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तेजपत्ता (Tejpatta)

तेजपत्ता का परिचय: (introduction of Tejpatta)

Table of Contents

तेजपत्ता क्या है? (Tejpatta kya hai?)

इसे भारत में सभी लोग आसानी से जानते होगें और पहचानते होगे| ऐसा इसलिए क्योकि भारत के हर घर के रसोई में तेजपत्ता पाया जाता है| भारत में ऐसी कौनसी रसोई होगी जहां पर तेजपत्ता का इस्तेमाल नही क्या जाता है| यह भोजन के स्वाद को भी बढाता है| यह एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसके पास बालो से लेकर त्वचा और शरीर के कई रोगो का उपचार है|

पुराने समय में तेजपता को राजा, महाराजाओ के मुकुट के अंदर लगाया जाता था| ताकि वह तनाव से दूर रहे| आयुर्वेद के अनुसार इसके अनगिनत गुण है जिसके कारण आयुर्वेद में इसको औषधी के रुप में प्रयोग किया जाता है| वैसे तो तेजपत्ता को सूखे मसाले के रुप में खाने में स्वाद और गंध बढ़ाने के लिये डाला जाता है लेकिन इसके सिवा ये सिर दर्द, जुकाम , दमा, अरूची जैसी कई बीमारियों से राहत दिलाने में भी मदद करता है|

तेजपत्ता के रासायनिक तत्व (Tejpatta ke rasayan)

  • कॉपर
  • पोटाशियम
  • कैल्शियम
  • मैग्नीशियम
  • सेलेनियम
  • आयरन

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Tejpatta ki akriti)

इसका 7.3 मी ऊँचा छोटे से मध्यमाकार का सदाहरित वृक्ष होता है| इसकी तने की छाल का रंग गहरा भूरे रंग का अथवा कृष्णाभ, थोड़ी खुरदरी, दालचीनी की अपेक्षा कम सुगन्धित तथा स्वादरहित, बाहर का भाग हल्का गुलाबी अथवा लाल भूरे रंग की सफेद धारियों से युक्त होती है|

इसके पत्ते सरल, विपरीत अथवा एकांतर, 10-13.4 सेमी लम्बे, विभिन्न चौड़ाई के, अण्डाकार, चमकीले, नोंकदार, 3 शिराओं से युक्त सुगन्धित एवं स्वाद में तीखे होते हैं| इसके नये पत्ते कुछ गुलाबी रंग के होते हैं| इसके फूल हल्के पीले रंग के होते हैं| इसके फल अण्डाकार, मांसल, लाल रंग के, 14मिमी लम्बे होते हैं| इसका पुष्पकाल एवं फलकाल अगस्त से फरवरी तक होता है|

Indian bay leaf common names Herbal Arcade
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तेजपत्ता के सामान्य नाम (Tejpatta common names)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Cinnamomum tamala
अंग्रेजी (English)Indian bay leaf
हिंदी (Hindi)तमालपत्र,पत्र, तेजपत्ता, बराहमिः
संस्कृत (Sanskrit)पत्रम्, गंधजतम्, तमालपत्रम्
अन्य (Other)    तमालपत्र, तज  ( गुजराती) कटटू-मुरुन्काई (तमिल) आकुपतत्री (तेलगु) तेजपत्र (बंगाली) तेजपात (नेपाली) तमालपत्र  (मराठी)
कुल (Family)Lauraceae

तेजपत्ता के आयुर्वेदिक गुणधर्म (Tejpatta ke ayurvedic gun)

दोष (Dosha) त्रिदोषसंतुलन (balance tridosha)
रस (Taste) कटु (pungent), तिक्त (bitter), मधुर (sweet)
गुण (Qualities) लघु (light), तीक्ष्ण (strong), रुक्ष (dry)
वीर्य (Potency) उष्ण (hot)
विपाक(Post Digestion Effect) कटु (pungent)
अन्य (Others)दीपन, पाचन, आमाशय शोधक
तेजपत्ता के आयुर्वेदिक गुणधर्म Herbal Arcade
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तेजपत्ता के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Tejpatta ke fayde or upyog)

सिर दर्द में (Tejpatta for head ache)

  • आजकल लोगों के लिए सिरदर्द की समस्या आम हो गई है| दिन भर काम का तनाव, भाग दौड़, कंप्यूटर पर लगातार काम, फोन के स्क्रीन पर लगातार काम, ज्यादा धूप में घूमना, ज्यादा ठंड लगने की वजह से सिरदर्द होता है| इसके लिए तेजपत्ता का घरेलू उपाय बहुत ही फायदेमंद होता है| 12ग्राम तेजपत्ता के पत्तों को जल में पीसकर, कपाल पर लेप करने से ठंड या गर्मी से उत्पन्न सिरदर्द से आराम मिलता है|

सिर की जुए में

  • यदि किसी कारण आपके सिर में जुए हो गई है तो तेजपात के 5-7पत्तों को एक गिलास पानी में इतना उबालें कि पानी आधा रह जाय| इस पानी से रोजाना सिर की मालिश करने के बाद नहाएं| इससे सिर में जुंए नहीं होते हैं|

सर्दी जुकाम में (Tejpatta for cold and cough)

  • मौसम बदला कि नहीं बच्चे से लेकर बड़े- बुढो सभी सर्दी-जुकाम की परेशानियों से जुझने लगते हैं| चाय पत्ती की जगह तेजपात  के चूर्ण की चाय पीने से सर्दी-जुकाम, छीकें आना, नाक बहना, जलन, सिरदर्द आदि में शीघ्र लाभ मिलता है|

खांसी में

  • 5 ग्राम तेजपात छाल और 4 ग्राम छोटी पिप्पली को पीसकर, मिलाकर 500 मिग्रा चूर्ण को शहद के साथ चटाने से खांसी और जुकाम में लाभ होता है|

आँख के रोगो में (Tejpatta for eyes)

  • आँख संबंधी बीमारियों में बहुत कुछ आता है जैसे सामान्य आँख में दर्द, रतौंधी, आँख लाल होना आदि| इन सब तरह के समस्याओं में तेजपत्ता से बना घरेलू नुस्ख़ा बहुत काम आता है| तेजपत्ता को पीसकर आंख में लगाने से आँख संबंधी बीमारी से राहत मिलती है|

दांतों के मैल में (Tejpatta for teeth)

  • यदि किसी कारण आपके दांतों की चमक चली गई है तो तेजपता के पत्तो बारीक़ चूर्ण  कर ले और सुबह – शाम को  दांतों पर मलने से दांतों की चमक वापस आ जाती है|

मसुडो में तेजपत्ता (Tejpatta for gums)

  • यदि आपको मसुडो में दर्द या खून आने की समस्या है तो तेजपता के डंठल को चबाने से मसुडो में खून आना बंद हो जाता है|

हकलाहट में तेजपत्ता

  • अगर किसी को भी  रुक-रुक कर या हकला कर बात करने की समस्या है तो तेजपत्ते का  उपयोग कर सकते है| तेजपत्ता के पत्तों को नियमित रूप से चूसते रहने से हकलाहट में लाभ होता है|
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सांस में (Tejpatta for asthma)

  • हर बार मौसम बदलने के कारण साँस की समस्या उत्पन्न हो जाती है| इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए तेजपत्ता और पीपल को 2-2 ग्राम की मात्रा में अदरक के मुरब्बे की चाशनी में बुरक कर चटने से दमा के बीमारी में लाभ मिलता है।
  • इसके अलावा सूखे तेजपत्ता के चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में एक कप गर्म दूध के साथ सुबह-शाम नियमित सेवन करने से सांस संबंधी समस्या में लाभ होता है|

अरुचि में

  • अगर किसी बीमारी के कारण या तनाव के कारण भोजन की इच्छा में कमी आई है तो तेजपत्ता का सेवन इस तरह से करने में जल्दी आराम मिलता है| तेजपता का रायता बनाकर सुबह- शाम को खाने से भोजन की अरुचि में लाभ मिलता है|

पेट फूलने में

  • तेजपता के पत्तो का काढ़ा बनाकर पिने से पेट फूलने की समस्या दूर होती  है|

उल्टी में (Tejpatta for vomit)

  • अगर किसी कारण बार-बार उल्टी महसूस हो रही है तोइसके 3-4 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से उबकाई मिटती है|
  • इसके अलावा इलायची, लौंग, दालचीनी तथा तेजपत्ते के चूर्ण  में शहद मिलाकर सेवन करने से छर्दि या उल्टी से राहत मिलती है|अथवा बिल्व, हरड, बहेड़ा, आँवला और पिप्पली, मरिच, सोंठ के चूर्ण  को शहद के साथ चाटने से भी उल्टी में शारीरिक स्थिति बेहतर होती है|  

वात गुल्म रोग में

  • इस रोग से छुटकारा पाने के लिए 2-4 ग्राम तेजपता की छाल के चूर्ण का सेवन करने से इस रोग में लाभ मिलता है|

दस्त में  (Tejpatta for diarrhea)

  • अगर ज्यादा मसालेदार खाना या भारी भोजन खाले ने के कारण दस्त हो और रूकने का नाम ही नहीं ले रहा तो तेजपत्ता का घरेलू उपाय बहुत काम आ सकता है| 3 ग्राम पत्ते के चूर्ण में मिश्री तथा शहद मिलाकर सेवन करने से अतिसार तथा पेट दर्द कम होताहै|

लीवर में सूजन (Tejpatta for liver)

  • अगर लीवर में किसी बीमारी के कारण सूजन हो गया है तो तेजपत्ता का इस तरह से सेवन करने पर जल्दी आ राम मिलता है| समान मात्रा में तेजपत्ता, लहसुन, कालीमरिच, लौंग तथा हल्दी के चूर्ण का काढ़ा बनाकर 20-30 मिली मात्रा में पीने से लीवर संबंधी रोगों में लाभ होता है|

पथरी और पीलिया में (Tejpatta for calculus and jaundice)

  • आम तौर पर पथरी और पीलिया एक गंभीर बीमारी है इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए  5-6 तेजपता के पत्तो को नियमित रूप से चबाने से इन रोगो का जल्दी से जल्दी शमन होता है|

प्रसव में तेजपत्ता

  • हर गर्भवती महिला के लिए डिलीवरी का समय बहुत ही कष्टदायक होता है| तेजपत्ता का इस तरह से प्रयोग करने पर प्रसव प्रक्रिया को आसान बनाने में फायदा मिलताहै|इसके पत्तों की धूनी (योनिमें) देने से बच्चा सुख से उत्पन्न हो जाता है|
  • 14 ग्राम तेजपात के पत्ते के चूर्ण को सुबह शाम सेवन करने से गर्भाशय का शोधन होता है| तेजपात के काढ़े में बैठने से गर्भाशय की पीड़ा कम होती है|
  • 40-50 मिली तेजपात के पत्तों का काढ़ा प्रसूता यानि जिसकी डिलीवरी हुई है उसको सुबह शाम पिलाने से दूषित रक्त तथा मल आदि निकलकर गर्भाशय शुद्ध हो जाता है|

संधिवात में (Tejpatta for joints pain)

  • आजकल दिन भर एसी में रहने के कारण या बैठकर ज्यादा काम करने के कारण किसी भी उम्र में इस बीमारी का शिकार होने लगे हैं| इससे राहत पाने के लिए तेजपत्ता का इस्तेमाल ऐसे कर सकते हैं| तेजपत्ता के पत्तों को पीसकर जोड़ों पर लेप करने से सन्धिवात में लाभ होता है|

रक्तस्त्राव में (Tejpatta for bleeding)

  • शरीर के किसी अंग में से रक्त स्त्राव हो रहा है तो एक चम्मच तेजपता के चूर्ण को एक कप पानी के साथ दिन में दो- तीन बार सेवन करने से रक्तस्त्राव रुक जाता है|

शरीर की बदबू को समाप्त करे तेजपत्ता

  • गर्मी के मौसम में पसीने के कारण शरीर से बदबू आने लगती है और इसके कारण बहुत लोगों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है| इसके लिए समान मात्रा में तेजपत्ता, सुंगधबाला, अगरु, हरीतकी एवं चंदन को पीसकर शरीर पर लगाने से पसीने से उत्पन्न होने वाली शरीर का दुर्गंध कम होता है|

विष में तेजपत्ता

  • अगर मकड़ी ने काट लिया है तो समान मात्रा में  मंजिष्ठा, नागकेसर, तेजपत्ता तथा हल्दी को पीसकर चाटे हुए स्थान पर लेप करने से मकड़ी के विष का प्रभाव कम हो जाता है|

मधुमेह में (Tejpatta for diabetes)

  • आजकल कुछ उल्टा सीधा खाने की वजह से या परेशानी हो जाती है इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए तेजपात के पत्तो का पाउडर बनाकर रोजाना सेवन करने से मधुमेह का शमन होता है|

ह्रदय में (Tejpatta for heart)

  • तेजपत्ते में ह्रदय को स्वस्थ रखने का गुण पाए जाता है। तेजपत्ते का सेवन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है जिसमें हृदय से सम्बंधित कुछ परेशानियों के लक्षणों को कम किया जा सकता है|

मासिक धर्म में (Tejpatta for menstrual problems)

  • मासिक धर्म के समय में होने वाले दर्द का मुख्य कारण वात दोष का बढ़ना होता है| ऐसे में तेजपत्ते के वात शामक गुण होने के कारण यह इस अवस्था में लाभ पहुंचाता है|

कैंसर में (Tejpatta for cancer)

  • तेजपत्ते में एंटी कैंसर गुण भी पाए जाते है जिससे कैंसर के लक्षणों को भी कम किया जा सकता है| 

पाचन में (Tejpatta for digestion)

  • अगर आपको भूख नही लगती है| आपका पाचन तन्त्र कमजोर है तो आप तेजपता का उपयोग रोज भोजन में कर सकते है| इसके उपयोग से आपको बहुत ही जल्दी फायदा मिलता है|

अच्छी नींद में (Tejpatta for insomia)

  • किसी भी व्यक्ति तनाव व टेंशन के कारण नींद नही आती है और वह बहुत परेशान रहते है तो उनके लिए यह बहुत ही लाभदायक हो सकता है| तेजपता का सेवन करने से तनाव मुक्त रहते है और  नींद भी आच्छी आती है|

त्वचा के लिए तेजपत्ता (Tejpatta for skin)

  • चेहरे पर दाग, धब्बे या मुहांसे होने पर तेजपता काफी फायदेमंद होता है|  तेजपता का लेप या फिर तेजपता डालकर उबाले हुए पाने से चेहरे को धोने से आपको काभी फायदा मिलता है|

उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Tejpatta)

  • पत्ती
  • जड़
  • तैल
  • कंद की छाल

सेवन मात्रा (Dosages of Tejpatta)

  • पत्ते का चूर्ण -1-3 ग्राम या चिकित्सक के अनुसार

तेजपत्ता से निर्मित औषधियां

  • सितोपलादि चूर्ण

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