रस (Taste) | तिक्त (bitter), कटु (pungent) |
गुण (Qualities) | लघु (light), रुक्ष (dry), तीक्ष्ण (strong) |
वीर्य (Potency) | उष्ण (hot) |
विपाक(Post Digestion Effect) | कटु (pungent) |
अन्य (Others) | स्तम्भन, व्रणरोपण, दीपन, ग्राही, रेचन |
रेवंदचीनी के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Revand chini ke fayde or upyog)
पाचन की क्रिया में (Revand chini for healthy digestion)
- लिवर को स्वस्थ बनाने के साथ- साथ पाचन क्रिया को तंदुरुस्त बनाने में भी रेवन्दचीनी बेहद उपयोगी है| बता दें कि इसके उपयोग से पाचन शक्ति में बल मिलता है और यह भूख को भी बढ़ाता है| ऐसे में अगर आप कम वजन से परेशान है तो यह आपके वजन को नियंत्रण करने में भी मददगार है|
कब्ज से छुटकारा पाने के लिए (Revand chini for constipation)
- कब्ज से परेशान हैं तो रेवंदचीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं| एलोवेरा का गूदा, सनाय के पत्ते तथा शुण्ठी के चूर्ण लें| इसमें काला नमक और सेंधा नमक मिलाएं| इसमें विडङ्ग तथा रेवंदचीनी का चूर्ण मिलाकर मिश्रण बनाएं| इस मिश्रण को लें और इसमें मधु मिलाकर सेवन करें| इससे कब्ज की परेशानी खत्म होती है|
पीलिया में (Revand chini for jaundice)
- यदि आपके लीवर के विकार के कारण आप पीलिया से ग्रस्त है, और आपका शरीर को ही कमजोर हो रहा है तो रेवंद चीनी का उपयोग करके पीलिया में लाभ पा सकते है|
दांत के रोग से छुटकारा पाने के लिए रेवंदचीनी
- अनेक लोगों को दांतों से जुड़ी कई तरह की परेशानियां होती हैं| जैसे – दांतों में दर्द, मुंह से बदबू आना दांतों से जुड़ी आम बीमारी है| ऐसे में रेवंदचीनी का प्रयोग करना लाभ दिलाता है| दांतों के दर्द से जल्द राहत पाने के लिए रेवंदचीनी की जड़ को कूटकर चूर्ण बना लें| इस चूर्ण को दांतों पर मंजन की तरह मलने से दर्द दूर होता है|
मधुमेह में उपयोगी (Revand chini for diabetes)
- आजकल की जीवन शैली के कारण डायबिटीज की समस्या बढती ही जा रही है यदि आप भी इस समस्या से पीड़ित है तो इसे छूटकारा पाने के लिए रेवंदचीनी का उपयोग किया जाता है| यह औषधि इस रोग के लिए महत्वपूर्ण है|
बुखार में (Revand chini for fever)
- रेवंद चीनी का प्रयोग बुखार को कम करने में किया जा सकता है क्योंकि इसमे रेवंद चीनी में बुखार को कम करने के गुण पाये जाते है इसलिए रेवंद चीनी का प्रयोग बुखार के लक्षणों को कम करने किया जाता है|
खूनी बवासीर में
- बवासीर के रोगी को यदि मल के साथ खून आता हो तो इसमें रेवंदचीनी से तुरंत राहत मिलती है| रेवंदचीनी की जड़ को पीसकर इसका लेप बवासीर के मस्सों पर लगाएं| इससे बवासीर का दर्द कम होता है| इससे खून आना बंद भी हो जाता है|
योनि के विकारो में रेवंदचीनी
- रेवतिका का उपयोग योनि संबंधी कई बीमारियों को ठीक करने के लिए कर सकते हैं| योनि में खुजली होने पर रेवंदचीनी के चूर्ण को गेहूँ के आटा मिला लें| इस मिश्रण को जल में घोल कर हल्का गुनगुना कर लें| योनि में इसका लेप करने से खुजली की परेशानी ठीक होती है|
- इसके अलावा इससे योनि के ढीलेपन की समस्या और अन्य योनि के विकारों का भी नाश होता है|
त्वचा के घाव में उपयोगी (Revand chini for wound)
- घाव जल्दी नहीं ठीक हो रहा है तो आप रेवंदचीनी का इस्तेममाल कर सकते हैं| इसके लिए रेवातिका की जड़ को पीसकर घाव पर लगाएं| ऐसा करने से घाव जल्दी भरता है|
आंत के लिए रेवंदचीनी
- रेवंद चीनी का प्रयोग आंत्र शुद्ध करने के लिए किया जा सकता है क्योंकि रेवंद चीनी में रेचक का गुण पाया जाता है जिस कारण जब रेवंद चीनी को ज्यादा मात्रा में लेते है तो ये आंत्र को शुद्ध करने में सहयोग देता है|
पेचिश
- खान पान की गडबडी के कारण आज कल हर को इस परेशानी से पीडीत रहता है| यदि आप में से भी कोई पेचिश की समस्या से पीड़ित है तो रेवंद चीनी का उपयोग करके पेचिश की समस्या से राहत पा सकते है|
मिरगी रोग में रेवंदचीनी
- मानसिकता की बीमारी के कारण व्याक्ति मिरगी रोग से ग्रस्त हो जाते है| इसे छुटकारा पाने के लिए रेवंद चीनी का उपयोग कर सकते है|
अम्लपित्त में (Revand chini for acidity)
- जिनको अम्लपित की अधिक शिकायत रहती है| यदि खटी डकारे आती है और अपच की समस्या है तो एक – एक भाई रेवंद चीनी, धनियाँ, मिश्री मिलाकर इसका चूर्ण बनाकर सुबह – शाम को गुणगुने पानी के साथ सेवन करने से अम्लपित्त के लाभ होता है|
मूत्र रोग में (Revand chini for urinary disease)
- यदि आपको मूत्र से संबंधित कोई भी रोग जैसे रुक रुक के पेशाब आना, पेशाब करते समय जलन, या दर्द होना, पेशाब में कमी आदि से राहत पाने के लिए रेवंद चीनी का उपयोग बहुत ही लाभकारी होता है| इसके साथ ही यदि आपको धातु रोग की समस्या है तो भी रेवंद चीनी उपयोग का उपयोग कर सकते हो|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Revand chini)
- जड़
सेवन मात्रा (Dosages of Revand chini)
इसका औषधी का प्रयोग चिकित्सा के अनुसार ही करे
रेवंदचीनी के नुकसान
- रेवन्दचीनी के कारण व्यक्ति को डायरिया जैसी समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है|
- रेवन्दचीनी के अधिक सेवन से व्यक्ति को पेट की दिक्कत रह सकती है। उसके पेट में दर्द या सूजन की शिकायत सामने आ सकती है।