अंजीर (Fig)
अंजीर का परिचय: (Introduction of Anjeer)
अंजीर क्या है? (Anjeer kya hai?)
अंजीर एक अत्यंत स्वादिष्ट फल होता है जो हर किसी व्यक्ति को पसंद होता है| इसे एक सूखे मेवे के रूप में भी प्रयोग में लिया जाता है| इसके फल में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन्स, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कॉपर, जिंक, ओमेगा फैटी एसिड आदि पोषक तत्व उपस्थित रहते है|
ये सभी पोषक तत्व हमारे शरीर की मूलभूत आवश्यकताएं होती है| इनके बिना व्यक्ति का स्वस्थ रह पान मुश्किल होता है| इसे खाने से दुर्बलता का भी शमन होता है| इसके अलावा पाचन तंत्र विकारों की समाप्ति में भी इसकी एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है|
आइये आज आपको परिचित कराते है कि किस प्रकार अंजीर और उसमे पाए जाने वाले पोषक तत्वों का प्रयोग आप अपने शरीर और जीवन को स्वस्थ बनाने के लिए कर सकते है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Anjeer ki akriti)
इसका पेड़ लगभग 9 से 10 मीटर तक ऊँचा हो सकता है| इसका तना सीधा होता है जिसकी छाल कुछ चिकनी होती है| इसके पत्तें मनुष्य के हाथ के आकार के, त्रिभुज के समान होते है| पत्तों का आकार थोडा बड़ा होता है| इसके फलों का आकार नाशपती के समान होता है|
कच्ची अवस्था में यह हरे और पक जाने के बाद यह कुछ भूरे रंग के दिखाई देते है| इसके बीज सफ़ेद रंग के होते है| यह पूरे साल भर चलता रहता है| इसकी खेती भी की जाती है और जंगलों में यह अपने आप भी उग जाती है|
अंजीर के पोषक तत्व (Anjeer ke poshak tatva)
- आयरन
- कैल्शियम
- विटामिन A, C, B, K
- पोटेशियम
- मैग्नीशियम
- प्रोटीन
- कार्बोहाइड्रेट
- फाइबर
- कैलोरी
- कॉपर
- जिंक
- मिनरल्स
- सोडियम
- क्लोराइड
- ओमेगा 3 फैटी एसिड
- कैरोटीन आदि|
अंजीर के सामान्य नाम (Anjeer common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Ficus carica |
अंग्रेजी (English) | Fig, Brown turkey fig |
हिंदी (Hindi) | अंजीर |
संस्कृत (Sanskrit) | फल्गुजम्, अंजीरकम्, काकोदुम्बरिकाफलम् |
अन्य (Other) | अंजूरा (कन्नड़) सिमाअली (तमिल) अंजठ (तेलुगु) फागु (पंजाबी) फालेदो (नेपाली) |
कुल (Family) | Moraceae |
अंजीर के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Anjeer ke ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | वातपित्तशामक (pacifies vata and pitta) |
रस (Taste) | मधुर (sweet) |
गुण (Qualities) | गुरु (heavy), स्निग्ध (oily) |
वीर्य (Potency) | शीत (cold) |
विपाक(Post Digestion Effect) | मधुर (sweet) |
अन्य (Others) | स्नेहन, अनुलोमन, रक्तपित्तहर, मूत्रल, वृष्य |
अंजीर के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Anjeer ke fayde or upyog)
खून की कमी दूर करें अंजीर (Anjeer for anemia)
- चोट या अन्य किसी कारण खून यदि अधिक बह गया हो तो ऐसे में रोज इसके फल का सेवन करने से इस समस्या का समाधान होता है| इसमें उच्च मात्रा में आयरन पाया जाता है जो शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढाता है और खून की कमी को पूरा करता है|
पाचन तंत्र के विकारों में अंजीर (Anjeer for digestion)
- अंजीर में इतने पोषक तत्व होते है कि वह हमारे पूरे पाचन तंत्र की हर एक क्रिया को सही ढंग से चला सके| रोज यदि अंजीर का सेवन दूध आदि के साथ किया जाता है तो पाचन तंत्र के विकार जैसे अजीर्ण, कब्ज़, दस्त, आंतों का फूलना, अम्लपित्त आदि में लाभ मिलता है| इसमें उपस्थित फाइबर पाचन तंत्र की क्रियाओं को आसान करता है|
ह्रदय के लिए लाभदायक (Anjeer for heart)
- नियमित रूप से यदि अंजीर का सेवन किया जाता है तो यह आपके ह्रदय के लिए एक वरदान के समान साबित होती है| इसका सेवन करने से उच्चरक्तचाप और कोलेस्ट्रोल दोनों को नियंत्रण में रखा जा सकता है| इसमें पाए जाने वाले पोटेशियम, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व ह्रदय की रक्षा करते है और खून के संचार को भी सही बनाये रखते है|
ऊर्जा से भरपूर बनाये अंजीर का सेवन
- अधिकतर लोग सुबह एक दम ताज़गी से उठते है और अपने अपने काम पर जाते है| वापस आने पर कुछ लोग थकान महसूस करते है तो कुछ लोगो में वैसी ही फुर्ती और ऊर्जा बनी रहती है| यदि आप भी अपनी ऊर्जा को बनाये रखना चाहते है तो अंजीर का सेवन शुरू करें| इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों में विटामिन B, C, A, K और ओमेगा फैटी एसिड होते है जो आपकी ऊर्जा को बरकरार रखते है|
दुर्बलता का शमन करें (Anjeer for weakness)
- अंजीर के फल का सेवन आपकी दुर्बलता को मिटा कर आपको हष्ट पुष्ट करता है| दुबले पतले व्यक्ति को इसका सेवन जरुर करना चाहिए| अगर इसे आप दूध के साथ लेते है तो यह अधिक पौष्टिक होगा और इससे जल्द ही आपकी दुर्बलता का शमन होगा|
हड्डियों के लिए लाभदायक (Anjeer for bones)
- इसके फल में पाया जाने वाला कैल्शियम हमारी हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है| यदि इसे अधिक आयु वाले व्यक्ति भी खाते है तो उनकी हड्डियाँ भी मजबूत होती है| इसके साथ ही कमजोर दांतों को भी यह मजबूत करता है|
अस्थमा या दमा में अंजीर (Anjeer for asthma)
- अंजीर, इमली और गोरख से बने हुए चूर्ण को रोज सुबह खाने से अस्थमा रोग का जल्द ही पूरी तरह से शमन हो जाता है|
कब्ज़ को साफ़ करें (Anjeer for constipation)
- अंजीर के फल का थोड़े समय तक नियमित रूप से सेवन करने से कब्ज़ की समस्या में लाभ मिलता है|
त्वचा रोगों में (Anjeer for skin disease)
- सूजन वाले स्थान पर इसके फल का चूर्ण बनाकर उसे पानी के साथ सेक कर हल्का गर्म लेप करने से सूजन का शमन होता है|
- कुष्ठ रोग की शुरुआत में यदि इसके पत्तों से निकलने वाले रस को लगाया जाता है तो सफ़ेद कुष्ठ में लाभ मिलता है|
- अंजीर से निकलने वाले दूध को घाव वाली जगह पर लगाने से घाव जल्दी भरता है इसके साथ ही घाव के अधिक पुराने हो जाने पर आने वाली दुर्गन्ध का भी शमन होता है| इसके दूध को आप फोड़े और फुंसियों पर भी लगा सकते है|
खांसी या पुरानी खांसी में (Anjeer for chronic cough)
- शहद के साथ अंजीर के पके हुए फल को खाने से पुरानी खांसी का शमन होता है| इसके अलावा यदि आप टी.बी. की बीमारी से पीड़ित है तो ऐसे में भी आप इसका सेवन कर सकते है|
रक्तपित्त में अंजीर (Anjeer for blood bile)
- इस फल की प्रकृति ठंडी होने के कारण यह रक्तपित्त या नकसीर की समस्या को खत्म करने का भी कार्य करती है|
अर्श या बवासीर में (Anjeer for piles)
- रात में भीगे हुए अंजीर का सेवन सुबह सुबह करें| इसी प्रकार शाम को भी भीगे हुए अंजीर का सेवन करने से खूनी बवासीर में बहुत जल्द लाभ मिलेगा|
पीलिया में (Anjeer for jaundice)
- पीलिया हो जाने पर यदि इसके फल का सेवन दिन में दो बार किया जाता है तो यह पीलिया का समापन तो करता ही है इसके साथ ही यह पीलिया के कारण होने वाली कमजोरी को भी दूर करता है|
वीर्य विकारों में (Anjeer for semen disorder)
- वीर्य का पतला होना, वीर्य की कमी होने पर इसका सेवन सबसे उचित रहता है| यह पुरुषों में वीर्य की गुणवत्ता और संख्या दोनों को ही बढ़ाने का कार्य बड़ी ही आसानी से पूरा कर देता है|
आँखों की रोशनी बढ़ाएं (Anjeer for eyes)
- अंजीर के फल में उच्च मात्रा में कैरोटीन पाया जाता है जो आँखों की कई बिमारियों के लिए फायदेमंद माना जाता है| इसमें पाया जाने वाला यह तत्व आँखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है इसी कारण इसका प्रयोग नेत्र रोगों में भी किया जाता है|
सिर दर्द को दूर करे अंजीर का सेवन (Anjeer for headache)
- सिर दर्द को दूर करने के लिए इसके पेड़ की छाल से निर्मित चूर्ण का लेप करना चाहिए| इससे ठंडक मिलती है और सिर दर्द कम होता है|
मुखपाक में अंजीर (Anjeer for mouth ulcers)
- मुंह में छालें हो जाने पर अंजीर का काढ़ा बना लें| इस काढ़े से कुछ दिन तक गरारें करने से छालों का शमन जल्दी होने लगेगा|
पेचिश में
- इस समस्या से जूझ रहे लोगो द्वारा यदि इस फल का सेवन किया जाता है तो इस रोग में बहुत जल्द लाभ मिलता है|
मूत्र रोगों में लाभदायक अंजीर का प्रयोग (Anjeer for urinary problems)
- मूत्र त्याग करते समय यदि दर्द हो रहा हो तो इस फल का सेवन शुरू कर देना चाहिए| इससे मूत्र रोगों का शमन होता है| इसके अलावा यह मेटाबोलिज्म की क्रिया में भी सुधार करता है|
विषैले जीव के काटने पर अंजीर
- इस पेड़ से निकलने वाले दूध जैसे पदार्थ को यदि काटने वाले स्थान पर लगाया जाता है तो दर्द और जलन में राहत मिलती है|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Anjeer)
- फल
सेवन मात्रा (Dosage of Anjeer)
- चूर्ण – चिकित्सक के अनुसार