गोक्षुरादि गुग्गुल के फायदे herbal arcade
औषधी दर्शन

गोक्षुरादि गुग्गुल: करें मूत्र रोगों के साथ इन 6 रोगों को खत्म, जाने यहाँ

गोक्षुरादि गुग्गुल का परिचय (Gokshuradi guggulu introduction: Benefits)

गोक्षुरादि गुग्गुल क्या हैं ?? (Gokshuradi guggulu kya hai?)

गोक्षुरादि गुग्गुल मूत्र से जुड़े सभी रोगों को समाप्त करने में सहायता करने वाली औषधि हैं | इसमें डाले गए सभी घटक आयुर्वेद से जुड़े हैं तथा यह औषधि भी आयुर्वेदिक हैं | बार बार पेशाब आना, रुक रुक कर पेशाब आना जैसी समस्याओं में यह कारगर औषधि हैं | महिलाओं में प्रदर की समस्या और पुरुषो में शुक्रदोष को भी इस औषधि के माध्यम से सही किया जा सकता हैं | अश्मरी (पथरी) में भी यह औषधि लाभदायक सिद्ध होती हैं | वातरक्त रोग में भी इसका उपयोग फायदेमंद होता हैं |

गोक्षुरादि गुग्गुल के घटक (Gokshuradi guggulu ke ghatak dravya)

  • गोखरू का चूर्ण
  • शुद्ध गुग्गुल
  • सोंठ
  • मिर्च
  • पीपल
  • हरड
  • बहेड़ा
  • आंवला
  • नागरमोथा
  • एरंड का तेल
Gokshuradi  GUGGULU CONTENTS HERBAL ARCADE
Gokshuradi GUGGULU CONTENTS HERBAL ARCADE

गोक्षुरादि गुग्गुल बनाने की विधि (Gokshuradi guggulu banane ki vidhi)

इसको बनाने के लिए गोखरू के जोकूट चूर्ण का क्वाथ बनांये | जब आधा जल बाकी रह जाये तब उतार ले | फिर छान कर वापस से उबाले |लगभग आधा जल रह जाने पर गूगल मिला कर पकाएं | जब यह गाढ़ा हो जाये तो तो बाकी बची औषधियों का चूर्ण बना कर इन्हें मिला कर गोलियां बना लें |

गोक्षुरादि गुग्गुल के फायदे (Gokshuradi guggulu ke fayde)

गोक्षुरादि गुग्गुल के फायदे HERBAL ARCADE
गोक्षुरादि गुग्गुल के फायदे HERBAL ARCADE

मूत्रकृच्छ में

यह समस्या सुजाक, पथरी, कृमि, मूत्र ग्रंथि का प्रदाह, गुर्दे (किडनी) के विकार आदि के कारण उत्पन्न हो सकती हैं | इस समस्या में बार बार पेशाब करने की इच्छा होती हैं और बड़े कष्ट के साथ बूंद बूंद या कभी नही भी होता हैं | पेशाब करते समय बहुत अधिक दर्द होता हैं | इस स्थिति में इस औषधि का प्रयोग करने से इस रोग का नाश होता हैं और व्यक्ति को राहत मिलती हैं|

मूत्राघात में

इस रोग में पेशाब की थैली में पेशाब भरा रहता परन्तु इसका त्याग नहीं हो पाता हैं | नाभि के नीचे वाला हिस्सा फूल जाता हैं | पेशाब करने की इच्छा होती हैं किन्तु पेशाब होता नही हैं | इसके कारण बैचेनी, बेहोशी आदि लक्षण होते हैं | इस रोग से राहत पाने के लिए यह उपयुक्त औषधि हैं |

शुक्रदोष में लाभदायक

शरीर में शुक्र धातु की कमी होने पर शरीर में कमजोरी, एनीमिया, नपुसंकता आदि जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं | इसका सेवन करने से शुक्र दोष को समाप्त किया जा सकता हैं |

प्रदर की समस्या का समाधान

इसका सेवन करने से स्त्रियों में होने वाली रक्त प्रदर और श्वेत प्रदर की समस्या का समाधान किया जा सकता हैं |

अश्मरी (पथरी) में लाभदायक

व्यक्ति के शरीर में भिन्न भिन्न कारणों से होने वाली पथरी को खत्म करने में यह औषधि सहायता करती हैं | इसका सेवन करने से शरीर में उपस्थित पथरी को यूरिन के माध्यम से बाहर निकाला जा सकता हैं |

वातरक्त में

आयुर्वेद में गठिया रोग को वातरक्त कहा जाता हैं | आयुर्वेद के अनुसार यह रोग वात और रक्त के दूषित होने के कारण होता हैं| इस रोग में जोड़ो में तेज दर्द और पीड़ा के साथ साथ सूजन भी होती हैं | रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाने पर रक्त दूषित हो जाता है जिसके कारण गठिया रोग की समस्या आती हैं |

गोक्षुरादि गुग्गुल की सेवन विधि (Gokshuradi guggulu ki sevan vidhi)

  • 1-1 गोली सुबह शाम गोखरू क्वाथ के साथ या जल के साथ दें |

गोक्षुरादि गुग्गुल का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (Gokshuradi guggulu ke sevan ki savdhaniya)

  • इस औषधि को अधिक मात्रा में ना लें |
  • यदि आप पहले से किसी रोग से ग्रस्त हैं तथा उसकी चिकित्सा ले रहें हैं तो इसका सेवन करने से पहले चिकित्सक से सलाह जरुर लें |
  • गर्भवती महिला को भी इसका सेवन करने से पूर्व चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए |

गोक्षुरादि गुग्गुल की उपलब्धता (Gokshuradi guggulu ki uplabdhta)

Read more Article

ट्रायघन

Note- यदि आपका कोई प्रश्न है तो बेझिझक पूछें। आपको प्रत्येक उचित प्रश्न का जवाब मिलेगा| (If you have any question feel free to ask. I will respond to each valuable comment)