तंबाकू (Tambaku)
तंबाकू का परिचय: (Introduction of Tambaku)
एक नाम “तंबाकू” सुनते है ही हमारे मन में यही खयाल आता है की यह तो हानिकारक है| यह बात सही है इसलिए सरकार इसके इस्तेमाल पर प्रतिबन्ध लगाती है, लेकिन हकीकत की बात करे तो यह थोडा चौकाने वाली है, क्योकि यदि आप तंबाकू का उचित मात्रा में इस्तेमाल करे तो ये आपके लिए बहुत ही लाभदायक है|
तंबाकू को आयुर्वेद के औषधी के रूप में प्रयोग किया जाता है| यह कोई आमबात नही है| इसमे बहुत सारे गुण पायें जाते है| इन्ही गुणों की वजह से अनके बीमारी का इलाज किया जाता है लेकिन आप सोच रहे होंगे कि यह बीमारी का कारण होता है पर इससे अनेक बीमारियों का कैसे इलाज किया जाता है, पर आज आपको हर बीमारी के इलाज के बारे में बतायेंगे|
आयुर्वेद में इसकी अनेक औषधी बनाने में किया जाता है| इस औषधी के अनेक फायदे है| यह सिर, आँख, गले, मुँह, छाती, पेट, कीडनी, प्रजनन संबंधित, जोड़ो, त्वचा आदि रोगो में यह बहुत ही फायदेमंद है| यह इन रोगो की जड़ से ही उखाड़ फेक देता है| आइये इसके अन्य लाभों के बारे में विस्तार से जानते है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Tambaku ki akriti)
इसका पौधा लगभग 1-4 मीटर लम्बा अनेक शाखाओ से युक्त होता है| इसका तना सीधा शाखिये होता है| इसके पत्ते हरे व सरल, अंडाकार, आयताकार, लगभग 12-30 लम्बे व मोटे खुरदरे होते है| और इसके पुष्प सफेद गुलाबी, 4-5 सेमी लम्बे व गुच्छेदार होते है| इसकी फली 1.5-3 सेमी लम्बी, शुन्डाकार तथा सकरी होती है|और इसके बीज 1.4 मिमी लम्बे, भूरे व गोलाकार, चौड़े होते है|
तंबाकू के सामान्य नाम (Tambaku common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Nicotina tabacum |
अंग्रेजी (English) | Tobacco |
हिंदी (Hindi) | तम्बाकू,तमाकू |
संस्कृत (Sanskrit) | क्षारपत्रा, धम्रपत्रा |
अन्य (Other) | तमाकु (गुजराती ) धम्रपत्राम् (तेलगु ) पुगैलई (तमिल) तमकु(बंगाली) तम्बाकू (नेपाली) तमाकू (मराठी) |
कुल (Family) | Solanaceae |
तंबाकू के आयुर्वेदिक गुणधर्म (Tambaku ke ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | कफवातशामक, पित्तवर्धक (pacifies cough and vaat increase pitta) |
रस (Taste) | कटु (pungent), तिक्त (bitter) |
गुण (Qualities) | लघु (light), तीक्ष्ण (strong) |
वीर्य (Potency) | उष्ण (hot) |
विपाक(Post Digestion Effect) | कटु (pungent) |
अन्य (Others) | मादक, वस्तिशोधक, वमनकारक, भ्रमकारक |
तंबाकू के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Tambaku ke fyde)
जहर में प्रयोग
- यदि आपको किसी कीड़े मकोड़े ने काट दिया है तो सूखे तंबाकू के पत्तो को चुने के साथ मिलाकर जहा कीड़े ने काटा है उसी स्थान पर लगाने से दर्द, सूजन आदि ठीक हो जायेंगे और शरीर का जहर भी उतर जायेगा|
सिर दर्द में तंबाकू (Tambaku for head ache)
- तंबाकू के फूलो को करंज के तैल में पीसकर तथा तंबाकू के फूलो की राख को तिल के तेल में मिलाकर सिर पर लगाने से सिर दर्द ठीक होता है|
बालो का झड़ने में तंबाकू (Tambaku for hair fall)
- यदि आपके बाल बहुत अधिक झड़ रहे है तो आपको तम्बाकू का जरुर प्रयोग करना चहिए| इसके लिए 20 ग्राम तंबाकू तथा कनेर के पत्ते जलाकर राख बना ले और इस राख को 100 मिली सरसों के तैल में मिलाकर गर्म कर ले और थोडा ठंडा होने पर इसे सिर पर लगाने से बाल झड़ना बंद हो जायेंगे|
रतोंधी में
- तंबाकू के पत्तो को पिस के कपड़े में छानकर काजल की तरह सुबह -शाम आँखों पे लगाते है तो रतौंधी रोग ठीक होता है|
गले के दर्द में तंबाकू (Tambaku for throat)
- यदि गले में दर्द या ग्रन्थियो में दर्द हो रहा है तो तम्बाकू को पीसकर गले पर लेप करने से गले की ग्रन्थिया ठीक होती है|
दांत दर्द में (Tambaku for teeth)
- तंबाकू को जलाकर उसकी राख से मंजन करने से दांतों का दर्द ठीक होता है|
- इसके अलावा दो भाग तंबाकू के चूर्ण में एक भाग काली मिर्च मिलाकर मंजन करने से दांतों के दर्द से जल्दी से छुटकारा मिलता है|
मसूड़ों में तंबाकू (Tambaku for gum problems)
- यदि आपके मसूड़ों में दर्द हो रहा है तो तम्बाकू के पत्तो को पीसकर मसुडो के उपर मलने से मसुडो के रोगो से छुटकारा मिलता है|
सांस में (Tambaku for asthma)
- तंबाकू को जलाकर उसकी भस्म को कांड में भरकर उसे मिट्टी की तरह कूट थोडा पक्का ले और थोडा ठंडा होने पर 60 मिग्रा भस्म में खांड मिलाकर सेवन करने से साँस से जुडी समस्या समाप्त होती है|
- तंबाकू के पत्तो के चूर्ण में गुड़ मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से सांस रोग तथा दमा में लाभ मिलता है|
- 2 ग्राम तंबाकू को पानी में पीसकर गुड़ मिलाकर जूस बनाकर पिने से साँस के रोगो से छुटकारा मिलता है|
पेट के रोग में (Tambaku for stomach)
- आधे पके हुए तम्बाकू के पत्ते यानि पीले पड़े हुए पत्तो में एरण्ड का तैल, सेंधानमक इन सब को एक साथ पकाकर, कपड़े में बांधकर और इसे पेट पर बाँधने से पेट दर्द व पेट से मल जल्दी से बाहर निकलता है और पेट के रोगो में लाभ मिलता है|
मूत्र में तंबाकू (Tambaku for urinary problems)
- यदि आपको रुक रुक कर पेशाब आ रहा है तो तम्बाकू के फूलो का सेवन करने से पेशाब संबंधित परेशानियां समाप्त होती है|
वृषण में
- यदि आपके वृषण में सूजन है तो तम्बाकू के पत्तो को पीसकर, सुखाकर जहा पर सूजन है वहा पर लेप करने से वृषण की सूजन का शमन होता है|
- तंबाकू में चूना तथा पुन्नाग की छाल को मिलाकर पीसकर लेप करने से अंडाशाय में वृद्धि होती है|
- तंबाकू के पत्तो को पीसकर लगाने से अण्डकोश के दर्द से राहत मिलती है|
जोड़ो के दर्द में तंबाकू (Tambaku for joint pain)
- यदि आप अपने जोड़ो के दर्द से बहुत परेशान है तो 50 ग्राम तंबाकू को पानी में भिगोकर मसल कर छान ले फिर उस पानी में बराबर मात्रा में तिल का तैल मिलाकर, पकाकर छानकर मालिश करने से आपका जोड़ो कादर्द जल्दी से समाप्त होगा|
- वात के कारण जो दर्द आपके जोड़ो में हो रहा है| इससे छुटकारा पाने की लिए तम्बाकू के पत्तो को पीसकर इसमे एरण्ड के पत्तो का रस मिलाकर थोड़ो गर्म कर जोडो पर लेप करने से वात के कारण उत्पन्न हुए दर्द से छुटकारा मिलता है|
- तंबाकू के पत्तो को पीसकर रीढ़ की हड्डी पर लेप करने से दर्द से छुटकारा मिलता है|
मोच में
- यदि आपको किसी भी कारण आपको कही भी मोच आई है तो तम्बाकू के हरे पत्तो पर तैल लगाके थोडा सा गर्म करके मोच पर बंधने से सूजन और दर्द कम होता है|
गठिया में (Tambaku for gout)
- यदि आप गठिया रोग से बहुत परेशान हो तो तंबाकू के पत्तो का रस, आक का दूध,धतूरे के पत्तो का रस को बराबर मात्रा में लेकर तीन गुने सरसों के तैल में मिलाकर पकाकर छानकर रख ले| इस तैल की मालिश करने से गठिया, संधिवात, मोच आदि में लाभ मिलता है|
सफेद दाग में
यदि आप इस रोग से परेशान है तो तंबाकू के बीजो का तैल निकाकर लगाने से सफेद दाग मिटते है|
खांसी में प्रयोग (Tambaku for cough)
- पीने वाली तम्बाकू की लकड़ी को जलाकर उसकी राख को इकट्ठा कर लें| इस राख की 10 मिलीग्राम मात्रा को 5 मिलीग्राम कालानमक के साथ पीसकर सेवन करने से तेज से तेज खांसी और काली खांसी भी ठीक हो जाती है|
कमर के दर्द में उपयोग
- तंबाकू के पत्तों पर हल्का-सा तेल लगाकर कमर पर बांधने से सर्दी के कारण उत्पन्न कमर का दर्द ठीक हो जाता है|
पीलिया में तंबाकू (Tambaku for jaundice)
- यदि आपको पांडू रोग है तो आपको 1-2 बार तंबाकू का धुम्रपान करने से बहुत जल्द पांडू रोग से छुटकारा पा सकते है|
त्वचा विकार में (Tambaku for skin)
- तंबाकू को जलाकर उसकी भस्म बनाकर त्वचा पर लाने से खुजली, दाग आदि रोगो से छुटकारा पाया जा सकता है|
कुष्ठ रोग में (Tambaku for leprosy)
- यदि आप इस रोग से बहुत ही परेशान है तो तंबाकू के पत्तो को तैल में पकाकर छान ले फिर त्वचा पर लगाने से कुष्ठ रोग ठीक होता है और त्वचा के संबंधित अनेक रोग ठीक होते है|
सूजन में (Tambaku for swelling)
- किसी भी कारण आपको कहीं पर चोट लगी है और सूजन आ गई है तो तंबाकू की पत्तियों को पीसकर गुनगुना करके लेप करने से सूजन कम होती है|
जहर में प्रयोग
- यदि आपको किसी कीड़े मकोड़े ने काट दिया है तो सूखे तंबाकू के पत्तो को चुने के साथ मिलाकर जहा कीड़े ने काटा है उसी स्थान पर लगाने से दर्द, सूजन आदि ठीक हो जायेंगे और शरीर का जहर भी उतर जायेगा|
त्वचा के कैंसर के प्रयोग में (Tambaku for skin cancer)
- अगर आपको किसी भी प्रकार के त्वचा संबंधित कैंसर है तो तंबाकू के पत्तो का लेप त्वचा पर लगाने से त्वचा का कैंसर धीरे धीर समाप्त होता है|
रक्तप्रवाह में तंबाकू (Tambaku for blood circulation)
- यह एक गंभीर बीमारी है जिसके कारण शरीर में रक्त का संचारण सही तरह से नही हो पाता है और किसी किसी व्याक्ति को हार्ट अटेक भी हो जाता है| इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए कुछ दिनो तक तंबाकू का सेवन करना चहिए|
अपंगता में प्रयोग
- अगर कोई भी व्याक्ति अपंग है| उस व्यक्ति कुछ दिनों तक तंबाकू का सेवन करने चहिए|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Tambaku)
- पत्ती
सेवन मात्रा (Dosages of Tambaku)
- क्वाथ – 5-10 मिली या चिकित्सक के अनुसार
सावधानियां- (Precautions of Tambaku)
तंबाकू का ज्यादा मात्रा में सेवन शरीर को नुकसान कर सकता है| अतः वैद्यकीय चिकित्सा परामर्श अनुसार हि प्रयोग करे|