जाने क्यों हैं अशोकारिष्ट इतनी कारगर महिलाओं के लिए: फायदे (Benefits), सेवन(Dosage)
अशोकारिष्ट का परिचय (Introduction of Ashokarishta: Benefits, Dosage)
अशोकारिष्ट क्या होता हैं?? (What is Ashokarishta?)
यह औषधि एक आयुर्वेदिक औषधि हैं जो कई महत्वपूर्ण घटकों से मिलकर बनी हैं| यह औषधि अशोक नमक पेड़ की छाल से बनाई जाती हैं तथा अशोक के पेड़ की छाल इसका मुख्य घटक हैं इसलिए इसे अशोकारिष्ट कहा जाता हैं| यह विशिष्ट रूप महिलाओ के उपयोग में आने वाली आयुर्वेदिक औषधि हैं|
इस औषधि का प्रयोग महिलाओ के शरीर में होने वाले हार्मोन्स में वृद्धि या कमी को संतुलित करने के लिए किया जाता हैं| यह विशेष रूप से स्त्री रोगों के लिए बनाई गयी औषधि हैं| यह औषधि गर्भाशय के रोगों को नष्ट करती हैं| इस औषधि का प्रयोग मासिक धर्म की समस्याओ को भी खत्म करता हैं|
अशोकारिष्ट के प्रमुख घटक द्रव्य | (Contents of Ashokarishta)
- अशोक के पेड़ की छाल
- गुड
- धातकी पुष्प
- कृष्ण जीरक
- नागरमोथा
- गुंठी
- दारुहल्दी
- बड़ी हरड
- विभितकी
- आमलकी
- नील कमल पुष्प
- वासा
- सफ़ेद जीरा
- लाल चन्दन
अशोकारिष्ट बनाने की विधि | (How to make Ashokarishta)
अशोकारिष्ट बनाने के लिए सबसे पहले अशोक के पेड़ की छाल को कूटा जाता हैं| अब इसका काढ़ा तैयार करने के लिए इसे किसी बड़े बर्तन में डालकर पानी डाला जाता हैं| अब उसे धीमी आंच पर पकने के लिए छोड़ दिया जाता हैं| जब तक डाले गये पानी का चोथाई हिस्सा शेष न रह जाये तब तक उसे उबाला जाता जाता हैं| चोथाई हिस्से के शेष रह जाने के बाद इसे उतार कर ठंडा कर लिया जाता हैं| अब काढ़ा पूरी तरह से तैयार हो चुका हैं| अब काढ़े को मिट्टी या चीनी के बर्तन में डाल दिया जाता हैं| अब काढ़े में गुड मिलाया जाता हैं जब तक गुड अच्छे से काढ़े में घुल नही जाता तब तक उसे अच्छी तरह से हिलाया जाता हैं| गुड के अच्छी तरह से घुल जाने के बाद इसमें बाकी बची औषधियों को भी काढ़े में मिलाया जाता हैं|
अब इसे अच्छी तरह से बंद कर के किसी सुरक्षित स्थान पर रख दिया जाता हैं| एक महीने के बाद इसे पूरी तरह जांचने के लिए की मिश्रण तैयार हुआ हे या नहीं इसके लिए मिश्रण के बर्तन के पास ध्यान से सुनते हैं यदि सन –सन की आवाज़ बंद हो जाती है इसका मतलब हैं कि मिश्रण तैयार हो चुका हैं| इसके अतिरिक्त बर्तन के मध्य में जलती हुई तीली ले जाई जाती हैं यदि तीली बुझ जाती हैं तो इसका अर्थ ह की मिश्रण अभी तक पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ हैं| और यदि तीली नहीं बुझती हैं तो इसका अर्थ होगा की मिश्रण अब तैयार हैं| अब अशोकारिष्ट पूरी तरह से तैयार हैं|
अशोकारिष्ट के फायदे और गुण
महिलाओ के लिए यह एक चमत्कारी औषधि हैं| इसका उपयोग स्त्री रोगों को मिटाने और जड़ से खत्म करने के लिए किया जाता हैं| इसका प्रयोग निम्न प्रकार के रोगों के लिये किया जाता हैं|
हार्मोन्स को संतुलित रखने में | (For balance of harmons)
आज कल के खान पान और अधिक आयु होने कारण कई हार्मोन्स में कमी या वृद्धी हो जाती हैं जिसके कारण नई बिमारिया जन्म ले लेती हैं| परन्तु अशोकारिष्ट के प्रयोग से कोई नुकसान नही होता हैं बल्कि यह औषधि महिलाओ के शरीर में सारी हार्मोन्स का संतुलन बनाये रखने में सहायता करती हैं इसलिए हर महिला जो हार्मोन्स की किसी भी प्रकार की समस्या से झूझ रही हो तो उन्हें अशोकारिष्ट का सेवन करना ही चाहिए|
पाचन तंत्र में मजबूती लाये | (For Increase power of digestion system)
महिलाओ के तनाव और खान पान की समस्या के कारण उनका पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता हैं लेकिन जब अशोकारिष्ट का सेवन किया जाता हैं तो पाचन तंत्र सम्बन्धी सारी समस्याओ का निपटारा हो जाता हैं| पाचन तंत्र में मजबूती के कारण महिलाओ में स्फूर्ति रहती हैं| जब पाचन तंत्र सही होगा तो मनुष्य ताजगी महसूस करता हैं|
भूख बढ़ाने में सहायक | (for Increase appetite)
यह औषधि कई ऐसे तत्वों से मिलकर बनी हैं जो महिलाओ को सही समय पर भूख न लगना या भूख कम लगना या ना के बराबर भूख लगना इन जैसी समस्याओ पर भी प्रभाव दिखाती हैं| इसे लेने वाली महिलाओ को सही समय पर अच्छी खासी भूख लगती हैं| अच्छी खासी भूख लगने के परिणाम स्वरुप महिलाओ का शरीर फुर्तीला और तंदरुस्त रहता हैं|
अशोकारिष्ट मासिक धर्म की समस्या में लाभदायक (for Menstrual problems)
जब किसी महिला को मासिक धर्म में समस्या आये अर्थात मासिक धर्म का ना आना या अधिक बार आना जैसी समस्याओ से अशोकारिष्ट राहत दिलाता हैं| ऐसी महिलाये जिनकी आयु अधिक हो चुकी हैं अर्थात जो महिलाये रजोनिवृति की तरफ बढ़ चुकी हैं उनमे कई तरह के हार्मोन्स में बदलाव होता हैं| इन बदलावों के कारण महिलाओ को हाथ पैर दर्द या बदन दर्द या अन्य कोई दर्द होता हैं तो उनके लिए यह एक उत्तम औषधि हैं| यह औषधि मासिक धर्म के बुखार में भी लाभदायक हैं| इस औषधि के इस्तेमाल से शरीर में आई हुई कमजोरी भी दूर हो जाती हैं|
अशोकारिष्ट रक्त प्रवाह की समस्या में असरदार | (For balance blood flow)
यह औषधि महिलाओ के लिए बहुत मत्वपूर्ण होती हैं| इस औषधि में सबसे अच्छी बात यह होती हैं कि यह किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नही दिखाती हैं| किसी भी महिला को यह औषिधि हो रही बीमारियों और होने वाली बीमारियों से बचाती हैं| कई महिलाओ के मासिक धर्म के समय रक्त प्रवाह की कई समस्याए आती हैं जैसे कि मासिक धर्म के दोरान अत्यधिक रक्त प्रवाह या रक्त का प्रवाह कम होना या रक्त का प्रवाह न के बराबर होना इन सब प्रकार की समस्याओ में अशोकारिष्ट लाभदायक होती हैं| इसके उपयोग से रक्त के प्रवाह का संतुलन हो जाता हैं| इसे लेने से किसी भी महिला को रक्त प्रदर की समस्या नही होती होती हैं|
दर्द की समस्या खत्म करे (For pain relief)
महिलाओ के शरीर में बढती आयु के साथ हो रहे सभी दर्दो को यह औषधि खत्म कर देती हैं| इसके अतिरिक्त मासिक धर्म के दौरान होने वाले पेट दर्द , कमर दर्द या बदन दर्द से भी अशोकारिष्ट आराम दिलाता हैं | इन सारी समस्याओ को बिना किसी नुकसान के दूर करने के कारण अशोकारिष्ट को महिलाओ का मित्र भीं कहा जाता हैं|
एनीमिया में फायदेमंद | (For Anemia)
एनीमिया अर्थात शरीर में खून की कमी| यह बहुत आम बीमारी हैं जिसका इलाज हैं अशोकारिष्ट| अशोकारिष्ट के सेवन करने से एनीमिया जैसी बीमारी दूर हो जाती हैं| महिलाओ के मासिक धर्म के समय अत्यधिक रक्त प्रवाह के कारण एनीमिया जैसी बीमारी हो जाती जिससे शरीर में रक्त की कमी आ जाती हैं| अशोकारिष्ट के सेवन करने से यह शरीर में हिमोग्लोबिन की मात्रा को बढाता हैं जिससे शरीर में रक्त की कमी नही होती|
प्रजनन अंगो को शक्ति | (Strength of reproductive organs)
अशोकारिष्ट जैसी असरदार औषधि प्रजनन अंगो में कोई विकार होने पर उस विकृति को खत्म करता हैं | इसके अतिरिक्त यह कमजोर प्रजनन अंगो को एक दम स्वस्थ करने में सहायक हैं जिससे बांझपन की समस्या से छुटकारा मिल सकता हैं| अशोकारिष्ट के सेवन से गर्भाशय में हो रही सूजन का भी खात्मा होता हैं|
अशोकारिष्ट कमजोरी में फायदेमंद | (For weakness)
महिलाओ के शरीर में हो रही किसी भी प्रकार की परेशानी से अशोकारिष्ट छुटकारा दिलाता हैं| कमजोर महिलाओ को भी अशोकारिष्ट का सेवन करना चाहिए| जिन महिलाओ को थकान महसूस होती हो या जो महिलाये चिडचिडी रहती हो उन सभी महिलाओ को नही अशोकारिष्ट का सेवन करना चाहिए|
अशोकारिष्ट की सेवन विधि | (Doses of Ashokarishta)
- अशोकारिष्ट के सेवन का सबसे सही समय खाना खाने के तुरंत बाद लेना होता हैं|
- व्यस्क महिलाओ को १५ मी.ली. से २०मी.ली. के अन्दर की मात्रा में सेवन करना चाहिए|
- इसकी अधिकतम खुराक ६० मी.ली.होती हैं|
- इसके सेवन की अवधि चिकित्सक की सलाह के अनुसार ले|
अशोकारिष्ट की सावधानियां | (Precautions of Ashokarishta)
- मधुमेह के रोगी इस औषधि से बचे|
- गर्भवती महिलाये इस औषधि का प्रयोग न करे|
- औषधि के बराबर या उससे अधिक मात्रा में ही जल का प्रयोग करे| बिना जल के औषधि का सेवन न करे|
अशोकारिष्ट की उपलब्धता | (Availability of Ashokarishta)
- डाबर अशोकारिष्ट ( Dabur Ashokarishta)
- बैधनाथ अशोकारिष्ट (Baidyanath Ashokarishta)
- सांडू अशोकारिष्ट (Sandu Ashokarishta)
- नागार्जुन अशोकारिष्ट (Nagarjun Ashokarishta)
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NOTE– यदि आपका कोई प्रश्न है तो बेझिझक पूछें। आपको प्रत्येक उचित प्रश्न का सही जवाब मिलेगा|
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