दन्तोभेदगदान्तक रस (Dantodbhedgadantak ras):
दन्तोभेदगदान्तक रस का परिचय (Introduction of Dantodbhedgadantak ras)
दन्तोभेदगदान्तक रस क्या हैं? (Dantodbhedgadantak ras kya hai?)
यह एक आयुर्वेदिक औषधि होती हैं| दन्तोभेदगदान्तक रस का प्रयोग उस समय किया जाता हैं जब बच्चो के दांत आना शुरू होते हैं| इस औषधि का सेवन बच्चो को कराने से दांत आते समय होने वाली दस्त, बुखार और दर्द नही होता हैं और बच्चो के दांत आने में भी कोई परेशानी नही आती|
आज इसी के बारे में हम विस्तार से जानेंगे कि दांत निकलते समय दस्त क्यों होती हैं? उससे कैसे बचा जा सकता हैं? इन सब में यह औषधि किस प्रकार कार्य करती हैं? आदि के बारे में|
दन्तोभेदगदान्तक रस के घटक द्रव्य (Dantodbhedgadantak ras ke gatak dravya)
- पीपल
- पीपलामूल
- चव्य
- चित्रकमूल छाल
- सोंठ
- अजमोद
- अजवायन
- हल्दी
- मुलेठी
- देवदारु
- दारुहल्दी
- वायविडंग
- छोटी इलायची
- नागकेसर
- नागरमोथा
- कचूर
- काकडासिंगी
- विद्नमक
- अभ्रक भस्म
- शंख भस्म
- सुवर्णमाक्षिक भस्म
- गाय का दूध
दन्तोभेदगदान्तक रस बनाने की विधि (Dantodbhedgadantak ras banane ki vidhi)
इस औषधि को बनाने के लिए भस्मो को छोड़कर बाकी सारी औषधियों का चूर्ण कर लें| इसके बाद इस चूर्ण में भस्मे मिला कर गाय के दूध के साथ 6 घंटो तक मर्दन करें| जब यह गोली बनाने योग्य हो जाये तो इसकी गोलियां बना कर सुखा लें|
दन्तोभेदगदान्तक रस के फायदे (Dantodbhedgadantak ras ke fayde)
दस्त में (For Diarrhea)
जब बच्चों के दांत आना शुरू होते हैं तो उनके मसूड़े गाढ़े पड़ने लगते हैं तथा उसमे से एक विषमय रस निकलता रहता हैं| इस विष को बालक अपने मुंह के द्वारा आमाशय तक पहुंचा देता हैं| इस विष के आमाशय में पहुँचने पर यह अपना असर दिखाता हैं और बालक को दस्त लगना शुरू हो जाती हैं|
ऐसी अवस्था में यदि बालक को उचित चिकित्सा नही मिल पाती हैं तो शरीर में पानी की कमी होने लगती हैं और इससे बालक दुर्बल हो जाता हैं| इस स्थिति में इस औषधि का सेवन बालक को कराने से लाभ मिलता हैं|
ज्वर में (For fever)
बालक के दांत निकलते समय विष के कारण या दुर्बलता आ जाने के कारण बालक को ज्वर आने की सम्भावना बनी रहती हैं| इस तरह के बुखार में इस औषधि का प्रयोग करना चाहिए| इसके सेवन से शरीर में विष की समाप्ति होती हैं तथा बुखार से छुटकारा मिलता हैं| इसका सेवन कराने से बच्चों के दांत बिना कष्ट के निकल आते हैं|
विशेष स्थिति में (बच्चों के दांत निकलने की अवस्था में)
- अपचन
- अरुचि
- दूध की उल्टी
- आक्षेप विकार में
- पेट दर्द आदि में|
दन्तोभेदगदान्तक रस की सेवन विधि (Dantodbhedgadantak ras ki sevan vidhi)
- 1 से 2 गोली का सेवन दिन में दो बार पानी, शहद या माँ के दूध के साथ करायें|
- गोली का चूर्ण कर शहद में मिला कर दिन में 3 बार दंतपाली पर रगड़े|
दन्तोभेदगदान्तक रस का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (Dantodbhedgadantak ras ke sevan ki savdhaniya)
- औषधि का सेवन कराने से पहले किसी अच्छे चिकित्सक की सलाह जरुर लें|
- अधिक मात्रा में इसका सेवन ना कराएं|
दन्तोभेदगदान्तक रस की उपलब्धता (Dantodbhedgadantak ras ki uplabdhta)
Read more Articles