पपीता (Papita)
पपीता का परिचय: (Introduction of Papita)
पपीता क्या है? (Papita kya hai?)
यह एक ऐसा फल है जो कहीं पर आसानी से पाया जा सकता है| यहाँ तक कि आप अपने घर के आसा -पास थोड़ी सी जगह होने पर आप इस वहा भी लगा सकते है| पपीता को कच्चा या पका दोनो अवस्थाओं में खा सकते हैं| कच्चे पपीता को सब्जी के रूप में भी इसका प्रयोग किया जाता है| यह बहुत ही लाभकारी फल होता है| खासकर यह पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है|
पपीता नाम सुनते ही आपके मुँहे में पानी आ गया होगा| शायद ही आपको पता होगा की इसके कितने ही सारे औषधी गुण है जो हर बीमारी के उपचार के लिए प्रयोग में लिया जाता है| या यह कहे कि इसमे सिर से लेकर पैर तक की हर बीमारी को नष्ट करने का उपाय पाया जाता है और शायद ही आपको पता होगा कि इसे सुबह उठ कर खाने से आपको बहुत ही सारे फायदे होते है क्योकि यह आपके वजन को कम करने में बहुत लाभदायक होता है और आपको स्वस्थ्य एवं तंदरुस्त बनाता है|
आयुर्वेद में पपीता के पौष्टिक गुणों के कारण इसको दांत और गले के दर्द के साथ-साथ दस्त, जीभ के घाव, दाद, सूजन जैसे अनेक बीमारियों के लिए औषधि के रुप प्रयुक्त किया जाता है और आपको शायद ही पता होगा की जिस व्यक्ति को भूख न लगने कि बीमारी या पाचन संबंधित समस्या है तो पपीते का सेवन कर इस समस्या को दूर करता है| चलिये आगे जानते हैं कि पपीता खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानते है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Papita ki akriti)
आपको पता ही होगा की पपीता का पौधा कही पर आसानी से पाया सा सकता है| यह हल्के छोटे और आसानी से उगने वाले होते हैं| इसके फल विभिन्न आकार के, गोलाकार अथवा बेलनाकार, कच्ची अवस्था में हरे तथा पकने के बाद पीले रंग के हो जाते हैं|
फलों के अन्दर काले धूसर रंग के गोल आकार के बीज रहते हैं| इसका फल पकने पर पीली हो जाता है | इस पौधे के किसी भी भाग में हल्का खरोंच आने पर भी दूध जैसा पदार्थ निकलने लगता है| इसका फल काल व फूलकाल अनेक साल तक रहता है|
पपीता की प्रजातियाँ (Papita ki prajatiya)
- पूसा नन्हा
- पूसा जायटा
- सूर्या
- पूसा
- रेट लेडी
पपीता के रासायनिक तत्व (Papita ke poshak tatva)
- विटामिन, ए
- विटामिन, सी
- नियासिन
- मैग्नीशियम
- कैरोटिन
- फाइबर
- फोलेट
- पोटैशियम
- कोपर
- कैल्शियम
- कार्बोहाइड्रेट
- प्रोटीन
पपीता के सामान्य नाम (Papita common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Carica papaya |
अंग्रेजी (English) | papaya |
हिंदी (Hindi) | पोपैया, पपीता, |
संस्कृत (Sanskrit) | ब्रह्यएरंड: |
अन्य (Other) | गोपे (कन्नड़) पपाई (गुजराती ) बोप्पयी (तेलगु) पापैया (बंगाली ) पप्पई (तमिल ) खर्बूजा (पंजाबी ) पपाया (मराठी ) कप्पलम (मलयालम) |
कुल (Family) | CARICACEAE |
पपीता के आयुर्वेदिक गुणधर्म (Papita ke ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | कफवात शामक, पित्तशामक (balance tridosha) |
रस (Taste) | तिक्त, मधुर (अपक्व फल) मधुर (पक्व फल) |
गुण (Qualities) | लघु (light), तीक्ष्ण (strong) |
वीर्य (Potency) | उष्ण (hot) |
विपाक(Post Digestion Effect) | कटु (pungent), मधुर (sweet) |
अन्य (Others) | पाचन, ग्राही, ह्रदय, शोथहर |
पपीता के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Papita ke ayurvedic gun)
पाचन तन्त्र में उपयोगी (Papita for digestion)
- पपीते के सेवन से पाचन तंत्र भी सक्रिय रहता है| पपीते में कई पाचक एंजाइम्स होते हैं| साथ ही इसमें कई डाइट्री फाइबर्स भी होते हैं जिसकी वजह से पाचन क्रिया अच्छी रहती है और यदि आपको भूख नही लगती है तो उसमे भी यह बहुत लाभकारी है|
मुँह के छालो में उपयोगी पपीता (Papita for mouth ulcers)
- कई बार किसी दवाई या किसी कारण मुँह में छाले या घाव होने लगते हैं| तो इस परेशानी से राहत पाने के लिए पपीते का इस्तेमाल ऐसे करने पर आराम मिलता है| पपीते के दूध या आक्षीर को जीभ पर लगाने से जीभ पर होने वाला घाव जल्दी भर जाते हैं|
दांत दर्द में उपयोगी (Papita for teeth)
- अगर आप दांत दर्द से परेशान हैं तो पपीते का से सेवन करने पर जल्दी आराम मिलता है| पपीते से प्राप्त दूध को रूई में लपेटकर लगाने से दांत का दर्द से छुटकारा मिलता है|
गले के दर्द में उपयोगी पपीता (Papita for throat)
- कई बार ठंड लगने के कारण गले में दर्द या सूजन हो जाती है लेकिन पपीता से बनाये गए घरेलू उपाय का प्रयोग करने से आपको जल्दी आराम मिलता है| पपीता से प्राप्त आक्षीर या दूध को पानी में मिलाकर गरारा करने से गले के रोगों में लाभ होता है|
शारीरिक कमजोरी को दूर करने में उपयोगी (Papita for weakness)
- अगर आप बीमारी के कारण या किसी अन्य किसी कारण से कमजोरी महसूस हो रही है तो पपीता का इस तरह से सेवन करने से आपको लाभ मिलता है| पपीता के कच्चे फलों कि सब्जी बनाकर सेवन करने से अग्निमांद्य तथा कमजोरी में लाभ होता है। कहने का मतलब यह है कि पपीता खाने से आपकी कमजोरी दूर होती है|
अतिसार में लाभदायक (Papita for diarrhea)
- यदि आपने कुछ उल्टा सीधा खा लिया है या किसी अन्य कारण आपको दस्त हो गई है तो पके बीजों का सेवन चावल के साथ करने से अतिसार या दस्त में फायदा पहुँचता है इसके अलावा कच्चे फल का साग बनाकर सेवन करने से अतिसार में लाभ होता है|
बवासीर में उपयोगी (Papita for piles)
- आजकल के असंतुलित खान-पान के वजह से बवासीर की समस्या बढ़ने लगी है| इसके दर्द से राहत पाने के लिए पपीता बहुत फायदेमंद होता है| पपीता के कच्चे फलों से प्राप्त आक्षीर या दूध को अर्श के मस्सों पर लगाने से बवासीर में लाभ होता है| इसका प्रयोग चिकित्सकीय परामर्शानुसार करना चाहिए|
- पपीता का सेवन करने से खूनी बवासीर में लाभा मिलता है|
लीवर संबंधित रोग में उपयोगी (Papita for liver)
- अगर कोई लीवर संबंधी बीमारियों से परेशान है तो पपीता का सेवन करना फायदेमंद होता है|
- पपीता के फलों का सेवन करने से यकृत् तथा प्लीहाविकारों का शमन होता है|
लकवा में उपयोगी (Papita for paralysis)
- यदि आपको अचानक लकवा हो गया है या लकवा होने पर जो परेशानियां होती है उससे राहत पाने के लिए पपीते के बीजों का तेल बनाकर, छानकर मालिश करने से लकवा तथा अर्दित या मुँह का लकवा में लाभ होता है|
चर्म रोग में उपयोगी (Papita for skin)
- आपको किसी भी कारण कोई त्वचा रोग हो गया हो तो पपीते के पौधे से निकलने वाले आक्षीर को सिध्म, गोखरू, अर्बुद, गाँठ तथा चर्म रोगों में लगाने से लाभ होता है|
दाद खुजली में उपयोगी (Papita for ringworm)
- आजकल के प्रदूषण भरे वातावरण में दाद-खुजली रोग होने का खतरा बढ़ता ही जा रहा है| हर कोई किसी न किसी त्वचा संबंधी रोगो से परेशान है| पपीता इन सब परेशानियों को कम करने में मदद करता है|
- पपीता के बीजों को पीसकर उसमें ग्लिसरीन मिलाकर दाद पर लगाने से दाद तथा खुजली में लाभ होता है| इसके अलावा इसके फलों से प्राप्त आक्षीर या दूध को लगाने से दाद तथा खुजली की परेशानी कम होती है|
चोट में उपयोगी (Papita for injury)
- अगर किसी चोट के कारण या बीमारी के वजह से किसी अंग में हुए सूजन से परेशान है तो पपीता के द्वारा किया गया घरेलू इलाज बहुत ही फायदेमंद होता है पपीता के फल को पीसकर लगाने से सूजन कम होती है|
- यदि किसी कारण वश आपको चोट लग गई हो और घाव हो गया है भर भी नही रहा है तो पपीता के दूध को घाव पर लगाने से घाव जल्दी ही भरता है|
जहर से छुटकारा दिलाने में उपयोगी पपीता
- कीड़े मकोड़े के काटने पर उसके असर को कम करने में पपीता मदद करता है। पपीते के कच्चे फल से प्राप्त आक्षीर या दूध को दंश-स्थान पर लगाने से कीड़े मकोड़े विष प्रभाव कम होता है|
- यदि आपके शरीर पर कही गांठे हो गई है तो पपीता से प्राप्त दूध को गाँठ पर लगाने से दर्द में लाभ मिलता है|
तनाव को कम करने में मददगार पपीता (Papita for stress)
- किसी कारण आपको तनाव हो रहा है तो आप पपीता का प्रयोग कर तनाव से छुटकारा पा सकते है|
ह्रदय के रोग में उपयोगी (Papita for heart)
- पपीते में अनेक तरह के पौषक तत्व पाए जाते है जो आप को ह्रदय रोग से छुटकारा दिलाता है|
उच्च रक्तचाप में उपयोगी (Papita for high blood pressure)
- पपीता पौटेशियम का अच्छा सोत्र है| पौटेशियम एक प्रकार का खनिज है| और यह रक्तचाप के स्तर को सामान्य रखता है| इसलिए पपीता का सेवन करता है|
वजन घटाने में सहायक (Papita for weight loss)
- यदि आपका वजन बहुत ही अधिक है और आप वजन घटाने की सोच रहे है तो आप अपने भोजन में पपीते को शामिल कर सकते है| इससे आपको बहुत ही जल्द फायदा मिलेगा|
गठिया के दर्द से राहत (Papita for gout)
- आज कल गठिया एक आम समस्या हो गई है इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए पपीता का सुबह श्याम को सेवन करते है तो आपको बहुत ही जल्द लाभ मिलता है|
मासिक धर्म में होने वाले दर्द से छुटकारा (Papita for menstrual problem)
- अक्सर हर महिलाओं को मासिक धर्म में होने वाले दर्द से बहुत परेशान रहती है| इस दर्द से राहत पाने के लिए आप पपीते का प्रयोग कर सकते हैं|
आँखों की रोशनी बढ़ाने में (Papita for eyes)
- पपीते का प्रयोग आपकी आखों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है| क्योकि इसमे अनेक पौषक तत्व पाए जाते है जो आपकी आँखों कि रोशनी बड़ाने के लिए बहुत ही फायदेमंद होते है|
प्रतिरोधक क्षमता को बढाने के लिए (Papita for immunity)
- पपीता आपकी कमजोरी को दूर कर आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है|
बालो को मजबूती के लिए (Papita for hair)
- पपीते का प्रयोग आपके बालो के लिए बहुत ही अच्छा होता है| क्योकि इसमे खनिज व विटामिन अधिक पाए जाते है| इसलिए बालो का झड़ना और सफेद होना रुक जाते है|
कैंसर से छुटकारा पाने के लिए (Papita for cancer)
- इसमे अधिकतम विटामिन पाए जाते है| इसलिए पपीते सेवन आप के लिए बहुत ही फायदेमंद है| यदि आपको कैंसर कि बीमारी है तो आपको पपीते का सेवन करना चहिए|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Papita)
- पत्ती
- बीज
- फल
- फल का दूध या आक्षीर
सेवन मात्रा (Dosages of Papita)
- पपीता का औषधिय प्रयोग चिकित्सक अनुसार ही करना चाहिए|
सावधानियां (Precautions of Papita)
पपीता का ज्यादा मात्रा में सेवन से श्वसन संबंधित समस्या उत्पन्न होती है| अतः वैद्यकीय चिकित्सा परामर्श अनुसार हि प्रयोग करे|