नाशपती: क्या आप जानते है इस रसीले फल के है बेहिसाब फायदे (Pear: benefits and Usages)
नाशपती का परिचय: (Introduction of Nashpati)
नाशपती क्या है? (What is Pear?)
नाशपती एक ऐसा फल है जो विटामिन से भरपूर है इसको खाने के साथ इसके बहुत सारे औषधीय गुण है| जिसकी आप कल्पना भी नही कर सकते है| नाशपती के फल को ही उपयोग में नही लिया जाता है बल्कि इसके अन्य भाग को भी उपयोग में लिया जाता है| यह दिखने में या खाने में जितना ला जवाब लगता है इसके उतने ही बहुत सारे फायदे है|
नाशपती के पौष्टिक गुणों से भरपूर फल होने के साथ- साथ इसका आयुर्वेद में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है यही नही सिर्फ त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है बल्कि कई तरह के बीमारियों को ठीक करने के लिए औषधि के रुप में काम भी करती है|
नाशपती से एक प्रकार की शराब बनाई जाती है| यह सेब की शराब की अपेक्षा कम मधुर एवं कम गुणवाली होती है| इसका प्रयोग अतिसार या दस्त आदि रोगों में लाभकारी होता है| अब चलिए आगे इसके लाभों के बारे में जानते है कि यह किन- किन रोगो के उपचार में प्रयोग में ली जाती है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान)
यह लगभग 12 मी तक ऊँचा, शाखाओं वाला, पत्तों वाला, छोटा अमरूद के जैसा दिखने वाला पेड़ होता है| इसकी नई शाखाएं काँटे जैसी नोंकदार होती हैं| इसका तना भूरे रंग का होता है| इसके पत्ते लंबे व अंडाकार होते है| इसके फूल सफेद रंग के होते है| इसके फल लगभग गोलाकार, मोटे, हरे अथवा पीले रंग के होते हैं| इसका पुष्पकाल व फल काल फरवरी से दिसम्बर तक आता है|
नाशपती के सामान्य नाम (Nashpati common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Pyrus communis |
अंग्रेजी (English) | Pear |
हिंदी (Hindi) | नाशपती |
संस्कृत (Sanskrit) | अमृतफल, टङक; |
अन्य (Other) | नाशपती (कश्मीरी) नाशपती ( गुजराती) पेरिक्के (तमिल) बेरिकाय (तेलगु) नाशपाती (नेपाली) बटंग (पंजाबी) नाशपती (मराठी) कस रया (अरबी) अमरूल (फारसी) |
कुल (Family) | Rosaceae |
नाशपती के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Nashpati ke ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | त्रिदोषसंतुलन (balance tridosha) |
रस (Taste) | मधुर (sweet), कषाय (astringent) |
गुण (Qualities) | लघु (light) |
वीर्य (Potency) | शीत (cold) |
विपाक(Post Digestion Effect) | मधुर (sweet) |
अन्य (Others) | रुचिकारक, धातुवर्धक, स्तम्भक |
नाशपती के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Nashpati ke fayde or upyog)
चेहरे की झाँईया में उपयोगी (Nashpati for skin and face)
- अक्सर तनाव के कारण या प्रदूषण के कारण चेहरे पर झाँईया पड़ने लगती हैं| नाशपती के पौधे के रस का प्रयोग झाँईया की चिकित्सा में होता है| इसके रस के प्रयोग से मेलानिन नियंत्रित होता है, जिसके कारण दाग-धब्बे का होना कम हो जाता है| नाशपती के गुण से दाग-धब्बे दूर होने लगते हैं|
- प्रदूषण के कारण आजकल त्वचा संबंधी बहुत तरह के रोग होने लगे हैं| नाशपती के पत्तों को पीसकर त्वचा पर लगाने से त्वचा संबंधी समस्याओं में लाभ होता है तथा घाव में लगाने से घाव जल्दी भरता है|
ह्रदय को स्वथ्य रखने के लिए (Nashpati for heart)
- नाशपती के सेवन से हृदय रोगों को कम करने में भी कुछ हद तक लाभ मिल सकता है क्योंकि इसमे ह्रदय से सम्बंधित परेशानी जैसे कोलेस्ट्रॉल आदि को रोकने की क्षमता पायी जाती है| साथ ही रसायन गुण होने के कारण यह सम्पूर्णत स्वस्थ रखने में भी मदद करता है|
मधुमेह के लिए नाशपती के फायदे (Nashpati for diabetes)
- नाशपती में फाइबर की मात्रा अधिक पायी जाने के कारण यह मधुमेह में लाभदायक होता है| आयुर्वेद के अनुसार नाशपती के सेवन से मधुमेह के लक्षणों को कुछ हद तक कम किया जा सकता है क्योंकि इसमें रसायन गुण मौजूद होता है जो आपके शरीर को स्वस्थ रखने में सहयोग देता है|
कीडनी की पथरी में उपयोगी (Nashpati for kidney)
- आज कल के खान पान के कारण किडनी में स्टोन हो जाता है| नाशपती का सेवन इस तरह से करने पर पथरी निकलने में मदद मिलती है| 15-20 मिली नाशपती फल के रस को सुबह शाम भोजन के पहले सेवन करने से कीडनी पथरी टूट टूट कर निकल जाती है|
कब्ज से राहत पाने के लिए (Nashpati for constipation)
- नाशपती में मौजूद रेचन गुण के कारण यह कब्ज के परेशानियों से राहत दिलाने में लाभदायक होता है| इससे आँतों में जमी गन्दगी को आसानी से मल रूप में निकाला जा सकता है|
गर्भावस्था के लिए (Nashpati for pregnancy)
- गर्भावस्था में इसे खाने से गर्भाशय को नुकसान पहुँचने की संभावनाएं कम होती है| नाशपती में फोलिक एसिड का लेवल इतना होता है गर्भपात के खतरे से बचा जा सकता है| इसके अलावा गर्भ में पल रहा शिशु भी स्वस्थ होता है|
मूत्र रोग में उपयोगी (Nashpati for urinary disease)
- यदि आपको मूत्र संबंधित कोई भी परेशानी है जैसे पेशाब का रुक रुक कर आता है तो आपको नाशपती के फल के रस में शक्कर मिलाकर सेवन करने से मूत्र संबंधित समस्या समाप्त होती है|
वजन घटाने के लिए नाशपती के फायदे (Nashpati for weight lose)
- शरीर में वजन बढ़ने का एक कारण पाचन तंत्र का खराब होना माना गया है| ऐसी अवस्था में शरीर में विषैले पदार्थ शरीर की चर्बी के रूप में इकठ्ठा होते रहते हैं और वजन बढ़ाने में सहायक बन जाते हैं| ऐसे में नाशपती के सेवन से शरीर में जमे विषैले पदार्थो को इसके रेचन गुण के कारण आसानी से बाहर निकाला जा सकता है| इससे वजन कम करने में भी मदद मिलती है|
बवासीर में उपयोगी (Nashpati for piles)
- नाशपती के मुरब्बे में 200 मिग्रा नागकेशर चूर्ण मिलाकर सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है और इसके सेवन से दर्द और खून का निकलना कम होता है|
सिर दर्द में उपयोगी (Nashpati for head ache)
- आजकल काम और अपने जीवन में आगे बढ़ने की दौड़ में लोग हमेशा तनाव में रहते हैं| इसी कारण सिर में दर्द होता है| इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए 15 या 20 मिली नाशपती के फल के रस में शक्कर मिलाकर सेवन करने से सिर दर्द से छुटकारा मिलता है|
आँखों के रोग के लिए (Nashpati for eyes)
- आँखों की जलन या आँख में दर्द जैसे किसी भी बीमारी में नाशपती बहुत फायदेमंद होता है| इस को पीसकर नेत्र के बाहर चारों तरफ लगाने से नेत्र रोगों में लाभ होता है|
फेफड़ो से संबंधित बीमारी में (Nashpati for lungs)
- नाशपती के फलों का सेवन करने से यकृत व प्लीहा संबंधी रोगों के अलावा, पाचन संबंधित रोगो में भी लाभ होता है| इसके अलावा ये फेफड़े की बीमारी में भी फायदेमंद होता है| इसलिए रोज इसे खाना अच्छा होता है|
अपच में नाशपती का उपयोग
- पेट में संक्रमण होने पर पेट में सूजन हो सकती है जिसके कारण बदहजमी, जैसी समस्याएं होने लगती है| 10-20 मिली नाशपती फल के रस में 400 मिग्रा पिप्पली चूर्ण मिलाकर पिलाने से भूख लगती है|
खूनी दस्त में नाशपती
- यदि आपको दस्त होते समय खून आने की समस्या रहती है तो आपको इस का सेवन करना चहिए| इसके लिए 12 या 15 मिली नाशपती के रस में 2 ग्राम बेलगिरी के चूर्ण मिलाकर सेवन करने से खुनी दस्त का शमन होता है|
खूनी वमन में नाशपती
- यदि आपको उल्टी होने के साथ उल्टी में खून आने की समस्या है तो 10 या 20 मिली नाशपती में 1 ग्राम बेर का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से खुनी उल्टी का शमन होता है|
हड्डियों को मजबूत करने के लिए (Nashpati for bones)
- शरीर में कैल्शियम की उचित मात्रा बनाए रखने एवं रसायन गुण पाए जाने के कारण यह सम्पूर्ण शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है साथ ही इसी गुण के कारण यह हड्डियों को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है|
कैंसर को दूर करने के लिए (Nashpati for cancer)
- कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाव करने के लिए यह फायदेमंद साबित हो सकती है| इस में यूरोसोलिक एसिड मौजूद होता है, जो मूत्राशय, फेफड़ों और भोजन नलिका के कैंसर से बचाव करने में मदद कर सकता है|
एनीमिया से बचने के लिए (Nashpati for anemia)
- खून की कमी में इस के सेवन से लाभ होता है क्योकि नाशपती शीत वीर्य होने के कारण शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करती है| इसके कारण यह एनीमिया के लक्षणों को भी दूर करने में मदद करता है|
गले की समस्या को दूर करने के लिए (Nashpati for throat)
- कई बार गर्मियों में भी गले में खराश या सांस लेने में परेशानी हो सकती है| ऐसे में इस का जूस लाभकारी हो सकता है| इससे गले की समस्या से छुटकारा मिलता है|
बुखार में (Nashpati for fever)
- कई लोगों को बुखार के वक्त कमजोरी हो सकती है, इसलिए बुखार के समय इसका सेवन करना चहिए|
कोलेस्ट्रोरोल को कम कम करने में नाशपती
- नाशपती में प्रचुर मात्रा में पेक्टिन नामक तत्त्व पाया जाता है| जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है|
उच्च रक्तचाप में (Nashpati for high blood pressure)
- आप उच्च रक्तचाप की समस्या से खुद को बचाना चाहते हैं, तो इस को अपने आहार में शामिल करें| यह आपको स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है|
लीवर संबंधित समस्या में उपयोगी (Nashpati for liver)
- नाशपती का सेवन लिवर के लिए लाभकारी हो सकता है| इसमें हेपाटोप्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते हैं, जो लिवर को किसी भी तरह की क्षति से बचा सकते हैं|
सूजन में (Nashpati for inflammation)
- यदि आपको कही पर चोट लग गई है और सूजन आ गई है तो सूजन को कम करने में भी नाशपती असरदार फल साबित हो सकता है| इस में मौजूद कैरोटीन और जियाजैंथिन सूजन की समस्या पर प्रभावी रूप से काम करते हैं|
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए (Nashpati for immunity)
- स्वस्थ रहने के लिए शरीर का मजबूत रहना जरूरी है| ऐसे में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए नाशपती एक अच्छा विकल्प बन सकता है| नाशपती में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण जो रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने में मदद करता है|
नाशपती के सेवन की सावधानियाँ (Precautions of Nashpati)
- इस के अधिक सेवन से कफ दोष बढ़ता है| इस कारण खांसी, जुकाम होने लगता है क्योंकि इसमें कफ को बढ़ाने वाला शीत गुण पाया जाता है|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Nashpati)
- पत्ती
- बीज
- फल
सेवन मात्रा (Dosages of Nashpati)
- जूस -10 या 20 मिली या फिर चिकित्सक के अनुसार