दिव्य मधुकल्प वटी:
दिव्य मधुकल्प वटी का परिचय (Introduction of Divya Madhu kalp vati)
दिव्य मधुकल्प वटी क्या हैं? (Divya Madhu kalp vati kya hai?)
यह वटी एक आयुर्वेदिक औषधि हैं| इसका उपयोग मुख्य रूप से डायबिटीज जिसे मधुमेह या शुगर भी कहा जाता हैं, को समाप्त करने के लिए किया जाता हैं| दिव्य मधुकल्प वटी मधुमेह को तो समाप्त करती ही हैं इसके अलवा संक्रमण को समाप्त करना, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के कार्य भी इसके द्वारा सम्पन्न किये जाते हैं|
जिन लोगो की शुगर अर्थात मधुमेह ज्यादा नही हैं और उसे शुरू हुए भी कुछ ही वक्त हुआ हैं तो आप इसका उपयोग कर सकते हैं| अधिक पुरानी और ज्यादा मात्रा में जिन व्यक्तियों को मधुमेह हैं वे लोग दिव्य मधुनाशिनी वटी का प्रयोग कर सकते हैं|
कई अन्य फायदों के मिलने से मधुमेह के रोगियों को और भी सहायता मिलती हैं| इस रोग और इसका शमन करने वाली इस दिव्य औषधि के बारे में इस लेख में विस्तार से बताया गया हैं|
दिव्य मधुकल्प वटी के घटक द्रव्य (Divya Madhu kalp vati ke gatak dravya)
- करेला
- चिरायता
- कुटकी
- नीम
- मेथी
- जामुन
- अश्वगंधा
- शिलाजीत शुद्ध
क्या हैं मधुमेह? (Kya hai madhumeh)
यह रोग अग्नाशय से उत्पन्न इंसुलिन हार्मोन के असंतुलन के कारण होता हैं| हमारे शरीर में पाचन के लिए कई महत्वपूर्ण अंग होते हैं जो पाचन भोजन को पचाने में सहायता करते हैं| उनमे से ही एक हैं अग्नाशय| अग्नाशय भोजन को पचाने के साथ ही शरीर में शर्करा की मात्रा या स्तर को भी नियंत्रित करता हैं|
जब अग्नाशय इंसुलिन नामक हार्मोन का उत्पादन करना कम कर दे तो मधुमेह रोग होता हैं| इस रोग के कारण रोगियों की आँख, किडनी और लीवर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं|
मधुमेह रोग होने के कारण निम्न हो सकते हैं- (Madhumeh ke karan)
- आनुवंशिकता
- हार्मोन उत्पादन में गडबडी
- ख़राब जीवन शैली
- अधिक वजन होना आदि|
मधुमेह रोग के लक्षण (Madhumeh ke lakshan)
- अधिक प्यास लगना
- आँखों पर प्रभाव
- अधिक बार मूत्र त्याग करना
- जख्म भरने में देर लगना
- चक्कर आना आदि|
किस प्रकार कार्य करती हैं मधुमेह में दिव्य मधुकल्प वटी? (Divya Madhu kalp vati ka kary)
यह औषधि मधुमेह को जड़ से समाप्त करने में सहायता करती हैं| इसका सेवन करने से बिना किसी दुष्प्रभाव के अग्नाशय के उचित मात्रा में इंसुलिन हार्मोन के स्त्राव को नियंत्रित हो जाता हैं| परन्तु इसके सेवन के लाभ लेने के लिए पथ्य और अपथ्य का पालन करना बहुत आवश्यक हैं|
मधुमेह के रोगी के लिए पथ्य और अपथ्य (Madhumeh me pathya or apthya)
खाद्य पदार्थ | खाने योग्य (पथ्य) | खाने हेतु अयोग्य (अपथ्य) |
अनाज | पुराना शाली चावल, जौ, गेहूं | नया चावल |
दाले | मूंग, मसूर दाल, कुलथ, अरहर, चना | उड़द |
फल एवं सब्जियां | परवल, लौकी, तरोई, करेला, कददू, शिग्रु (सहजन) आमलकी, हरड़, जीवंती, कढ़ी पत्ता, मेथी की पत्ती, पुदीना, तुलसी, प्याज, लहसुन, धनिया, जामुन, सेब, कमलकन्द, कच्चा पपीता, पत्ता गोभी, खीरा, तोरी, फूलगोभी, सेम, टमाटर, टिंडा, कुंदरू, चिचिंडा, शिमला मिर्च। | केला, आम, चीकू, सुखेमेवे, अखरोट, खजूर, अंगूर, |
अन्य | हल्का खाना, सेंधा नमक, सुपारी, पुनर्नवा, कालीमिर्च, लहसुन, गोक्षुर, कपर्दक, शुंठी, पालक | चीनी, शहद, गुड़, दूध, दही, मक्ख़न, दूध, तेल, ऐल्कहॉल, सुपारी, गन्ना, बिना भोजन पचे खा लेना, अहितकर भोजन घी, डालडा, तला हुआ, जंक फ़ूड, डिब्बाबंद भोजन, फास्टफूड, होर्लिक्स, बोर्नविटा, बूस्ट, सॉफ्ट ड्रिंक्स, ग्लूकोज और सभी मिठाईया जैसे– केक, पेस्ट्री, जैम, जेली, चॉकलेट. |
सख्त मना | आलू, अरबी, जिमीकंद, जौ व चावल का पानी, मक्खन, घी, डालडा, तले हुए पदार्थ फ़ास्ट फ़ूड हॉर्लिक्स बोर्नवीटा बूस्ट सॉफ्ट ड्रिंक्स मदिरा, केला, आम, चीकू, सीताफल, अंगूर, कटहल तथा सूखे मेवे |
दिव्य मधुकल्प वटी के अन्य फायदे (Other benefits of Divya Madhu kalp vati)
- मोटापे में
- प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये
- संक्रमण से बचाव करे आदि|
दिव्य मधुकल्प वटी की सेवन विधि (Divya Madhu kalp vati ki sevan vidhi)
- 1 से 2 गोली का सेवन सुबह शाम पानी के साथ करें|
दिव्य मधुकल्प वटी का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (Divya Madhu kalp vati ke sevan ki savdhaniya)
- बिना किसी चिकित्सक की सलाह से इसका प्रयोग ना करें|
- गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली महिलाये इसके सेवन से पहले चिकित्सक की सलाह लें|
- अधिक मात्रा में इसका सेवन ना करें|
- यदि आपको मधुमेह के अलावा भी कोई बीमारी हैं और आप उसकी चिकित्सा ले रहे हैं तो इसके बारे में अपने चिकित्सक से जरुर चर्चा करें|
दिव्य मधुकल्प वटी की उपलब्धता (Divya Madhu kalp vati ki uplabdhta)
दिव्य फार्मेसी दिव्य मधुकल्प वटी
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