सहदेवी: Fleabane (Introduction, Benefits and Usages)
सहदेवी का परिचय: (Introduction of Fleabane )
सहदेवी क्या है? (What is Fleabane ?)
यह साधारण सा दिखने वाला पौधा भारत में खरपतवार के रूप में उगता है| सहदेवी सड़कों के किनारे आसानी से देखने को मिल जाता है| बहुत कम लोगो को पता होता है कि इस साधारण से दिखने वाले पौधे में कितने सारे गुण पाए जाते है| इसकी तासीर गर्म होती है तथा यह कफवात का शमन करता है|
यह पौधा उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा आदि कई सारे क्षेत्रों में पाए जाते है| आयुर्वेद में सहदेवी को कई सारे रोगों का शमन करने के लिए उपयोग में लिया जाता है| आइये आपको भी इस औषधि से मिलने वाले फायदों के बारे में विस्तार से परिचित कराते है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Morphology of Fleabane )
इसका पौधा शाकीय होता है जो लगभग 75 cm तक ऊँचा हो सकता है| इसका तना पतला, रोमश और कम शाखाओं वाला होता है| इसके पत्ते 8 cm लम्बे तथा 4 cm तक चौड़े होते है| पत्ते विभिन्न आकार के होते है| फूलों का रंग गुलाबी और बैंगनी होता है| इसके फल छोटे और आयताकार होते है| वैसे तो साल भर यह हरा भरा रहता है लेकिन मुख्य रूप से अगस्त से फरवरी के बीच फल और फूल आते है|
सहदेवी के सामान्य नाम (Common names of Fleabane )
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Vernonia cinerea |
अंग्रेजी (English) | Fleabane |
हिंदी (Hindi) | सहदेई, सहदैया |
संस्कृत (Sanskrit) | सहदेवी, दण्डोत्पला, सहदेवा |
अन्य (Other) | सहदेबी (कन्नड़) नैचिट्टे (तमिल) घेरिट्टेकरनिना (तेलुगु) कूकसीम (बंगाली) पिरिना (मलयालम) |
कुल (Family) | Asteraceae |


सहदेवी के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Ayurvedic Properties of Fleabane )
दोष (Dosha) | कफवातशामक (Pacifies kapha and vata) |
रस (Taste) | तिक्त (bitter) |
गुण (Qualities) | लघु (light), रुक्ष (dry) |
वीर्य (Potency) | उष्ण (hot) |
विपाक(Post Digestion Effect) | कटु (Pungent) |
अन्य (Others) | स्वेदजनक, श्लीपदशामक, ज्वरघ्न |

सहदेवी के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Benefits and Usages of Fleabane )
बुखार को भगाये सहदेवी (Fleabane for fever)
- सहदेवी के पत्तों से निकाले गए रस को तेल में सिद्ध करके यदि उपयोग में लिया जाता है तो इससे बुखार का शमन किया जा सकता है| इससे बने हुए आसव का सेवन मलेरिया जैसे बुखार के लिए भी अच्छा होता है| इसके अलावा बुखार के समय यदि मूत्राशय या गले में ऐंठन हो तो इसके लिए सहदेवी का अर्क अच्छा साबित होता है|
हाथीपांव की समस्या में लाभदायक
- हाथीपांव की समस्या में पांव हाथी के समान फूल जाता है| यह जरुरी नहीं कि केवल पांव ही सूजे| यह सूजन स्तनों, हाथों यहाँ तक की अन्डकोशो में भी आ सकती है| इसके लिए यदि आप सहदेवी की सहायता लेते है तो इससे जल्द ही आराम मिलेगा|
- इसके लिए लाल चन्दन और सहदेवी को एक साथ पीसकर लेप करना चाहिए| इसके अलावा औषधि के पत्तों से निर्मित रस को तेल में पका कर लगाने से भी हाथीपांव में राहत मिलती है|
त्वचा से जुड़े रोगों का शमन करे सहदेवी (Fleabane for skin disease)
- यदि किसी शस्त्र के कारण घाव हुआ है तो ऐसे में इस औषधि से प्राप्त रस में शरपुन्खा स्वरस मिलाकर घाव पर लगाना चाहिए| इससे घाव जल्द ही भर जाता है|
- यदि आपको दाद या विसर्प की शिकायत हो तो आप सहदेवी के पत्तों से प्राप्त रस का लेप कर सकते है| इससे आपको दाद और विसर्प जैसे त्वचा रोगों से राहत मिलेगी|
- फोड़ों पर घी में सेके हुए औषधि के पेस्ट को बांधने से फोड़ों का शमन किया जा सकता है|
प्रदर की समस्या का समाधान करे
- इस औषधि की जड़ का चूर्ण या पेस्ट बनाकर दूध के साथ लेने से प्रदर की समस्या में लाभ लिया जा सकता है|
बालकों के लिए सहदेवी (Fleabane for children)
- जब बालकों को अनियमित मूत्र के साथ दर्द का अनुभव हो रहा हो तो ऐसे में इस पौधे के रस का सेवन करना चाहिए|

पेट और आंतों के कीड़ों का सफाया करे
- इस औषधि की जड़ आपके पेट और आंतों में उपस्थित कीड़ों का शमन करने में मदद कर सकती है| यदि आपके पेट में भी कीड़ें है तो इसकी जड़ का उपयोग करना चाहिए|
- इसके अलावा यदि आप दस्त और पेट के दर्द से भी परेशान है तो ऐसे में सहदेवी की जड़ के रस का सेवन उचित मात्रा में करना चाहिए|
गुर्दे की पथरी के लिए (Fleabane for kidney stone)
- यदि आप गुर्दे या किडनी की पथरी का सामना कर रहे है तो ऐसे में आप सहदेवी से बने हुए काढ़े का सेवन करे| यह काढ़ा आपकी पथरी को बाहर निकालने में मदद करेगा|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Fleabane )
- पञ्चांग
सेवन मात्रा (Dosage of Fleabane )
कल्क – चिकित्सक के अनुसार
Buy Ayurvedic products form: Ayurveda Holic