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तरबूज (Tarbuj)

तरबूज का परिचय: (Introduction of Tarbuj)

Table of Contents

 तरबूज क्या है? (Tarbuj kya hai?)

यह एक ऐसा फल है| जिसके सेवन से  आपके शरीर में पानी की कमी नही होती है| तरबूज आपके शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होता है| यह ठंडा और मीठा फल है| इस फल को देखते ही किसी भी व्यक्ति का जी मचलने लगता है| क्या आपको पता है तरबूज़ सिर्फ पानी की कमी को पूरा नही करता बल्कि यह आपके पेट में ठंडक बनाये रखता है और साथ ही यह कई बीमारियों को भी नष्ट करता है|

यह आपकी त्वचा को भी निखारता है| तरबूज़ ठंडा होने के कारण यह आपके दिमाग को भी ठंडा  रखता है और इसके सेवन से आपको क्रोध भी कम आता है| तरबूज़ ह्रदय संबंधित बीमारियों से छुटकारा दिलाने में भी बहुत सहयक है|

आयुर्वेद में तरबूज़ बहुत ही गुणकारी माना है | इसको औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है| आपको पता होगा की आप तरबूज़ का  केवल गूदा  ही खाते है फिर उसको फेक देते हो| क्या आपको पता है की जितना गूदा आपके शरीर के लिए फायदेमंद होता है उतना तरबूज़ का छिलका और बीज भी फायदेमंद होते है| तरबूज़ के सेवन से सभी बिमारियों में लाभ मिलाता है|

बाह्यस्वरूप (Tarbuj ki akriti)

यह गर्मियों के दिनों में होने वाला फल है| इसकी दक्षिणी अफ्रीका में सबसे अधिक खेती की जाता है|  भारत में इसकी  नदियों के किनारे इसकी खेती की जाती है| यह उतर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल एवं आसाम में सबसे अधिक  पाया जाता है| 

 इसकी लता खरबूजे से अधिक लम्बी और दूर तक फैलती है| तरबूज का तना  खांचयुक्त होता है| इसके पत्ते सीधे और किनारों पर कटे हुए, और लम्बे तथा गहरे होते हैं| इसके फूल  पीले रंग के होते हैं| इसके फल गोलाकार या अण्डाकार होते हैं| फलों में चिकनापन तो होता ही है| फल के अन्दर का गूदा लाल रंग का होता है| फल का छिलका हरे रंग का होता है| छिलके में धब्बेदार कई धारियां होती हैं। तरबूज के बीज चपटे, नुकीले, काले या सफेद रंग के होते हैं। तरबूज के पौधे में फूल और फल लगने का समय अप्रैल से अगस्त तक होता है|

तरबूज के पोषक तत्व (Tarbuj ke poshak tatva)

  • कैफिक अम्ल
  • ग्लूटेमिक अम्ल
  • प्रोटीन
  • सुक्रोस
  • आग्ग्रेनिक अम्ल
  • खनिज
  • सिटलीन
तरबूज़ के सामान्य नाम Herbal Arcade
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(Water melon)तरबूज़ के सामान्य नाम (Tarbuj common names)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Cirullus lanatus
अंग्रेजी (English)Water melon
हिंदी (Hindi)तरबूज़
संस्कृत (Sanskrit)तरबूजा
अन्य (Other)कलिगड़( मराठी) मथिरा (पंजाबी ) पुल्लुम ( तमिल ) तड़बूज ( गुजरात )
कुल (Family)Cucurbitaceae

तरबूज के आयुर्वेदिक गुणधर्म (Tarbuj ke ayurvedic gun)

दोष (Dosha) वातपित्तशामक (pacifies vata and pitta, increase cough), कफवर्धक
रस (Taste) मधुर (sweet)
गुण (Qualities) गुरु (heavy)
वीर्य (Potency) शीत (cold)
विपाक(Post Digestion Effect) मधुर (sweet)
अन्य (Others) दाहप्रशमन, मूत्रल, कैंसररोधी, ज्वरघ्न
Ayurvedic properties of tarbuj Herbal Arcade
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तरबूज़ के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Tarbuj ke fayde or upyog)

सिर दर्द में तरबूज (Tarbuj for head ache)

  • सिर दर्द तो एक आम बात हो चुकी है इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए  तरबूजा उपयोगी साबित होता है| 30-40  मिली तरबूज  फल के रस में मिश्री मिलाकर पिएं।| इससे सिर दर्द में  आराम मिलता है|

आँखों की जलन में उपयोगी (Tarbuj for eyes)

  • आंखों में जलन की समस्या में लोग तरबूज का उपयोग कर सकते हैं। तरबूजा के फलों को पीसकर आंखों के चारों तरफ या  बाहर की ओर लगाने से आंखों की जलन मिटती है|

मुँह छालो में उपयोगी (Tarbuj for mouth ulcer)

  • आप मुंह के छाले का इलाज तरबूज से कर सकते हैं तरबूज  फल के रस से गरारा करने से मुंह के छाले की समस्या में भी लाभ मिलता है|

खांसी में (Tarbuj for cough)

  • खांसी को ठीक करने के लिए 15-20 मिली तरबूज फल के रस में 1 ग्राम सोंठ चूर्ण तथा शहद मिलाकर  इसे पियेंगे तो आपको  खांसी में लाभ होता है|

रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने में (Tarbuj for immunity)

  • विटामिन-सी से भरपूर होने के कारण तरबूजा शरीर की रोग प्रतिरक्षा क्षमता को मजबूत करता है| इसके अलावा, तरबूज में फाइबर भी पाया जाता है, जो पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने का काम  करता है|

मधुमेह में उपयोग (Tarbuj for diabetes)

  • तरबूज मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है| इस रोगी से ग्रस्त व्यक्ति को अपने आहर में तरबूजा को शामिल करना चहिए|

मसुडो में उपयोगी (Tarbuj for gum problems)

  •  तरबूज विटामिन-सी से समृद्ध होता है और विटामिन-सी दांतों और मसूड़ों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है| इसलिए तरबूज का सेवन मसुडो के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है|

कोशिकाओ को शक्ति प्रदान करने में  तरबूज

  •  कोशिकाओं को स्वस्थ रखने के लिए तरबूजा का सेवन लाभकारी हो सकता है|क्योकि इसमे लाइकोपीन नामक तत्व पाया जाता है जो कोशिकाओं के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है

गर्भवती महिलाओ के लिए तरबूज (Tarbuj in pregnancy)

  •  यह गर्भवती महिलाओ के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है क्योंकि तर बूजाफोलिक एसिड, कैल्शियम, विटामिन-ए और आयरन जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है, जिनकी आवश्यकता गर्भावस्था के दौरान ज्यादा होती है|

बालो के लिए (Tarbuj for hair)

  • बालों के लिए भी तरबूज खाने के फायदे बहुत हैं| क्योकि इसमे विटामिन- सी से समृद्ध होता है|

एनीमिया रोगी के लिए (Tarbuj for anemia)

  • एनीमिया रोगियों की तरबूज का सेवन करना चहिए इसमे विटामिन सी और फोलिक एसिड के साथ आयरन मौजूद होता है जो एनीमिया से बचाव के लिए उपयोगी हो सकता है|

यौन क्षमता में उपयोगी तरबूज

  • तरबूज में मौजूद साइट्रलाइन यौन संबंध के लिए फायदेमंद हो सकता है| साइट्रलाइन वो खास तत्व है|

लू से बचाव के लिए तरबूज 

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  • यदि किसी भी व्यक्ति को लू लग गई है तो आपको तरबूजा का सेवन करना चहिए यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होता है|

आंतो की सूजन में तरबूज

  • तरबूज के बीज तथा पत्तो की पेट पर बांधने से आंतो की सूजन कम होती है|

दस्त में प्रयोग तरबूज का (Tarbuj for diarrhea)

  •  तरबूज का सेवन दस्त में लाभ पहुंचाता है| दस्त को रोकने के लिए 5-7  मिली फल के रस में नींबू का रस मिलाकर पिएं। इससे दस्त पर रोक लगती है| 

ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए (Tarbuj for heart)

  • हृदय स्वास्थ्य के लिए तरबूज के फायदे बहुत हैं| रोजाना तरबूजा खाने या इसका जूस पीने से खराब कोलेस्ट्रॉल के संचय को रोका जा सकता है| यह ह्रदय को एक दम स्वस्थ्य रखता है|

पाचन में (Tarbuj for digestion)

  • पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए तरबूज आपकी मदद कर सकता है| तरबूजा में पानी की अधिकता होती है और पानी भोजन पचाने में सबसे अहम तत्व माना जाता है| इसके अलावा, इसमें फाइबर भी पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के साथ-साथ कब्ज जैसी बीमारी को दूर रखता है|

खट्टी डकारे आना (Tarbuj for acidity)

  • बहुत सारे लोग एसिडिटी से पीड़ित रहते हैं| इसमें तरबूजा के सेवन से लाभ मिलता है| तरबूज  के फल का रस निकाल लें| इसे 15-20  मिली की मात्रा में पिएँ| इससे एसिडिटी की समस्या ठीक होती है|

वजन घटाने में (Tarbuj for weight loss)

  • वजन घटान के लिए भी तरबूजा के फायदे बहुत हैं| जो लोग अपने बढ़ते वजन से बहुत  परेशान हैं, वो अपने रोजाना के  आहार में तरबूज को शामिल कर सकते हैं|

पीलिया (Tarbuj for jaundice)

  • यदि आपको पीलिया हो गया हो गया है और आपको  बहुत कमजोरी हो मेहसूस हो रही तो 10-20 मिली तरबूज़ फल का रस को पीलिया में पीने से आपको बहुत लाभ मिलेगा |

मूत्र रोग में तरबूज का प्रयोग (Tarbuj for urinary disease)

  • तरबूजा के बीज का चूर्ण बनाएं| इसे 3-4  ग्राम की मात्रा में सेवन करने से पेशाब में जलन की बीमारी ठीक होती है| इससे पेशाब न आने की परेशानी भी ठीक होती है|
  • तरबूज फल के रस में समान मात्रा में छाछ और स्वाद के अनुसार नमक मिलाकर सेवन करने से मूत्राशय के विकारों में लाभ होता है|
  • आप 10-15  मिली तरबूजा फल के रस का सेवन करेंगे तो पेशाब में दर्द की समस्या या  रुक -रुक कर पेशाब आने की परेशानी सहित मूत्र संबंधी अन्य रोग में भी लाभ होता है|
  • तरबूजा के बीजों का चूर्ण बनाएं और 2-3  ग्राम चूर्ण में शहद मिलाकर सेवन करने से मूत्र संबंधी विकारों में बहुत लाभ होता है|

कैंसर के बचाव के लिए (Tarbuj for cancer)

  • कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए भी तरबूज के फायदे बहुत हैं| तरबूज में लाइकोपीन नामक तत्व पाया जाता है, जो कैंसर से बचाव कर सकता है|

मांसपेशियों के दर्द में तरबूज

  • मांसपेशियों में होने वाले दर्द के लिए भी तरबूज फायदा पहुंचा सकता है| यह खास फल इलेक्ट्रोलाइट्स और अमीनो एसिड साइट्रलाइन से समृद्ध होता है, कसरत के बाद गले की मांसपेशियों में होने वाले दर्द का शमन करता है|

कब्ज को दूर करने में (Tarbuj for constipation)

  •   तरबूज में जल और फाइबर जैसे पोषक तत्वों की अधिकता होती है, इसलिए यह कब्ज की समस्या से निजात दिला सकते हैं

आमवात में उपयोगी तरबूज

  • यह एक गम्भीर बीमारी है| जिसमे फल को पीसकर जोंड़ो पर लगाने से आमवात में लाभ मिलता है|

बुखार में प्रयोग तरबूज का  (Tarbuj for fever)

  • तरबूज़ के फल व छाल को पीसकर लेप करने से ज्वर  का शमन होता है|
  • 10-40 मिली फल रस में शक्कर एवं मिलाकर पीने से ज्वर में लाभ मिलता है|

खुजली में (Tarbuj for itching)

  • यदि आपको खुजली की समस्या है तो आप तरबूज को पीसकर लगाने से खुजली से राहत मिलती है|

खून की कमी में (Tarbuj for anemia)

  • तरबूज एक अच्छा सोत्र है जो आपकी खून की कमी को पूरा करता है और आपके शरीर को शक्ति प्रदान करता है| इसके सेवन से कमजोरी दूर होती है|

शरीर में पानी की मात्रा को बनाये रखता है (Tarbuj for dehydration)

  • यदि आपके शरीर में पानी की कमी है तो आप तरबूज का सेवन करना चहिए| शरीर में पानी कि कमी होने से  शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कब्ज, कमजोरी, सिर चकराना, सिर दर्द, मुंह सुखना, पेट फूलना व लो बीपी आदि| तरबूज में पानी की अधिकता होती है, इसलिए यह शरीर को स्वस्थ्य रखने का काम करता है| 

हड्डियों के लिए (Tarbuj for bones)

  • हड्डियों कि स्वास्थ्य के लिए भी तरबूज के फायदे बहुत हैं क्योकि तरबूज विटामिन-सी से भरपूर होता है, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद माना जाता है|

त्वचा के लिए (Tarbuj for skin)

  • तरबूज विटामिन-ए से भी भरपूर होता है जो त्वचा के बड़े रोम छिद्रों को कम कर सकता है| चेहरे के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है| तरबूज से आप  फेसपैक  भी बना सकते हैं|

तनाव को दूर करने में उपयोगी (Tarbuj for stress)

  • तनाव को दूर करने के लिए भी तरबूज का सेवन किया जा सकता है| तरबूजा विटामिन-सी से समृद्ध होता है, जो चिंता, थकान, तनाव को दूर करता है| और दिमाग को शक्ति प्रदान करता है|

तरबूज के सेवन की सावधानियाँ (Precautions of Tarbuj)

  • तरबूजा का खाली पेट सेवन ने करे| यदि सेवन करना पड़े तो तरबूजा पर नमक लगाकर करे|
  • जुकाम,नजला रोगी को तरबूजा का सेवन नही करना चहिए|
  • अस्थाम, हार्ट, और शुगर, कीडनी रोगियों को तरबूजा का बहुत कम मात्रा में सेवन चहिए| इसमे एमिनो एसिड अस्थाम और पौटेशियम हार्ट वालो को परेशानी हो सकती है|
  • तरबूजा खाने के बाद कोई भी व्यक्ति पानी या अन्य तरल प्रदार्थ का सेवन न करे, इससे आपकी मृत्यु भी हो सकती है|
  • किसी भी व्यक्ति को चावल और तरबूजा का सेवन साथ में नही करना चहिए इन दोनों में बीच में तीन घंटे का गेप रखना चहिए|
  • धुप में रखा हुआ तरबूजा ने खाये| तरबूजा को पानी में रखकर ठंडा करके खाये|
  • गर्म तरबूजा किसी भी हालत में नही खाना चहिए|
  • तरबूजा को काटकर तुरंत खाये| काटा हुआ तरबूजा फ्रिज में न रखे| यदि ठंडा तरबूज खाने कि इच्छा है| तो बिना काटे तरबूजा को फ्रिज में रख सकते है|
  • बाजार का काटा हुआ तरबूजा किसी भी हालात में नही खाना चहिए| 

उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Tarbuj)

  • फल  
  • बीज
  • पत्ते

सेवन मात्रा (Dosages of Tarbuj)

  • जूस – 10-40मिली
  • चूर्ण -5-10 ग्राम