लाल मिर्च (Lal mirch)
लाल मिर्च का परिचय: (Introduction of Lal mirch)
लाल मिर्च क्या है? (What is Lal mirch?)
भारतीय लोगों को मसालेदार भोजन करने में बहुत ही स्वाद मिलता है| यह लाल मिर्च भोजन के स्वाद को बढ़ाती है| यह हर भोजन और हर व्यंजन में उपयोग में आने वाली मिर्च है| भारत में कोई ऐसा ही घर होगा जहा पर लाल मिर्ची का उपयोग नही होता है| इसका प्रयोग हर रोज सुबह – शाम को भोजन पकाने में किया जाता है|
क्या आपको पता है कि इसका उपयोग आयुर्वेद में औषधि के रूप में भी किया जाता है| इस औषधि का उपयोग कई सारी बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है| आप यह जानकर चौंक गये होंगे ना की जिस मिर्ची का उपयोग सिर्फ भोजन बनाने में किया जाता है उसका प्रयोग बीमारियों में भी किया जाता है| जी हाँ यह बहुत ही गुणकारी औषधि है जिसके बारे में आज आपको बता रहे है|
आइये जानते है की इस लाल मिर्च यानि इस औषधि का उपयोग किन – किन बीमारियों में किया जाता है और किस – किस रोगो के लिए यह बहुत ही लाभकारी है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Lal mirch ki akriti)
लाल मिर्च अपने तीखे स्वभाव के कारण बहुत प्रसिद्ध है, यह कटु रस और लार निकलने वाले द्रव्यों में प्रधान है| कच्चे अवस्था में इसके हरे फलों का उपयोग अचार और सब्जी बनाने में होता है, तथा पके और लालफल, सूखी अवस्था में मसाले के लिए उपयोग में लाए जाते हैं|
इसका पौधा सीधा तथा रोम युक्त, झाड़ीदार होता है|इसका तना चिकना तथा कोणीय होता है| इसकी शाखा फेली हुई होती है| इसके पत्ते फेले हुए तथा अनेक प्रकार के होते है| और यह आगे से नुकीले, गहरे हरे रंग के होते है| इसके फुल सफेद तथा नीले रंग के होते है| इसके फल बेलनाकार तथा आगे का भाग नुकीला, पके हुए लाल तथा कच्चे फल हरे रंग के, चिकने होते है| इसके बीज पीले रंग के तथा चिकने गोलाकार होते है| इसका फलकाल और फुल काल हर 2 महीने में होता है|
लाल मिर्च के पौषक तत्व (Lal mirch ke poshak tatva)
- कैल्शियम
- पोटेशियम
- आयरन
- मैग्नीशियम
- फास्फोरस
- सोडियम
- जिंक
- थियमिन
- राइबोफ्लेविन
- नियासिन
- विटामिन B -6
- फोलेट
- विटामिन – A
- उर्जा
- प्रोटीन
- कार्बोहाइड्रेट
- फाइबर
लाल मिर्च के सामान्य नाम ( Lal mirch common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Capsicum annuum |
अंग्रेजी (English) | Red chillies |
हिंदी (Hindi) | लाल मिर्ची |
संस्कृत (Sanskrit) | लंका, कटुवीरा, रक्तमरिच, पित्तकारिणी; |
अन्य (Other) | मेनासिन (कन्नड़) मरचा (गुजराती) सिलागे (तमिल) मिर्चा काया (तेलगु) लंका मोरिच (बंगाली) खुसीनी (नेपाली) लाल मिर्चा (मराठी) चली (मलयालम) |
कुल (Family) | Solanaceae |
लाल मिर्च के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Lal mirch ke Ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | कफवातशामक, पित्तवर्धक (pacifies cough and vata), (increase pitta) |
रस (Taste) | कटु (pungent) |
गुण (Qualities) | लघु (light), रुक्ष (dry), तीक्ष्ण (strong) |
वीर्य (Potency) | उष्ण (hot) |
विपाक(Post Digestion Effect) | कटु (pungent) |
अन्य (Others) | लेखन, निद्राजनन, मूत्रल, वाजीकारक |
लाल मिर्च के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Lal mirch ke fayde or upyog)
पाचन में (Lal mirch for digestion)
- लाल मिर्च शरीर की पाचन क्रिया को मजबूत करती है व भूख लगने की प्रक्रिया को बढ़ाती है| फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो खाने को पचाने में सहायक माना जाता है| इसलिए लाल मिर्च को पाचन के लिए उपयोगी माना जा सकता है|
ह्रदय के लिए (Lal mirch for heart)
- शरीर के लिए ह्रदय सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है| यह शरीर में खून पहुंचाने का कार्य करता है इसलिए ह्रदय को स्वस्थ रखना मतलब जीवन को सुरक्षित करना है| जिसके लिए लाल मिर्च बहुत उपयोगी होती है| ह्रदय की बीमारी वाले लोगो को लाल मिर्च का अर्क खाने की सलाह दी जाती है क्योकि मिर्च कोलेस्ट्रॉल को कम करता है| इसमें घुलनशील फाइबर होता है जो रक्त के थक्के को जमने से बचाती है| लाल मिर्च ह्रदय की गति को बढ़ाने में मदद करता है और दिल को स्वस्थ रखता है|
कैंसर में उपयोगी लाल मिर्च (Lal mirch for cancer)
- जैसा कि मिर्च में विटामिन सी जैसे एंटी ऑक्सिडेंट्स होते हैं| इसीलिए, इसे कैंसर से सुरक्षा दिलाने वाला मसाला माना जाता है| एंटी ऑक्सिडेंट्स की मौजूदगी के चलते कैंसर, मुंह के कैंसर और कोलोन कैंसर का ख़तरा कम होता है|
मधुमेह में (Lal mirch for diabetes)
- आजकल की भाग दौड़ और तनाव भरी जिंदगी ऐसी हो गई है कि न खाने का नियम और न ही सोने का समय है इसका फल ये होता है कि लोग मधुमेह या डायबिटीज का शिकार होते जा रहे हैं| इस रोग से छुटकारा पाने के लिए इस औषधि का उपयोग बहुत ही लाभकारी होता है|
वजन घटाने में (Lal mirch for weight loss)
- कुछ लोग तीखा खाने के बाद अक्सर बहुत सारा पानी पीते है| इससे पेशाब अधिक आता है| जिसके कारण वजन घटने लगता है| यदि आपके भी अपने मोटापे से परेशान है तो मिर्ची का उपयोग कर सकते है|
गठिया में (Lal mirch for gout)
- अक्सर कई सारे लोग गठिया रोग से बहुत ही परेशान रहते है| यदि आप भी गठिया रोग से परेशान है तो लाल मिर्ची का पेस्ट बनाकर सेवन करने से जोड़े के दर्द और सूजन में राहत मिलती है|
साइनस में उपयोगी लाल मिर्च
- इस औषधि का उपयोग कई सारी बीमारियों में किया जाता है| इस मे से साइनस की एक बीमारी है जो लाल मिर्ची के प्रयोग से दूर हो जाती है| यदि आप भी इस बीमारी से पीड़ित है तो मिर्ची का उपयोग कीजिये इससे साइनस के कारण जमे कफ का छुटकारा मिलता है|
हैजा में उपयोगी
- अगर आपको किसी कारण वश हैजा हो गया है तो लाल मिर्च का ऐसे सेवन करने से जल्दी आराम मिलता है| इसके लिए लाल मिर्च के बीज अलगकर छिल्कों को महीन पीसकर कपड़े से छान कर थोडा कपूर और हिंग मिला ले| इस तीनो को मधु में मिलाकर गोलिया बना ले, फिर इन गोलियों को सुबह शाम को सेवन हैजा में लाभ मिलता है|
- लाल मिर्ची को बारीक़ पीसकर गोलिया बना ले| विसूचिका के मरीज को एक – एक घन्टे के अन्तर से एक – एक गोली व लौंग सात नग देने से विसूचिका की प्रत्येक दशा में आराम हो जाता है|
- पुरानी अफीम, हिंग, मरिच, कपूर तथा ल मिर्च बीज चूर्ण को मिलाकर की वटी बनाकर एक – एक वटी का सेवन करने से विसूचिका एवं अतिसार या दस्त से जल्दी आराम मिलती है|
भोजन की अरुचि में
- यदि आपको खाना खाने की इच्छा नही होती है तो हरी मिर्च में मेथी, सेंधानमक तथा हल्दी का चूर्ण को एक बर्तन में भरकर एक हफ्ते तक तेल में डुबोकर कुछ दिनों तक सेवन करने से भोजन के प्रति अरुचि नष्ट होती है|
शराब से मुक्ति के लिए
- यदि किसी को शराब का नशा नही उतर रहा है तो मिर्ची के चूर्ण को गुणगुने पानी के साथ दिन में तीन बार लेने से शराब का नशा उतर जाता है और भ्रम दूर होता है और सन्निपात ज्वर भी दूर होता है|
फोड़े फुंसी में
- बरसात के मौसम में होने वाले फोड़े फुन्सियां और खुजली इत्यादि में लाल मिर्च को तेल के साथ सेवन करने से फौरन ठीक हो जाते हैं|
- गर्मी के मौसम में शरीर पर जो फुन्सियां हो जाती हैं, उन पर लाल मिर्च के बीजों का तेल लगाने से जल्दी से आराम हो जाता है|
मूत्र रोग में (Lal mirch for urinary disease)
- यदि आपको मूत्र संबंधित कोई भी समस्या है, जैसे मूत्र करते वक्त दर्द या जलन होना, मूत्र रुक रुक कर आना, मूत्र कम होना आदि में ईसबगोल की भूसी पर इसके तेल की बूंदें मिलाकर जल के साथ देने से पित्तज मूत्र रोग में लाभ होता है|
पेट की बीमारियों में (Lal mirch for stomach disease)
- अक्सर असंतुलित भोजन करने पर पेट की समस्या से सबसे ज्यादा परेशान रहना पड़ता है| ऐसे में लाल मिर्च का सेवन अच्छा होता है| भोजन के साथ मिर्च का सेवन करने से अपच, पेट फूलना तथा हैजा में लाभ होता है|
- यदि आपका पेट दर्द कर रहा है तो लाल मिर्च में गुड़ मिलाकर सेवन करने से आपको पेट दर्द से जल्दी से आराम होता है|
सांस की समस्या में (Lal mirch for breathing problem)
अगर आपको किसी कारणवश सांस लेने में समस्या हो रही है तो तुरन्त आराम पाने के लिए लाल मिर्च का सेवन विधि अनुसार करना चाहिए| मिर्च फल का प्रयोग सांस की बीमारी के परेशानी को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Lal mirch)
- बीज
- फल
सेवन मात्रा (Dosages of Lal mirch)
- चूर्ण – चूर्ण आधा ग्राम या एक ग्राम या चिकित्सा के अनुसार
सावधानी (Precautions of Lal mirch)
- भोजन में लाल मिर्च का उपयोग सीमित मात्रा में करना सेहत के लिए सही होता है, लेकिन इसका अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से गले में दर्द, जठराल व छाले की समस्या होती है|
- इसका अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से पसीना आना, नाक बहना, पेट में जलन, पेट में दर्द आदि समस्या हो सकता है|