नारियल (coconut) के ये 30 आश्चर्यजनक फायेदे जानकर हैरान रह जायेंगे (Nariyal: benefits and usage)
नारियल का परिचय: (Introduction of Nariyal)
नारियल क्या है? (Nariyal kya hai?)
पूरे विश्व में प्रशिद्ध नारियल (coconut) को तो आप जानते ही होंगे| यह ठंडा होने के कारण घाव, दर्द, जलन को नष्ट करता है| मुख्यतः गर्मियों में सभी लोगों को पसंद आने वाला फल है नारियल| इसके बारे में तो आप जानते ही होंगे क्योकि जब आप छोटे थे तब आपकी माँ या दादी ने नारियल के बारे में तो जरुर ही बताया होगा की नारियल के तैल के उपयोग से आप आपने बालो को लंबा कर सकते हो और बाल संबंधित रोगो को नष्ट कर सकते हो|
नारियल का पेड़ समुन्द्र के किनारे पाया जाता है| यह भारत में विशेष स्थानों पर पाया जाता है| केरल, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तथा दक्षिण भारत में पाया जाता है नारियल को हिन्दू धर्म में बहुत ही शुभ माना जाता है| जिस प्रकार गणेश भगवान को सभी देवताओ में से प्रथम मानते है| ठीक उसी प्रकार नारियल को फलो में प्रथम स्थान है तथा इसे श्रीफल कहते है, और क्या आपको पता है की इसका उपयोग एक औषधी के रूप म भी उपयोग किया जाता है|
नारियल एक ऐसा फल है जो पूजा में जितना महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है, उतना ही सेहत के लिए भी फायदेमंद है| इतना ज्यादा फायदेमंद कि जानकर आपको हैरानी होगी| विटामिन और मिनरल से भरपूर होने के कारण महाफल एक सुपरफूड है जो आपकी सेहत की समस्याओं को दूर करने में मददगार है|
यह आयुर्वेद में औषधी के रूप में उपयोग में लिया जाता है| महाफल का पानी शरीर में जल की कमी को पूरा करने के साथ –साथ चेहरे के दाग धब्बे को दूर करने में भी सहायता करता है| और महाफल का फल पौष्टिकता का भंडार तो होता ही है साथ ही सिर दर्द से लेकर हिचकी, उल्टी, दस्त, दाद खुजली आदि बीमारियों को नष्ट करता है| आइये इसके अन्य फायदों के बारे में विस्तार से जानते है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Nariyal ki akriti)
इसका पेड़ लगभग 13से 26 मीटर ऊँचा, खजूर व ताड के पेड़ के समान, सीधा व शाखा तथा अनेक सोलो तक चलने वाला होता है| इसका तना सीधा, बेलनाकार तथा टेढ़ी – मेढ़ी नुकीली धारा युक्त होता है| इसके तने का आगे का भाग खजूर के पेड़ जैसा होता है इसकी पत्तियाँ भी खजूर के पेड़ के सम्मान होती है| इसके पत्ते नुकीले होते है और इसके फूल अनेक पीत तथा नारंगी रंग के होते है|
स्त्री पुष्प गुछेदार होता है| स्त्री पुष्प बड़े होते है| इसके फल अंडाकार हरा व रेशेदार तथा पकने के बाद भूरे रंग का हो जाता है| फल के अंदर सफेद रंग का जो गुदा होता है उसे गिरी कहते है| यह जब कचा होता है तब इसके अंदर मीठा पानी भरा रहता है| जो फल पकने के बाद सूख जाता है| इसका फलकाल व फूल काल पूरे साल तक रहता है|
नारियल (coconut) के सामान्य नाम (common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Cocos nucifera |
अंग्रेजी (English) | Coconut |
हिंदी (Hindi) | गोला, नारियल, नारिअल, गरी, गिरी |
संस्कृत (Sanskrit) | नारिकेल, महाफल, दृढ़फल, कूर्चशीर्षक |
अन्य (Other) | नरियल ( उड़िया) नर्जिल (उर्दू) माद्द (कोंकणी) खोब्बरी (कन्नड़) श्रीफल (गुजराती) श्रीफल (तमिल) नारिकेलामु (तेलगु) नरकेल (बंगाली) नरिवल (नेपाली) नारेला (मराठी) नलिकेरम (मलयालम) जर्ढिदह (अरबी) |
कुल (Family) | Arecaceae |
नारियल (coconut)के आयुर्वेदिक गुण धर्म (nariyal ke Ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | वातपित्तशामक (pacifies vaat and pitta) |
रस (Taste) | मधुर (sweet) |
गुण (Qualities) | गुरु (heavy), स्निग्ध (oily) |
वीर्य (Potency) | शीत (cold) |
विपाक(Post Digestion Effect) | मधुर (sweet) |
अन्य (Others) | दाहशामक, केश्य, रक्तपित्तनाशक |
नारियल (coconut)के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Nariyal ke fayde or upyog)
बालो के लिए (Nariyal for hair)
- यदि आपके बाल जड़ रहे तो आपको नारियल के तैल का उपयोग करना चहिए इसके नारियल के तैल को सिर पर लगाने से नये बाल आने लगते है और बाल झड़ना भी कम होता है और इसी के साथ ही बालो का सफेद होना, रुसी होना आदि समस्या समाप्त होती है|
इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए नारियल (Nariyal for immunity)
- नारियल के सेवन से इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाया जा सकता है| महाफल में ऐंटिबैक्टीरियल, ऐंटिफंगल और ऐंटिवायरल तत्व पाए जाते हैं, जो रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं खासतौर पर गर्भवती महिलाओं की इम्युनिटी को बढ़ता है|
पाचन में (Nariyal for digestion improvement)
- यदि आपको भूख नही लगती है और आपका पाचन कमजोर है तो इसके लिए आप को रोजाना कच्चे महाफल का सेवन करने से आपको भूख बढ़ोतरी होगी और आपका पाचन तन्त्र भी मजबूत होगा|
ह्रदय में (Nariyal for heart)
- नारियल के जल से सत्तू को घोलकर उसमें चीनी मिलाकर पीने से पित्त सम्बन्धी समस्या में लाभ होता है| प्यास, बेहोशी और शरीर के कंपन, भ्रम जैसे लक्षणों से राहत मिलती है|
कब्ज में (Nariyal for constipation)
- यदि आपको कब्ज की परेशानी हो तो सूखे महाफल का सेवन करने से पाचन सम्बंधित सभी समस्याओं से बचने में मदद करता है|
कैंसर में (Nariyal for cancer)
- सूखे नारियल बहुत फायदेमंद होते है| यह शरीर की कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में सहायता करती है| सूखे महाफल में कई तरह के पोषक तत्व होते है| जो कोलन कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर से बचाव करने में मदद करता है|
मधुमेह में (Nariyal for diabetes)
- कच्चे महाफल का सेवन रोजाना मधुमेह के मरीजों को करना चाहिए| यह बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि नारियल इंसुलिन बनने में सहायता करता है और यह रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है|
दांतों को मजबूत बनाने में (Nariyal for teeth ache)
- महाफल में उपस्थित तेल का प्रयोग दांतो की समस्या का एक कारगर इलाज है जो की दांतो की आम समस्या जैसे प्लाक को हटाकर दांतो को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है
सामान्य सिर दर्द में (Nariyal for head ache)
- महाफल के जल को पीने से सिरदर्द, सूर्यावर्त्त तथा अर्धावभेदक आदि बीमारियों से राहत मिलती है| इसके अलावा नारयल के दूध में 1 ग्राम कट्फल चूर्ण मिलाकर, उबालकर मावा समान गाढ़ा बनाकर, घी में भून कर तथा मिश्री, बादाम, केसर आदि डालकर सेवन करने से सिर दर्द कम होता है|
हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के लिए (Nariyal for bones)
- कच्चे महाफल में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम और मैग्नीशियम होते है| जो हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करता है| इसलिए रोजाना कच्चे महाफल का सेवन करना चाहिए|
वजन कम करने के लिए (Nariyal for weight lose)
- अगर आपका वजन बढ़ता ही जा रहा है तो आप उसे कम करने के लिए महाफल पानी का उपयोग कर सकते है इसमे मौजूद कुछ ऐसे तत्व है जो आपके मोटापे को कम करते है|
उर्जा बढ़ाने के लिए (Nariyal for energy)
- कच्चे महाफल में फायबर की मात्रा अधिक होती है जो शरीर की चर्बी को कम कर और उर्जा को बढ़ाने में मदद करता है|
कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए नारियल
- नारियल शरीर में रक्त कोलेस्ट्रोल को सुधारने में सहायता करता है| यह ह्रदय संबंधित परेशानियों को कम करता है| नारियल में मौजूद सेचुरेटेड फैट शरीर में कोलेस्ट्रोल को बढ़ता है और खराब कोलेस्ट्रोल को नियंत्रण करने में सहायता करता है|
एनीमिया में (Nariyal for anemia)
- अक्सर महिलाओं में उम्र बढ़ने के बाद खासतौर पर उनमे खून की कमी यानि एनीमिया की शिकायत हो जाती है| इन कमी को दूर करने के लिए महिलाओं को रोजाना अपने आहार में सूखे महाफल को मिलाकर खाना चाहिए| यह करने से एनीमिया में लाभ मिलेगा तथा खून की बढ़ोतरी होती है|
सन्तान प्राप्ति के लिए नारियल
- यदि की पुरुष में सन्तान प्राप्ति का गुण नही है तो वह नारियल का उपयोग करके यह गुण उत्पन्न कर सकता है| इसके इए आपको कुछ दिनों तक नारियल में पानी का सेवन करके पुरुष अपने बांझपन से छुटकारा पा सकते है|
माइग्रेन में उपयोगी नारियल (coconut)
- आपको आधासीसी की समस्या है तो महाफल के पानी को नाक से लेने से माइग्रेन में लाभ होता है
गले में अल्सर से राहत दिलाने के लिए नारियल
- अगर आपको गले में अल्सर की समस्या है तो आप नारियल का उपयोग कर सकते है| नारियल के जड़ का काढ़ा बनाकर गरारा करने से गले के घाव शीघ्र भर जाते हैं|
डिप्थीरिया में नारियल
- यदि आपको इस रोग में प्यास अधिक लगती है तो कच्चे महाफल के पानी को पिने से प्यास भुज जाती है|
हिचकी में (Nariyal for hiccup)
- नारियल की राख को पानी मे मिलाकर छानकर पिने से तुरंत हिचकी बंद हो जाती है|
उल्टी में (Nariyal for vomiting)
- नारियल गिरी के काढ़े में मिश्री, मधु तथा पीपल का चूर्ण मिला कर सेवन करने से पित्त के कारण जो उल्टी होती है उसमें जल्दी से लाभ मिलता है|
खट्टी डकार में (Nariyal for acidity)
- यदि आपको खट्टी डकार आने की समस्या है तो नारियल का फल का सेवन करने से खट्टी डकार का शमन होता है| इसके अलावा यदि इस फल का सेवन आप कुछ दिनों तक करते है तो रक्तिपित, टी.बी., उल्टी, दर्द को नष्ट करता है| विशेषकर यह वीर्य विकार को दूर कर शरीर को हष्ट –पुष्ट बनता है|
पेट के कीड़ो में (Nariyal for stomach bugs)
- यदि आपके पेट में कीड़े होने के कारण दर्द हो रहा तो नारियल जड़ से बने काढ़े में हींग डालकर पीने से पेट की कीड़े दूर होते है|
दस्त में (Nariyal for diarrhea)
- आज – काल उल्टा सीधा खाने की वजह से दस्त आम बात हो गई है नारियल जल का सेवन करने से भूख कम लगने की बीमारी, दस्त एवं प्रवाहिका से राहत मिलती है|
मूत्र संबंधित बिमारियों में (Nariyal for urinary disease)
- यदि किसी भी व्याक्ति को पेशाब करते समय दर्द व जलन हो रही है तो नारियल फूल के सूक्ष्म चूर्ण को दूध अथवा दही के साथ सेवन करने से पेशाब करने में लाभ होता है| इसके अलावा कच्चे नारियल को डाभ के जल का सेवन करने से मूत्रकृच्छ्र तथा मूत्र संबंधी रोग का शमन होता है| जड़ का काढ़ा तथा नारियल के भीतर के अंश का सेवन भी मूत्रकृच्छ्र में लाभप्रद होता है|
कीडनी की सूजन में (Nariyal for kidney)
- यदि आपके कीडनी में सूजन है और दर्द भी हो रहा है तो आपको नारियल का उपयोग करना चहिए| डाभ तथा कच्चे नारियल के जल का सेवन करने से किडनी की सूजन कम होती है|
गर्भाशय के दर्द में नारियल
- प्रसव के बाद यदि गर्भाशय में दर्द हो तो महाफल की गिरी खिलाने से मां को दर्द से जल्दी आराम मिलने में आसानी होती है|
गर्भ निरोधक में नारियल
- यदि कोई भी महिला आपना गर्भ नही रखना चाहती है तो वह कुछ इस प्रकार प्रयोग करे नारियल के फूल, गुलर के फल तथा नागरमोथा का काढ़ा बनाकर पीने से आपका गर्भ नही ठहरता है|
त्वचा संबंधित रोगो में (Nariyal for skin)
- कच्चे नारियल के जल से चेहरे को धोने से मुँहासे, पिड़िका तथा झाँईयां कम होती है एवं मुख की कान्ति यानि चेहरे का ग्लो बढ़ता है| महाफल के पानी से चेहरे के दाग – धब्बो में भी लाभ मिलता है|
- पुराने नारियल के तेल का लेप करने से घाव भर जाता है| अल्सर के दर्द से आराम पाने में नारियल के तेल का इस्तेमाल करने से जल्दी राहत मिलता है|
- कच्चे महाफल के पानी से सिक्त रूई के फाहों को जहा पर पीड़ा हो रही है वह पर रखने से दर्द कम होता है, तथा नारियल जल से ही धोने से धीरे- धीरे दाग कम होते हैं| नारियल पानी के फायदे से चेचक का उपचार करने से लक्षणों से राहत मिलने में आसानी होती है|
- पुराने महाफल की गिरी को बारीक कूटकर उसमें एक चौथाई पिसी हुई हल्दी मिलाकर लगाने से दाद तथा चोट तथा मोच व सूजन में लगाने से लाभ होता है|
बुखार में (Nariyal for fever)
- यदि आपको बुखार है और शरीर में दर्द भी हो रहा है तो आप नारियल जा प्रयोग कर सकते है| इसके लिए आप नारियल गिरि का रस निकाल कर, रात में पीने से जीर्ण ज्वर या बुखार कम हो जाता है|
शरीर के अंदर के बुखार में नारियल
- यदि आपको शरीर के अंदर का बुखार है तो नारियल के पानी का सेवन करने से शरीर के अंदर का बुखार खत्म होता है| और यह शरीर के मजबूती प्रदान करता है|
रक्तपित्त में (Nariyal for blood bile)
- पित्त की वृद्धि के कारण नकसीर जैसी परेशानी सामने आती है| ऐसे में नारियल में पित्त शामक गुण पाए जाने के कारण यह इसमें मदद करता है|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Nariyal)
- जड़
- नारियल जल
- फल की गिरी
- फुल
- तैल
सेवन मात्रा (Dosages of Nariyal)
- नारियल जल- 10 या 20 मिली
- चूर्ण -1 से 2 ग्राम
नारियल से निर्मित औषधियां
- नारिकेलखंड
- नारिकेललवण
- नारिकेलामृत