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इमली (Imli): इस खट्टी इमली में होते है 20 से ज्यादा रोगों में लाभ (Tamarind: benefits and usages)

इमली का परिचय: (Introduction of Imli)

Table of Contents

इमली क्या है? (Imli kya hai?)

कुछ चीजों को देख कर मुंह में पानी आ जाता है| इसी प्रकार एक खट्टी मीठी इमली के स्वाद से तो आप सब परिचित होते ही है| जिसे देख कर सभी के मुंह में पानी आ जाता है, उसे खाने की बड़ी इच्छा होती है|आज हम आपको बताना चाहेंगे इसके औषधीय गुणों के बारे में| किस प्रकार इसका सेवन कर के रोगों से बचाव किया जा सकता है|

इसे पूरी दुनिया के हर एक कोने में अलग अलग तरह से खाया और पसंद किया जाता है| इमली में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लवण, कैल्शियम, आयरन, विटामिन, और फास्फोरस उपस्थित होते है जिनका सेवन हमारे शरीर को कई गुना तक लाभ पहुंचा सकता है|

अधिकतर लोग इमली का प्रयोग खाने को स्वादिष्ट बनाने में, रस बनाने, चटनी आदि में उपयोग करते आये है| इस लेख को पढने के बाद आप इसका प्रयोग एक औषधि की तरह कर के रोगों से मुक्ति और बचाव कर सकते है| आइये आपको भी परिचित करा देते है खट्टी मीठी इमली के फायदों से|

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Imali ki akriti)

हमेशा हरा भरा रहने वाल इमली का यह पेड़ लगभग 24 मीटर तक ऊँचा हो सकता है| हरा भरा रहने के साथ ही यह घना भी रहता है| इसकी त्वक का रंग कुछ भूरा होता है| इसके पत्तें ऊपर से अधिक हरे तथा नीचे से कम हरे या फीके रंग के दिखते है|

बारिश या ठण्ड जब पड़ने लगती है तो इसके फूल निकलने लगते है| इसके सफ़ेद और पीले रंगों से युक्त फूलों पर गुलाबी कलर की रेखाएं भी बनी होती है| इसका फल इमली होती है जो कच्ची अवस्था में हरी और पकने के बाद भूरी दिखती है| इसके बीज कठोर, लाल और काले रंग से युक्त होते है| इसके फूल फरवरी से अप्रैल और फल नवम्बर से जनवरी के बीच आते है|  

इमली में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Imali ke poshak tatva)

  • कैल्शियम
  • पोटेशियम
  • मैग्नेशियम
  • विटामिन A, B3, B9, K
  • प्रोटीन
  • आयरन
  • सोडियम
  • जिंक
  • कार्बोहाइड्रेट
  • सिट्रिक अम्ल
  • टार्टेरिक अम्ल
  • शर्करा आदि|
इमली के सामान्य नाम Herbal Arcade
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इमली के सामान्य नाम (Imali common names)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Tamarindus indica
अंग्रेजी (English)Indian date, Tamarind Tree
हिंदी (Hindi)इमली, अमली, अम्बली
संस्कृत (Sanskrit)तिन्तिडी,  चिञ्चिका, अम्लिका, अम्ली, अम्ला, चुक्रा, दन्तशठा
अन्य (Other)तेतैली (असमिया) आंबली (गुजराती) अम्लिका (तेलुगु) तमारे हिन्दी (अरबी) हुनसे (कन्नड़)
कुल (Family)Caesalpiniaceae

इमली के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Imali ke ayurvedic gun)

दोष (Dosha) कफवातशामक (pacifies cough and vata)
रस (Taste) मधुर (sweet), अम्ल (sour)
गुण (Qualities) गुरु (heavy), रुक्ष (dry)
वीर्य (Potency) उष्ण (hot)
विपाक(Post Digestion Effect) अम्ल (sour)
अन्य (Others)लूशामक, ज्वरघ्न, मूत्रल, त्वगदोषहर, दाहप्रशमन
Ayurvedic properties of imali Herbal Arcade
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इमली के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Imali ke fayde or upyog)

लू से बचाव करे इमली का सेवन

  • अमली के फल के छिलके उतार कर उन्हें ठन्डे पानी में कुछ देर भीगने दें| जब यह अच्छी तरह से भीग कर मुलायम हो जाए तो इसके गूदे को पानी में अच्छी तरह से मसल कर रस बना लें| इस रस को पीने से लू का असर कम होता जाएगा|
  • अमली के बचे हुए पानी में कपडा भिगो कर शरीर पर हल्के हाथों से रगने से भी लू का शमन होता है|
  • इसके रसीले भाग को शीतल जल में अच्छे से मिश्रित कर लें| इस लेप को लू के दौरान माथे पर लगाने से भी लू का असर कम होता है|

बुखार और उससे होने वाली जलन में (Imali for fever)

  • इमली से बने हुए ठन्डे रस का सेवन बुखार से पीड़ित रोगी को कराने से बुखार का शमन होता है|
  • अमली के पत्रों और फूलों की सब्जी का सेवन करने से जलन और गर्मी में लाभ मिलता है|
  • दूध में अमली और छुहारों को अच्छे से पका कर लेने से बुखार और उसके कारण होने वाली गर्मी और जलन का शमन किया जा सकता है|

खून की कमी को पूरा करें (Imali for anemia)

  • यदि आप किसी कारणवश खून की कमी से जूझ रहे है तो इसके लिए आप इमली का उपयोग भी कर सकते है| यह आयरन का काफी अच्छा स्रोत होता है जो कि शरीर में खून को बढ़ाने में सहायता करता है|

मोटापा घटायें इमली (Imali for weight loss)

  • मोटापा घाटाने के लिए आप अमली का प्रयोग बिना किसी हिचकिचाहट के कर सकते है| आप इसे पत्तों की सब्जी का सेवन भी कर सकते है| इसमें फाइबर उपस्थित रहता है| इसके सेवन से काफी देर तक आपको भूख नही लगेगी जिससे मोटापे पर नियंत्रण किया जा सकता है|

रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाएं (Imali for immunity)

  • एक इमली का सेवन आपके शरीर में उन सभी तत्वों की कमी पूरी करता है जिन्हें आप अलग अलग खाते है| यदि आप भी अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना या उसका विकास करना चाहते है तो यह उपाय आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है|

बालों के लिए लाभदायक इमली (Imali for hair)

  • अमली के गूदे को सिर में रगड़ने या इसके रस का उचित मात्रा में सेवन आपके बालों के लिए काफी लाभदायक हो सकता है| इसमें विटामिन C पाया जाता है जो बालों से जुडी समस्याओ से निजात दिलाता है|

ह्रदय रोगों में इमली (Imali for heart)

  • सीने में जलन होने पर आप इसके रस या शरबत में मिश्री डाल कर पी सकते है| इससे जलन का शमन होता है और साथ ही ह्रदय को भी पोषण मिलता है|
  • इसमें मैग्नेशियम जैसे और भी कई तत्व होते है जो ह्रदय के लिए लाभदायक होते है| इसी कारण इसे उच्चरक्तचाप की समस्या में भी काम में लिया जाता है|

कमजोरी में (Imali for weakness)

  • यदि आप किसी लम्बी बीमारी से उठे है और आपको कमजोरी महसूस हो रही है तो ऐसे में आप इमली का सेवन कर सकते है| इसमें पाया जाने वाला कैल्शियम हड्डियों को मजबूती देगा| मैग्नेशियम ह्रदय को, फाइबर पाचन तंत्र को और फास्फोरस गुर्दों को बल प्रदान करेंगे| इसके चलते कमजोरी दूर होगी और एक स्वस्थ शरीर का निर्माण होगा|

मूत्र सम्बन्धी रोगों में लाभदायक इमली का सेवन (Imali for urinary disease)

  • अधिक मूत्र आने की समस्या होने पर भीगे हुए अमली के बीजों के भीतर पायी जाने वाली सफ़ेद गिरी का सेवन दूध के साथ करें
  • इसके अलावा इसके बीजों को सेक लें| इनका छिलका हटा कर चूर्ण बना लें| इस चूर्ण में उचित मात्रा में मिश्री मिला कर दिन में दो बार लेने से मूत्र रोगों का शमन होगा|

मस्तिष्क के लिए लाभदायक (Imali for mind)

  • इमली का सेवन आपके मस्तिष्क को तनाव और अनिद्रा की समस्या से छुटकारा दिलाने में सहायता करता है| इसके लिए आप इसके शरबत का सेवन कर सकते है|

दस्त की समस्या में फायदेमंद इमली का सेवन (Imali for diarrhea)

  • इस पेड़ के पत्तों का काढ़ा बना कर पीने से दस्त पर रोक लगती है|
  • इसके पत्तों से रस निकाल कर उसे गुनगुना कर के पीने से भी अतिसार या दस्त को रोका जा सकता है|
  • अमली के बीजों का चूर्ण बना कर दिन में दो बार ठन्डे पानी के साथ लेने से लाभ मिलता है|
  • इसमें उपस्थित फाइबर दस्त की समस्या का समाधान कर पाने में काफी हद तक सफल होता है|

त्वचा रोगों में (Imali for skin disease)

  • यदि किसी कारणवश आपका जख्म नही भर पा रहा है तो इसके लिए आप इसके पत्तों के काढ़े से घाव को साफ़ कर सकते है या धो सकते है| ऐसा करने से किसी प्रकार के संक्रमण का खतरा भी नही होता और घाव भी जल्द ही भर जाता है|
  • नीम्बू के रस में इमली के बीजो का चूर्ण बना कर या पीस कर मिश्रित कर के दाद या अन्य किसी त्वचा विकार में लगाने से लाभ मिलता है|
  • सफ़ेद दागों से छुटकारा पाने के लिए अमली के बीजों की गिरी और इसके साथ बावची मिलाकर उसका चूर्ण या लेप लगाना चाहिए|
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सूजन का शमन करे (Imali for swelling)

  • किसी भी प्रकार की सूजन होने पर अमली के पत्तों का मोटा लेप सूजन वाली जगह पर करना चाहिए| इससे जल्द ही सूजन का शमन होता है और पीड़ित को आराम पहुँचता है|

मोच पड़ जाने पर इमली का प्रयोग

  • पैरों या हाथों के जोड़ों पर मोच पड़ जाने पर इसकी पत्तियों के हल्के गर्म लेप को प्रभावित स्थान पर बांधना चाहिए| इसकी गर्माहट और औषधीय असर से मोच में जल्द ही लाभ मिलेगा|

कब्ज़ में लाभदायक पकी इमली का सेवन (Imali for constipation)

  • पकी हुई अमली में पाचक अग्नि को तीव्र करने का गुण पाया जाता है| इसी कारण आप इसे कब्ज़ में भी उपयोग कर सकते है|

आँखों के लिए (Imali for eyes)

  • यदि बार बार आपकी आँखों में सूजन आ जाती है तो ऐसे में इस पेड़ के फूलों का मोटा लेप बना कर आँखों के आस पास रखना चाहिए| इससे सूजन में कमी आती है|
  • आँखों में जलन, लालपन या बार बार आंसू निकल आते है तो कांसे के पात्र में इसके पत्तों के स्वरस और दूध को मिलाकर अच्छे से मिश्रित कर लें| इसके पश्चात इसे आँखों के आस पास लगाने से इन सभी समस्याओं का समाधान होता है|
  • आँख के ऊपर पलकों में फुंसी हो जाने पर इसके बीजों को घिसने से बने हुए लेप को लगाना चाहिए| इससे बहुत जल्द लाभ मिलता है|

मसूड़ों की सूजन में लाभदायक (Imali for gums)

  • अमली के पत्तों के काढ़े या रस से कुल्ला करने से मसूड़ों की सूजन में लाभ मिलता है| इसमें पाए जाने वाले कैल्शियम के कारण हमारे दांतों को भी मजबूती मिलती है|

वीर्य विकारों का शमन करें इमली (Imali for semen disorder)

  • वीर्य से सम्बंधित समस्याओं वाले पुरुषों के लिए यह एक बहुत अच्छा उपाय माना जाता है| भिगोये हुए अमली के बीजों से निकलने वाली सफ़ेद गिरी को सूखा कर चूर्ण बना लें| सुबह और शाम इस चूर्ण को दूध में मिलाकर पीने से वीर्य गाढ़ा होता है|
  • इसके बीजों को सेक लें| इनका छिलका हटा कर चूर्ण बना लें| इस चूर्ण में उचित मात्रा में मिश्री मिला कर दिन में दो बार लेने से सभी प्रकार के वीर्य विकारों में लाभ मिलता है|

मासिक विकारों में (Imali for menstrual problems)

  • अमली की जड़ की छाल का सेवन वैद्य के अनुसार करने से मासिक धर्म की समस्याओं में लाभ मिलता है|

पीलिया या कामला में इमली (Imali for jaundice)

  • इमली में आयरन पाया जाता है जो खून की वृद्धि करता है| इसी प्रकार इसमें और भी तत्व पाए जाते है जो कामला रोग का शमन कर पाते है| यदि आप भी इस रोग से पीड़ित है तो इसका सेवन शुरू कर सकते है| इसके लिए अमली के पत्तों से निर्मित काढ़े का सेवन सबसे उत्तम रहेगा|

सिर दर्द को समाप्त करे (Imali for headache)

  • पानी में अमली को भिगो लें| इसी पानी में अच्छे से इसके गूदे को निकाल लें| अब इसे अच्छे से मिलाकर, छान कर सेवन करने से लाभ मिलता है| इसमें आप मिश्री या शक्कर भी डाल सकते है|

कैंसर से बचाव करें (Imali for cancer)

  • इमली का सेवन करने उचित समय पर उचित मात्रा में करने वाले व्यक्तियों को कैंसर की शिकायत नही रहती है| यह सूरज से आने वाली हानिकारक किरणों से रक्षा करती है| जिसके चलते कैंसर और त्वचा रोगों से बचाव होता रहता है|

उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Imali)

  • फूल
  • फल
  • बीज

सेवन मात्रा (Dosage of Imali)

  • जूस -50-100 ml
  • चूर्ण -1-3 ग्राम

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