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हल्दी : Turmeric(Introduction, Benefits and Usages)

हल्दी का परिचय: (Introduction of Turmeric)

Table of Contents

नमस्कार दोस्तों , आज हम बात करेंगे हल्दी के बारे में| भारत के हर घर की रसोई में हल्दी जरूर पाई जाती है| हल्दी का उपयोग लाल मिर्च पाउडर और नमक की तरह ही मसालों के रूप में किया जाता रहा है| चाहे कोई सी भी सब्जी हो उसमें हल्दी एक मसाले के रूप में डलती ही है| लेकिन क्या आप जानते हैं इस हल्दी के ढेरों फायदे हैं जिन्हें जानकर आप चौक जायेंगे|

जी हाँ आयुर्वेद के अनुसार हल्दी का सेवन रोगों का शमन करने के लिए किया जाता है| सामान्य रूप से किसी प्रकार की चोट लग जाने पर बड़े बुजुर्ग हमें उस स्थान पर हल्दी लगाने या हल्दी वाले दूध का सेवन करने के लिए कहते हैं| ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि हल्दी में कई ऐसे पोषक तत्व और गुण होते हैं जो उस चोट को जल्दी ठीक कर पाने में समर्थ होते हैं| इसी प्रकार आज हम भी हल्दी के उन सभी गुणों के बारे में बात करेंगे जिनके बारे में शायद कुछ लोगों को ही पता होता है| इन गुणों को जानकर आप भी हल्दी का सेवन जरूर शुरू कर देंगे|

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Morphology of Turmeric)

हल्दी के पौधे 90 सेंटीमीटर तक ऊंचे हो सकते हैं| इसके पत्ते बांस के पत्तों की तरह होते हैं जो आगे से नुकीले होते हैं तथा यह कुछ डेढ़ मीटर तक लंबे हो सकते हैं| इसके फूलों का रंग लाल पीला होता है| जब इससे उत्पन्न प्रकंद को उबाल कर सुखा लिया जाता है इसे ही हल्दी कहा जाता है| उसी हरिद्रा का प्रयोग मसाले के रूप में किया जाता है| इसके फल और फूल जनवरी से अप्रैल के मध्य आते हैं|

मुख्य रूप से इसकी चार प्रजातियाँ पाई जाती है-

  • Curcuma longa – सामान्य हल्दी
  • Curcuma aromatic- जंगली हल्दी
  • Curcuma amada- आमाहल्दी
  • Curcuma caesia- काली हल्दी
हल्दी के सामान्य नाम Herbal Arcade

हल्दी के सामान्य नाम ( Common Names of Turmeric)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Curcuma longa
अंग्रेजी (English)Turmeric 
हिंदी (Hindi)हलदी, हर्दी, हल्दी
संस्कृत (Sanskrit)हरिद्रा, काञ्चनी, पीता, निशाख्या, वरवर्णिनी, रजनी, रंजनी, कृमिघ्नी, योषित्प्रिया, हट्टविलासिनी, हलदी, गौरी, अनेष्टा, हरती
अन्य (Other)हलादी (असमिया) हलद (कोंकणी) अरसिन (कन्नड़) मंजल (तमिल) पसुपु (तेलुगु)
कुल (Family)Zingiberaceae 

हल्दी के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Ayurvedic Properties of Turmeric)

दोष (Dosha)कफवातशामक (Pacifies kapha and vata)
रस (Taste) तिक्त (bitter), कटु (pungent)
गुण (Qualities) रुक्ष (dry), लघु (light)
वीर्य (Potency) उष्ण (hot)
विपाक(Post Digestion Effect) कटु (pungent)
अन्य (Others) त्वग्दोषहर, शोथहर, वेदनास्थापन
ayurvedic properties of haldi Herbal Arcade

हल्दी के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Benefits and Usages of Turmeric)

त्वचा रोगों के लिए लाभदायक हल्दी का सेवन (Turmeric for skin disease)

  • यदि आप कुष्ठ से परेशान है तो ऐसे में गोमूत्र के साथ हल्दी के चूर्ण का सेवन करना चाहिए इससे कुष्ठ में लाभ मिलता है|
  • यदि आपको चोट या मोच लग गई है तो ऐसे में हल्दी, चूने और सरसों का तेल मिलाकर प्रभावित स्थान पर लेप करना चाहिए| इससे चोट और मोच में लाभ होता है तथा आने वाली सूजन का भी शमन होता है|
  • आपके शरीर पर यदि खुजली चलती है तो ऐसे में हल्दी और नीम के चूर्ण को दही के साथ मिलाकर खुजली वाले स्थान पर लगाना चाहिए| इससे खुजली दूर होती है|
  • त्वचा से जुड़ा विकार यदि विसर्प हो तो उसमें हल्दी और भृंगराज की जड़ को बराबर मात्रा में लेकर ठंडे पानी के साथ पीसकर लेप करना चाहिए इससे आपके विसर्प में लाभ होता है|
  • मसूरीका होने पर बराबर मात्रा में हल्दी और इमली के पत्तों को ठंडे पानी के साथ पीसकर पीने से मसूरीका में लाभ मिलता है| इसी प्रकार यदि शंका हो कि मसूरीका उत्पन्न होने वाली है तो ऐसे में भी इस उपाय को अपनाया जा सकता है|
  • सूजन आने पर हल्दी का काफी अच्छा प्रयोग देखा गया है| सूजन पर यदि हल्दी और एलोवेरा को अच्छे से एक करके लगाया जाता है तो इससे जल्द ही सूजन का शमन किया जा सकता है| इसके साथ ही इस उपाय से मुहांसों को भी दूर किया जा सकता है|

गठिया रोग में लाभदायक (Turmeric for gout)

  • हल्दी ,धात्री और नागरमोथा का काढ़ा बनाकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से कफ के कारण होने वाले गठिया रोग में लाभ मिलता है|

जुखाम और खांसी को दूर करें हल्दी (Turmeric for cold and cough)

  • खांसी के लिए भुनी हुई हल्दी का चूर्ण बनाकर उसमें शहद या घी मिलाकर खाने से खांसी दूर होती है|
  • रात्रि के समय यदि हल्दी के धुंए को लिया जाता है तो इससे जुखाम में लाभ मिलता है| इसके बाद कुछ समय तक पानी नहीं पीना चाहिए|

गला खराब होने पर (Turmeric for throat)

  • अजमोदा, हल्दी, आंवला, यवक्षार और चित्रक से बने चूर्ण को यदि एक चम्मच शहद के साथ लिया जाता है तो इससे गले की खराश दूर होती है तथा गले को राहत मिलती है|

पेट दर्द में (Turmeric for stomach pain)

  • पेट दर्द होने पर हल्दी को पानी में उबालकर उसमें गुड़ मिलाकर पिया जाता है तो इससे पेट दर्द दूर होता है|

बालों के लिए लाभदायक (Turmeric for hairs)

  • यदि आपके बाल बहुत अधिक मात्रा में झड़ते हैं या बालों में रूसी की समस्या है तो उसके लिए हल्दी, दारूहल्दी, भुनिम्ब, आंवला, हरड़, बहेड़ा, नीम और चंदन से बने हुए पेस्ट की मालिश रोज सिर पर करनी चाहिए| इससे बालों से जुड़ी हुई समस्याओं में आराम मिलता है|

मसूड़ों की समस्याओं को समाप्त करें (Turmeric for gum problem)

  • हल्दी में सरसों का तेल मिलाकर उसे मसूड़ों पर अच्छे से मिलने के बाद गुनगुने पानी से धो लें| इससे दांतों और मसूड़ों से जुड़े हुए कई रोगों का समापन किया जा सकता है|

प्रदर की समस्या में लाभकारी हल्दी

  • दूध में हल्दी चूर्ण और गुड़ मिलाकर सेवन करने से प्रदर की समस्या को समाप्त किया जा सकता है|

प्रमेह के लिए हल्दी

  • प्रमेह के रोगी यदि दिन में दो बार हल्दी के चूर्ण में आंवले का रस और शहद मिलाकर सेवन करते हैं तो इससे प्रमेह में लाभ मिलता है|

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए (Turmeric for increase immunity)

  • हरिद्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं| कोरोना के चलते हरिद्रा का सेवन बढ़ गया है जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी| रात्रि में सोते समय यदि आप दूध के साथ हल्दी का सेवन करते हैं तो इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होगी|

पेट के कीड़ों को मारे (Turmeric for stomach bugs)

  • पेट में कीड़ों की समस्या अधिकतर छोटे बच्चों में देखी जा सकती है| ऐसे में आप हल्दी की सब्जी का सेवन या हल्दी के चूर्ण का सेवन कर सकते हैं| यह आपके पेट में उपस्थित कीड़ों को मारने में सहायता प्रदान करता है|

कैंसर से बचाव करें (Turmeric for cancer)

  • हल्दी में एंटी कैंसर प्रॉपर्टीज पाई जाती है| जिसके चलते कैंसर से बचाव किया जा सकता है| हल्दी किसी प्रकार के कैंसर का इलाज नहीं है बल्कि यह कैंसर से बचाव करने का एक साधारण उपाय माना जाता है|

मधुमेह में (Turmeric for diabetes)

  • हल्दी में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो  रक्त में उपस्थित शर्करा का स्तर नियंत्रित कर पाते हैं| इसी कारण मधुमेह के रोगियों के लिए हरिद्रा एक अच्छा स्रोत माना जाता है| यदि आप भी मधुमेह से पीड़ित है तो हरिद्रा का सेवन बिना किसी झिझक के कर सकते हैं|

उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Turmeric)

  • पत्तें
  • प्रकन्द

सेवन मात्रा (Dosage of Turmeric)

  • चूर्ण – 1-2 ग्राम

हल्दी से निर्मित औषधियां(Medicines Manufactured from Turmeric)

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