उड़द (Urad): इस स्वादिष्ट दाल को खाने के भी होते है 15 फायदे (15 Benefits and Usage of black gram)
उड़द का परिचय (introduction of Urad)
उड़द क्या है? (What is Urad?)
एक साधारण सा नाम “उड़द” (माष) जिसे हर कोई जानता और पहचानता हैं| आज हम बात करेंगे उड़द के बारे में| यह एक दाल होती हैं जिसे सामान्य भाषा में काली दाल भी कहा जाता है| लोग इसे बड़े ही स्वाद के साथ अपने भोजन में शामिल करते हैं और यह होती भी बहुत स्वादिष्ट हैं| राजस्थान के प्रसिद्ध भोजन दाल बाटी में अधिकतर इसी दाल का प्रयोग किया जाता है|
लेकिन क्या आपने कभी सोचा हैं कि माष का प्रयोग भी एक औषधि के रूप में किया जाता हैं| ऐसी औषधि जिससे लकवे जैसे रोगों तक में प्रयोग किया जाता हैं| इतना ही नही इसके और भी कई फायदे होते हैं| जरुरत होती हैं तो बस इन्हें जानने की| तो आइये जानते हैं इसके अद्भुत फायदों के विषय में |
इसे लगभग पूरे भारत में उगाया जाता हैं और बड़े ही चाव के साथ खाया जाता हैं| उड़द काली, हरी और भी कई तरह की होती हैं लेकिन काली उड़द सबसे उत्तम मानी जाती हैं|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Urad ki akriti)
इसका पौधा 30 से 60 cm ताल लम्बा हो सकता हैं| इसके फूल पीले या बैंगनी रंग के होते हैं| इस पौधे की फलियों में से ही उड़द निकलती हैं| इसकी फलियों की लम्बाई 3 से 6 cm तक पायी जाती हैं|
उड़द में पाए जाने वाले रासायनिक तत्व (Urad ke poshak tatva)
- प्रोटीन
- कार्बोहाइड्रेट
- हेमीसेलुलोज
- फाइबर
- मैग्नेशियम
- पेक्टिन
- स्टार्च
- तेल
- खनिज पदार्थ
- सेपोनिन
- जेनिनस्टीन
- हाइड्रोक्सीजेनीसीन
- डलबरजीओडिन
- ग्लायसीनाल
- जेनिस्टीन हाइड्रेट
- युरेनाल
उड़द के सामान्य नाम (Urad common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Vigna mungo |
अंग्रेजी (English) | Black gram |
हिंदी (Hindi) | उड़द, उडिद, उरद, उर्दी |
संस्कृत (Sanskrit) | माष, मांसल:, बली, बीजरत्नः, बीजवरः |
अन्य (Other) | उड़द (उर्दू), कालामूग (उड़िया), माष (नेपाली), मूजी (पंजाब), मगा (मराठी) |
कुल (Family) | Fabaceae |
उड़द के आयुर्वेदिक गुणधर्म (Urad ke ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | वातशामक, पित्तकफवर्धक (pacifies vata and increse cough, pitta ) |
रस (Taste) | मधुर (sweet) |
गुण (Qualities) | गुरु (heavy), स्निग्ध (oily) |
वीर्य (Potency) | उष्ण (hot) |
विपाक(Post Digestion Effect) | मधुर (sweet) |
अन्य (Others) | वातशामक, मेदवर्धक, बलकारक |
उड़द के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Urad ke fayde or upyog)
वीर्य विकार में (Urad for semen disease)
- वीर्य की वृद्धि करने के लिए उड़द की दाल को दूध में पका कर, घी में छौंक कर सेवन करना चाहिए|
वात के कारण होने वाले सिर दर्द में उड़द (Urad for headache)
- दूध में माष को पका कर उसमे घी डाल कर इसका सेवन करने से इसमें लाभ मिलता हैं|
रुसी या सिर पर होने वाली पुन्सियों में उड़द
- माष, सैंधा नमक, मुलेठी, कूठ, चिरौंजी इन सब के चूर्ण को शहद के साथ मिला कर लेप करने से इनमे लाभ होता हैं|
रक्तपित्त में (Urad for blood bile)
- तालू पर माष के आटे का लेप करने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता हैं|
पेट दर्द में (Urad for stomach)
- यदि खाना खाने के तुरंत बाद आपके पेट में दर्द होते हैं तो छिलके वाली उड़द को पीस कर, उबाल लेने के बाद घी में सेक कर सेवन करने से इसमें लाभ मिलता हैं|
- इसके साथ ही माष का सेवन करने से पाचन तंत्र को भी लाभ मिलता है और पाचन क्रिया ठीक होती रहती है|
लकवे में (Urad for paralysis)
- माष, बला, केवाँच, रास्ना, अश्वगंधा इन सबको समान मात्रा में लेकर काढ़ा बनाये| इसके बाद क्वाथ में हींग और सैन्धनामक डाल कर सेवन करें|
- मुंह के लकवे से निपटने के लिए माष के आटे से बने हुए भक्ष्य पदार्थो का सेवन मक्खन के साथ कर ऊपर से दशमूल क्वाथ का सेवन करना उचित रहता हैं|
वात रोग में (गठिया) (Urad for gout)
- सैंधा नमक और माष से बनाये गए तेल को नाक में डालने या खाना खाने के बाद पीने से वात रोग में लाभ होता हैं|
- एरंड छाल को माष के यूष में पकाकर पिलाने से जोड़ो के दर्द में लाभ मिलता हैं|
घाव में (Urad for wound)
- माष को पीस कर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता हैं|
बुखार में (Urad for fever)
- बुखार में उड़द का यूष बनाकर सेवन करने से लाभ मिलता हैं|
कंधो में होने वाले दर्द का समापन करे (Urad for shoulder pain)
- रात्रि के भोजन के बाद दशमूल, माष और बला से बने हुए काढ़े को तेल या घी के साथ पीना चाहिए| इससे कंधे में होने वाले दर्द का शमन होता है|
पेट में पानी भर जाने पर उड़द
- पेट में पानी भर जाने पर माष की जड़ का काढ़ा बना कर पीना चाहिए|
सूजन में (Urad for swelling)
- पीसे हुए माष को सूजन वाले स्थान पर बाँधने से सूजन दूर होती है|
दर्द में (Urad for pain)
- शरीर में होने वाले किसी भी प्रकार के दर्द को समाप्त करने के लिए माष के आटे में नमक, सोंठ, हींग मिला दें| इसकी रोटी बना कर एक तरफ से सेंक लें| इसके बाद दूसरी तरफ तिल का तेल लगाकर दर्द वाली जगह पर बाँध दें| इससे दर्द से राहत मिलेगी|
कामशक्ति बढ़ाये उड़द
- माष की दाल को घी में मिलाकर उसकी खीर बना कर उसमे घृत और मिश्री मिलाकर खाने से कामशक्ति बढती है|
मधुमेह में (Urad for diabetes)
- मधुमेह के रोगी को इस दाल का सेवन जरुर करना चाहिए| इसमें फाइबर की उच्च मात्रा होती है| इसका सेवन अग्नाशय को सक्रीय बनाये रखने में मदद करता है|
ह्रदय रोगी करे उड़द का सेवन
- माष में भरपूर मात्रा में ह्रदय को स्वस्थ रखने वाले पोषक तत्व होते है| जिनके माध्यम से हमारा ह्रदय बिलकुल स्वस्थ रह सकता है| इसी कारण ह्रदय रोगी को इसका सेवन करना चाहिए|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Urad)
- जड़
- बीज
- पंचांग
सावधानियाँ
- उड़द का ज्यादा मात्रा में सेवन शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ा सकता है|