पारिजात (Parijat): हर दर्द हो जायेगा गायब (Benefits and Usage)
पारिजात का परिचय: (Introduction of Parijat)
पारिजात क्या है? (What is Parijat?)
प्रकृति ने हमें कई पेड़ पौधे उपहार में दिए हैं जो हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है| इसी प्रकार एक पारिजात नामक पेड़ होता है जिसमें कई सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं| इस पेड़ में उपस्थित औषधीय गुण मनुष्य को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं| इसमें कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जिनका सेवन अनेक रोगों को नष्ट कर सकता है|
इसके सेवन से आप जिगर संबंधी बीमारी, बुखार, संधिवात आदि जैसे रोगों का शमन कर सकते हैं| आइए आपको भी पारिजात के सभी गुणों से परिचित कराते हैं ताकि आप भी इसका सेवन करके रोगों से मुक्ति पा सके| इसे हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Parijat ki akriti)
यह एक झाड़ीदार पेड़ होता है| जिसकी लंबाई लगभग 10 मीटर तक हो सकती है| इसकी लकड़ी सफेद हरे या हल्के लाल रंग की हो सकती है| इसके पत्ते आगे से नुकीले रहते हैं तथा हरे रंग के होते हैं| इसके फूलों में बहुत अच्छी खुशबू आती है तथा फूल सफेद पंखुड़ियों से युक्त होते हैं जिनके मध्य में एक चमकीला नारंगी रंग भी दिखाई देता है| इसके फल चपटे और गोल होते हैं तथा किनारों से दबे हुए होते हैं| बीज का आकार अंडाकार या गोलाकार हो सकता है| इसके फूल सितंबर से अक्टूबर तक तथा इसके फल दिसंबर से फरवरी के मध्य आते हैं|
पारिजात के सामान्य नाम (Parijat common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Nyctanthes arbor-tristis |
अंग्रेजी (English) | Tree of sadness, Musk flower |
हिंदी (Hindi) | हरसिंगार, पारिजात, कूरी, सिहारु, सेओली |
संस्कृत (Sanskrit) | पारिजात, पुष्पक, प्राजक्त, रागपुष्पी, खरपत्रक |
अन्य (Other) | कुरी (उत्तराखंड) गोडोकोडीको (उड़िया) गुलेजाफारी (उर्दू) पारिजातक (कोंकणी) गोली (कन्नड़) |
कुल (Family) | Oleaceae |
पारिजात के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Parijat ke ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | कफवातहर (Pacifies kapha and vata) |
रस (Taste) | तिक्त (Bitter) |
गुण (Qualities) | लघु (light), रुक्ष (Dry) |
वीर्य (Potency) | उष्ण (Hot) |
विपाक(Post Digestion Effect) | कटु (Pungent) |
अन्य (Others) | दीपन, अनुलोमन, केश्य |
पारिजात के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Parijat ke fayde or upyog)
यकृत प्लीहा के लिए लाभदायक पारिजात (Parijat for liver and spleen)
- यदि आप पारिजात, अपामार्ग तथा तालमखाना के क्षार को तेल में मिलाकर सेवन करते हैं तो कई प्रकार के यकृत और प्लीहा से जुड़े रोगों से मुक्ति पा सकते हैं|
हड्डियों से जुड़े रोगों के लिए लाभदायक पारिजात का सेवन (Parijat for bones)
- यदि आपको गृध्रसी या साइटिका की समस्या है तो इस औषधि के पत्तों से बने हुए काढ़े को दिन में दो बार 30ml तक की मात्रा के साथ सेवन करने से लाभ मिलेगा|
- यदि आपको आमवात या जोड़ों में दर्द की समस्या है तो इसके पत्तों से बने कल्क को हल्का गर्म करके दर्द वाले स्थान पर लगाने से आमवात और संधि वात में लाभ होता है| संधिवात की समस्या में आप इसकी जड़ से बने काढ़े का सेवन भी कर सकते हैं|
- इसके अलावा इसके पत्तों से बने हुए काढ़े से बफारा भी दे सकते हैं इससे भी आमवात और संधिवात दोनों में ही लाभ मिलता है
बुखार में लाभदायक (Parijat for fever)
- यदि आपको काफी समय से बुखार है तो पारिजात का सेवन करके उस बुखार का शमन किया जा सकता है इसके लिए पारिजात के पत्तों से बने हुए रस में त्रिकटु चूर्ण मिलाकर सेवन करें
- इसके अतिरिक्त यदि आप विषम ज्वर या लगातार आने वाले ज्वर से परेशान हैं तो औषधि के पत्तों से बने काढ़े में अदरक का चूर्ण और शहद मिलाकर ले|
पेट के कीड़ों को मारे पारिजात (Parijat for stomach bugs)
- यदि आपके पेट या आंत में कीड़े हैं तो उन्हें पारिजात का सेवन करके समाप्त किया जा सकता है इसके लिए पारिजात के पत्तों से बनारस में शक्कर मिलाकर सेवन करना चाहिए|
खांसी का शमन करें (Parijat for cough)
- मौसम बदलते ही यदि आपको सर्दी खांसी जैसे समस्याएं बार-बार होने लगती है तो ऐसे में इसका इलाज बहुत अधिक आवश्यक हो जाता है| इसके लिए यदि आप पारिजात की छाल के चूर्ण को पान में रखकर सेवन करते हैं तो खांसी में अतिशय लाभ होता है|
गले से जुड़ी समस्याओं में (Parijat for throat problems)
- इस औषधि की जड़ को चबाने से गले से जुड़ी हुई सभी समस्याओं में आराम मिलता है| यदि आप भी इन सभी समस्याओं से निजात पाना चाहते हैं तो इस उपाय का प्रयोग कर सकते हैं|
बालों का झड़ना कम करें (Parijat for hair fall)
- यदि आपके बाल झड़ते हैं तो औषधि के बीजों का कल्क को बनाकर बालों की जड़ों में लगाना चाहिए इससे झड़ते हुए बाल बंद होते हैं तथा सिर की गंदगी भी साफ होती है|
बार-बार अधिक मूत्र आने पर (Parijat for excessive urination)
- यदि आप भी अपनी अतिमुत्रता की समस्या से परेशान हैं तो पारिजात के इस उपाय से आप अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं| इसके लिए पारिजात के पंचांग का क्वाथ बनाकर सेवन करें इसे आप 30ml तक की मात्रा में ले सकते हैं|
प्रमेह रोग का निवारण करें पारिजात
- यदि आप भी इस रोग से परेशान हैं तो इस औषधि से बने हुए काढ़े का सेवन करना चाहिए| इससे आप जल्द ही प्रमेह से मुक्त हो जाएंगे| इस क्वाथ का सेवन आप 15 से 30 ml की मात्रा में कर सकते हैं|
दाद का शमन करें
- दाद होने पर यदि हरसिंगार के पत्तों से प्राप्त हुए रस को दाद पर लगाया जाता है तो इससे जल्द ही दाद का शमन किया जा सकता है| इसी प्रकार यदि इसके पत्तों से बने हुए काढ़े से दाद या त्वचा के विकार से प्रभावित स्थानों को धोया जाता है तो त्वचा रोगों में भी लाभ मिलता है|
आंख दर्द में लाभदायक (Parijat for eyes)
- आंखों में दर्द होने पर इस औषधि की छाल को कांजी से पीसकर इसका तेल बनाये तथा इसका आंखों पर लेप करें इससे आंखों का दर्द दूर होता है|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Parijat)
- पत्ते
- जड़
- छाल
- बीज
- पञ्चांग
सेवन मात्रा (Dosage of Parijat)
- क्वाथ – 15-30 ml
- रस – 5 ml