दिव्य पीड़ान्तक वटी: फायदे (Divya Peedantak vati: benefits)
दिव्य पीड़ान्तक वटी का परिचय (Introduction of Divya Peedantak vati)
दिव्य पीड़ान्तक वटी क्या हैं? (Divya Peedantak vati kya hai?)
यह एक आयुर्वेदिक औषधि होती हैं जिसे दिव्य फार्मेसी (पतंजलि) द्वारा बनाया जाता हैं| इस औषधि के नाम से ही इसका अर्थ पता चलता हैं| पीड़ा+अन्तक = वह औषधि जो पीड़ा का अंत अर्थ पीड़ा को खत्म कर देती हैं उसे पीड़ान्तक वटी कहा जाता हैं|
इसका मुख्य उपयोग जोड़ो के दर्द और मांसपेशियों में होने वाले दर्द को खत्म करने में किया जाता हैं| इस औषधि में हडजोड़ नमक एक औषधि होती हैं जो हड्डियों के दर्द के लिए उन्हें मजबूत बनाने के लिए बहुत उपयोगी होती हैं|
दिव्य पीड़ान्तक वटी के घटक द्रव्य (Divya Peedantak vati ke gatak dravya)
- शुद्ध गुग्गुल
- सुरंजान मीठी
- अश्वगंधा
- शुद्ध शीलाजीत
- शुद्ध कुचला
- नागरमोथा
- रास्ना
- निर्गुन्डी
- पुनर्नवा मूल
- मेथी
- निशोथ
- शतावर
- हडजोड
- हल्दी
- सोंठ
- कुटकी
- गोदन्ती भस्म
- मुक्ताशक्ति भस्म
- अजवायन
- प्रवाल पिष्टी
दिव्य पीड़ान्तक वटी के फायदे (Divya Peedantak vati ke fayde)
जोड़ो के दर्द में (for joint pain)
जोड़ो में किसी भी प्रकार का किसी भी कारण होने वाला दर्द यदि आप पूर्ण रूप से समाप्त करना चाहते हैं तो आपके लिए यह वटी एक बहुत उपयोग औषधि होगी| इसका सेवन करने से कमर दर्द, घुटनों का दर्द, गठिया रोग में होने वाला दर्द, आमवात में होने वाला दर्द सभी समाप्त हो जाते हैं| इसके साथ ही यह हड्डियों को पोषण भी प्रदान करती हैं|
यदि आपकी हड्डियों को लगने वाली चोट ताजा हो तो आपको इसका सेवन नही करना चाहिए| इसके अतिरिक्त यह पुराने हड्डी के दर्द को समाप्त करने में सहायता करती है|
मांसपेशियों के दर्द में (for muscles pain)
जोड़ो के दर्द के साथ ही यह औषधि मांसपेशियों के दर्द को समाप्त करने की भी क्षमता रखती हैं| अधिक वजन यदि शरीर के किसी हिस्से पर पड़ता हैं तो मांसपेसियों में दर्द की सम्भावना होती हैं| अधिक देर तक बैठे रहने से, गर्दन या पीठ पर अधिक जोर पड़ने आदि के कारण यह दर्द उत्पन्न हो सकता हैं|
इस वटी का सेवन मांसपेशियों के दर्द को भी समाप्त करता हैं और रोगी को आराम पहुंचाता हैं|
दिव्य पीड़ान्तक वटी के अन्य फायदे (Divya Peedantak vati ke any fayde)
- हड्डियों और जोड़ो की जकड़न में
- हड्डियों को मजबूती दे
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये
- त्वचा रोग में
- उदर रोग में
- कब्ज़ में
दिव्य पीड़ान्तक वटि की सेवन विधि (Divya Peedantak vati ki sevan vidhi)
- एक से दो गोली का सेवन दिन में दो बार जल के साथ करें|
दिव्य पीड़ान्तक वटि का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (Divya Peedantak vati ke sevan ki savdhaniya)
- गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन करने से पहले किसी अच्छे चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए|
- यदि आप इसका सेवन कर रहे हैं और आपको पहले से किसी रोग की शिकायत हैं तो इस बारे में अपने चिकित्सक को जरुर जानकारी दें|
- इसका सेवन चिकित्सक की देखरेख में ही करना चाहिए|