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दालचीनी- सुगंध और स्वाद से भरपूर, फायदे गिनते थक जायेंगे (Dalchini: benefits and usage)

दालचीनी  का परिचय: (Introduction of Dalchini)

Table of Contents

दालचीनी क्या है? (Dalchini kya hai?)

लोगों ने दालचीनी के बारे में जरुर ही सुना हो लेकीन यह नही सुना होगा की यह किन –किन  रोगो के उपचार में आती है| यह एक ऐसी औषधी है, जिसके पास अनेक बीमारियों का इलाज पाया जाता है| यह एक या दो नही बल्कि हजारो बीमारी को नष्ट करती है| इसमे कुछ ऐसे तत्व पाए जाते है जो आपके शरीर को हष्ट – पुष्ट बनाते है|

 आमतौर पर लोग इस का प्रयोग केवल मसालों के रूप में ही करते हैं, क्योंकि लोगों के बारे में पूरी जानकारी नहीं है| आयुर्वेद में इस को एक बहुत ही फायदेमंद औषधि के रूप में बताया गया है| आयुर्वेद के अनुसार, इस के इस्तेमाल से कई रोगों का इलाज किया जा सकता है|

गठिया, बुखार, पेट के रोग, छाती के रोग, आँख, नाक, कान,सिर के रोग आदि ऐसे रोग है जिसे यह खत्म करती है| आइये इसके अन्य फायदों के बारे में विस्तार से जानते है|

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Dalchini ki akriti)

इसका पेड़ लगभग 16 मीटर ऊँचा मध्यम आकार का होता है| इसकी छाल भूरी व मुलायम होती है| जो सुंगधित होती है इसका तना लम्बा व अनेक शाखाओ वाला होता है| इसकी पत्तियां विपरीत दिशा में फेली हुई होती होती है और हरे रंग की होती है| इसकी पत्तियों में मसलने से तीखी गंद आती है| इसका स्वाद कडवा होता है| इसके फूल बहुत छोटे व सफेद रंग के और बदबूदार होते है| इसके फक नुकीले व गोलाकार, बैंगनी रंग के होते है| इसकी छाल अधिक पतली व खुशबूदार, स्वादयुक्त होती है| फलो को तोड़ने के बाद अंदर से तारपीन जैसी गंध आती है| इसके बीज एकल होते है| इसका फूलकाल व फलकाल जुलाई से दिसम्बर तक होता है|

दालचीनी के पौषक तत्व (Dalchini ke poshak tatva)

  • कार्बोहाइड्रेट 
  • फास्फोरस 
  • सोडियम 
  • पोटॅशियम 
  • थायामीन
  • रिबोफ्लेविन 
  • निआसीन 
  • विटामिन ए और सी
दालचीनी के सामान्य नाम Herbal Arcade
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दालचीनी के सामान्य नाम (Dalchini common names)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Cinnamomum verum
अंग्रेजी (English)Cinnamon bark
हिंदी (Hindi)दालचीनी, दारुचीनी, दारचीनी
संस्कृत (Sanskrit) त्वक्, स्वाद्वी, तनुत्वक्, दारुसिता, 
अन्य (Other)दारचीनी (उर्दू) दालोचीनी (उड़िया) तेजदालचीनी (कन्नड़) दालचीनी (गुजराती) लवंग पत्तै (तमिल) लवंगमु  (तेलगु) दारुचीनी (बंगाली) दाचीनी  (पंजाबी) एरिकोलम (मलयालम) दालचीनी (मराठी) दारसिनी ( अरबी) दारचीनी (फारसी)
कुल (Family)Lauraceae

दालचीनी के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Dalchini ke Ayurvedic gun)

दोष (Dosha) कफवातशामक (pacifies cough and vata), पित्तवर्धक (increase pitta)
रस (Taste) कटु (pungent), तिक्त (bitter), मधुर (sweet)
गुण (Qualities) लघु (light), रुक्ष (dry), तीक्ष्ण (strong)
वीर्य (Potency) उष्ण (hot)
विपाक(Post Digestion Effect) कटु (pungent)
अन्य (Others)उत्तेजक, वेदनास्थापन, लेखन,पाचन,ग्राही
Ayurvedic properties of dalchini Herbal Arcade
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दालचीनी  के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Dalchini ke fayde or upyog)

खांसी में (Dalchini for cough)

  • यदि कोई भी व्याक्ति खांसी से परेशान है तो आधा चम्मच दालचीनी के चूर्ण को 2 चम्मच शहद के साथ लेने से खांसी में राहत मिलती है| 
  • इसके अलावा एक चौथाई चम्मच दालचीनी के चूर्ण में 2 चम्मच मधु को मिला लें| इसे दिन में तीन बार सेवन करने से खांसी, और दस्त में फायदा होता है|

जुखाम में

  • दालचीनी को पानी में घिस कर, गर्म कर लें, और लेप के रूप में लगाएं|  इससे जुकाम में फायदा होता है|
  • दालचीनी का रस निकालकर सिर पर लेप करने से भी लाभ मिलता है|  

टी.बी में (Dalchini for T.B.)

  • आजकल टी.बी. की बीमारी एक आम बात हो गई है इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए टीबी मरीज को इस के तेल को थोड़ी मात्रा में पीना है| इससे टीबी के कीटाणु खत्म हो जाते हैं|

बुखार में उपयोगी दालचीनी (Dalchini for fever)

  • यदि किसी को भी बुखार हो तो 2 चम्मच शहद में 5 ग्राम दालचीनी का चूर्ण मिलाकर सुबह या शाम को सेवन करने से बुखार जल्दी ही उतर जाता है|

हिचकी की परेशानी में (Dalchini for hiccup)

  • हिचकी आना बहुत ही साधारण सी बात है, लेकिन कई ऐसे भी लोग होते हैं, जिन्हें हमेशा हिचकी आने की शिकायत रहती है| ऐसे लोग इस का उपयोग कर सकते हैं| दालचीनी के 10 या 20 मिली काढ़ा को पिएं| इससे आराम मिलता है|

आँख के रोगो में (Dalchini for eyes)

  • अनेक लोग बार बार शिकायत करते हैं कि उनकी आंखें फड़कती रहती हैं| इस का तेल आंखों के ऊपर पलक पर लगाएं|  इससे आंखों का फड़कना बन्द हो जाता है, और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है| 
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सिर दर्द में आराम (Dalchini for head ache)

  • अगर आप सिर दर्द से परेशान रहते हैं, तो दालचीनी का सेवन करें| इस के 6 या 12 पत्तों को पीसकर लेप बना लें| इसके लेप को मस्तक पर लगाने से ठंड, या गर्मी से होने वाले सिर दर्द से आराम मिलता है| आराम मिलने पर लेप को धोकर साफ कर लें|
  • दालचीनी, तेजपता तथा चीनी को बराबर -बराबर मात्रा में मिला लें| इसके बाद  चावल को धोने के बाद निकाला गया पानी से पीस कर बारीक चूर्ण बना लें| इसे नाक से ले| इसके बाद गाय के घी को भी नाक के रास्ते लें| इससे सिर से संबंधित विकारों में आराम मिलता है|

नाक के रोगो (Dalchini for nose related disease)

  •  दालचीनी 4  ग्राम, लौंग 700 मिग्रा, सोंठ 3 ग्राम को एक लीटर पानी में उबाल लें| जब यह पानी 300 मिली रह जाए तो इसे छान लें| इसको दिन में 3बार लेने से नाक के रोग में लाभ होता है| आपको इसे 50 मिली की मात्रा में लेने से नाक संबंधित रोग समाप्त होती है|

बहरेपन में दालचीनी

  • यदि आपको कम सुनाई देता है तो आपको यह उपाए करना चहिए इस का तेल कान में 3 या 2 बूंद कान में टपकाने से बहरेपन में लाभ मिलता है|

दांत दर्द में (Dalchini for teeth ache)

  • जिन लोगों को दांत दर्द से शिकायत रहती है, वे लोग दालचीनी का फायदा ले सकते हैं| इस के तेल को रूई से दांतों में लगाने से  आराम मिलेगा|

दस्त में (Dalchini for diarrhea)

  • यदि कोई भी व्याक्ति दस्त से परेशान है तो 4 ग्राम दालचीनी चूर्ण में 2 चम्मच मधु मिलाकर,  इसे दिन में 3 बार सेवन करें| इससे दस्त में फायदा होता है|
  • इसके अलावा 700 मिग्रा दालचीनी के चूर्ण में 700 मिग्रा कत्था चूर्ण मिला लें| इसे पानी के साथ दिन में तीन बार सेवन करें| इससे दस्त पर रोक लगती है|
  • बेलगिरी के शर्बत में  3 या 4 ग्राम दालचीनी का चूर्ण मिला लें| इसे सुबह-शाम पीने से दस्त  की समस्या में लाभ होता है|

उल्टी में

  • आज कल कुछ उल्टा सीधा खाने की वजह से उल्टी की एक आम समस्या हो गई है इससे छुटकारा पाने के लिए दालचीनी के 6 या 7 मिली तेल को 10 ग्राम मिश्री के साथ खाने से उल्टी रुक जाती है |

कब्ज में (Dalchini for constipation)

  • यदि किसी को कब्ज की समस्या है तो 400 मिग्रा में शुंठी के चूर्ण, इलायची तथा दालचीनी को पीसकर सुबह शाम को लेने से कब्ज की समस्या दूर होती है|

आमाशय विकार में (Dalchini for stomach)

  • दालचीनी, इलायची और तेजपत्ता को बराबर-बराबर लेकर काढ़ा बनाकर, इसके सेवन से आमाशय की ऐंठन ठीक होती है|

आंतो के रोग में

  • आंतों को स्वस्थ रखने के लिए भी दालचीनी का इस्तेमाल करना अच्छा परिणाम देता है| दालचीनी  का तेल पेट पर मलने से आंतों का खिंचाव दूर हो जाता है|

रक्त के बहाव को कम करने के लिए

  • यदि आपके शरीर के किसी अंग में रक्त नही रुक रहा है जैसे फेफड़ो में गर्भाशय या अन्य किसी भी प्रकार के खून बहाव में दालचीनी का काढ़ा बनाकर सुबह, दोपहर और श्याम को पिने से रक्तस्त्राव में लाभ पहुचता है|

चर्म रोग में उपयोगी दालचीनी (Dalchini for skin)

  • चर्म रोग को ठीक करने के लिए शहद एवं दालचीनी को मिलाकर रोग वाले अंग लगाएं, आप देखेंगे कि थोड़े ही दिनों में तथा फोड़े-फुन्सी ठीक होने लगेंगे|

जोड़ो के दर्द में उपयोगी (Dalchini for joints pain)

  • यदि किसी को भी जोड़ो के दर्द की समस्या है तो वह दालचीनी का उपयोग कर सकते है इसके लिए दालचीनी चूर्ण मधु में मिलाकर घोल बना ले| और झा दर्द हो रहा है वहा मालिश करे, इसके साथ ही एक कप में शहद मिलाकर सुबह – शाम पिने से जोड़ो के दर्द आराम मिलता है|

लीवर के संबंधित रोगो में (Dalchini for liver)

  • यदि आपको लीवर से जुडी कोई भी समस्या है तो आपको दालचीनी के चूर्ण का  सेवन करके लाभ ले सकते है|

पाचन में (Dalchini for digestion)

  • यदि आपको भूख नही लगती है तो उसमे भी इसका उपयोग कर सकते है| इसमे पाए जाने वाले गुण आपकी पाचन संबंधित समस्या को दूर करता है|

प्रसव के बाद दालचीनी का सेवन करने से फायदा

  • त्रिकटु, पीपरामूल, दालचीनी, इलायची, तेजपात, तथा अकरकरा लें|  इनके 2 य़ा 3 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ चाटें| इससे मां बनने वाली महिलाओं के रोग ठीक हो जाते है  

कोलेस्ट्राल कम करने के लिए

  • जिन लोगों के शरीर का वजन अधिक होता है, वे वजन को कम करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं| आप भी मोटापा कम करने में दालचीनी से फायदा ले सकते हैं| एक कप पानी में दो चम्मच मधु, तथा तीन ग्राम दालचीनी का चूर्ण मिला लें| इसका रोज 4 बार सेवन करने से  कोलेस्ट्राल कम होता है|

कैंसर में (Dalchini for cancer)

  • दालचीनी का प्रयोग कैंसर जैसे रोग पर नियंत्रण पाने में सबसे अधिक उपयोगी  है|  कैंसर और हड्डी के बढ़ जाने की स्थति‍ में दालचीनी और शहद को लाभदायक बताया है| एक माह तक गरम पानी में दालचीनी पाउडर और शहद का सेवन इसके लिए बेहद फायदेमंद होता है| यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है, जिससे शरीर बीमारियों से लडती है|

मधुमेह में

  • रस रोग से ग्रसित व्यक्तियों के लिए दालचीनी वरदान है| अगर आप इस रोग से बहुत ही परेशान है तो आपको इस का जरुर उपयोग करना चहिए| आपको इस के चूर्ण को दूध में डालकर पिने से इस रोग से छुटकारा मिलता है|

ह्रदय के रोगो में

  • यदि आप ह्रदय के किसी भी रोग परेशान है, तो आपके लिए यह एक उतम औषधि है| इसके लिए दालचीनी को शहद में मिलाकर सेवन करने से दिल का दोरा नही पड़ता है|

दिमाग की कार्यशीलता में

  • जो लोग तनाव व टेंशन में रहते है वह दालचीनी की चाय का प्रयोग करके आपने दिमाग को तेज कर सकते है और तनाव से छुटकारा पा सकते है|

चेहरे पर उपयोग दालचीनी

  • इस का उपयोग करके चेहरे के कील मुहांसे से छुटकारा पाया जा सकता है| इसके लिए तीन चम्मच मधु के साथ दालचीनी का घोल बनाकर चेहरे पर लगाने से कील मुहांसे दूर होते है और साथ की यह ब्लड शुगर, अपच, मूत्राशय के संक्रमण, प्रतीक्षा प्रणाली का कमजोर होना, सांस जैसी बीमारियों को ठीक करता है

बालों के लिए

  • इस का  उपयोग प्राचीन काल से ही बालो के रोगो के उपचार में किया जाता है| इसके लिए दालचीनी, मधु, जैतून का तेल मिलाकर घोल बना ले| फिर इस घोल  को सिर में लगाने से बालो का झड़ना, सफेद होना, रुसी आदि रोगो से छुटकारा मिलता है|

मोटापे में

  • यदि आप आपने वजन बढने से परेशान है तो आप इस का उपयोग करके आप अपने मोटापे को घटा सकते है|

सूजन में

  • इस के पानी का अर्क भी एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर होता है जो आपके अंग में कई चोट लगी है उसकी सूजन को कम करता है|

दालचीनी की सावधानियाँ

  • इसे गर्भवती स्त्रियों को नहीं देनी चाहिए, क्योंकि यह गर्भ को गिरा देती है।
  • दालचीनी को गर्भाशय में भी रखने से भी गर्भ गिर जाता है|

दालचीनी की उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of)

  • जड़ की छाल  
  • पत्ती
  • बीज
  • छाल
  • वाष्पशील तैल 

दालचीनी की सेवन मात्रा (Dosages of)

  •  छाल का चूर्ण -1 या 3 ग्राम
  • पत्र का चूर्ण -1 या 3 ग्राम
  • तैल – 2 या 5 बूंद या फिर चिकित्सक के अनुसार

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