पुत्रजीवक (Putrajeevak)
पुत्रजीवक का परिचय: (Introduction of Putrajeevak)
पुत्रजीवक क्या है? (Putrajeevak kya hai?)
इस पेड़ के बारे में तो सब जानते होंगे या अधिकांश लोग यह जानते होंगे की पुत्रजीवक बीज से सन्तान प्राप्ति की इच्छा पूरी हो सकती है| यह सच भी है इसके उपयोग से महिलाओ के बांझपन की समस्या का इलाज किया जाता है| और इसके उपयोग से महिलाओ का गर्भाशय मजबूत होता है और महिलाए गर्भवती हो जाती है|
इसके अलावा भी इसका उपयोग अनेक बीमारियों में किया जाता है| जैसे सिर दर्द, जुखाम, प्यास, फालेरिया, अतिसार, बुखार आदि| इससे यही नही बल्कि पुरुषो के नपुसंकता का भी इलाज भी किया जा सकता है| इसे औषधी के रूप में प्राचीन काल से ही प्रयोग किया जाता आ रहा है
क्या आपको पता है कि पुत्रजीवक एक औषधि है जिसका सेवन संतान की प्राप्ति के लिए किया जाता है| संतान की प्राप्ति के लिए महिलाएं रूद्राक्ष की तरह इसके बीजों की माला गले में धारण करती हैं| इसके बीजों को धागे में गूथकर पुत्र प्राप्ति के लिए स्त्रियां गले में पहनती हैं|
बच्चों के गले में भी पहनाती हैं जिससे वे स्वस्थ बने रहें| इसके बीज, पत्ते या जड़ को दूध के साथ सेवन करने से कमजोर गर्भाशय को मजबूती मिलती है और महिला को संतान की प्राप्ति होती है| इसके अलावा और किन बीमारियों के लिए ये फायदेमंद है, चलिये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Putrajeevak ki akriti)
यह भारत के उष्ण प्रदेशो में पाया जाता है| सबसे अधिक जंगलो में पाया जाता है तथा बागो में लगाया जाता है| इसका पेड़ 12 से 16 मीटर ऊँचा व मध्यम आकार, सदाहरित पेड़ होता है| इसका तने की छाल गहरा स्लेटी, सफेद रंग का तथा सूक्ष्म रोमश होती है| इसके पत्ते सरल एकांतर, अशोक के पत्तो जैसे गहरे हरे, चमकीले तथा किनारों पर कटे हुए व अग्र भाग नुकीला होता है| इसके फल नुकीले अंडाकार तथा सफेद रंग के होते है| इसका बीज बेर की गुठली जैसा होता है| इसका फुल काल मार्च से अप्रैल तक तथा फल काल जनवरी से मार्च तक होता है|
जियापोता /पुत्रजीवक के सामान्य नाम (Putrajeevak common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Putranjiva raxburghill |
अंग्रेजी (English) | Child life tree |
हिंदी (Hindi) | जियापोता, पितौजिया, पुत्रजीव, जुति; |
संस्कृत (Sanskrit) | पुत्रजीव, पुत्रजीवक, गर्भद, यष्टीपुष्प, अर्थसाधक; |
अन्य (Other) | जूटी (उतराखण्ड ) मोलोकोलि (उड़िया) पैशन्दिया (उर्दू) समन (कोंकणी ) पुत्रजीव (कन्नड़) पुत्रन जीव (गुजराती) इरुकोली (तमिल) कुदुरु जीवि (तेलगु) पुत्रन्जीवा (नेपाली) जियापुत्रा (पंजाबी) पुत्रन्जीवा (बंगाली) जीवपुत्रक (मराठी) पोंगालम (मलयालम) |
कुल (Family) | Euphorbiaceae |
पुत्रजीवक के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Putrajeevak ke Ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | वातपित्तशामक (pacifies vata and pitta), कफवर्धक (increase cough) |
रस (Taste) | मधुर (sweet), कटु (pungent) |
गुण (Qualities) | गुरु (heavy), पिच्छिल |
वीर्य (Potency) | शीत (cold) |
विपाक(Post Digestion Effect) | मधुर (sweet) |
अन्य (Others) | दाहशामक, तृष्णाशामक, अनुलोमन, मूत्रल, वृष्य |
पुत्रजीवक के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Putrajeevak ke fayde or upyog)
गर्भ धारण करने में पुत्रजीवक का उपयोग
- पुत्रजीवक एक औषधीय पौधा है जो बाँझपन और आवर्ती गर्भपात के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है| यह पुरुष और महिला दोनों भागीदारों के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है| इसका उपयोग प्रजनन संबंधी समस्याओं के इलाज किया जाता है|
बुखार में उपयोगी पुत्रजीवक (Putrajeevak for fever)
- मौसम बदला नहीं कि आपको बुखार की तकलीफ होने लगती हैं तो बुखार के लक्षणों से राहत पाने के लिए पुत्रजीवक पत्ते के काढ़े का सेवन करने से ज्वर में लाभ होता है|
सूजन में (Putrajeevak for swelling)
- यदि आपको किसी प्रकार चोट लग गई हो और सूजन आ गई है तो पुत्रजीवक के बीज को पीसकर प्रभावित स्थान पर लगाने से सूजन से राहत मिलती है|
अतिसार में (Putrajeevak for diarrhea)
- आज कल फास्टफूड खाने या कुछ उल्टा सीधा खाने की वजह से दस्त की समस्या हो गई है तो इसके पत्तो का काढ़ा बनाकर सेवन करने से अतिसार में राहत मिलती है|
फोड़ो फुंसी में उपयोगी पुत्रजीवक
- यदि आपको फुंसियो की परेशानी है तो पुत्रजीवक फल मज्जा को पीसकर लेप करने से दर्द वाला फोड़े फुंसी कम होता है| इसके अलावा पुत्रजीवक की छाल को पीसकर लेप करने से फोड़े फुंसी मिटते है|
फाइलेरिया में उपयोगी
- फाइलेरिया के इलाज में पुत्रजीवक का सेवन करना फायदेमंद होता है, इसके लिए पुत्रजीवक के रस का सेवन करने से फाइलेरिया रोग के परेशानी से छुटकारा मिल सकता है|
प्यास अधिक
- यदि आपको बार , बार प्यास लगती है तो पुत्रजीवक के पत्ते एवं बीज का काढ़ा बनाकर पीने से प्यास में लाभ होता है|
जुखाम में (Putrajeevak for cold)
- अगर आपको मौसम बदलने के कारण सर्दी – जुखाम की समस्या हो जाती है तो इसके फल के मज्जा का काढ़ा बनाकर सेवन करने से जुखाम में राहत मिलती है|
छाती की जकड़न में उपयोगी पुत्रजीवक
- सर्दी, खांसी के कारण छाती में कफ जम जाता है उसे निकालने में पुत्रजीवक काम करता है| पुत्रजीवक के रस को थोड़ा गर्म करके, हींग डालकर पीने से छाती की जकड़न दूर होती है| इससे छाती से कफ निकल जाता है और आपको राहत मिलती है|
सिर दर्द में (Putrajeevak for head ache)
- अगर दिन भर काम करने के बाद सिर में दर्द होता है तो पुत्रजीवक का इस्तेमाल इस तरह से करें| पुत्रजीवक फल के रस को पीसकर मस्तक पर लगाने से सिरदर्द कम होता है|
विष के प्रभाव को कम करने के लिए
- यदि आपको किसी कीड़े मकोड़े ने काट लिया है तो उसके विष के प्रभाव को कम करने के लिए पुत्रजीवक के फल के मज्जा को नींबू का रस में पीसकर सेवन करने से विष के कारण होने वाले दर्द का शमन होता है|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Putrajeevak)
- फल का मज्जा
- पत्ती
- बीज
सेवन मात्रा (Dosages of Putrajeevak)
- चिकित्सक के अनुसार