रीठा (Ritha)
रीठा का परिचय: (Introduction of Ritha)
रीठा क्या है? (What is Ritha?)
यह एक बहुत ही फायदेमंद औषधि है| जिसका उपयोग महिलाए अपने बालो के लिए करती है| क्योंकि बालों से संबंधित समस्याएं जैसे – बालों को झड़ने से रोकने और बालों को बढ़ाने आदि में रीठा या अरीठा के फायदे मिलते हैं| बालों को धोने के लिए भी रीठा के फलों का उपयोग किया जाता है|
रीठे के फलों को पानी में भिगोने के बाद जो झाग निकलता है| उसे शरीर में लगाने से शरीर की जलन ठीक होती है| इसके अलावा भी रीठा के कई फायदे है| क्या आपको पता है इसको बालो के लिए एक रामबाण औषधि माना है|
यह आपके कफ का शमन करती है| यह बहुत ही फायदेमंद औषधि है| जिसके फायदों के बारे में आज आपको विस्तार से परिचित करवाएंगे| आइये इसके औषधि गुण के बारे में जानते है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Ritha ki akriti)
रीठा का पेड़ पुरे भारत में पाया जाता है| इसकी दो प्रजातियाँ पाई जाती है|
Sapindus mukorossi gaerth. (सेपिन्डस मुकोरोस्सी )
यह लगभग 15 मीटर तक ऊँचा व छोटा मध्यकार का बहुत साल तक चलने वाला पेड़ होता है| इसके तने की छाल हरी तथा हल्के धूसर रंग की तथा खुरदरी होती है| इसके पत्ते एकांतर हरे रंग के चमकीले शाखाओ के अन्त पर गुच्छे में लगे हुए होते है| इसके फूल सफेद और बैंगनी रंग के होते हैं| इसके फल गुदेदार, झुर्रीदार व चमकीले होते है, जो सूखने पर शयामले रंग के हो जाते हैं| बीज गोलाकार, शयामले रंग के होते हैं| एक फल में तीन बीज होती हैं| इसका फलकाल व फूलकाल मई से अप्रैल तक होते है|
Sapindus trifoliatus linn. (सेपिन्डस त्रिफोलिटस)
इस रीठा के फलों की आकृति वृक्काकार होती है| इसे अलग करने पर जुड़े हुए स्थान पर हृदयाकार चिह्न पाया जाता है| ये पकने पर थोड़ा लाल और भूरे रंग का हो जाता है| इसके फल एक साथ जुड़े होते हैं| इसके वृक्ष विशेषतः दक्षिण भारत में मिलते हैं|
रीठा के सामान्य नाम (Ritha common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Sapindus saponaria |
अंग्रेजी (English) | Soap nut tree of North India |
हिंदी (Hindi) | रीठा, अरीठा |
संस्कृत (Sanskrit) | अरिष्टक, माङ्गल्य, कृष्णवर्ण, अर्थसाधन, रक्तबीज |
अन्य (Other) | ईटा (उड़िया)रीठा (असमिया)कुंकुटे कायि (गुजराती)पोन्नन कोट्टइ (तमिल)रीठेगाछ (बंगाली)रिठ्ठा (नेपाली)दोड़न (पंजाबी)रीठा (मराठी)फिन्दुक-इ-हिन्दी (अरबी)फुनके फारसी (फारसी) |
कुल (Family) | Sapindaceae |
रीठा के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Ritha ke Ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | त्रिदोषघ्न (pacifies tridosha) |
रस (Taste) | तिक्त (bitter), कटु (pungent) |
गुण (Qualities) | लघु (light), तीक्ष्ण (strong) |
वीर्य (Potency) | उष्ण (hot) |
विपाक(Post Digestion Effect) | कटु (pungent) |
अन्य (Others) | वामक, रेचन, कृमिघ्न, केश्य, लेखन |
रीठा के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Ritha ke fayde or upyog)
जहरिले कीटो का विष उतरने के लिए रीठा
- रीठा की गिरी को सिरके से पीसकर विषैले कीटों के काटने वाले स्थान पर लगाएं| इससे फायदा होता है|
- रीठा फल को पानी में पका लें| इसे थोड़ी मात्रा में पीने से भी मुंह से पिया गया जहर उल्टी के रास्ते बाहर निकल जाता है|
अफीम के नशे को उतारने के लिए रीठा
- अफीम के नशे को उतारने के लिए भी अरीठा का प्रयोग किया जाता है| इसके लिए अरीठा को पानी में इतना उबालें कि पानी में भाप आने लगे| इस पानी को आधा कप की मात्रा में पिलाने से अफीम का नशा उतर जाता है|
बालो के लिए (Ritha for hairs)
- यदि आपके बालो में जूं की परेशानी है तो कपूर की कचरी, नागरमोथा और कपूर तथा अरीठा के फल की गिरी, शिकाकाई, आंवला इन सब का चूर्ण बनाकर पानी में मिलाकर लुगदी बनाकर बालो में लगाये और बाद में गुनगुने पानी से धोले| इससे सिर के अंदर की जूं तथा लिंखो का शमन होता है और बाल भी मुलायम होते है|
- यदि आपके बाल दो मुंह के होते ही जा रहे है तो इसे छुटकारा पाने के लिए अरीठा, आंवला, शिकाकाई इन तीनो के मिश्रण बाल धोने से बाल चमकदार, घने होते है और रुसी से छुटकारा मिलता है|
आँखों में (Ritha for eyes)
- आपको इस बात को जानकर हैरानी होगी कि अरीठा आंखों के लिए भी बेहतरीन तरीके से काम करता है| अगर किसी को आंख में दर्द या आंख से पानी बहने की परेशानी है तो अरीठा के फल को पानी में उबाल कर इसे ठंडा कर लें और इससे आंखों को धोएं तो काफी फायदा मिलेगा|
आधासीसी में रीठा
- यदि आप आधासीसी यानि माइग्रेन के दर्द से परेशान है तो अरीठा के फल के रस में काली मिर्च घिसकर दोनों को मिला ले| फिर इसकी एक या दो बूंद नाक में डालने से आधासीसी के दर्द से आराम मिलता है|
- इसके अलावा रीठ के जल की बूंद नाक में डालने से आधासीसी तथा मस्तिष्क के रोगो का शमन होता है|
दांतों के रोग में (Ritha for teeth)
- अगर आप दांतों के किसी भी रोग से परेशान है तो अरीठा के पत्तो को तवे पर जलाकर पीस ले और इसमे पीसी हुई फिटकरी मिलाकर दांतों पर मसलने से दांतों के सभी प्रकार के रोगो का शमन होता है|
अस्थमा में (Ritha for asthma)
- यदि आप किसी बीमारी के कारण दमे से परेशान है तो अरीठा के फल को जल के साथ पीस लें| इसमें काली मिर्च भी पीस लें| इस जल की 5 या 6 बूँद नाक में डालने से दमे में लाभ होता है|
दस्त में (Ritha for diarrhea)
- असंतुलित भोजन करने से या कुछ उल्टा सीधा खाने से अक्सर दस्त की समस्या हो जाती है इसे छुटकारा पाने के लिए या दस्त रोकने के लिए रीठा की गिरी को पानी में मथें| जब झाग निकलने लगे तो इस जल को हैजा और दस्त के रोगी को पिलाएं| इससे इन रोगियों को लाभ होता है
मासिकधर्म में (Ritha for menstrual problem)
- मासिक धर्म संबंधी परेशानी में रीठा फल की छाल या गिरि को महीन पीसकर शहद मिला लें| इसका पेस्ट बनाकर योनि के अंदर रखें| इससे मासिक धर्म संबंधी विकारों में लाभ होता है|
शीघ्र ही प्रसव के लिए रीठा
- प्रसव को आसान बनाने में भी रीठा का प्रयोग फायदेमंद होता है| इसके लिए रीठा फल के झाग में रूई को भिगो लें| इसे योनि में रखने से प्रसव आसानी से हो जाता है
सूजन में (Ritha for swelling)
- रीठा में कुछ ऐसे तत्व पाए ज है जो किसी भी प्रकार की सूजन से राहत दिलाता है| रीठा के फल को पीसकर सूजन वाले स्थान पर लेप करने से सूजन से आराम मिलता है|
मिरगी में (Ritha for epilepsy)
- यदि कोई भी व्यक्ति इस रोग से ग्रस्त है तो रीठा का उपयोग कर सकते है इसके लिए रीठा के बीज, गुठली और छिलके को पीसकर मिरगी वाले व्यक्तियों को सुंघाने मिरगी रोग में लाभ मिलता है |
वीर्य के विकार के लिए (Ritha for demen disease)
- वीर्य विकार का इलाज करने के लिए रीठा की गिरी को पीस लें| इस चूर्ण या रीठा के पावडर में बराबर मात्रा में गुड़ मिला लें| इसे एक चम्मच की मात्रा में सुबह और शाम पिएं| आपको इसे एक कप दूध के साथ सेवन करना है| इससे आपको वीर्य में लाभ होता है|
खुनी बवासीर में (Ritha for piles)
- यदि आपको खुनी बवासीर की समस्या है तो रीठा फल से बीज निकालें और फल के शेष भाग को तवे पर जला लें| इसमें बराबर मात्रा में कत्था मिलाकर अच्छी तरह से पीस लें| इस चूर्ण सुबह और शाम मक्खन या मलाई के साथ सेवन करें| इसे 7 दिनों तक सेवन से खूनी बवासीर में फायदा होता है|
मूत्र रोग में (Ritha for urinary disease)
- पेशाब करते समय दर्द होता हो तो रीठा को पानी में रात भर के लिए भिगो दें| इस पानी को सुबह साफ कर लें| इसे थोड़ी थोड़ी मात्रा में पिलाने से पेशाब संबंधी समस्याओं में लाभ मिलता है|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Ritha)
- फल
- बीज
सेवन मात्रा (Dosages of Ritha)
- चिकित्सा के अनुसार