Mulberry: This juicy fruit is a treasure trove of qualities, let's know (Benefits and Usage)
शहतूत (Mulberry) का परिचय (introduction of Shahtoot)
शहतूत क्या है? (What is Mulberry?)
शहतूत (Mulberry) का नाम सुनते ही रेशम का नाम तो हम सभी के दिमाग में आ ही जाता हैं| लेकिन कई बार लोग अनुमान लगाते हैं कि शायद रेशम और शहतूत का कोई सम्बन्ध ना हो| परन्तु यह गलत हैं| शहतूत का रेशम से बहुत घनिष्ट सम्बन्ध हैं|
शहतूत के पत्ते रेशम के कीड़ो के लिए एकमात्र खाद्य पदार्थ होते हैं| अब बात करें करें शहतूत की तो यह बहुत ही स्वादिष्ट और मीठा फल होता हैं| इसमें बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कई सारी बिमारियों को समाप्त करने में सहायक होते हैं| यही कारण हैं कि इसका उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता हैं|
इसका मुख्य स्थान तो चीन था परन्तु धीरे धीरे जापान भी इसे अपनाने लगा| इसके बाद इसकी खेती लगभग पूरे संसार में की जाती हैं| भारत में पंजाब, कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश तथा उत्तरी-पूर्वी हिमालयी क्षेत्रों में इसकी खेती की जाती हैं| आइए आज आपको परिचित कराते हैं शहतूत और उसके दिव्य गुणों से जिन्हें जानकर आप स्वयं भी इसका सेवन शुरू कर देंगे|
शहतूत में पाए जाने वाले पोषक और रासायनिक तत्व (Mulberry Nutritional Values)
- Protein
- Fat
- Carbohydrates
- Mineral
- Calcium
- Phosphorus
- केरोटिन
- विटामिन ए, बी, सी
- citric acid
- मैलिक अम्ल
- मोरुसीन
- एक्स्ट्रागेलिन
- एल्बोक्टेलोल आदि|
Mulberry (Mulberry) का External appearance (morphology)
इसका वृक्ष तेजी से बढ़ता हैं परन्तु इनका जीवनकाल अधिक नही होता हैं| यह पेड़ ऊँचा या मध्यम आकार का हो सकता हैं| इसके पत्तों का आकार भी अलग अलग होता हैं| इसके फल जब कच्चे होते हैं तो सफ़ेद रंग के होते हैं तथा पक जाने के बाद यह हरे या बैंगनी रंग के हो जाते हैं|
शहतूत की प्रजातियाँ (Shahtoot ki prajatiya)
1. Mulberry
2. तूतडी

शहतूत के सामान्य नाम (Mulberry common names)
Botanical name (Botanical Name | Morus alba |
English (English) | Mulberry |
Hindi (Hindi) | Mulberry |
Sanskrit (Sanskrit) | तूतम, तुलम, मृदुसारम, सुपुष्पम |
Other (Others) | तुन्तरी (उत्तराखंड), तूतीकोली (उड़िया), शेतूर (गुजराती), रेशमिचेट्टू (तेलुगु), किम्बू (नेपाली) |
Total (Family) | Moraceae |
शहतूत के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Shahtoot ke ayurvedic gun)
Shortcoming (Dosha) | पित्तवातशामक (pacifies pitta and vata) |
Juice (Taste) | sweet, sour |
Property (Qualities) | Guru (heavy) |
Semen (Potency) | cold |
Vipak(Post Digestion Effect) | मधुर (Sweet) |
Other (Others) | दाहशामक, रक्तपित्त्नाशक, तृष्णाशामक |

शहतूत के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Shahtoot ke fayde or upyog)
In constipation (Shahtoot for constipation)
- यदि आप भी कब्ज़ से आये दिन परेशान रहते हैं तो शहतूत के फलों के स्वरस में पिप्पली चूर्ण डाल कर पीने से जठराग्नि तीव्र होती हैं और पाचन की समस्या दूर होती हैं|
मूत्र रोगों को दूर करें (Shahtoot for urinary disease)
- यदि कलमी शोरा को तूतम के स्वरस में पीस कर मूत्राशय के आस पास लेप करते हैं तो मूत्र रोगों में लाभ मिलता हैं|
पित्त के कारण होने वाले उन्माद में Mulberry
- उन्माद रोग एक मानसिक विकार हैं| इस रोग से मुक्ति पाने के लिए तूतम के स्वरस की दो गुनी मात्रा में यदि ब्राह्मी क्वाथ इसे मिला कर पिलाना चाहिए|
अधिक प्यास या जलन होना (Shahtoot for excessive thirst and irritation)
- दाह को शांत करने और अधिक प्यास को मिटाने के लिए इसके फलो का स्वरस पीना चाहिए|
कमजोरी में (Shahtoot for weakness)
- तूतम के फलो को सुखाकर, उन्हें पीस कर यदि आटे में मिला कर रोटी के रूप में खाया जाता हैं तो इससे दुर्बलता और कमजोरी का नाश होता हैं|
गले के रोग में (Shahtoot for throat)
- इसके फलो का या फलों के शर्बत का सेवन करने से घेंघा और गले में होने वाली जलन में लाभ मिलता हैं|
in mouth ulcers (Shahtoot for mouth ulcers)
- मुंह में छाले होने पर यदि इसका प्रयोग किया जाता हैं तो यह हमारे छालों को जल्द से जल्द समाप्त करने में सहायता करता हैं|
आँखों की रोशनी बढ़ाये (Shahtoot for eyes)
- इसके फलो का सेवन नियमित रूप से करने पर स्वाद के साथ साथ आपकी आँखों की रोशनी भी बढती हैं|
लू से बचाये Mulberry
- इस फल की तासीर ठंडी होती हैं इसलिए इसका सेवन लू से बचने के लिए भी किया जाता हैं|
Mulberry त्वचा रोग में (Mulberry for skin disease)
- त्वचाकी बीमारी में तूतम के पत्तों को पीस कर लेप करने से इनमे राहत मिलती हैं|

पेट के कीड़ों में (Shahtoot for stomach bugs)
- यदि तूतम की जड़ की छाल के क्वाथ का सेवन किया जाता हैं तो इससे पेट के कीड़ो का नाश होता हैं|
- इसके अलावा तूतम की छाल के चूर्ण में शहद मिलाकर चाटने से पेट के कीड़ों की समाप्ति होती हैं|
In Ringworm Mulberry
- इसका सेवन करने से लगभग 15 दिनों के भीतर दाद और उससे होने वाली खुजली को समाप्त किया जा सकता हैं| तूतम की छाल के चूर्ण में निम्बू के रस को मिलकर घी में तल कर प्रभावित क्षेत्र पर लगाना चाहिए|
पेरों के एडियाँ फटने पर Mulberry
- बहुत सारे लोग मौसम के अनुसार एडियाँ फट जाने पर परेशान हो जाते हैं| ऐसे में यदि तूतम के बीजो को पीस कर लगाया जाता हैं तो इससे लाभ मिलता हैं
Useful parts (important parts of Shahtoot)
- leaf
- Seed
- Fruit
- Bark
Intake quantity (Dosages of Shahtoot)
- Juice – 10 to 20 ml
- चूर्ण – 2 से 3 ग्राम
- क्वाथ – 10 से 15 ml
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