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नागकेशर (Nagkesar)

नागकेशर का परिचय: (Introduction of Nagkesar)

Table of Contents

नागकेशर क्या है? (Nagkesar kya hai?)

यह एक औषधीय पौधा है जिसका उपयोग आयुर्वेद में किया जाता है| नागकेशर एक रामबाण औषधी है जिससे कई बिमारियों को जड़ से खत्म करने का गुण पाया जाता है| आप शायद इसके बारे में नही जानते है पर आज हम आपको इसके बारे सबकुछ विस्तार से  बतायेंगे|

यह छोटा व मध्यम आकार का दिखने वाला पौधा आपके शरीर के लिए बहुत उपयोगी है| यह आपकी हेजा की बीमारी को बिलकुल ही दूर करता है| यही नही बल्कि यह अनेक बीमरियों को दूर करती है और यह आपके पेट से संम्बधित बीमारी को भी खत्म करती है|

इसे आयुर्वेद में जड़ी बूटी के रूप में प्रयोग किया जाता है| इसका प्रयोग प्राचीन काल से ही उपचार में किया जाता आ रहा है| अस्थमा, कमर दर्द, जोड़ो का दर्द, रक्तप्रदर, सफेद पानी, हिचकी, जुखाम, अमाशय संम्बधित रोग, ह्रदय के रोग आदि ऐसे रोग है जो नागकेशर के प्रयोग से नष्ट होते है| आइये इसके अन्य फायदों के बारे में आपको आज विस्तार से परिचित करवाते है|

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) ( Nagkesar ki akriti)

इसका पौधा मध्य आकार का होता है|  यह हमेशा सुंदर दिखने वाला पौधा होता है| इसका तना लगभग सीधा व भूरे रंग का होता है| इसकी छाल चिकनी व भूरे रंग  तथा  इसके अंदर का तना लाल रंग का और कठोर की होता है| इसके पत्ते  सरल व अनेक दिशाओं में फैले हुए और आयताकार होते है| इसके पत्ते जब नये होते है तब लाल रंग के तथा चमकीले होते है| इसका फूल सफेद रंग तथा खुशबूदार होता| फूल के अंदर सफेद पुंकेसर गुछेदार होते है| जिसे नागकेसर कहते है| इसके फल अंडाकार तथा नुकीले तथा अनेक आकार के होते है| इसके बीजो की संख्या  2 या 4 होती है| फल के अंदर का भाग लचीला होता है और इसका फलकाल व फूलकाल फरवरी से जुलाई तक होता है| 

नागकेशर के सामान्य नाम (Nagkesar common names) Herbal Arcade
नागकेशर के सामान्य नाम (Nagkesar common names) Herbal Arcade

नागकेशर के सामान्य नाम (Nagkesar common names)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Mesua ferrea
अंग्रेजी (English)Cobras
हिंदी (Hindi)नागकेशर, नागेसर, पीला नागेशर,  नागचम्पा,  
संस्कृत (Sanskrit)नागपुष्प, अहिकेशर, अहिपुष्प, भुजङ्गपुष्प, वारण, गजकेसर, नागकेशर, चाम्पेय, तुङ्ग, देववल्लभ, 
अन्य (Other)नरमि श्का, (उर्दू) नागेस्वर  (उड़ीसा) नागचम्पा (कोंकणी) नाग्केसरी ( कन्नड़ ) नागचम्पा ( गुजराती) नौगु  (तमिल) नागकेसरमु (तेलगु) नागकेसर ( बंगाली) नारिसाल (नेपाली ) नागेस्वर  (पंजाबी) नागकेसर ( मराठी) नांगा  (मलयालम ) नारेमुश्क (फारसी)
कुल (Family)Clusiaceae

नागकेशर के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Nagkesar ke Ayurvedic gun)

दोष (Dosha) कफपित्तशामक (pacifies cough and pitta)
रस (Taste) कषाय (astringent), तिक्त (bitter)
गुण (Qualities) लघु (light), रुक्ष (dry)
वीर्य (Potency) उष्ण (hot)
विपाक(Post Digestion Effect) कटु (pungent)
अन्य (Others)वेदनास्थापन, दुर्गन्धनाशन, उत्तेजक, दीपन, पाचन, ग्राही
Ayurvedic properties of Nagkesar Herbal Arcade
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नागपुष्प/नागकेशर के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Nagkesar ke fayde or upyog)

खुनी दस्त में

  • खराब खानपान, पेट में ज्यादा गर्मी  या अन्य कारणों से दस्त के साथ खून भी निकलता है| अक्सर बच्चे इस समस्या से ज्यादा पीड़ित रहते हैं, हालांकि बड़ों में भी यह समस्या होना आम बात है| दस्त में खून की समस्या से आराम दिलाने में नागकेशर बहुत कारगर है| इसके लिए नागकेसर के चूर्ण को शहद तथा मक्खन के साथ या चीनी,  मक्खन के साथ सेवन करने से मल में खून निकलने की समस्या से आराम मिलता है|

हिचकी में (Nagkesar for hiccup)

  • हिचकियाँ कभी भी अचानक शुरु हो जाती हैं और फिर जल्दी रूकती नहीं| हालांकि ऐसे कई घरेलू उपाय हैं जिनकी मदद से आप हिचकियों को रोक सकते हैं| नागकेशर का उपयोग करना भी उन्हीं में से एक है| इसके लिए नागकेसर के सूक्ष्म चूर्ण में  शहद एवं मिश्री मिलाकर सेवन करके अनुपान में गन्ने या महुवे के रस का सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है| और इसी के साथ ही खांसी से छुटकारा मिलता है|

मासिकधर्म में अधिक रक्तस्त्राव से आराम

  • कई महिलाओं को माहवारी के दौरान बहुत ज्यादा मात्रा में रक्त स्राव होने लगता है| हालांकि माहवारी में रक्तस्राव होना आम बात है लेकिन बहुत अधिक मात्रा में रक्तस्राव होना एक गंभीर समस्या है|  इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए नागकेसर चूर्ण को मट्ठे के साथ तीन दिन तक सेवन करें| इसके अलावा रोजाना के आहार में मठ्ठे का सेवन करें| ऐसा करने से अधिक रक्तस्त्राव में आराम मिलता है|

जोड़ो के दर्द में उपयोगी नागकेशर (Nagkesar for joint pain)

  • यदि आप अपने जोड़ो के दर्द से बहुत परेशान है तो आपको नागकेशर का उपयोग करना चहिए, इसके लिए नागकेसर के बीजों के तेल को जोड़ों पर या दर्द वाली जगह पर लगाएं और मालिश करें| इस तैल की मालिश से जोड़ों के दर्द से जल्दी राहत मिलती है|

ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए (Nagkesar for healthy heart)

  • नागकेसर का सेवन ह्रदय  के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है, क्योंकि इसमें आयुर्वेद के अनुसार आम पाचन का गुण होता है जो कि आम को पचाकर कोलेस्ट्रॉल जैसे तत्वो को बनने से रोकता है और दिल को हाई कोलेस्ट्रॉल के हानिकारक प्रभाव से बचाता है|

अस्थमा में (Nagkesar for asthma)

  • नागकेसर का प्रयोग अस्थमा के लक्षणों को भी कम करने में किया जाता है क्योंकि नागकेसर में कफ के शमन का गुण पाया जाता है जो कफ को शांत कर अस्थमा के लक्षणों को कम करता है| 
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मासिकधर्म में

  • यदि आपको मासिकधर्म के दौरान अधिक दर्द होता है तो आप नागकेशर में सफेद चन्दन और पठानी लोध्र का पाउडर मिलाकर पानी के साथ कुछ दिनों तक सेवन करें इससे मासिकधर्म में होने वाली जलन व दर्द से आराम दिलाता है|

हैजा में

  • हैजा के लक्षणों को कम करने में नागकेशर फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि नागकेसर में एंटीबेक्टिरियल गुण पाया जाता है जिससे इसका सेवन हैजा में फायदेमंद हो सकता है| 

गर्भ ठहरने में मदद करता है नागकेशर

  • यदि किसी महिला का गर्भ नही ठहर रहा है तो वह नागकेशर का उपयोग कर सकती है क्योकि इसमे एंटीऑक्सीडेट गुण पाया जाता है जो महिलाओं के गर्भ धारण में मदद करता है| इसके लिए आप नागकेशर का चूर्ण और सुपारी का चूर्ण मिलाकर सेवन कर सकती है|

पाचन की क्रिया को बढ़ाने के लिए (Nagkesar for strong digestion system)

  • यदि आपको भूख नही लगती है और आपकी पाचन शक्ति कमजोर है तो आप नागकेशर का उपयोग कर सकते है| इसके लिए आपको नागकेशर के चूर्ण को पानी के साथ सेवन करना चहिए|

नागकेशर का उपयोग गुदा की समस्या के लिए

  • यदि आपको गुदा से जुडी कोई समस्या है तो आपको नागकेशर का उपयोग करना चहिए| इसके लिए आपको इसके चूर्ण को दिन में दो बार सेवन करना चाहिए|

जुखाम में (Nagkesar for cold)

  • मौसम बदलने के कारण सर्दी जुकाम तो एक आम बात हो गई है| इसलिए इस जुखाम से छुटकारा पाने के लिए नागकेशर के पत्तो के घोल को सिर पर लगाना चाहिए|

पैरो को तलवो की जलन में

  • आजकल गर्मी या किसी अन्य कारण से यदि आपके पैरो  या तलवो में जलन या दर्द हो हो रहा है तो नागकेशर की पत्तियों को पीसकर तलवो पर लगाने से जलन दूर होती है|

अमाशय की जलन में

  • नागकेसर का सेवन अपचन के कारण होने वाली आमाशय की जलन  के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है, क्योंकि इसमें पाचन का गुण पाया जाता है जो खाने को पचाने में मदद करता है जिसे आमाशय की जलन कम होती है| 

कमर दर्द में उपयोगी नागकेशर

  • क्या आप भी कमर दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं? अगर ऐसा है तो आपको नागकेसर का उपयोग करना चाहिए| नागकेसर में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो कमर दर्द से जल्दी राहत दिलाने में मदद करते हैं| कमर दर्द होने पर नागकेसर के बीज से बने तेल को कमर पर लगाने से और मालिश करने से दर्द जल्दी दूर हो जाता है|

सांस में संबंधित बिमारियों में (Nagkesar for breathing problem)

  • सांसो से जुड़े रोगों में नागकेशर से फायदा मिलता है यह फेफड़ों की सूजन को कम करने में भी लाभकारी है| इसके लिए नागकेशर की जड़  और छाल का काढ़ा बनाकर नियमित रूप इस काढ़े का सेवन करते रहें|

बवासीर में उपयोगी (Nagkesar for piles)

  • यदि आपको  खूनी बवासीर की समस्या है तो नागकेशर को मक्खन और चीनी  के साथ मिलाकर  नियमित रूप से सेवन करने से खूनी बवासीर से छुटकारा मिलता है|

सांप के काटने पर नागकेशर के उपयोग

  •  लोगो को सांप द्वारा काट लेने पर लोग इतना घबरा जाते हैं कि वे समझ नहीं पाते कि उस समय किन चीजों का उपयोग किया जाए| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नागकेसर के लाभ से सांप के जहर के प्रभाव को कम किया जा सकता है| इसके लिए जिस जगह पर सांप ने काटा हो उस जगह पर नागकेशर के पत्तियों को पीसकर उसका लेप करें इससे दर्द और जलन से भी राहत मिलती है|

दस्त में उपयोगी नागकेशर (Nagkesar for diarrhea)

  • अगर आप दस्त से पीड़ित हैं तो नागकेसर का सेवन करें|  इसके सेवन से दस्त से जल्दी आराम मिलता है| दस्त से आराम पाने के लिए पुष्पकलिका के चूर्ण का सेवन करने से दस्त से छुटकारा मिलता है|

सफेद पानी में

  •  सफेद पानी महिलाओं से जुड़ी एक बीमारी है| जिसमें योनि से गाढ़ा सफ़ेद रंग का तरल पानी निकलने लगता है| इसे सफ़ेद पानी की समस्या भी कहा जाता है| अगर आप इस सफेद पानी की समस्या से पीड़ित हैं तो नागकेसर आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है| इसके लिए आपको नागकेशर के चूर्ण को छाछ में मिलाकर सेवन करना चाहिए|

त्वचा संबंधित रोगो में (Nagkesar for skin)

  • नागकेसर का प्रयोग त्वचा संबंधी रोगों जैसे शीतपित्त के लक्षणों को रोकने में किया जाता है, क्योंकि इसके तेल में शोथहर गुण होता है साथ ही  खुजली को दूर करने वाला होता है|

घाव में

  • अगर आपकी त्वचा पर कहीं घाव हो गया है तो नागकेसर के लाभ इस रोग में ले सकते हैं| इसके लिए घाव पर नागकेसर का तेल लगाएं| इस तेल को लगाने से घाव जल्दी भरने लगता है|

खुजली में

  • यदि आपके शरीर पर किसी कारणवश खुजली चल रही है तो नागकेशर के  बीजो के तैल  को खुजली वाले स्थान पर लगाने से आपको खुजली में राहत मिलती है|  

उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Nagkesar)

  • जड़
  • पत्ती
  • बीज
  • छाल
  • तैल
  • फल
  • पुष्पकेशर

सेवन मात्रा (Dosages of Nagkesar)

  • चूर्ण -250 से 500 मिग्रा
  • क्वाथ -10 से 20 मिली