महामंजिष्ठारिष्ट: क्या आप भी हैं गठिया से परेशान? करें इसका सेवन और पायें ढेरों फायदें
महामंजिष्ठारिष्ट का परिचय (Introduction of mahamanjistharista: Benefits, Dosage)
महामंजिष्ठारिष्ट क्या हैं?? (Mahamanjistharista kya hai)
यह एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि हैं जो लगभग 40 औषधियों को मिला कर बनायीं जाती हैं| इस औषधि के अनेकों फायदें हैं| यह औषधि मुख्य रूप से रक्त को साफ़ करने का कार्य करती हैं| त्वचा रोग, दाद, खाज, खुजली, फोड़े और फुंसियों को जड़ से खत्म करने की एक कारगर औषधि हैं| वातरक्त जो गठिया बीमारी का एक रूप है तथा जो हड्डियों और जोड़ों को प्रभावित करती हैं महामंजिष्ठारिष्ट औषधि इस रोग को खत्म करने में सहायता करती हैं|
चेहरे पर होने वाले लकवा रोग, शरीर में मेद की वृद्धि, हाथी पाँव जैसी समस्याओं को समाप्त करने में भी महामंजिष्ठारिष्ट औषधि बहुत ही शीघ्र असर करती हैं| आज कल हर कोई व्यक्ति चाहता हैं की वह अपने शरीर को स्वस्थ रखे लेकिन ख़राब खान पान और प्रदूषण के कारण व्यक्ति स्वस्थ नही रह पाता| इस औषधि का सेवन करने से हमारा शरीर पूरी तरह से स्वस्थ रहता हैं|
महामंजिष्ठारिष्ट औषधि के घटक द्रव्य (Mahamanjistharista ke ghatak)
- मंजिष्ठा
- नागरमोथा
- कुडे की छाल
- सौंठ
- भारंगी
- छोटी कटेरी
- बच
- नीम की छाल
- हल्दी
- दारुहल्दी
- बहेड़ा
- हरड
- आंवला
- खादिराकाष्ठ
- लाल चन्दन
- निशोथ
- वरुण की छाल
- करंज की छाल
- अतीस
- खस
- इन्द्रायण की जड़
- पटोल पत्र
- कुटकी
- मूर्वा
- वायविडंग
- विजयसार
- सखुवा की छाल
- शतावर
- त्रायमाणा
- गोरखमुंडी
- इंद्र जौ
- वासे की जड़
- भांगरा
- देवदारु
- पाठा
- धमासा
- अनंतमूल
- पित्त पापड़ा
- गुड
- धाय के फूल
महामंजिष्ठारिष्ट औषधि बनाने की विधि (mahamanjistharista banane ki vidhi)
इस औषधि को अरिष्ट विधि द्वारा बनाया जाता हैं| इसे बनाने के लिए गुड और धाय के फूल को छोड़कर सारी औषधियों का यवकूट बना लें| अब उचित मात्रा में जल के साथ इस औषधि का क्वाथ बनायें| जब जल का चौथाई हिस्सा शेष रह जाएँ तो इसे नीचे उतार कर ठंडा कर लें| अब इस क्वाथ में गुड और धाय के फूल को डालकर चिकने घड़े में एक महीने के लिए किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें| एक महीने के बाद महामंजिष्ठारिष्ट औषधि पूरी तरह से तैयार हो जाती हैं| अब इस औषधि का सेवन किया जा सकता हैं|
क्या महामंजिष्ठारिष्ट, महामंजिष्ठाद्यरिष्ट, महामंजिष्ठादी क्वाथ, महामंजिष्ठादी काढ़ा अलग अलग हैं??
महामंजिष्ठारिष्ट, महामंजिष्ठाद्यरिष्ट, महामंजिष्ठादी क्वाथ, महामंजिष्ठादी काढ़ा ये सभी सिरप के रुप में उपलब्ध हैं| इन सभी को लगभग समान जड़ी बूटियों से बनाया जाता हैं परन्तु इन्हें बनाने का तरीका एक दूसरे से थोडा अलग होता हैं| तरीका अलग होने के बाद भी यह औषधियां समान रूप से लाभ देती हैं| जैसे बहुत से रोगों को दूर करने के लिए यदि आप महामंजिष्ठारिष्ट का प्रयोग कर रहे हैं तो बाकी 3 औषधियों में से भी किसी का प्रयोग करने पर वह महामंजिष्ठारिष्ट के समान ही लाभ
महामंजिष्ठारिष्ट औषधि के उपयोग और फायदें (mahamanjistharista ke fayde)
रक्त को साफ़ करें
कई बार अनहेल्दी फ़ूड खाने से हमारे शरीर में कुछ ऐसे तत्व पहुँच जाते हैं जो रक्त को गन्दा कर शरीर को नुकसान पहुँचातें हैं| खून गन्दा होने के कारण फोड़े, फुंसी, पिंपल्स जैसी समस्या आ जाती हैं|
महामंजिष्ठारिष्ट औषधि का सेवन करने से शरीर में उपस्थित रक्त को साफ़ किया जा सकता हैं| यह औषधि मुख्य रूप से रक्त साफ़ करने का कार्य करती हैं| रक्त के साफ़ होने पर बहुत सारी बिमारियों से व्यक्ति छुटकारा पा सकता हैं| रक्त जब साफ़ होगा तो उसमे उपस्थित विषाणु, जीवाणु, बेक्टेरिया, और वायरस से भी छुटकारा मिल जायेंगा|
त्वचा रोग को खत्म करें
यह औषधि त्वचा से जुडी हुई सारी समस्याओं को खत्म करती हैं| त्वचा पर फोड़े, फुंसी, त्वचा का शुष्क होना, बार खुजली चलना, दाद जैसी सारी समस्याओं को यह औषधि समाप्त करने में सहायता देती हैं| त्वचा पर चकते, त्वचा का लाल होना, त्वचा पर दाने पड़ना और भी कई सारी त्वचा से जुडी हुई परेशानियां इस औषधि के माध्यम से खत्म की जा सकती हैं| त्वचा रोग से ग्रसित हर व्यक्ति को इस औषधि का सेवन करना चाहिए|
कुष्ठ रोग में लाभदायक
यह रोग संक्रमित रोग हैं परन्तु बहुत ज्यादा नहीं| रोगी के लगातार सम्पर्क में रहने पर इस बीमारी के होने का खतरा बना रहता हैं| इस रोग का प्रभाव श्वसन तंत्र, त्वचा, आँखों पर पड़ता हैं| इस रोग के शुरूआती लक्षणों में पांवो में कमजोरी और पांवो में झनझनाहट होती हैं| इस रोग को खत्म करने के लिए महामंजिष्ठारिष्ट सहायक औषधि हैं|
वातरक्त रोग (गठिया रोग का प्रकार) को समाप्त करे
रक्त में यूरिक एसिड बढ़ जाने के कारण यह समस्या आती हैं| यह गठिया का एक प्रकार हैं और यह रोग मुख्य रूप से शरीर की हड्डियों और जोड़ो को प्रभावित करता हैं| इस रोग से राहत पाने के लिए महामंजिष्ठारिष्ट औषधि का प्रयोग करना चाहिए| यह औषधि इस रोग को खत्म इ में मदद करती हैं |
अर्दित रोग में लाभदायक
इस रोग में चेहरे पर लकवे का असर होता हैं| यह रोग मुख्य रूप से सिर, नाक, होंठ, ठोड़ी, माथा, आँखे तथा मुख पर प्रभाव डालता हैं| इस गंभीर रोग में महामंजिष्ठारिष्ट औषधि एक रामबाण इलाज़ की तरह काम करती हैं|
शरीर में मेद की वृद्धि को रोकें
यह औषधि शरीर में हो रही मेद अर्थात चर्बी को रोकने में मददगार औषधि हैं| शरीर में मेद की वृद्धि के कारण कई परेशानियों और कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता हैं| यह औषधि मेद की वृद्धि को रोकती ही नही हैं बल्कि उसे कम भी कर देती हैं| मेदोवृद्धि को रोकने के लिए महामंजिष्ठारिष्ट औषधि का प्रयोग करना चाहिएं|
श्लीपद (हाथीपांव) रोग से राहत दें
इस रोग में व्यक्ति के पाँव फूलकर हाथी के पाँव के समान मोटे हो जाते हैं| इस रोग में आवश्यक नही की पाँव ही सदा फूले, कभी हाथ, अंडकोष, स्तन और भी कई अंग फूल जाते हैं| इस रोग को जड़ से खत्म करने के लिए महामंजिष्ठारिष्ट औषधि सहायता करती हैं| इस औषधि के औषधीय गुण इस बीमारी में को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभातें हैं|
महामंजिष्ठारिष्ट औषधि के सेवन का प्रकार और मात्रा (mahamanjistharista ki sevan vidhi)
आयु | मात्रा |
बच्चो के लिए | 5 से 10 मिलीलीटर |
व्यस्क व्यक्तियों के लिए | 10 से 25 मिलीलीटर |
दिन में कितनी बार ले | दिन में दो बार सुबह शाम |
सेवन का उचित समय | खाना खाने के बाद |
किसके साथ ले | गुनगुने जल के साथ |
सेवन की अवधि | चिकित्सक की सलाहनुसार |
महामंजिष्ठारिष्ट औषधि का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (mahamanjistharista ke sevan ki savdhaniya)
- इस औषधि को नमी से दूर रखें|
- औषधि का सेवन ज्यादा मात्रा में ना करे| चिकित्सक के अनुसार बताई गयी मात्रा में ही इसका सेवन करें|
- औषधि का सेवन बराबर मात्रा में पानी के साथ करना चाहिए|
- मधुमेह के रोगी को इस औषधि का सेवन चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए\
- गभवती महिलाओं को और स्तनपान कराने वाली महिलों को इस औषधि का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए|
महामंजिष्ठारिष्ट औषधि की उपलब्धता (mahamanjistharista ki uplabdhta)
- डाबर महामंजिष्ठारिष्ट (DABUR MAHAMANJISTHARISHT)
- बैधनाथ महामंजिष्ठारिष्ट (BAIDYANATH MAHAMANJISTHARISHT)
- दिव्य महामंजिष्ठारिष्ट (DIVYA PHARMACY MAHAMANJISTHARISHT)
- धनवंतरी महामंजिष्ठारिष्ट (DHANVANTRI MAHAMANJISTHARISHT)
- दीप आयुर्वेदा महामंजिष्ठारिष्ट (DEEP AYURVEDA MAHAMANJISTHARISHT)
- बेसिक आयुर्वेदा महामंजिष्ठारिष्ट (BASIC AYURVEDA MAHAMANJISTHARISHT)
- केरला आयुर्वेदा (Kerala Ayurveda Mahamanjishtarishta)
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